होली पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की सख्त कार्रवाई, 7,230 चालान काटे

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 Mar 2025 08:03 PM
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Traffic police: 14 मार्च को होली का जश्न देशभर में धूमधाम से मनाया गया, लेकिन दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस(Traffic police) ने इस दौरान नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। इस दिन न सिर्फ रंगों से भरी खुशियां थी, बल्कि पुलिस(Traffic police) ने सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी चेकिंग भी की। होली के दिन सड़क पर हादसों को रोकने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए पुलिस की सख्त नजर थी।

ट्रैफिक पुलिस(Traffic police) ने चलाया सख्त चेकिंग अभियान

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस(Traffic police) ने होली के दिन खास सुरक्षा इंतजाम किए थे। 84 स्पेशल ड्रंकन ड्राइविंग चेकिंग टीमें और 40 ट्रैफिक और लोकल पुलिस की संयुक्त टीमें प्रमुख चौराहों और सड़कों पर तैनात की गईं। ये टीमें सुबह 8 बजे से लेकर रात 12 बजे तक सड़क पर सक्रिय रही। पुलिस ने नशे की हालत में गाड़ी चलाने वाले 1,213 लोगों का चालान काटा और ट्रिपल राइडिंग के तहत 573 चालान किए। ट्रिपल राइडिंग एक खतरनाक गतिविधि है जिसमें एक ही बाइक पर तीन लोग बैठे होते हैं, जो दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। पुलिस ने इस पर कड़ी नजर रखी और नियमों का उल्लंघन करने वालों को तुरंत पकड़ा।

7,230 चालान: नियमों की अवहेलना पर सख्त कार्रवाई

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस(Traffic police) ने होली के दिन कुल 7,230 चालान किए। बिना हेलमेट के बाइक चलाने वाले 2,376 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई, क्योंकि हेलमेट पहनने से सिर की चोटों से बचाव होता है, जो दुर्घटनाओं में आम हैं। इसके अतिरिक्त, काली फिल्म वाली गाड़ियों के 97 चालान किए गए, जो सुरक्षा मानकों के खिलाफ हैं। इन गाड़ियों के शीशों पर काली फिल्म लगाना वाहन चालक और अन्य लोगों के लिए खतरे का कारण बन सकता है, क्योंकि यह दृश्यता को प्रभावित करता है। इसके अलावा, अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले 2,971 लोगों पर भी जुर्माना लगाया गया। यह अभियान सड़क पर अनुशासन बनाए रखने और ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम था।

पुलिस(Traffic police) का कहना है कि इस तरह के चेकिंग अभियान सड़क हादसों को रोकने में मदद करते हैं और लोगों को यह एहसास दिलाते हैं कि ट्रैफिक नियमों का पालन करना न केवल उनके लिए, बल्कि सड़क पर चलने वाले सभी व्यक्तियों के लिए जरूरी है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की यह सख्ती होली के दिन सुरक्षा को प्राथमिकता देने और सड़क पर अनुशासन बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।Traffic police:

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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदियां लागू

Grap
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:59 PM
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Delhi News : दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण की पाबंदियां फिर से लागू कर दी गई हैं। यह निर्णय तब लिया गया जब दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गया, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

ग्रैप-3 के तहत लागू प्रमुख पाबंदियां

- निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध : सभी गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। Delhi News - वाहनों पर प्रतिबंध : - BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल चालित फोर-व्हीलर वाहनों का संचालन प्रतिबंधित है। - आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है। Delhi News - शैक्षणिक संस्थान : पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को हाइब्रिड मोड (आॅनलाइन या आॅफलाइन) में कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। Delhi News

 अन्य प्रतिबंध :

- होटल और रेस्तरां में कोयला और लकड़ी के उपयोग पर रोक। - डीजल जनरेटर सेट का उपयोग केवल आपातकालीन परिस्थितियों में ही किया जा सकेगा। इन पाबंदियों का उद्देश्य वायु प्रदूषण के स्तर को कम करना और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे इन निर्देर्शों का पालन करें और प्रदूषण कम करने में सहयोग दें। Delhi News

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क्यों हर साल बूंद-बूंद को तड़प उठती है दिल्ली? आखिर इसका जिम्मेदार कौन!

Delhi Water Crisis
Delhi Water Crisis
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:20 AM
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Delhi News : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गर्मी के आते ही पानी की किल्लत आम समस्या बन जाती है। हर साल हजारों लोग पानी के लिए परेशान होते हैं लेकिन इस समस्या का स्थायी समाधान अब तक नहीं निकल पाया है। जल संकट के पीछे राजनीति, कुप्रबंधन और जल संरक्षण की अनदेखी बड़ी वजहें हैं।

राजनीति के आगे समाधान का निकला जनाजा!

दिल्ली में हर साल जब पानी की समस्या गहराती है तो सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगती हैं। पहले आम आदमी पार्टी और भाजपा की सरकारें एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराती रहीं। अब दिल्ली में भी भाजपा की सरकार है जिससे स्थिति सुधारने की उम्मीद है। लेकिन पानी की बर्बादी रोकने और जल प्रबंधन सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने जरूरी हैं।

गर्मी में बढ़ती पानी की मांग

गर्मी के दिनों में दिल्ली में पानी की खपत स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है लेकिन मांग पूरी करने के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं होती। बता दें कि, दिल्ली में जल स्रोत सीमित हैं लेकिन उनकी क्षमता बढ़ाने की कोशिश नहीं हो रही। पहले दिल्ली सब ब्रांच (DSB) नहर से हरियाणा से पानी आता था लेकिन रिसाव के कारण 25% पानी बर्बाद हो जाता था। वहीं साल 2014 में CLC (कैरियर चैनल कनाल) नहर बनी जिससे द्वारका, बवाना और ओखला जल संयंत्र (WTP) शुरू हुए उसके बाद कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया।

वजीराबाद जलाशय में गंदगी और कचरे का बाजार

दिल्ली का वजीराबाद जलाशय गंदगी और कचरे से भर गया है जिससे उसकी भंडारण क्षमता घट गई है। गर्मी के मौसम में यह जलाशय सूखने लगता है जिसकी वजह से चंद्रावल और वजीराबाद WTP को पर्याप्त पानी नहीं मिलता। वहीं मानसून में हर साल यमुना में बाढ़ आती है लेकिन उस पानी को संग्रह करने का कोई ठोस इंतजाम नहीं है। इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड का दावा है कि वह 1000 MGD (मिलियन गैलन प्रतिदिन) पानी उपलब्ध कराता है लेकिन 52% पानी चोरी या बर्बाद हो जाता है। 20% बर्बादी रोकने पर ही 200 MGD अतिरिक्त पानी लोगों को मिल सकता है। टूटी पाइपलाइनों और रिसाव की वजह से हजारों लीटर पानी रोज़ बह जाता है।

दिल्ली में उठाया जाना चाहिए ठोस कदम

यूरोप, अमेरिका, सिंगापुर और जापान जैसे देशों में हर स्तर पर पानी का ऑडिट किया जाता है और बर्बादी रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाते हैं। दिल्ली में भी ऐसा करने की सख्त जरूरत है। बता दें कि, दिल्ली में 70% पानी सिंचाई, वाहन धोने और शौचालयों में इस्तेमाल होता है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) से हर दिन 550 MGD शोधित जल निकलता है लेकिन सिर्फ 100 MGD ही उपयोग में लाया जाता है। अगर यह पानी गैर-पीने के कार्यों में लगाया जाए तो पीने के पानी की उपलब्धता काफी बढ़ सकती है। साथ ही शोधित जल को रिज एरिया में स्टोर करने से भूजल स्तर भी बढ़ेगा।

क्या है समाधान?

1. हर साल बाढ़ के पानी को स्टोर करने की व्यवस्था होनी चाहिए। 2. पाइपलाइन लीकेज और चोरी रोकने के लिए सख्त निगरानी तंत्र लागू किया जाए। 3. STP से मिलने वाले शोधित जल का 100% उपयोग सुनिश्चित किया जाए। 4. जनता को पानी बचाने के लिए जागरूक किया जाए और जल प्रबंधन में उनकी भागीदारी बढ़ाई जाए।

दिल्ली के कूड़े के पहाड़ों में फल-फूल रहा करोड़ों का काला धंधा, प्रशासन क्यों है खामोश?

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