World Cricket : बीसीसीआई के सामने कुछ नहीं कर पाएगा आईसीसी : अफरीदी

Shahid
ICC will not be able to do anything in front of BCCI: Afridi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Feb 2023 08:20 PM
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नई दिल्ली। पाकिस्तान के आलराउंडर शाहिद अफरीदी को लगता है कि जहां तक उनके देश में 2023 एशिया कप की मेजबानी का संबंध है तो आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) भी बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के सामने कुछ भी नहीं कर पाएगा।

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बीसीसीआई ने दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया। जिससे इस साल के अंत में पाकिस्तान में टूर्नामेंट की मेजबानी पर संदेह बन गया है। यह महाद्वीपीय टूर्नामेंट काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत में होने वाले वनडे विश्व कप से ठीक पहले होना है। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में इस टूर्नामेंट के बहिष्कार करने की धमकी दी है। अफरीदी ने ‘समा टीवी’ से कहा कि मुझे नहीं पता, क्या भारत एशिया कप के लिए पाकिस्तान का दौरा करेगा या नहीं? क्या हम भारत में होने वाले वनडे विश्व कप का बहिष्कार करेंगे? लेकिन हमें कभी न कभी इस पर फैसला करना होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में आईसीसी की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, उन्हें आगे आना चाहिए। लेकिन, मैं कहना चाहता हूं कि आईसीसी भी बीसीसीआई के सामने कुछ नहीं कर पाएगा।

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अफरीदी ने कहा कि बीसीसीआई ने खुद को इतना मजबूत बना लिया है, तभी उसका इस तरह का दबदबा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है तो इस तरह का बड़ा फैसला करना आसान नहीं है। उन्हें बहुत सी चीजों को देखना होगा। भारत अगर आंखें दिखा रहा है और इतना मजबूत फैसला कर रहा है तो उन्होंने खुद को इतना मजबूत बना लिया है। अफरीदी ने कहा कि वे इस तरह की बात कर सकते हैं, वर्ना उनमें इतना साहस नहीं होता।

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अफरीदी की यह टिप्पणी भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के विवादास्पद मुद्दे पर की गयी टिप्पणी के बाद आई है। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल में साझा किये गये एक वीडियो में कहा कि एशिया कप पाकिस्तान में होना था। लेकिन, भारत ने घोषणा की है कि अगर यह पाकिस्तान में होता है, तो हम इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। अगर आप चाहते हैं कि हम इसमें हिस्सा लें तो आयोजन स्थान बदलें। लेकिन हमने ऐसा होते हुए कई बार देखा होगा। उन्होंने कहा कि जब हम कहते हैं कि हम उनके यहां नहीं जाएंगे तो वे कहेंगे कि वे भी हमारे यहां नहीं आएंगे। इसी तरह पाकिस्तान ने कहा है कि वे भी विश्व कप में नहीं आएंगे। लेकिन मुझे लगता है कि यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला यह हो सकता है कि एशिया कप श्रीलंका में स्थानांतरित कर दिया जाए। यह 50 ओवर के विश्व कप के लिए एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है। दुबई में कई टूर्नामेंट हुए हैं। अगर इसे स्थानांतरित किया जाता है तो यह श्रीलंका में किया जाये, मुझे खुशी होगी। एशिया कप के आयोजन स्थल को लेकर बीसीसीआई और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के बीच तनातनी चल रही है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Article : आखिर कब रुकेगा डोपिंग का खेल ?

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:13 AM
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-संजीव रघुवंशी  वरिष्ठ पत्रकार

  • रिपोर्ट कहती है कि साल 2019 में 152 भारतीय खिलाडिय़ों (Indian players) को डोपिंग जांच में पॉजिटिव पाया गया। यह संख्या पूरी दुनिया के आरोपी खिलाडिय़ों की 17 फीसदी है। शर्मसार करने वाली बात यह है कि डोपिंग के मामले में हमसे सिर्फ रूस और इटली आगे हैं। इससे भी अधिक चिंता इस पर किए जाने की जरूरत है कि 2018 में देश डोपिंग की सूची में पांचवें स्थान पर था और इससे पहले साल सातवें पायदान पर। यानी, भारतीय खिलाडिय़ों के बीच डोपिंग की जड़ें लगातार गहरी होती जा रही हैं। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) (National Anti Doping Agency (NADA)की रिपोर्ट भी वाडा की रिपोर्ट को ही सही ठहराती नजर आती है। नाडा ने 2017 में जारी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2009 से 2016 तक 687 खिलाडिय़ों को डोप टेस्ट में फेल होने पर प्रतिबंधित किया जा चुका है।

Article : कुश्ती संघ में चल रहे 'दंगल की पीड़ा के बीच अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप जीतकर खेल प्रेमियों को कुछ राहत जरूर दी, लेकिन खेलों में डोपिंग की खबरों ने इस राहत पर ग्रहण लगा दिया। गुजरात में पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में हुए राष्ट्रीय खेलों में शिरकत करने वाले एक-दो नहीं, बल्कि 10 खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाएं लेने के मामले में दोषी पाए गए। हैरत की बात यह है कि इसमें से सात खिलाडिय़ों ने विभिन्न स्पर्धाओं में ब्रोंज से लेकर गोल्ड मेडल तक जीते हैं। सवाल यह नहीं है कि डोपिंग के दोषी खिलाडिय़ों के खिलाफ कितनी सख्त कार्यवाही होगी, बल्कि सवाल है कि खेल जैसी 'साधना को डोपिंग के 'पाप से पूरी तरह मुक्ति कब मिलेगी? Stories : शायद ही कोई भारतीय 2016 में हुए रियो ओलंपिक (Rio Olympics) की उस अप्रत्याशित घटना को याद रखना चाहेगा, जब पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे पहलवान नरसिंह यादव पर डोपिंग का आरोप लगा था। नरसिंह को वल्र्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) World Anti Doping Agency (WADA) की जांच के आधार पर चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। हालांकि, इस मामले में काफी उठापटक चली, मामला 'कोर्ट ऑफ ऑर्बिटेशन फॉर स्पोर्ट तक गया, लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर नरसिंह का करियर बच नहीं सका। साजिश के आरोपों की पड़ताल में सीबीआई कई साल से जुटी है। इस मामले की तरह डोपिंग (doping) का हर मामला 'साजिश और 'हकीकत के बीच झूलता रहा हो, ऐसा नहीं है। हालांकि, जांच में दोषी पाए जाने पर अमूमन हर खिलाड़ी या तो आरोपों को सिरे से खारिज कर देता है या फिर, अनजाने में प्रतिबंधित दवा लिए जाने का रोना रोता है। लेकिन राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जिस तरह डोपिंग को लेकर खिलाडिय़ों को सचेत किया जाता है, उसके बाद खिलाडिय़ों की दलीलों में ज्यादा दम नहीं रह जाता। Stories Hindi : देश में खिलाडिय़ों के बीच डोपिंग कितनी गहरी पैठ बना चुकी है, इस कड़वी हकीकत को वाडा की रिपोर्ट से समझा जा सकता है। रिपोर्ट कहती है कि साल 2019 में 152 भारतीय खिलाडिय़ों को डोपिंग (doping) जांच में पॉजिटिव पाया गया। यह संख्या पूरी दुनिया के आरोपी खिलाडिय़ों की 17 फीसदी है। शर्मसार करने वाली बात यह है कि डोपिंग के मामले में हमसे सिर्फ रूस और इटली आगे हैं। इससे भी अधिक चिंता इस पर किए जाने की जरूरत है कि 2018 में देश डोपिंग की सूची में पांचवें स्थान पर था और इससे पहले साल सातवें पायदान पर। यानी, भारतीय खिलाडिय़ों के बीच डोपिंग की जड़ें लगातार गहरी होती जा रही हैं। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की रिपोर्ट भी वाडा की रिपोर्ट को ही सही ठहराती नजर आती है। नाडा ने 2017 में जारी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2009 से 2016 तक 687 खिलाडिय़ों को डोप टेस्ट में फेल होने पर प्रतिबंधित किया जा चुका है। नाडा के अस्तित्व में आने से पहले राष्ट्रीय स्तर पर कितने खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं का सेवन करते रहे होंगे, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। Stories : हालिया मामले में राष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों ने तो खेल भावना को शर्मसार किया ही है, अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय खिलाड़ी भी इस कलंकित कथा के किरदार बनने में पीछे नहीं हैं। राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जिम्नास्ट दीपा कर्माकर डोपिंग के चलते 21 माह का प्रतिबंध झेल रही हैं, तो वहीं एशियाई खेलों की सिल्वर मेडलिस्ट दुती चंद पिछले महीने ही डोपिंग में फंस चुकी हैं। पिछले साल हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में फर्राटा धाविका एस. धनलक्ष्मी, ट्रिपल जंपर ऐश्वर्या बाबू, पैरा चक्का खिलाड़ी अनीश कुमार और पैरा पॉवरलिफ्टर गीता समेत पांच खिलाडिय़ों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। जेंटलमैन्स गेम कहे जाने वाला क्रिकेट भी डोपिंग के दाग से अछूता नहीं है। साल 2008 में विश्व विजेता अंडर-19 टीम का हिस्सा रहे कोलकाता नाइट राइडर्स के तेज गेंदबाज प्रदीप सांगवान पर 2013 में 18 माह का प्रतिबंध लगाया गया तो वहीं 2017 में ऑलराउंडर यूसुफ पठान पर पांच माह का बैन लगा। क्रिकेट के लिए डोपिंग के लिहाज से साल 2019 सबसे खराब रहा। तब विदर्भ के क्रिकेटर अक्षय दुलारकर, राजस्थान के दिव्य गजराज के साथ ही नामी क्रिकेटर पृथ्वी शॉ (cricketer prithvi shaw) को प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। जून 2021 में महिला क्रिकेटर अंशुला राव का मामला काफी चर्चित रहा है। बीसीसीआई ने राव पर चार साल के प्रतिबंध के साथ ही दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। Stories : आजाद भारत में डोपिंग का मामला संभवत: 1968 में मेक्सिको ओलंपिक के ट्रायल के दौरान सामने आया था। दस किलोमीटर दौड़ के लिए ट्रायल में कृपाल सिंह के बेहोश होने पर डॉक्टरों ने नशीले पदार्थ के सेवन की पुष्टि की। तब से लेकर अब तक खेलों में डोपिंग रोकने के लिए काफी कुछ किया जा चुका है। विश्व स्तर के खेलों में डोपिंग पर अंकुश के लिए नवंबर 1999 में वाडा की स्थापना की गई, तो इसके छह साल बाद राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी के लिए नाडा अस्तित्व में आ गई। घरेलू स्तर पर जांच के लिए 2008 में दिल्ली में नेशनल डोप टेस्टिंग लैबोरेट्री ( एनडीटीएल) National Dope Testing Laboratory (NDTL) भी बनाई गई। पिछले साल अगस्त में संसद ने 'द नेशनल एंटी डोपिंग बिल ( The National Anti-Doping Bill) पास किया ताकि डोपिंग पर खिलाडिय़ों से लेकर संबंधित एजेंसियों को और अधिक जवाबदेह बनाया जा सके। भारत इससे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ के 'इंटरनेशनल कन्वेंशन अगेंस्ट डोपिंग इन स्पोर्ट्स (International convention against doping in sports) में शिरकत कर डोपिंग रोकने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर चुका है। Stories : इसमें कोई दो राय नहीं कि हालिया सालों में सरकार खेलों के प्रति गंभीरता दिखा रही है। एक फरवरी को आए आम बजट में खेलों के लिए आवंटित धनराशि भी यही इशारा करती है। पिछले साल के मुकाबले खेल मंत्रालय को 723 करोड़ रुपए अधिक मिले हैं। इसमें सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'खेलो इंडिया के लिए 1045 करोड़ का बजट आवंटित करना सबसे महत्वपूर्ण कदम है। यह पिछले साल के मुकाबले 72 फीसदी ज्यादा है। इसके साथ ही भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) पर आश्रित रहने वाली नाडा और एनडीटीएल को अलग से 41 करोड़ मिलेंगे। नि:संदेह, इस सारी कवायद का मकसद खेल के स्तर को बढ़ाने के साथ ही खिलाडिय़ों को डोपिंग जैसी 'बीमारी से बचाना है। इस सबके बावजूद अगर डोपिंग के मामले सामने आ रहे हैं, तो जाहिर है कि इस दिशा में कुछ और ठोस एवं सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि डोपिंग के चलते ही रूस को 2019 में चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। कोई भी भारतीय ऐसी घोर शर्मनाक स्थिति की कल्पना भी नहीं करना चाहेगा!

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ICC Rankings: ICC की चूक से मात्र छः घंटों तक ही तीनों फॉर्मेट्स में नंबर वन पर रहा भारत

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:58 PM
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बुधवार को जारी की गयी ICC Rankings में भारत 115 अंकों के साथ पहले स्थान पर काबिज था और ऑस्ट्रेलिया 111 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर बना हुआ था किन्तु रैंकिंग्स में किये गए अपडेट के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पुनः 126 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। बता दें कि भारत इसके अतिरिक्त अन्य दो फॉर्मेट्स T-20 एवं वन डे में शीर्ष पर बना हुआ है। जब पहले टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया और रैंकिंग्स में टेस्ट में भी नंबर वन स्थान प्राप्त किया तो भारतीय टीम को तीनों फॉर्मेट्स में टॉप पर होने की ख़ुशी मिली लेकिन यह मात्र छः घण्टे तक ही टिक सकी।

ICC Rankings

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट कॉउन्सिल (ICC) ने पिछले महीने भी ऐसी ही चूक की थी जिसके कारण भारत को 18 जनवरी को दोपहर डेढ़ बजे ICC Rankings में टेस्ट फॉर्मेट में नंबर वन पर दिखाया गया था लेकिन ढाई घंटो के बाद ही लगभग शाम चार बजे दोबारा से भारत को दूसरे नंबर पर खिसका दिया गया। और ऑस्ट्रेलिया ने फिर से टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन रैंकिंग हासिल कर ली।

फैंस ने की ICC की आलोचना

लगातार दूसरे महीने ICC Rankings में हुई समान चूक के कारण अंतराष्ट्रीय क्रिकेट कॉउन्सिल (ICC) को फैंस एवं अन्य क्रिकेट से जुड़े हुए लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इस महीने अपनी गलती की जिम्मेदारी लेते हुए ICC ने एक आधिकारिक बयान जारी किया था लेकिन इससे पहले महीने उन्होंने rankings में हुई चूक पर कोई बयान नहीं दिया था। ऐसे में लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी संस्था rankings में मामले में ऐसी चूक बार बार कैसे कर सकती है। अब कयास यह लगाए जा रहे हैं कि यदि भारतीय टीम इस टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को हरा देती है तो वह  फिर से नंबर वन स्थान हासिल कर लेगी।

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