भारत सरकार का बहुत बड़ा फैसला, 58 साल बाद हटा RSS से प्रतिबंध

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:10 PM
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RSS Activities by Govt Employees : भारत सरकार ने बहुत बड़ा फैसला किया है। भारत सरकार का बड़ा फैसला यह है कि अब सरकारी कर्मचारी तथा सरकारी अधिकारी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के कार्यक्रमों में भाग ले सकेंगे। RSS के ऊपर 58 साल पहले लगाया प्रतिबंध भारत सरकार ने हटा दिया है। RSS के मुददे पर भारत सरकार के फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने RSS पर किए गए फैसले का विरोध किया है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया सुश्री मायावती ने भी भारत सरकार के फैसले का विरोध किया है।

वर्ष-1966 में लगा था RSS पर प्रतिबंध

आपको बता दें कि भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने एक बहुत बड़ा आदेश जारी किया है। भारत सरकार के इस आदेश के तहत केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों-गतिविधियों में भाग लेने पर लगा 58 साल पुराना प्रतिबंध हटा दिया है। 7 नवंबर, 1966 को गोवध रोकने के लिए संसद के सामने प्रदर्शन के बाद सरकार ने 30 नवंबर, 1966 को यह प्रतिबंध लगाया था। इस दौरान पुलिस फायरिंग में कई कार्यकर्ता मारे गए थे। कार्मिक मंत्रालय ने यह आदेश 9 जुलाई को जारी किया। कांग्रेस ने इस फैसले की आलोचना की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 4 जून के बाद, पीएम मोदी और संघ के संबंधों में गिरावट देखी जा रही है। मुझे लगता है कि अब नौकरशाही भी दबाव में आ सकती है। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने लिखा, मोदी सरकार ने असंवैधानिक आदेश हटा दिया है।

कांग्रेस ने जताया विरोध

उधर, केंद्र सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया है. कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी इस फैसले की तीखी आलोचना की है, जिसमें आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर 6 दशक पुरानी पाबंदी को हटा दिया गया है। कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने पर एक पोस्ट में लिखा कि, 'फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया. इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया. 1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था - और यह सही निर्णय भी था। यह 1966 में बैन लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है। वहीं, कांग्रेस के एक अन्य नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन खेड़ा ने भी केंद्र पर हमला बोला. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निराशा जाहिर करते हुए कहा, "58 साल पहले, केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अब मोदी सरकार ने उस आदेश को पलट दिया है। बसपा प्रमुख मायावती ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओं में जाने पर लगे प्रतिबंध को हटाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय देशहित से परे और राजनीति से प्रेरित है। यह निर्णय संघ के लोगों का तुष्टिकरण करने वाला है। जिसका मकसद भाजपा सरकार व संघ के बीच लोकसभा चुनाव के बाद बनी दूरी को कम करना है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे, राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय, ताकि सरकारी नीतियों व इनके अहंकारी रवैयों आदि को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो। सरकारी कर्मचारियों को संविधान व कानून के दायरे में रहकर निष्पक्षता के साथ जनहित व जनकल्याण में कार्य करना जरूरी होता है जबकि कई बार प्रतिबन्धित रहे आरएसएस की गतिविधियाँ काफी राजनीतिक ही नहीं बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। ऐसे में यह निर्णय अनुचित, तुरन्त वापस हो।

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अगर आपके पास भी आता है E-Challan का मैसेज, तो हो जाए सावधान

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E-Challan Scam
locationभारत
userचेतना मंच
calendar22 Jul 2024 05:46 PM
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E-Challan Scam: अगर आपके पास भी बाइक स्कूटर या कार है तो यह खबर आपके काम की है। क्योंकि आजकल एक ऐसा स्कैम चल रहा है, जिससे आपको अलर्ट रहने की जरूरत है। दरअसल कई बार व्हीकल से कोई ट्रैफिक नियम टूट जाता है, और वह कैमरे में कैद हो जाता है। इसके बाद व्हीकल पर चालान कट जाता है। लेकिन अब साइबर क्रिमिनल्स ने लोगों को ठगने का नया तरीका निकला है। यह साइबर क्रिमिनल्स ने लोगों नकली E-Challan का डर दिखाकर शिकार बनाने की कोशिश कर हैं। जिसे लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ और यह बात समाने आई कि विदेश में बैठकर कैसे E-Challan के जरिए भारतीयों को ठगा जा रहा है।

E-Challan Scam

आपको बता दें कि साइबर सिक्योरिटी फर्म CloudSEK ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया है कि वियतनाम में बैठा साइबर क्रिमिनल्स का ग्रुप भारतीय यूजर्स को निशाना बना रहे है। भारतीयों को लूटने के इरादे से वह ई- चालान के फेक मैसेज भेज रहे हैं। इस तरह के मैसेज में एक लिंक आता है और विक्टिम के मोबाइल में Malicious App इंस्टॉल हो जाता है। इसके इसी से सारा खेल चल रहा है।

ऐसे काम करता है ये गिरोह और लोगों को लूटते हैं

दरअसल यह साइबर क्रिमिनल्स का गिरोह पहले यूजर्स के मोबाइल पर एक मैसेज भेजते हैं। यह मैसेज परिवहन सेवा या कर्नाटक पुलिस के नाम का यूज करके भेजा जाता है। इसमें फेक ट्रैफिक नियमों को तोड़ने की जानकारी होती है और उस पर फाइन के बारे में बताते हैं। इस मैसेज में एक लिंक भी होता है।

फोन में इंस्टॉल हो जाता है ऐप

इसके बाद जैसे ही कोई यूजर्स इस लिंक पर क्लिक करता है, तो फिर विक्टिम के मोबाइल फोन में एक Malicious App इंस्टॉल होता है ।इसके बाद यह ऐप काम करना शुरू कर देता है और सबसे पहले परमिशन गेन करता है। इसके बाद फोन कॉल, मैसेज आदि का एक्सेस लेता है। कई बार तो यह ऐप डिफॉल्ट मैसेजिंग ऐप का एक्सेस ले लेता है।

ऐसे चोरी करते हैं फोन पर आने वाला OTP

इसके बाद यह मैलवेयर, Wromba फैमिली का हिस्सा है। यह 4400 डिवाइस से अधिक को इनफेक्टेड कर चुका है। इसके बाद वह चोरी छिपे OTP का एक्सेस ले लेता है और मैसेज से अन्य जरूरी डिटेल्स भी चोरी कर लेते हैं। इतना ही नहीं इस ऐप के जारिए ई-कॉमर्स अकाउंट का भी एक्सेस आ जाता है। इसके बाद वे उन रुपयों से गिफ्ट कार्ड खरीदते हैं, फिर वे उन्हें आगे इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में मनी ट्रैकिंग में मुश्किलें सामने मिली जानकारी के अनुसार यह साइबर क्रिमिनल्स का ग्रुप करीब 16 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दे चुका है।

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मानसून सत्र में NEET पेपर लीक पर हंगामा, शिक्षा मंत्री बोले पेपर लीक के सबूत नहीं

Parlement
Monsoon Session 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar22 Jul 2024 04:59 PM
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Monsoon Session 2024 : 18 वीं लोकसभा का मानसून सत्र के पहले दिन की कार्रवाई की दौरान NEET पेपर लीक मामले में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने इस मामले में जांच करने की मांग करने और संसद में इसकी चर्चा की मांग की। लोकसभा में समाजवादी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि पूरे देश में नीट पेपर लीक को लेकर छात्र अंदोलन कर रहे है।

संसद में विपक्ष का हंगामा

अखिलेश यादव ने कहा कि छात्रों के भविष्य को लेकर सरकार चिंतित नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं केंद्रीय शिक्षा मंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या वह सेंटर वाइज जिन्हें ज्यादा नंबर मिले उनकी सूची जांच करेंगे उन्होंने कहा कि कुछ सेंटरों में 30000 बच्चे पास हो गए हैं। कई सेंटरों में 2000 से ज्यादा बच्चे पास हुए हैं उन्होंने कहा कि कई सेंटरों में 650 से ज्यादा नंबर बच्चों को मिले हैं। उन्होंने कहा कि जिन सेंट्रो पर परीक्षा हुई उनमें क्या इंतजाम थे इसके बारे में मंत्री जी ने जांच की थी। अखिलेश यादव ने कहा कि उनका मानना है कि जब तक धर्मेंद्र प्रधान शिक्षा मंत्री रहेंगे छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा की पेपर लीक पर सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाना गलत है पिछले 7 सालों में पेपर लीक नहीं हुआ पेपर लीक के सबूत नहीं है कुछ स्थानों पर गड़बड़ी हुई है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सीबीआई इसकी जांच कर रही है।

राहुल गांधी का संसद में उठाया नीट पेपर लीक का मुद्दा

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि पेपर लीक गंभीर मुद्दा है। हमारी शिक्षा व्यवस्था में पेपर लीक का मामला गंभीर बनता जा रहा है। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर हमला बोलते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री ने इस मामले में सभी को दोषी ठहराया है। केवल खुद ही जिम्मेदारी नहीं ली है। यह छात्रों के भविष्य का मामला है राहुल गांधी ने कहा की परीक्षा सिस्टम में बड़ी स्तर पर धांधली हो रही है।

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