Wednesday, 13 November 2024

Gautam Buddha University : अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है 511 एकड़ में फैला विश्वविद्यालय

अरविन्द प्रसाद Gautam Buddha University : ग्रेटर नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद इन दिनों गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय एक…

Gautam Buddha University : अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है 511 एकड़ में फैला विश्वविद्यालय

अरविन्द प्रसाद

Gautam Buddha University : ग्रेटर नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद इन दिनों गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में है। 511 एकड़ के विशाल भूभाग पर फैला हुआ यह सरकारी विश्वविद्यालय इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।इस विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्तियां भाई भतीजावाद व भ्रष्टाचार एक बड़ी बीमारी के रूप में अनेक बार सामने आ चुका है ।
बता दें कि 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ग्रेटर नोएडा में प्रवास था।मुख्यमंत्री ने रात्रि प्रवास गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में किया था । सुबह उठकर मुख्यमंत्री ने विवि परिसर में गंदगी का अंबार देखा, विवि में गीजर नहीं चल रहे थे। बड़ी-बड़ी झडि़यां उगी हुई थीं। चारों तरफ़ गन्दगी के अम्बार लगे थे ।जीबीयू के गेस्ट हाउस में व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने सख़्त नाराजगी जताई और विवि प्रशासन को खरी-खरी सुनाई थी। मुख्यमंत्री की इस नाराजगी के बाद गौतमबुद्ध विवि फिर चर्चा में आ गया है।

Condition of Gautam Buddha University
Condition of Gautam Buddha University

Gautam Buddha University :

सब जानते हैं कि इस विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार द्वारा अवैध ढंग से नियुक्तियों का एक लम्बा सिलसिला रहा है । इतना ही नहीं जिस किसी ने भी अवैध नियुक्तियों व यहाँ पहले भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया उसे या तो निलंबित कर दिया गया अथवा बर्खास्त तक कर दिया गया । एक खाश संगठन के बड़े बड़े पदों पर बैठे हुए कुछ आकाओं से आशीर्वाद लेकर इस विश्वविद्यालय का प्रशासन कई सालों से मनमर्ज़ी चलाता रहा है ।

Condition of Gautam Buddha University
Condition of Gautam Buddha University

इस विश्वविद्यालय की दुर्गति पर शिक्षाविदों का कहना है कि केवल जीबीयू में अव्यवस्थाओं के लिए विवि प्रशासन को डांटने भर से कुछ नहीं होगा।यहाँ नाग की तरह फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना पड़ेगा तभी विश्वविद्यालय का स्वरूप बचा रह सकता है । शिक्षाविद साफ़ साफ़ कह रहे हैं कि अवैध नियुक्तियां करके यहाँ के प्रशासन ने करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की है ।जीबीयू एक सफेद हाथी साबित हो रहा है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना के समय 511 एकड़ के विशाल भू-भाग पर लाखों करोड़ों रूपये की लागत से बने इस विश्वविद्यालय को दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बनाने का दावा किया गया था ।जहां देश-विदेश के छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दी जानी थी लेकिन जीबीयू में अव्यवस्थाओं पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। इस विश्वविद्यालय पर मायावती सरकार ने जमकर पैसा लगाया था। लेकिन यहां पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भारी कमी है। अधिकतर शिक्षक कम वेतन में अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं।इन्हें मात्र 40 से 50 हजार का मासिक वेतन मिलता है। विश्वविद्यालय में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए शासन स्तर पर कभी कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। शिक्षकों की कमी व कमजोर प्रबंधन के कारण छात्रों का रूझान इस विवि के प्रति काफी कम है और जो छात्र यहां पढ़ते हैं उनका भविष्य भी अंधकार में लगता है।

Condition of Gautam Buddha University
Condition of Gautam Buddha University

शिक्षाविदों का मानना है कि विवि में फैले भ्रष्टाचार तथा यहां की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए शासन को सख़्त प्रयास करने चाहिए।

Noida News : बच्चों को प्रदूषण के ज़हर से बचाने के लिए बड़ा फ़ैसला, स्कूल किए गए बन्द

Related Post