Cyber crime : पुलिस अफसरों तक को शिकार बना लेते हैं साइबर ठग, रहें सावधान

Cyber attack
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:54 PM
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देवदत्त शर्मा Noida : नोएडा। इन दिनों ठगों (Thughs) के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिस के कोतवालों तक को भी ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठगी का एक सनसनीखेज मामला नोएडा शहर में सामने आया है। उत्तर प्रदेश का शोविंडो कहे जाने वाला नोएडा औद्योगिक नगरी (Industrial city) है। यहां हजारों की संख्या में नेशनल और मल्टी नेशनल (National and multi national) उद्योग (Industry) एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। शहर में जितने अधिक धनवान रहते हैं, उतने शायद ही किसी दूसरे शहर में रहते हों। यही कारण है कि यह शहर ठगों के निशाने पर रहता है। इंटरनेट या फोन के जरिए ठगी करने वाले साइबर ठगों की भी यहां भरमार है। अब तक तो ये ठग केवल आम नागरिकों को ही ठगते थे, किन्तु अब इन ठगों ने पुलिस के तेज तर्रार अफसरों तक को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। नोएडा में साइबर फ्राड यानि ऑनलाइन ठगी को रोकने के लिए साइबर थाना स्थापित किया गया है। इस थाने की कोतवाल (प्रभारी) बेहद तेज तर्रार महिला पुलिस अधिकारी रीता यादव हैं। रीता यादव के जिम्मे साइबर ठगों का सफाया करने का काम है। किन्तु, साइबर ठगों की हिम्मत देखिए, उन्होंने रीता यादव को ही अपना शिकार बनाने का प्रयास कर डाला। इस दिलचस्प घटना के बाबत साइबर थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि उन्हें बीते दिनों व्हाट्सएप पर मैसेज आया कि उनकी कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में 25 लाख रुपये की लॉटरी लगी है। उन्होंने मैसेज में दिए गए नंबर पर जब फोन कर पूछा कि उन्होंने कभी केबीसी में भाग नहीं लिया है और उनकी लॉटरी कैसे लगी? इस पर साइबर ठग ने बताया कि केबीसी द्वारा कुछ चुनिंदा नंबरों को सेलेक्ट किया जाता है और उनके विजेताओं को केबीसी की तरफ से लॉटरी की धनराशि दी जाती है। वह भाग्यशाली हैं कि उनकी 25 लाख रुपए की लॉटरी निकली है। कुछ औपचारिकताएं पूरी कर वह लॉटरी की धनराशि प्राप्त कर सकती हैं। थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि उन्होंने साइबर ठग की चाल को समझने के बावजूद भी अनजान बनते हुए पूछा कि लॉटरी का पैसा उन्हें किस तरह से मिल सकता है। इस पर साइबर ठग ने पूछा कि वह किस बैंक खाते में पेमेंट लेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि वह उनके एचडीएफसी बैंक अकाउंट में पेमेंट करा दें। शिकार को जाल में फंसता देख साइबर ठग ने अपना अगला पांसा फेंकते हुए कहा कि 25 लाख रुपए लेने के लिए उन्हें 8200 रुपए जीएसटी देनी होगी। साइबर ठग ने कहा कि वह गूगल पे, पेटीएम अथवा यूपीआई के माध्यम से उन्हें जीएसटी का भुगतान कर उसका स्क्रीनशॉट भेज दें, जिसके पश्चात उन्हें लॉटरी की रकम का भुगतान कर दिया जाएगा। प्रभारी ने बताया कि उन्होंने भी गूगल पे पर पेमेंट रिसीव किए जाने का एक एडिट स्क्रीनशॉट भेज दिया। इसके बाद साइबर ठग ने उन्हें एसबीआई बैंक का 25 लाख रुपए के डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) की फोटो व्हाट्सएप पर भेजी। इस डीडी पर बाकायदा एसबीआई बैंक तथा कौन बनेगा करोड़पति के मैनेजर के भी साइन थे। साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि जब साइबर ठग को अंदाजा हुआ कि उनके खाते में पेमेंट नहीं पहुंची है तो साइबर ठगों ने उनके साथ फोन पर काफी अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इसके पश्चात उन्होंने साइबर ठग के गूगल पे अकाउंट को फ्रीज करा दिया। उन्होंने कहा कि सतर्कता से ही ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है। अब वे इस गिरोह को जेल भेजने की योजना पर काम कर रही हैं। सजगता जरूरी आप की सजगता ही आपको साइबर क्राइम से बचा सकती है। इसके बावजूद भी अगर आपके साथ साइबर क्राइम हो जाए तो तुरंत पुलिस की सहायता लें। नोएडा शहर के सेक्टर-36 में स्थित साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि आज के तकनीकी युग में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ा है। अमूमन साइबर ठग लोगों को झांसे में लेकर ठगी का शिकार बनाते हैं। ऐसे में केवल थोड़ी सी सजगता बरतकर साइबर ठगी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि फेसबुक पर किसी भी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ना करें। व्हाट्सएप पर भी अनजान महिला अथवा पुरुष से चौटिंग ना करें। अगर चौटिंग करते भी हैं तो सभ्यता के दायरे में करें जिससे भविष्य में परेशानी का शिकार ना होना पड़े। उन्होंने कहा कि कई बार साइबर ठग केवाईसी के नाम पर लोगों से ओटीपी नंबर लेकर लाखों रुपए का चूना लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी बैंक का कोई अधिकारी उपभोक्ता से ओटीपी नहीं पूछता है। ऐसे में किसी हालत में फोन पर किसी अनजान व्यक्ति को अपना ओटीपी नंबर ना दें। उन्होंने बताया कि अगर इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखा जाए तो काफी हद तक साइबर ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है।
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Terrorism : जम्मू-कश्मीर में संचालित लश्कर-ए-तैयबा मॉड्यूल का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

Lashkar 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 Jul 2022 04:06 PM
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Jammu : जम्मू। जम्मू शहर में संचालित लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के मॉड्यूल का जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से सीमावर्ती क्षेत्रों में 15 ड्रोन (Drone) उड़ानों द्वारा गिराये गए हथियारों (Arms) और विस्फोटकों (Explosive) की खेप प्राप्त करने और ले जाने में शामिल तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी के जम्मू स्थित आवास से एक एके राइफल, पिस्तौल, साइलेंसर और हथगोले जब्त किए और शहर में संभावित आतंकी साजिशों को नाकाम कर दिया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि जम्मू एवं कठुआ पुलिस और विशेष अभियान समूह (एसओजी) की एक संयुक्त टीम ने 29 मई को कठुआ जिले के तल्ली-हरिया चक इलाके में सैनिकों द्वारा मार गिराए गए ड्रोन के मामले को सुलझा लिया है। उन्होंने बताया कि उक्त ड्रोन से यूबीजीएल राउंड और स्टिकी बम बंधे थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में 20 जून, 2020 को कठुआ के मान्यारी में एक और ड्रोन को मार गिराना शामिल था, जिससे एक एम 4 राइफल और अन्य विस्फोटक सामग्री बंधी थी। मुकेश सिंह ने कहा कि टीम ने तकनीकी विश्लेषण के आधार पर कई संदिग्धों को पकड़ा और बाद में कठुआ के हरि चक के हबीब पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान, उसने स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान की ओर से नियंत्रित ड्रोन के माध्यम से गिराए गए हथियार और गोला-बारूद की कई खेपों का प्राप्तकर्ता था और वह एक अवैध आतंकी-सहयोगी नेटवर्क का हिस्सा था। एडीजीपी ने कहा कि वह जम्मू शहर के तालाब खटिकन इलाके के फैसल मुनीर से प्रेरित है और उसके निर्देश पर काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि हबीब द्वारा प्राप्त खेप को जम्मू ले जाया गया और फैसल के निर्देश पर विभिन्न लोगों तक पहुंचाया गया। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, फैसल मुनीर को उठाया गया और उससे पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान उसने पाकिस्तान स्थित आकाओं के साथ अपने संबंधों और इस आतंकी सांठगांठ में शामिल होने की बात स्वीकार की। एडीजीपी ने कहा कि मुनीर ने खुलासा किया कि वह दो साल से अधिक समय से पाकिस्तान स्थित आकाओं के संपर्क में था और उसने सांबा और कठुआ में कई स्थानों पर 15 से अधिक ड्रोन द्वारा गिरायी गयी खेप प्राप्त कीं, जिनमें मान्यारी, मावा और हरि-ए-चक शामिल हैं। सिंह ने कहा कि मुनीर द्वारा किए गए खुलासे पर उसके आवास से बरामदगी हुई जिसमें एक एके 46 राइफल, दो मैगजीन, 60 कारतूस, पांच पिस्तौल, 15 मैगजीन, 100 गोलियां, दो पिस्तौल साइलेंसर, आठ ग्रेनेड और एक वजन मशीन के अलावा हथियार साफ करने का सामान शामिल है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक अन्य आरोपी कठुआ के मियां सोहेल को भी गिरफ्तार किया गया है और नेटवर्क में और लोगों के शामिल होने का संदेह है। सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि साइलेंसर की जब्ती चुनिंदा हत्याओं की साजिश की ओर इशारा करती है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में ड्रोन के जरिये गिराये गए अधिकांश हथियार और विस्फोटक बरामद कर लिए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि मॉड्यूल के दो और सदस्यों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।
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UP News : आतंकवादी मुठभेड़ मामले में अदालत में पेश हुए राज्यमंत्री असीम अरुण

Aseem arun ex ips
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:39 AM
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Lucknow : लखनऊ। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IPS) के पूर्व अधिकारी से यूपी सरकार (UP Government) में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने असीम अरुण (Aseem Arun) 2017 में एक कथित आतंकवादी के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने से संबंधित मामले में सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की विशेष अदालत (Special Court) के समक्ष पेश हुए। समय की कमी के कारण उनका बयान पूरा नहीं हुआ, इसलिए अदालत ने उन्हें मंगलवार को फिर बुलाया है। घटना के समय असीम अरुण उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) के महानिरीक्षक (IG) थे। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अपर पुलिस महानिदेशक स्घ्तर के अधिकारी अरुण ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर चुनाव लड़ा और विधायक बनने के बाद उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। अभियोजन के अनुरोध पर एनआईए के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा ने असीम अरुण की गवाही पूरी करने के लिए अरुण को मंगलवार की सुबह अदालत में बुलाया है। इससे पहले आरोपी फैजल और आतिफ के वकील ने मामले में अरुण से जिरह की। गौरतलब है कि एटीएस ने 7-8 मार्च, 2017 को लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में एक घर पर छापा मारा था और उज्जैन ट्रेन विस्फोट मामले में शामिल एक आतंकवादी सैफुल्ला को मार गिराया था। एटीएस ने घर से कई गोला-बारूद और हथियार बरामद किए थे। जांच के दौरान, एटीएस ने पाया कि हथियारों का इस्तेमाल एक शिक्षक की हत्या में किया गया था। बाद में एटीएस ने इस मामले में फैजल और आतिफ के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। अदालत ने मामले में अरुण को गवाह के तौर पर पेश होने के लिए तलब किया।