MP News : 108 वर्ष के सियाराम बाबा, लंगोट में जी रहे जीवन, 10 रुपये चढ़ावा

MP News: 108 year old Siyaram Baba, living life in nappy, offering 10 rupees[/caption]
महज दस रुपए चढ़ावा
देश में मंदिरों में चढ़ावे के लिए कोई नियम नहीं है, लेकिन यहां पर बाबा ने नियम बना दिया है। बाबा का आदेश है कि जो भी श्रृद्धालु आएगा वह दस रूपये से ज्यादा दान नहीं देगा। कमाल तो यह है कि अगर किसी ने बड़ा नोट चढ़ाया तो दस रुपए काटकर बाकि का वापस कर दिया जाता है। आश्रम में प्रतिदिन मेले जैसा माहौल बना रहता है। आश्रम के लोग बताते हैं कि बाबा की उम्र तकरीबन सौ वर्ष की हो चुकी है, फिर भी वह बिना चश्मे के रामायण का पाठ करते हैं। मौसम कोई सा भी हो तन पर सिर्फ लंगोट धारण करते हैं। मकर संक्रांति के दिन भी प्रदेश के अलग अलग नर्मदा घाटों में लगे मेलों से कहीं ज्यादा श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। बताते हैं कि सियाराम बाबा खुद किसी से 10 रुपये से ज्यादा का चढ़ावा स्वीकार नहीं करते पर जब अयोध्या राम मंदिर निर्माण में चंदा देने की बारी आई तो उन्होंने दस दस रुपये के नोट के रूप ढाई लाख रुपये दिए थे।
10 साल की खड़ेश्वरी सिद्धि की
भक्त बतातेे हैं मौसम कोई भी हो बाबा केवल एक लंगोट पहनते हैं। उन्होंने 10 साल तक खड़ेश्वरी सिद्धी की है। इसमें तपस्वी सोने, जागने सहित हर काम खड़े रहकर ही करते हैं। खड़ेश्वरी साधना के दौरान नर्मदा में बाढ़ आई। पानी बाबा की नाभि तक पहुंच गया, लेकिन वे अपनी जगह से नहीं हटे।
[caption id="attachment_87852" align="aligncenter" width="696"]
MP News: 108 year old Siyaram Baba, living life in nappy, offering 10 rupees[/caption]
पहुंचते हैं विदेशी भक्त
बाबा के दर्शन के लिए विदेश से भी अनुयायी पहुंचते हैं। भक्तों के मुताबिक अर्जेंटीना व ऑस्ट्रिया से कुछ विदेशी लोग आ चुके हैं और उसी समय जब उन्होंने बाबा को 500 रुपए भेंट में दिए। संत ने 10 रुपए प्रसादी के रखकर बाकी लौटा दिए। बाबा के इस काम से विदेशी भी आश्चर्यचकित रह गए थे।
UP News: जमीन विवाद को लेकर दो गुटों में गोलीबारी, चार लोग गंभीर रूप से घायल
अगली खबर पढ़ें
MP News: 108 year old Siyaram Baba, living life in nappy, offering 10 rupees[/caption]
महज दस रुपए चढ़ावा
देश में मंदिरों में चढ़ावे के लिए कोई नियम नहीं है, लेकिन यहां पर बाबा ने नियम बना दिया है। बाबा का आदेश है कि जो भी श्रृद्धालु आएगा वह दस रूपये से ज्यादा दान नहीं देगा। कमाल तो यह है कि अगर किसी ने बड़ा नोट चढ़ाया तो दस रुपए काटकर बाकि का वापस कर दिया जाता है। आश्रम में प्रतिदिन मेले जैसा माहौल बना रहता है। आश्रम के लोग बताते हैं कि बाबा की उम्र तकरीबन सौ वर्ष की हो चुकी है, फिर भी वह बिना चश्मे के रामायण का पाठ करते हैं। मौसम कोई सा भी हो तन पर सिर्फ लंगोट धारण करते हैं। मकर संक्रांति के दिन भी प्रदेश के अलग अलग नर्मदा घाटों में लगे मेलों से कहीं ज्यादा श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। बताते हैं कि सियाराम बाबा खुद किसी से 10 रुपये से ज्यादा का चढ़ावा स्वीकार नहीं करते पर जब अयोध्या राम मंदिर निर्माण में चंदा देने की बारी आई तो उन्होंने दस दस रुपये के नोट के रूप ढाई लाख रुपये दिए थे।
10 साल की खड़ेश्वरी सिद्धि की
भक्त बतातेे हैं मौसम कोई भी हो बाबा केवल एक लंगोट पहनते हैं। उन्होंने 10 साल तक खड़ेश्वरी सिद्धी की है। इसमें तपस्वी सोने, जागने सहित हर काम खड़े रहकर ही करते हैं। खड़ेश्वरी साधना के दौरान नर्मदा में बाढ़ आई। पानी बाबा की नाभि तक पहुंच गया, लेकिन वे अपनी जगह से नहीं हटे।
[caption id="attachment_87852" align="aligncenter" width="696"]
MP News: 108 year old Siyaram Baba, living life in nappy, offering 10 rupees[/caption]
पहुंचते हैं विदेशी भक्त
बाबा के दर्शन के लिए विदेश से भी अनुयायी पहुंचते हैं। भक्तों के मुताबिक अर्जेंटीना व ऑस्ट्रिया से कुछ विदेशी लोग आ चुके हैं और उसी समय जब उन्होंने बाबा को 500 रुपए भेंट में दिए। संत ने 10 रुपए प्रसादी के रखकर बाकी लौटा दिए। बाबा के इस काम से विदेशी भी आश्चर्यचकित रह गए थे।
UP News: जमीन विवाद को लेकर दो गुटों में गोलीबारी, चार लोग गंभीर रूप से घायल
संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







