Odisha News : ओडिशा में गणतंत्र दिवस से पहले शुरू होंगी 5जी सेवाएं: वैष्णव

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Odisha News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:24 PM
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Odisha News : भुवनेश्वर। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि ओडिशा में अगले वर्ष गणतंत्र दिवस से पहले 5जी सेवाएं शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य में दूरसंचार सेवाओं के लिए 5,600 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

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केंद्रीय रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने कहा, अब कोई भी केंद्र पर ओडिशा के दूरसंचार क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप नहीं लगा सकता है। उन्होंने आगे कहा, नरेंद्र मोदी सरकार ने ओडिशा में दूरसंचार सेवाओं के लिए कुल 5,600 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं और राज्य में 5जी सेवाएं 26 जनवरी 2023 को गणतंत्र दिवस समारोह से पहले शुरू हो जाएंगी। भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखने के कार्यक्रम में वैष्णव ने बताया कि ओडिशा के उन सभी गांवों में हाल में एक सर्वेक्षण किया गया है जहां पर मोबाइल टावर नहीं हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को सभी गांवों में उच्च गुणवत्ता की 5जी सेवाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इससे पहले, अक्टूबर में वैष्णव ने कहा था कि मार्च, 2023 तक ओडिशा के कम से कम चार शहरों में 5जी सेवाएं उपलब्ध होंगी और राज्य के 80 प्रतिशत क्षेत्रों तक यह सेवा अगले वर्ष के अंत तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि 2022-23 में रेलवे अवसंरचना विकास के लिए ओडिशा को बजट में करीब 10,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय यह राशि महज 800 करोड़ रुपये थी जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाया है।

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National News : संसदीय समिति ने शिक्षकों की रिक्तियां भरने की जानकारी मांगी

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Parliamentary committee sought information on filling vacancies of teachers
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:29 PM
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नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिये काफी संख्या में शिक्षकों की जरूरत को रेखांकित करते हुए संस्थावार मौजूदा रिक्तियों को भरने के प्रयासों की सरकार से जानकारी मांगी है।

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संसद में हाल ही में शिक्षा मंत्रालय की उच्च शिक्षा विभाग की वर्ष 2022-23 की अनुदान की मांगों पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट में यह बात कही गई है। समिति ने इस विषय पर सरकार के उत्तर को स्वीकार नहीं किया।

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद विवेक ठाकुर की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि वह योग्य एवं कुशल शिक्षकों का एक समूह तैयार करने और संस्थावार मौजूदा रिक्तियों भरने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों से अवगत होना चाहेगी। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने पूर्व में कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का लक्ष्य 2035 तक सकल नामांकन अनुपात को 50 प्रतिशत तक करना है। ऐसा केवल एक मजबूत निष्पादन योजना और सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

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समिति ने कहा था कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये काफी संख्या में शिक्षकों की जरूरत होगी तथा शिक्षक-छात्र अनुपात में पर्याप्त वृद्धि की आवश्यकता भी होगी। ऐसे में योग्य एवं कुशल शिक्षकों का विशाल समूह तैयार करने एवं रिक्तियों को भरने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएं। शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने समिति को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा में एकाधिक प्रवेश एवं निकासी सुविधा है जो शिक्षार्थियों को विभिन्न प्रमाणन विकल्पों के साथ पढ़ाई पूरा करने का लचीला विकल्प प्रदान करती है।

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विभाग ने बताया कि सकल नामांकन दर में सुधार के लिये मुक्त दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) और ऑनलाइन कार्यक्रम विनियम 2020 को अधिसूचित किया गया है। 53 उच्च शिक्षण संस्थान 307 पूर्ण ऑनलाइन कार्यक्रम पेश कर रहे हैं । 154 से अधिक विश्वविद्यालयों ने स्वयं पाठ्यक्रम को अपनाया है। इसके अलावा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने मुक्त एवं दूरस्थ अधिगम शिक्षा और ऑनलाइन शिक्षा 2021 पर दिशानिर्देश तैयार किये हैं।
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National News : सीरप से मौत मामले को लेकर कांग्रेस व भाजपा में वाकयुद्ध

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locationभारत
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calendar29 Nov 2025 08:22 PM
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National News : नई दिल्ली। गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर भारतीय दवा कंपनियों के सीरप पीने के कारण बच्चों की मौत होने के मामले को लेकर बृहस्पतिवार को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच वाकयुद्ध देखने को मिला।

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मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा कि सरकार को डींग हांकना छोड़कर, इस मामले मे कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति ‘नफरत’ के चलते कांग्रेस भारत का मजाक बना रही है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर एक भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित खांसी की दवा पीने से हुई मौत के मामले में जांच शुरू कर दी है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि इन बच्चों ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित खांसी के सीरप ‘डॉक-1 मैक्स’ का सेवन किया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया, ‘‘भारत में निर्मित सीरप खतरनाक दिखाई देते हैं। पहले गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत हुई और अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई। मोदी सरकार को यह डींग हांकना बंद कर देना चाहिए कि भारत दुनिया के लिए औषधालय है। सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।’’ इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, गाम्बिया में बच्चों की मौत से भारत में निर्मित सीरप का कोई लेनादेना नहीं है। इस बारे में गाम्बिया के प्रशासन और डीसीजीआई दोनों ने स्पष्टीकरण दिया है। लेकिन मोदी के प्रति नफरत में अंधी हो चुकी कांग्रेस भारत एवं उसकी उद्यमी भावना का मजाक बना रही है।

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