Wednesday, 23 April 2025

CAG रिपोर्ट : DTC में कुप्रबंधन, घाटा और करोड़ों का नुकसान!

DTC Buses : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को विधानसभा सत्र में दिल्ली परिवहन निगम डीटीसी (DTC buses)…

CAG रिपोर्ट : DTC में कुप्रबंधन, घाटा और करोड़ों का नुकसान!

DTC Buses : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को विधानसभा सत्र में दिल्ली परिवहन निगम डीटीसी (DTC buses)  के कार्यों पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट प्रस्तुत की। यह सदन में पेश की जाने वाली तीसरी CAG रिपोर्ट है, जिसमें डीटीसी (DTC buses) के कामकाज की पूरी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में डीटीसी (DTC buses) के ऑडिट में कई गंभीर खामियां सामने आई हैं, जो इस निगम की लगातार बिगड़ती वित्तीय स्थिति को दर्शाती हैं।

CAG रिपोर्ट के अनुसार, DTC पिछले कई वर्षों से भारी नुकसान में चल रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस व्यापार योजना या भविष्य की रणनीति तैयार नहीं की गई। इसके अलावा, वित्तीय और परिचालन लक्ष्यों को तय करने के लिए सरकार के साथ कोई समझौता ज्ञापन (MoU) भी नहीं किया गया। रिपोर्ट के इन खुलासों के बाद अब इस मुद्दे पर सदन में हंगामे के आसार हैं।

 डीटीसी (DTC buses) की बसों की संख्या घटी, लेकिन वित्तीय सहायता उपलब्ध थी

CAG रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015-16 में DTC के पास 4,344 बसें थीं, जो 2022-23 तक घटकर 3,937 रह गईं। हालांकि, सरकार से आर्थिक सहायता उपलब्ध होने के बावजूद निगम केवल 300 इलेक्ट्रिक बसें ही खरीद सका।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बसों की आपूर्ति में देरी के कारण 29.86 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूल नहीं किया गया।

 डीटीसी (DTC buses) का बढ़ता घाटा: आंकड़े चौंकाने वाले

CAG रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 में DTC का कुल घाटा 25,300 करोड़ रुपये था, जो 2021-22 में बढ़कर 60,750 करोड़ रुपये हो गया।

  • 2015-22 के दौरान DTC को ₹14,198.86 करोड़ का परिचालन घाटा हुआ।
  • 2015-22 के बीच 668.60 करोड़ रुपये का संभावित राजस्व नुकसान हुआ।
  • DTC की बसें निर्धारित 189-200 किमी के बजाय प्रतिदिन केवल 180-201 किमी ही चलीं।

पुरानी बसों की समस्या

डीटीसी (DTC buses) की पुरानी बसें लगातार एक बड़ी समस्या बनी हुई हैं।

  • 2015-16 में केवल 0.13% बसें ओवरएज (पुरानी) थीं, लेकिन 2023 तक यह बढ़कर 44.96% हो गया।
  • मार्च 2022 तक डीटीसी के पास 656 ओवरएज बसें थीं, जिससे ब्रेकडाउन की घटनाएं बढ़ीं।
  • DTC के बेड़े की तुलना में DIMTS की क्लस्टर बसें बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।

 डीटीसी (DTC buses) के राजस्व में भारी गिरावट

रिपोर्ट के मुताबिक, 2009 के बाद से बस किराए में कोई वृद्धि नहीं हुई, जिससे निगम की आय प्रभावित हुई।

  • डीटीसी ने विज्ञापन अनुबंधों में देरी की, जिससे संभावित राजस्व का नुकसान हुआ।
  • सरकार से 225.31 करोड़ रुपये की वसूली अभी तक लंबित है।

तकनीकी परियोजनाओं की विफलता

डीटीसी (DTC buses) की कई तकनीकी परियोजनाएं भी निष्प्रभावी साबित हुई हैं।

  • 2017 में लागू की गई स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली (AFCS) 2020 से निष्क्रिय है।
  • 2021 में 52.45 करोड़ रुपये खर्च कर बसों में लगाए गए CCTV कैमरे अब तक पूरी तरह चालू नहीं हुए।

प्रबंधन और आंतरिक नियंत्रण की कमी

CAG रिपोर्ट के अनुसार, डीटीसी में प्रबंधन और आंतरिक नियंत्रण की भारी कमी है।

  • स्टाफ नियोजन की कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई।
  • निर्णय लेने में देरी और वित्तीय प्रबंधन में लापरवाही देखने को मिली।
  • विभागों के बीच समन्वय की कमी रही, जिससे संचालन प्रभावित हुआ।DTC Buses :

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