New Delhi: आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं: सरकार





Delhi: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कार्यालय प्रभारी की गिरफ्तारी होने पर भाकियू नेता राकेश टिकैट भड़क गए हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लफ्जों में कहा कि भाकियू कार्यकर्ताओं पर इस तरह का कोई भी अत्याचार सहन नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के कार्यालय प्रभारी अर्जुन बालियान को राकेश टिकैत के साथ प्रतिनिधिमंडल में नेपाल दौरे पर जा रहे थे। दिल्ली में एयरपोर्ट पर उन्हें रोक दिया गया। इमिग्रेशन के अधिकारियों ने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान अर्जुन पर दर्ज किए गए मुकदमे में सरकार की ओर से एनओसी न होने की वजह से उन्हें यात्रा की परमिशन नहीं है। इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। जबकि केंद्र व राज्य सरकारों ने किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने की घोषणा ही नहीं की थी। सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किसी भी तरह की कार्रवाई न होने का आश्वासन भी दिया था।
राकेश टिकैत ने कहा कि कार्यालय प्रभारी के साथ ऐसी बदसलूकी भरी कार्रवाई घोर निंदनीय है। इस संबंध में एयरपोर्ट अथॉरिटी के अफसर भी ऊपर से आए आदेश के बाद की जाने वाली कार्रवाई बता कुछ भी बताने से पल्ला झाड़ रहे हैं। केंद्र सरकार अपने वादे से मुकर रही है। किसान संयुक्त मोर्चा और भाकियू आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों के आधार पर की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्रवाई को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी। केंद्र व राज्य सरकारों से पत्र लिख इसका जवाब मांगा जाएगा और जरूरत पड़ी तो एसकेएम दिल्ली में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भाकियू कार्यकर्ता जेल जाने से नहीं डरते, लेकिन वादाखिलाफी कर झूठे मुकदमों में इस तरह की कार्रवाई कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भाकियू केंद्र सरकार के गृहमंत्री, दिल्ली के एलजी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर के साथ राज्य सरकारों से मांग करती है कि कार्यालय प्रभारी की तुरंत रिहाई हो और अन्य कार्यकर्ताओं का भी भविष्य में इस तरह से किया जा रहा मानसिक उत्पीड़न तत्काल बंद हो।
Delhi: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कार्यालय प्रभारी की गिरफ्तारी होने पर भाकियू नेता राकेश टिकैट भड़क गए हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लफ्जों में कहा कि भाकियू कार्यकर्ताओं पर इस तरह का कोई भी अत्याचार सहन नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के कार्यालय प्रभारी अर्जुन बालियान को राकेश टिकैत के साथ प्रतिनिधिमंडल में नेपाल दौरे पर जा रहे थे। दिल्ली में एयरपोर्ट पर उन्हें रोक दिया गया। इमिग्रेशन के अधिकारियों ने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान अर्जुन पर दर्ज किए गए मुकदमे में सरकार की ओर से एनओसी न होने की वजह से उन्हें यात्रा की परमिशन नहीं है। इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। जबकि केंद्र व राज्य सरकारों ने किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने की घोषणा ही नहीं की थी। सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किसी भी तरह की कार्रवाई न होने का आश्वासन भी दिया था।
राकेश टिकैत ने कहा कि कार्यालय प्रभारी के साथ ऐसी बदसलूकी भरी कार्रवाई घोर निंदनीय है। इस संबंध में एयरपोर्ट अथॉरिटी के अफसर भी ऊपर से आए आदेश के बाद की जाने वाली कार्रवाई बता कुछ भी बताने से पल्ला झाड़ रहे हैं। केंद्र सरकार अपने वादे से मुकर रही है। किसान संयुक्त मोर्चा और भाकियू आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों के आधार पर की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्रवाई को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी। केंद्र व राज्य सरकारों से पत्र लिख इसका जवाब मांगा जाएगा और जरूरत पड़ी तो एसकेएम दिल्ली में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भाकियू कार्यकर्ता जेल जाने से नहीं डरते, लेकिन वादाखिलाफी कर झूठे मुकदमों में इस तरह की कार्रवाई कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भाकियू केंद्र सरकार के गृहमंत्री, दिल्ली के एलजी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर के साथ राज्य सरकारों से मांग करती है कि कार्यालय प्रभारी की तुरंत रिहाई हो और अन्य कार्यकर्ताओं का भी भविष्य में इस तरह से किया जा रहा मानसिक उत्पीड़न तत्काल बंद हो।