स्ट्रेंजर थिंग्स सीजन 5: वेक्ना की वापसी, डर ऐसा कि स्क्रीन से नहीं हटेंगी आंखें

हर एपिसोड का रनटाइम एक घंटे से ज्यादा है, यानी कंटेंट भरपूर है, स्किप करने की गुंजाइश कम। तो क्या वेक्ना सच में लौट आया है? क्या इलेवन और उसके दोस्त फिर से इस दहशत से लड़ पाते हैं? यही जानने की कोशिश है इस रिव्यू में।

वेक्ना की वापसी के साथ लौट आया स्ट्रेंजर थिंग्स का सबसे डार्क सीजन
वेक्ना की वापसी के साथ लौट आया स्ट्रेंजर थिंग्स का सबसे डार्क सीजन
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Nov 2025 03:05 PM
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Stranger Things Season 5 Volume 1 : अगर किसी वेब सीरीज की रिलीज़ के दिन ओटीटी प्लेटफॉर्म ही संभल न पाए, तो समझ लीजिए कि शो ने दुनिया भर के दर्शकों के दिमाग पर पहले ही कब्जा जमा लिया है। हॉरर, एडवेंचर, एक्शन, सस्पेंस और थ्रिल का जबरदस्त मिश्रण ‘Stranger Things’ अपने पांचवें और फाइनल सीजन के साथ लौट आया है। चौथे सीजन के बाद इसे आने में भले ही तीन साल से ज्यादा का इंतज़ार करना पड़ा हो, लेकिन डफर ब्रदर्स ने इस लंबे गैप को कहानी और टेक्निकल लेवल पर और मज़बूत बनाने में भरपूर इस्तेमाल किया है। इस बार कुल 8 एपिसोड हैं, जिनमें से अभी 4 एपिसोड ‘वॉल्यूम 1’ के रूप में रिलीज किए गए हैं। हर एपिसोड का रनटाइम एक घंटे से ज्यादा है, यानी कंटेंट भरपूर है, स्किप करने की गुंजाइश कम। तो क्या वेक्ना सच में लौट आया है? क्या इलेवन और उसके दोस्त फिर से इस दहशत से लड़ पाते हैं? यही जानने की कोशिश है इस रिव्यू में।

बुनियादी जानकारी

  • नाम – Stranger Things Season 5 Volume 1 (स्ट्रेंजर थिंग्स सीजन 5 वॉल्यूम 1)
  • शो रनर्स – डफर ब्रदर्स (मैट डफर, रॉस डफर)
  • कलाकार – विनोना राइडर, डेविड हार्बर, मिली बॉबी ब्राउन, फिन वुल्फहार्ड, गेटन मेटारेज़ो और अन्य
  • एपिसोड्स (वॉल्यूम 1) – 4
  • रिलीज़ डेट (भारत में) – 27 नवंबर 2025

कहानी की शुरुआत: रीकैप से लेकर नए खतरे तक

सीजन 5 की शुरुआत में सबसे पहले सीजन 4 का रीकैप दिखाया गया है, जो तीन साल के गैप के बाद दर्शकों को तुरंत कहानी से जोड़ देता है। फ्रेम 1983 के दौर से खुलता है और कुछ ही देर में हम वर्तमान समय में पहुंच जाते हैं, जहां इलेवन और बाकी के बच्चे अब टीनएज पार कर बड़े हो चुके हैं। पिछले सीजन के अंत में उन्हें लगा था कि वेक्ना को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया गया है, लेकिन यहां जल्द ही साफ हो जाता है कि लड़ाई खत्म नहीं हुई, बल्कि पहले से कहीं ज्यादा डरावनी हो गई है। एक रहस्यमय और बेहद खतरनाक क्रिचर की झलक मिलती है, जिसे देखकर सभी का शक फिर से वेक्ना पर ही जाता है। अब बड़ा सवाल यही है कि – क्या वेक्ना सच में लौट आया है? या यह सिर्फ एक थ्योरी है, जो डर और शक से पैदा हुई है? इसका जवाब आपको शो देखकर ही मिलेगा, और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत भी है।

इंसानों का ‘बबल वर्ल्ड’ और बंटी हुई टीम

इस बार की कहानी की खास बात यह है कि दोस्तों का ग्रुप पूरी तरह एक जगह नहीं है। हर कोई अपने-अपने मोर्चे पर अलग लड़ाई लड़ रहा है। हॉकिन्स में वापसी पुराने सेटअप और यादों को वापस लाती है, लेकिन इस बार मॉल की जगह एक रेडियो स्टेशन नॉस्टैल्जिया और प्लॉट दोनों का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है। यह रेडियो स्टेशन बर्नआउट रॉबिन (माया हॉक) और स्टीव (जो कीरी) चलाते हैं, जो एयरवेव के सहारे देशभर के लोगों को कोडेड मैसेज भेजने का काम करते हैं। टीम एक बार फिर अलग-अलग साइड क्वेस्ट पर निकलती है और यहीं से सस्पेंस की परतें धीरे-धीरे खुलनी शुरू होती हैं। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, थ्रिल, टेंशन और अनसुलझी मिस्ट्री लगातार बढ़ती जाती हैं।

क्या है वॉल्यूम 1 की सबसे बड़ी खूबियां?

1. दूसरे एपिसोड से ही पकड़ लेती है गर्दन

चार एपिसोड के इस वॉल्यूम में दूसरे एपिसोड तक पहुंचते-पहुंचते शो आपको ऐसा सीक्वेंस देता है कि आप न कुर्सी से उठ पाते हैं, न प्लेयर पर पॉज़ या स्किप का बटन दबा पाते हैं।

वेक्ना के क्रिचर का नैन्सी की बहन पर हमला और उसकी मां का बुरी तरह घायल होना ये सीन सिर्फ हॉरर नहीं, इमोशनल शॉक भी पैदा करते हैं।

2. टेक्निकल लेवल पर एक कदम और आगे

इस बार डफर ब्रदर्स ने अपनी सुपरनैचुरल दुनिया की सीमाएं और आगे धकेल दी हैं।आंखों को थाम लेने वाला VFX, माहौल बना देने वाला दमदार BGM, साउंड डिज़ाइन की महीन डिटेलिंग और क्रिचर डिज़ाइन की चौंकाने वाली क्वालिटी ये सब मिलकर छोटे पर्दे पर भी बड़े परदे जैसा अनुभव गढ़ते हैं। कई सीक्वेंस इतने इमर्सिव लगते हैं कि देखते-देखते मन में बार–बार यही ख्याल आता है—इसे थियेटर की विशाल स्क्रीन पर देख पाना कितना शानदार होता।

3. क्लाइमेक्स

लगभग हर एपिसोड का क्लाइमेक्स और खासकर वॉल्यूम 1 के आखिरी एपिसोड के अंतिम 20–25 मिनट शो की असली जान हैं। बिना रुके चलता हाई–ऑक्टेन एक्शन,पलों में शिफ्ट होते विजुअल और सेट–पीस,हॉरर की चमक और अचानक सामने आ जाने वाले ट्विस्ट ये सब मिलकर ऐसा असर छोड़ते हैं कि एपिसोड खत्म होने के बाद भी दिमाग उसी दुनिया में अटका रह जाता है और हाथ खुद-ब-खुद अगला एपिसोड प्ले करने की तरफ बढ़ जाता है।

काल्पनिक दुनिया में असली डर

एक्टिंग के मोर्चे पर पूरी स्टारकास्ट फिर साबित कर देती है कि Stranger Things सिर्फ VFX या हॉरर नहीं, दिल से भी खेलता है। इलेवन की भीतर चल रही जंग, दोस्तों के रिश्तों में छुपी गर्माहट और हर फ्रेम में मौजूद अनदेखे खतरे की धड़कन—सब कुछ इतना ऑर्गेनिक लगता है कि दर्शक खुद को हॉकिन्स की उसी डरावनी, लेकिन अपनापन भरी दुनिया का हिस्सा महसूस करने लगते हैं। डफर ब्रदर्स का यह क्रिएटेड ‘बबल वर्ल्ड’ सिर्फ देखा नहीं जाता, जिया जाता है।

कहां थोड़ा निराश करता है वॉल्यूम 1?

1. क्लिफहैंगर का ज़्यादा इस्तेमाल - फैंस इस फाइनल सीजन का सालों से इंतज़ार कर रहे थे, ऐसे में वॉल्यूम 1 को तीखे क्लिफहैंगर पर रोक देना कुछ दर्शकों को आधी कहानी पर ही छोड़ देने जैसा महसूस हो सकता है।

वॉल्यूम 1 आपके सभी सवालों का जवाब नहीं देता दूसरा कई अहम रहस्य अभी भी परदे के पीछे छुपे रहते हैंजो दर्शक साफ-सुथरा क्लोज़र पसंद करते हैं, उनके लिए यह एपिसोड स्ट्रक्चर थोड़ी झुंझलाहट और अधूरापन दोनों साथ-साथ छोड़ सकता है।

2. किरदारों की पर्सनल लाइफ में अचानक की गई छलांग - किरदारों की पर्सनल लाइफ को गहराई से टटोलने के बजाय कई ट्रैक ऐसे लगते हैं मानो किसी ने रिमोट उठाकर सीधे ‘फास्ट फॉरवर्ड’ दबा दिया हो। कुछ रिश्ते बिना तैयारी के अचानक नई दिशा में मुड़ते दिखते हैं और टीनएज किरदारों पर सेक्सुअलिटी से जुड़े सबप्लॉट इस तरह जोड़ दिए गए हैं कि उनके लिए कोई ठोस बैकस्टोरी या इमोशनल बिल्डअप महसूस नहीं होता। नतीजा यह है कि जहां अब तक Stranger Things अपने इमोशनल शेड्स को बारीकी से बुनने के लिए सराही जाती रही है, वहीं इस बार कुछ दर्शकों को यह अप्रोच थोड़ा जल्दबाज़ और असहज लग सकता है। Stranger Things Season 5 Volume 1

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युवा डायरेक्टर निहारिका साहनी की पहली फिल्म ‘आत्माराम लाइव’ का धमाकेदार रिलीज़

आत्माराम लाइव एक ताजा और साहसी प्रयास है जो कॉमेडी, हॉरर और सोशल मीडिया सटायर का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है। इसे दर्शकों को एक बार जरूर देखना चाहिए।

Atmaram Live movie
युवा डायरेक्टर निहारिका साहनी (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar27 Nov 2025 01:19 PM
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युवा डायरेक्टर निहारिका साहनी की पहली फीचर फिल्म आत्माराम लाइव इस सप्ताह चुनिंदा सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। सोशल मीडिया की अंधी दौड़ और रातों-रात स्टार बनने की चाहत पर आधारित यह विषय शायद पहली बार मुख्यधारा की किसी फिल्म में इतनी स्पष्टता से दिखाया गया है—जहां कंटेंट की भूख इंसान को किस हद तक ले जाती है, यह फिल्म बड़े पर्दे पर बखूबी प्रस्तुत करती है।

कहानी

फिल्म की कहानी एक संघर्षरत सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक छोटे से गांव से बड़े शहर में सुपरस्टार बनने का सपना लेकर आता है। पिता ने इंजीनियरिंग में करियर बनाने की उम्मीद में उसे बी.टेक करवाया था, मगर युवक सोशल मीडिया की दुनिया में नाम कमाने के सपने में खो चुका है।

शहर में वह अपने साथी—पास की सब्ज़ी मंडी में काम करने वाले एक सरदार युवक—के साथ वीडियो बनाता है, पर हर बार असफल होता है। इसी दौरान सरदार मित्र के दादा जी का निधन हो जाता है, और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचने पर इन्फ्लूएंसर को अचानक हॉरर कंटेंट बनाने का आइडिया आता है। वीडियो शूट करते हुए उसका पांव एक जली चिता की राख पर पड़ जाता है और राख उसके जूते में फंस जाती है।

यहीं से शुरू होता है कॉमेडी और हॉरर का ऐसा सिलसिला, जो धीरे-धीरे दोनों दोस्तों की जिंदगी को उलझा देता है। चिता की राख के साथ “आत्माराम” का पीछा करना उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी को हिलाकर रख देता है। वहीं अपनी दादी की मृत्यु से दुखी युवती वैष्णवी भी इस अजीबोगरीब घटनाक्रम में उलझ जाती है।

फिल्म की खासियत

फिल्म सोशल मीडिया की व्यावहारिकता और युवाओं की हर वक्त ऑनलाइन रहने की मानसिकता पर एक सटीक व्यंग्य है। कई संवाद जहां दर्शकों को हंसाते हैं, वहीं कुछ संवाद सोचने पर मजबूर भी करते हैं। निर्देशिका निहारिका साहनी ने सीमित संसाधनों और पूरी तरह नई स्टार कास्ट के साथ एक अलग तरह का कंटेंट पेश करने का जोखिम उठाया है, जो सराहनीय है। नई कास्ट के साथ फिल्म को कमर्शियल सफलता दिलाना आसान नहीं होता, लेकिन कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में अच्छा प्रदर्शन दिया है।

रीति-रिवाजों और मान्यताओं से जुड़े हास्य तत्वों को हॉरर टोन के साथ ठीक ढंग से पेश किया गया है। कुछ दृश्य डराते हैं, तो कुछ अच्छी हंसी भी दिलाते हैं—ठीक वैसे ही जैसे स्त्री सीरीज ने दर्शकों को पसंद आई थी। फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी है, मगर इंटरवल के बाद रफ्तार पकड़ती है और क्लाइमेक्स तक दर्शकों को जोड़े रखने में कामयाब रहती है।

तकनीकी पहलू

  • निर्देशन, लेखन व निर्माण: निहारिका साहनी
  • म्यूजिक प्रोडक्शन: अंकित दीपक तिवारी
  • मुख्य कलाकार: विट्ठल चड्ढा, आकाशदीप सिंह, अव्याना शर्मा

अंतिम शब्द

आत्माराम लाइव वह फिल्म है जो केवल मनोरंजन नहीं करती, बल्कि सोशल मीडिया की अंधी रेस, उसके प्रभाव और युवा पीढ़ी की मानसिकता पर एक गहरी टिप्पणी भी पेश करती है। नई टीम और सीमित बजट में बनाई गई यह फिल्म दर्शाती है कि कंटेंट दमदार हो तो बड़े नाम जरूरी नहीं।

मेकर इसे भारत के साथ-साथ इंटरनेशनल रिलीज़ के लिए भी तैयार कर रहे हैं, जो इस अनोखे प्रयोग को और व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचाएगा। ओवरऑल — यह फिल्म कॉमेडी, हॉरर और सोशल मीडिया सटायर का ताज़ा मिश्रण है, जिसे एक बार ज़रूर देखा जा सकता है।

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धर्मेंद्र के आखिरी मैसेज की प्यारी दुआ: फैन्स को छू गया उनका सरल और गर्मजोशी भरा संदेश

धर्मेंद्र का अंतिम इंस्टाग्राम वीडियो और मैसेज उनके फैंस के लिए दिल को छू देने वाला आशीर्वाद था। उनकी सादगी, दुआएं और नेक संदेश अब भी यादों में गूंजते हैं।

धर्मेंद्र आखिरी संदेश
धर्मेंद्र आखिरी संदेश
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar25 Nov 2025 11:48 AM
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धर्मेंद्र अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका अंतिम इंस्टाग्राम पोस्ट और संदेश अब भी फैन्स के दिलों में गूंज रहा है। 24 नवंबर 2025 को उनका निधन हुआ, और उनकी इंस्टा वीडियो-पोस्ट में दी गई दुआएं और सादगी ने उन्हें याद करने का एक भावनात्मक मोड़ बना दिया है।

धर्मेंद्र का आखिरी इंस्टाग्राम वीडियो और संदेश

धर्मेंद्र ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर 2 अक्टूबर को एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह गोल्फ कार्ट पर बैठे हुए दिखे। उनके आसपास स्टाफ मेंबर्स थे और उन्होंने प्रेम और सादगी से अपने फॉलोअर्स को दशहरे की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा, “तमाम भाई-बहनों को, बच्चे-बच्चियों को, दशहरा की शुभकामनाएँ। भगवान आपको लंबी सेहत दे, खुशियाँ दे और अब आप नेक बन के रहें, तब तो तरक्की ही तरक्की है।” इस संदेश में उनकी सरलता और उनकी दिल की गर्मजोशी साफ झलक रही थी।

उनकी इस पोस्ट पर उनके बेटे सनी देओल, बॉबी देओल और बेटी एशा देओल ने हार्ट इमोजी बनाकर अपनी भावनाएँ व्यक्त की थीं।

स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद की हालात

उनकी तबीयत की खबर पहली बार 10 नवंबर को सामने आई, जब उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद वह घर वापस चले गए, और परिवार ने उनकी देखभाल करने की व्यवस्था की। करीबी सूत्रों का कहना था कि धर्मेंद्र धीरे-धीरे रिकवर कर रहे थे।

फिल्म इंडस्ट्री से श्रद्धांजलि और यादें

धर्मेंद्र के निधन के बाद बॉलीवुड जगत में गहरी ख़ामोशी छा गई है। अमिताभ बच्चन ने उन्हें याद करते हुए लिखा कि धर्मेंद्र “महानता के प्रतीक” थे. न सिर्फ अपनी पहचान, बल्कि अपने बड़े दिल, सादगी और प्यारे व्यक्तित्व के लिए भी। अमिताभ ने कहा कि धर्मेंद्र ने पंजाब के गाँव की मिट्टी की खुशबू इंडस्ट्री में लाकर अपनी सादगी कायम रखी, और बदलाव भरे दशकों में भी अपनी सच्चाई नहीं छोड़ी।

वहीं, शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी यादों में बताया कि उनकी आखिरी मुलाकात में धर्मेंद्र मुस्कुरा रहे थे, और उनकी बीमारी के बावजूद उनमें वह पुराना तेज़ था। शत्रु ने कहा, “जब मैं उनके घर गया था, तब उनका मुस्कुराता चेहरा देख कर हमें उम्मीद हुई थी कि शायद वह ठीक हो जाएंगे।”

धर्मेंद्र की विरासत और फैन्स पर असर

धर्मेंद्र का वह सरल और प्रेम-भरा आखिरी संदेश उनके फॉलोअर्स के लिए सिर्फ एक शुभकामना नहीं था. यह एक सिख और आशीर्वाद था। उन्होंने न केवल अपनी लंबी सेहत और खुशियों की दुआ दी, बल्कि नेक रास्ते पर चलने की सलाह भी दी। उनके ये शब्द उनके अंदाज़ की सादगी और इंसानियत को दर्शाते हैं, जिसे फैन्स कभी नहीं भूलेंगे।

उनकी यादें, उनकी फिल्मों की विरासत और उनका इंसानी संदेश हमेशा बॉलीवुड और उनके चाहने वालों के दिलों में जिंदा रहेंगे।