Noida News (चेतना मंच)। नोएडा प्राधिकरण में पिछले महीनों हुए 200 करोड़ रुपये के फिक्स डिपाजिट (एफडी) घोटाले में नोएडा प्राधिकरण अपने अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहा है। इसीलिए जांच में आरोपी अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी गई। अब मामले की गंभीरता को देखते हुए अब यह मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है, जिसके बाद अब क्राइम ब्रांच नोएडा प्राधिकरण के दोषी अफसर बेनकाब करेगी।
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आपको बता दें कि पिछले दिनों नोएडा प्राधिकरण में हुए 200 करोड़ के एफडी घोटाले के मामले में नोएडा पुलिस ने जांच में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें पुडुचेरी निवासी अब्दुल खादिर भी शामिल था, जिसने कथित तौर पर 12.8 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने के लिए खुद को नोएडा प्राधिकरण का अधिकारी बताया था। अन्य चार आरोपी में पूर्व बैंक अधिकारी हैं। इन सभी पर धोखाधड़ी, जालसाज़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद इस बड़े घपले की जांच नोएडा के थाना सेक्टर-58 पुलिस ने संभाली थी। अब इस पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।
प्राधिकरण के खाते से निकाले गए थे तीन करोड़
ज्ञात हो कि नोएडा प्राधिकरण ने 200 करोड़ रुपए की एफडी कराने के लिए जून-2023 को सेक्टर-62 स्थित बैंक ऑफ इंडिया में खाता खुलवाया था। इस मामले में जालसाज़ ने नोएडा प्राधिकरण, बैंक अधिकारी व कर्मचारियों से मिलीभगत कर जून महीने के अंत में 3 करोड़ रुपये निकाल कर विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा दिए थे। इसके बाद 9 करोड़ रुपए और ट्रांसफर करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी, लेकिन गड़बड़ी का अंदेशा होने पर यह पैसा ठगे जाने से बच गया।
इस मामले में जुलाई 2023 के पहले सप्ताह में नोएडा प्राधिकरण के मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कोतवाली सेक्टर-58 में मामला दर्ज करा दिया था। इसके साथ ही प्राधिकरण की तत्कालीन सीईओ रितु माहेश्वरी ने मामले की जांच के लिए एसीईओ की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित कर दी थी। समिति को 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। इस बीच प्राधिकरण को बैंक की तरफ से पूरे 200 करोड़ रुपए मिल गए हैं।
दो महीने तक चली जांच
खास बात यह है कि जो जांच 15 दिन में पूरी हो जानी चाहिए थी वो करीब दो महीने तक चली। अधिकारी जल्द जांच पूरी होने का दावा कर रहे हैं। प्राधिकरण अधिकारियों ने कहा था सभी के बयान हो गए है। फाइनल रिपोर्ट के आधार पर जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन जांच रिपोर्ट में सभी अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी गई।
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