शाहरुख के संदेशों को ‘ईमानदारी के प्रमाणपत्र ’ के तौर पर दिखाने की कोशिश में हैं वानखेड़े : CBI

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:31 PM
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Maharashtra : मुंबई। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को बंबई हाईकोर्ट से कहा कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के साथ कथित तौर पर लेन -देन वाले संदेशों को ‘‘ईमानदारी के प्रमाणपत्र’’ के तौर पर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

वानखेड़े पर आरोप है कि जहाज कॉर्डेलिया से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में उन्होंने शाहरुख के बेटे आर्यन खान पर आरोप नहीं लगाने के लिए अभिनेता से रिश्वत मांगी थी।

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न्यायमूर्ति अभय आहूजा और न्यायमूर्ति एम एम सथाये की अवकाशकालीन पीठ ने मामले में वानखेड़े को कठोर कार्रवाई से दिए गए अंतरिम संरक्षण की अवधि आठ जून तक बढ़ा दी। पिछले शुक्रवार को अदालत ने सीबीआई को वानखेड़े के खिलाफ गिरफ्तारी जैसी कोई कठोर कार्रवाई 22 मई तक नहीं करने का निर्देश दिया था।

शाहरुख खान के साथ हुए संदेशों के आदान-प्रदान का हवाला देते हुए वानखेड़े ने अपनी याचिका में दावा किया है कि अभिनेता को उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है और उन्होंने (खान) अनुरोध किया था कि वह उनके बेटे आर्यन खान के प्रति नरमी बरतें। वानखेड़े ने दावा किया है कि अभिनेता ने न केवल उनकी निष्ठा, ईमानदारी की प्रशंसा की बल्कि ‘‘मामले में राजनीतिक संलिप्तता पर अपनी पीड़ा भी व्यक्त की।

‘‘ईमानदारी के प्रमाणपत्र’’

आपसी संवाद का जिक्र करते हुए वानखेड़े ने याचिका में दावा किया कि खान के संदेशों का लहजा पूरी तरह से विपरीत होता अगर उन्होंने (वानखेड़े) आर्यन खान को रिहा करने के लिए पैसे की मांग की होती।

सोमवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से पेश वकील कुलदीप पाटिल ने दलील दी कि ये अनुरोध (शाहरुख खान और वानखेड़े के बीच संदेशों का जिक्र करते हुए) एक पिता (खान) द्वारा किया गया था जिसका युवा बेटा (आर्यन) उनकी (वानखेड़े) हिरासत में था। सीबीआई के अधिवक्ता पाटिल ने अदालत से कहा कि वानखेड़े इसे (खान के संदेशों को) ‘‘ईमानदारी के प्रमाणपत्र’’ के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

वानखेड़े को अंतरिम राहत जारी रखने का विरोध करते हुए वकील पाटिल ने कहा कि आदेश सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी या किसी भी कार्रवाई के आड़े आ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब जांच चल रही हो तो अंतरिम संरक्षण का आदेश अनिश्चितकाल के लिए नहीं हो सकता। पाटिल ने वानखेड़े की याचिका पर सीबीआई का जवाब दाखिल करने के लिए भी समय मांगा।

वानखेड़े की तरफ से पेश अधिवक्ता अबद पोंडा ने दलील दी कि अधिकारी ‘‘बेहद गंभीर मामले’’ की जांच कर रहे थे और सिस्टम को साफ-सुथरा बनाने का प्रयास कर रहे थे। पोंडा अक्टूबर 2021 के कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग मामले का जिक्र कर रहे थे जिसमें आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई की प्राथमिकी की बुनियाद त्रुटिपूर्ण

पोंडा ने अदालत को बताया कि एनसीबी के तत्कालीन उप निदेशक ज्ञानेश्वर सिंह को जांच के हर कदम से अवगत कराया गया था। पोंडा ने कहा कि वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी की बुनियाद त्रुटिपूर्ण है क्योंकि यह कानून द्वारा अनिवार्य प्रावधानों का पालन नहीं करती। पोंडा ने कहा कि मामला ‘‘अवैध और कानून के प्रतिकूल है’’ और विचार एक ‘‘ईमानदार अधिकारी को निशाना बनाना है।’’

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद वानखेड़े का अंतरिम संरक्षण अवधि इस शर्त पर बढ़ा दी कि वह व्हाट्सएप या किसी भी अन्य माध्यम से मामले या जांच के बारे में कोई सामग्री प्रकाशित नहीं करेंगे या प्रेस में बयान नहीं देंगे तथा सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। अदालत ने वानखेड़े को इस आशय का हलफनामा देने को कहा।

वानखेड़े को यह भी निर्देश दिया गया कि जब भी संबंधित अधिकारी उन्हें बुलाएं तो वह जांच एजेंसी के सामने पेश होंगे। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को तीन जून तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई आठ जून को होगी।

Maharashtra - जबरन वसूली के आरोप

सीबीआई ने साजिश रचने और रिश्वत से जुड़े अपराधों के अलावा जबरन वसूली के आरोप से जुड़ी एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ हाल में प्राथमिकी दर्ज की थी।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई क्षेत्र को अक्टूबर 2021 में क्रूज जहाज पर कुछ लोगों के पास मादक पदार्थ होने और उसका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने आरोपी को छोड़ने के एवज में रिश्वत की साजिश रची।

आर्यन को तीन अक्टूबर 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के नाकाम रहने पर बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी। Maharashtra

Special Story : विपक्षी एकता के सूत्रधार हो सकते हैं नीतीश कुमार

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Special Story : विपक्षी एकता के सूत्रधार हो सकते हैं नीतीश कुमार

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Special Story: Nitish Kumar can be the architect of opposition unity
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calendar30 Nov 2025 10:39 AM
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Special Story : आर.पी. रघुवंशी Special Story : नई दिल्ली। मिशन -2024 को कामयाब बनाने की कवायद हालांकि काफी पहले ही हो गई थी, लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड जीत ने विपक्षी एकजुटता की कोशिशों में जुटे नेताओं को नई ऊर्जा से भर दिया। अप्रैल के महीने में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के लिए काफी सक्रिय हैं। सोमवार को एक बार फिर खरगे और राहुल से मुलाकात के बाद इस बात की अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सूत्रधार हो सकते हैं।

Special Story

  चुनाव में भाजपा को हराना मुश्किल नहीं अब से कोई 12 महीने के भीतर देश में आम चुनाव प्रस्तावित है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 37 फीसदी वोट शेयर के साथ 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज कर भारतीय जनता पार्टी केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई थी। अब चुनावी राजनीति पर करीबी नजर रखने वालों का मानना है कि चुनाव में भाजपा को हराना मुश्किल नहीं है, क्योंकि 63 फीसदी मतदाता तो पहले ही उसके खिलाफ है। लेकिन, इसके लिए विपक्षी दलों की एकजुटता जरूरी है।

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भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को मिली संजीवनी बीते साल सितंबर से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का भी असर देखने को मिल रहा है। कभी गर्दिश में रही कांग्रेस को उस यात्रा ने संजीवनी का काम किया। देश के कई क्षत्रप प्रधानमंत्री बनने की खुशफहमी भी पालने लगे थे। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी चीफ शरद पवार, बिहार के सीएम नी​तीश कुमार, तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव सरीखे नेता भी पीएम की दौड़ में शामिल होने का इशारा कर चुके थे। विपक्षी दलों की निगाह में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं बचा था। सभी की चाहत यही थी कि तीसरे मोर्चे का गठन हो और उसमें कांग्रेस शामिल हो। लेकिन, सियासी वक्त को कुछ और ही मंजूर था। गंभीर और परिपक्व नेता बनकर उभरे राहुल गांधी इसमें कोई शक नहीं कि भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल गांधी को एक गंभीर और परिपक्व राजनेता के तौर पर स्थापित कर दिया। उसके बाद हिमाचल और फिर कर्नाटक में शानदार जीत ने विपक्षी दलों को यह साफ संदेश दे दिया कि विपक्षी एकता की धुरी कांग्रेस ही होगी। उसके बिना विपक्षी एकजुटता संभव नहीं है। और विपक्षी एकता के बिना भाजपा को पराजित करना भी लगभग नामुमकिन है। कांग्रेस की इस कामयाबी के बाद नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव ने यह मान लिया कि कांग्रेस को आगे किए बिना बीजेपी को पटकनी देना दिवास्वप्न जैसा ही होगा। अधिकतर विपक्षी दल एकजुटता के पक्षधर इस बात को समझने के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने अप्रैल के महीने में नई दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की। उस मुलाकात के बाद राहुल ने यह बयान देकर यह संदेश देने की कोशिश की कि पार्टी अब विपक्षी एकता का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। उन्होंने उस मुलाकात को ऐतिहासिक बताया था। उस बैठक के बाद से नीतीश कुमार पूरी तरह सक्रिय हैं। वह ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर चुके हैं। इनमें से अधिकतर नेताओं ने साझा बयान जारी किया कि वे भी मजबूत विपक्षी एकता के हामी हैं। यूपीए-3 के कोआर्डिनेटर हो सकते हैं नीतीश आज एक बार फिर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने नई दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात का पूरा ब्योरा तो अभी सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि यूपीए—2 की तर्ज पर यूपीए—3 की कवायद की जा रही है। यह भी माना जा रहा है कि इस बार कोआर्डिनेटर की भूमिका में नीतीश कुमार हो सकते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो नीतीश की सक्रियता से यह संदेश छन—छनकर बाहर आने लगा है कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सूत्रधार हो सकते हैं।

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Political News : नीतीश ने की खरगे और राहुल से मुलाकात

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Nitish met Kharge and Rahul
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:53 PM
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नयी दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता के प्रयासों के तहत सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि खरगे के आवास 10 राजाजी मार्ग पर हुई इस मुलाकात में विपक्षी एकजुटता के प्रयासों को धार देने और पटना में संभावित बैठक को लेकर चर्चा हुई है। आने वाले दिनों में बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष के प्रमुख नेताओं की बैठक हो सकती है।

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कर्नाटक से भी दिया गया था विपक्षी एकजुटता का संदेश इस बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और और जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मौजूद थे। इससे पहले, बीते शनिवार को कर्नाटक में सिद्धरमैया और उनकी सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के कई प्रमुख नेता नजर आए थे। यहां से विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया था।

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