Corona News : कोरोना अब नहीं है महामारी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:28 AM
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राष्ट्रीय ब्यूरो।

कोरोना को लेकर देश में बड़ी राहत भरी खबर आ रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने तीसरी लहर की आशंका को खारिज करते हुए दावा किया कि अब कोरोना का संक्रमण महामारी नहीं है।

बतादे कि पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार 50 हजार से कम दर्ज किए जा रहे हैँ। साथ ही इससे होने वाली मृत्युदर में भी गिरावट आई है। ऐसे में गुलेरिया ने कहाकि कोरोना अब महामारी नहीं रह गई है। बावजूद अभी लोगों को पूरी तरह टीकाकरण हो जाने तक सावधान रहने की जरूरत है। विशेषकर त्योहारों पर भीड़भाड़ मे जाने से परहेज करना होगा। उन्होंने कहाकि कोरोना का संक्रमण अब 25 से 40 हजार के बीच आ रहा है। अगर लोग सख्ती से कोरोना गाइड लाइन का पालन करें तो इसमें धीरे-धीरे और गिरावट आती जाएगी। गुलेरिया ने कहाकि अब भारत से कोरोना कभी पूरी तरह खत्म नहीं होगा,लेकिन देश मे जिस तरह से टीकाकरण हो रहा है,इसे देखते हुए अब इसका महामारी के रूप में या बड़े पैमाने पर फैलना मुश्किल है। साथ उन्होंने तीसरी लहर की आशंका को भी खारिज करते हुए कहाकि अब वो दिन दूर नहीं जब लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बन जाएगी और इस बीमारी का असर आम फ्लू या साधारण खांसी,जुकाम तक सीमित हो जाएगा।

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Health Update- हवाना सिंड्रोम का पहला केस आया सामने

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Havana syndrome case in India (PC-nbcnews)
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar02 Dec 2025 01:28 AM
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NbcnewsHealth Desk- हवाना सिंड्रोम (Havana Syndrome) जो कि एक रहस्यमयी और गम्भीर बीमारी है, इसके लक्षण भारत में भी देखने को मिले हैं। भारत आए अमेरिकी CIA में इसके होने की पुष्टि की गई है। गौरतलब है कि इसी महीने विलियम बर्न्स के साथ CIA के डायरेक्टर भी भारत दौरे पर आए थे। जब वो यहां से वापस अमेरिका गए थे तो उन्हें अपनी हालत ठीक नहीं लगी, जिसकी वजह से उन्हें इलाज कराने की आवश्यकता हो गई। इसके बाद उन्होंने जांच कराई और जांच में हवाना सिंड्रोम (Havana Syndrome) के लक्षण सामने आए।

वहीं अभी हाल ही में अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris)भी वियतनाम दौरे पर गई थी। जब उन्होंने ये यात्रा की थी उससे पहले वियतनाम में इसके 2 मामले सामने आए थे। इस बीमारी की शुरुआत क्यूबा की राजधानी (capital of Cuba) हवाना से हुई है। हवाना (Havana) में साल 2016 में इसके मामले सामने आए थे। बस तभी से इस बीमारी को हवाना के नाम पर 'हवाना' नाम दे दिया गया।

हम आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि अब तक इस भयंकर सिंड्रोम से अमेरिका के 200 से भी अधिक अधिकारी और उनके परिवार संक्रमित हो चुके हैं। चीन(China), रूस(Russia), जर्मनी(Germany) और ऑस्ट्रिया (Austria)के अधिकारियों ने इस बीमारी के बारे में जानकारी प्रदान की है। इसके लक्षण के बारे में सभी को जानकारी होनी चाहिए। इसके लक्षणों में मेमोरी लॉस होना, चक्कर आना, सुनने में दिक्कत आना, जी मचलाना और टिटनेस आदि जैसी समस्याएं शामिल हैं।

इस मामले पर जानकारी देते हुए CIA के प्रवक्ता ने कहा कि अधिकारी और ऐजेंसी ऐसी मामले में टिप्पणियां नहीं करती हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उनके पास असमान्य घटनाओं के लिए प्रोटोकॉल होता है। उनके इस प्रोटोकॉल में उचित इलाज भी शामिल है। बताया जा रहा है कि जो अधिकारी बर्न्स के साथ भारत आए थे उनका अमेरिका जाते ही सही इलाज कराया गया है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन: देर तक नौकरी और एयर पॉल्यूशन से बढ़ रहा खतरा

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Sep 2021 04:16 PM
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वर्कप्लेस पर एयर पॉल्यूशन, शोर और देर तक काम करने जैसे रिस्क फैक्टर कर्मचारियों की जान मुश्किल में डाल रहे हैं। जॉब के दौरान होने वाली बीमारियां और इंजरी मौत का कारण बनती जा रही है। साल 2016 में इसके कारण दुनियाभर में 20 लाख लोगों ने दम तोड़ दिया है।

वर्कप्लेस पर अलग-अलग दिक्कतों से परेशान होने वाले कर्मचारियों पर पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन द्वारा जॉइंट रिपोर्ट जारी हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2000 से 2016 के बीच हुए काम के दौरान कर्मचारियों को होने वाली बीमारियों और इंजरीज की मॉनिटरिंग हो रही है। रिपोर्ट में मालूम हुआ है कि सबसे ज्यादा कर्मचारियों की मौत सांस और हृदय रोगों से होती है।

देर तक काम करने से होती है अधिक मौत

रिपोर्ट में मिली जानकारी के मुताबिक, 7.50 लाख लोगों की मौत अधिक समय तक काम करने से हुई है। वहीं 4.50 लाख मौतें वर्कप्लेस पर एयर पॉल्यूशन की समस्या के कारण हुई है।

विश्व में अधिक 81 फीसदी तक मौतों की वजह नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज बताई गई है। नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज यानी वो बीमारियां हैं जो एक से दूसरे इंसान में संक्रमण के जरिए नहीं फैैल पाती हैं।

कर्मचारियों की सेहत पर पड़ रहा प्रभाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेड्रोस अधानोम गैब्रिएसस ने बताया कि, यह चौंकाने वाली स्थिति है कि नौकरी में ज्यादा समय देने से इंसान की जान का खतरा बढ़ रहा है। हमारी रिपोर्ट सभी देशों को यह समझने में सहायता करेगी कि कर्मचारियों की सेहत और सुरक्षा के इंतजाम में सुधार की आवश्यकता है।