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सबसे बड़ी खबर : तुस्याना भूमि घोटाले के आरोपी तथा उनके संरक्षक भाजपा नेताओं की शरण में

Tusyana land scam

Tusyana land scam

Tusyana land scam: लखनऊ /जम्मू कश्मीर/ग्रेटर नोएडा। ‘तू डाल डाल मैं पात पात’। यह कहावत इन दिनों तुस्याना भूमि घोटाला कांड के भू-माफियाओं और उत्तर प्रदेश की हाईटेक पुलिस पर सटीक बैठ रही है। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश करने का दावा कर रही है तो माफिया दूसरे हथकंडे अपनाने में लगे हैं। चेतना मंच को जानकारी मिली है कि अरबों रुपए के तुस्याना भूमि घोटाला कांड के आरोपी व उनके संरक्षक पुलिस से बचने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के प्रभावशाली नेताओं की शरण में चले गये हैं।

Tusyana land scam

सब जानते हैं कि कानून के हाथ बड़े लंबे होते हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। माफियाओं और भ्रष्टाचार के मामले में सरकार जीरो टॉलरेंस का दावा करती है। सरकार ने बड़े-बड़े माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है। ग्रेटर नोएडा के तुस्याना भूमि घोटाले को अंजाम देते समय ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और गौतमबुद्घनगर के जिला प्रशासन में तैनात तत्कालीन प्रभावशाली अफसरों को इस बात का ईलम नहीं होगा कि एक दिन उनके सारे काले कारनामें खुल जायेंगे या उनके कारनामों का यूं भांडा फूट जाएगा।

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गौर कीजिए कि ये घोटाला बीएसपी की सरकार के कार्यकाल में हुआ था। उसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार 5 साल रही और भाजपा ने भी अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। इतने पुराने घोटाले में कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस दूसरे कार्यकाल में हाल ही में मुख्यमंत्री के गौतमबुद्धनगर आने के बाद हुई। उनके स्पष्ट निर्देश है कि घोटाले में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उत्तर प्रदेश शासन की एसआईटी ने इस मामले में बेहद गहन जांच की है। इस जांच के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी के छोटे भाई और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक कैलाश भाटी को उसके साथियों के साथ जेल भेज दिया गया। कुछ दिनों तक ठंडे बस्ते में रहने के बाद इस मामले में कारवाई एक बार फिर तेज होती हुई नजर आ रही है। गौतमबुद्घ नगर पुलिस की विशेष टीमें आरोपियों को ढूंढने का दावा कर रही है।

Tusiyana Land scam

चेतना मंच को जानकारी मिली है कि पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए तुस्याना भूमि घोटाले में लिप्त एक पूर्व आईएएस अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर में शरण ली हैं। यहां बड़े संवैधानिक पद पर बैठे हुए एक बड़े राजनेता से वे अपने बचाव की गुहार लगा रहे है। यह वही राजनेता है जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए थे। वही इस घोटाले का मास्टरमाइंड और मकोड़ा का पूर्व प्रधान राजेंद्र मकोड़ा व उसका साथी रविन्द्र तोंगड पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक विधायक की शरण में हैं। राजेन्द्र मकोड़ा ने एलएमसी की भूमि का ना के वल मुआवजा उठाया बल्कि अपनी पुत्रवधू और बेटों के नाम पर 6 प्रतिशत आबादी के एक दो नहीं सैकड़ों भूखंड भी एलाट करा लिए थे। इस मामले में हाईकोर्ट से राहत लेने के भी भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन अभी तक इन आरोपियों को न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है।

इस कांड के बारे में सभी अपडेट नीचे मौजूद हैं। पढ़ते रहिए चेतना मंच।

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