अब वोटर लिस्ट से नाम हटाना हुआ मुश्किल, इन तरीको से होगा वेरिफिकेशन

कने के लिए एक नया फीचर लॉन्च किया है। इस नए फीचर को 'ई-साइन' नाम दिया गया है। इस इसका मकसद मतदाताओं की पहचान का दुरुपयोग रोकना और भविष्य में आलंद जैसे फर्जीवाड़े की पुनरावृत्ति टालना है। यह कदम खासतौर पर तब उठाया गया, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाने की अनियमितताओं का खुलासा किया। अब फर्जी आवेदन करना इतना आसान नहीं रहेगा, और हर आवेदन की डिजिटल पुष्टि जरूरी होगी। Voter List Verification
कैसे काम करेगा ई-साइन सिस्टम?
नई तकनीक के तहत अब मतदाता रजिस्ट्रेशन, नाम हटाने या सुधार के लिए फॉर्म भरते समय अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर से अपनी पहचान सत्यापित करेंगे। पहले आवेदन बिना किसी वेरिफिकेशन के जमा किए जा सकते थे, जिससे फर्जी आवेदन का खतरा था।
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फॉर्म 6 (नई रजिस्ट्रेशन), फॉर्म 7 (नाम हटाने) और फॉर्म 8 (सुधार) भरने पर आवेदक को ई-साइन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
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पोर्टल सुनिश्चित करता है कि मतदाता कार्ड और आधार कार्ड पर नाम समान हों और आधार नंबर मोबाइल से लिंक्ड हो।
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इसके बाद आवेदक को ई-साइन पोर्टल पर भेजा जाता है, जहां आधार नंबर दर्ज कर ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन करना होता है।
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ओटीपी सत्यापन और सहमति के बाद ही फॉर्म जमा हो सकेगा।
यह भी पढ़े: ICAI Exam 2026: परीक्षा की तारीखें घोषित, यहां जानें आवेदन की डेडलाइन
क्यों जरूरी था बदलाव?
राहुल गांधी ने 18 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि कर्नाटक के आलंद क्षेत्र में लगभग 6 हजार मतदाताओं के नाम हटाने के लिए ऑनलाइन फर्जी आवेदन किए गए थे। ज्यादातर मामलों में असली मतदाताओं की पहचान का गलत इस्तेमाल हुआ और फॉर्म भरने में उपयोग किए गए फोन नंबर असली मतदाताओं के नहीं थे। ऐसे में चुनाव आयोग ने सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए नया कदम उठाया है। अब मतदाता सूची की सुरक्षा और फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए ई-साइन जैसी तकनीक से हर आवेदन की डिजिटल पुष्टि जरूरी हो गई है। Voter List Verification
कने के लिए एक नया फीचर लॉन्च किया है। इस नए फीचर को 'ई-साइन' नाम दिया गया है। इस इसका मकसद मतदाताओं की पहचान का दुरुपयोग रोकना और भविष्य में आलंद जैसे फर्जीवाड़े की पुनरावृत्ति टालना है। यह कदम खासतौर पर तब उठाया गया, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाने की अनियमितताओं का खुलासा किया। अब फर्जी आवेदन करना इतना आसान नहीं रहेगा, और हर आवेदन की डिजिटल पुष्टि जरूरी होगी। Voter List Verification
कैसे काम करेगा ई-साइन सिस्टम?
नई तकनीक के तहत अब मतदाता रजिस्ट्रेशन, नाम हटाने या सुधार के लिए फॉर्म भरते समय अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर से अपनी पहचान सत्यापित करेंगे। पहले आवेदन बिना किसी वेरिफिकेशन के जमा किए जा सकते थे, जिससे फर्जी आवेदन का खतरा था।
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फॉर्म 6 (नई रजिस्ट्रेशन), फॉर्म 7 (नाम हटाने) और फॉर्म 8 (सुधार) भरने पर आवेदक को ई-साइन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
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पोर्टल सुनिश्चित करता है कि मतदाता कार्ड और आधार कार्ड पर नाम समान हों और आधार नंबर मोबाइल से लिंक्ड हो।
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इसके बाद आवेदक को ई-साइन पोर्टल पर भेजा जाता है, जहां आधार नंबर दर्ज कर ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन करना होता है।
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ओटीपी सत्यापन और सहमति के बाद ही फॉर्म जमा हो सकेगा।
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क्यों जरूरी था बदलाव?
राहुल गांधी ने 18 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि कर्नाटक के आलंद क्षेत्र में लगभग 6 हजार मतदाताओं के नाम हटाने के लिए ऑनलाइन फर्जी आवेदन किए गए थे। ज्यादातर मामलों में असली मतदाताओं की पहचान का गलत इस्तेमाल हुआ और फॉर्म भरने में उपयोग किए गए फोन नंबर असली मतदाताओं के नहीं थे। ऐसे में चुनाव आयोग ने सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए नया कदम उठाया है। अब मतदाता सूची की सुरक्षा और फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए ई-साइन जैसी तकनीक से हर आवेदन की डिजिटल पुष्टि जरूरी हो गई है। Voter List Verification







