भारत के जल-प्रहार से पाकिस्तान बेहाल : पानी-पानी होने की नौबत

पाकिस्तान की मुसीबतें बढ़ीं
पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट, महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा था। अब जब भारत ने सिंधु जल समझौते पर रोक लगाई है, तो उसकी कृषि, बिजली और खाद्य आपूर्ति पर सीधा असर पड़ने वाला है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान की लगभग 90% सिंचाई सिंधु नदी पर निर्भर है। अब नदियों का पानी बाधित होने से वहां खेती-किसानी बर्बाद होने की कगार पर पहुंच सकती है। बिजली संकट भी बड़ा खतरा बन रहा है क्योंकि पाकिस्तान के कई हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर आधारित हैं। अगर पानी कम हुआ, तो अंधेरे में डूबे शहर और गांव पाकिस्तान का नया सच बन सकते हैं।सिंधु जल समझौते पर एक नजर
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई इस संधि के तहत सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान को मिला था, जबकि रावी, व्यास और सतलुज नदियां भारत के हिस्से आई थीं। इसके बावजूद भारत ने आज तक अपनी हिस्सेदारी से ज्यादा पानी पाकिस्तान को दिया है। लेकिन बार-बार के आतंकी हमलों ने भारत को अब यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि दुश्मन देश को मुफ्त में बहती नदियों का लाभ क्यों दिया जाए।भारत के एक्शन से पाकिस्तान को लगी 5 बड़ी चोटें
वार्ता बंद : दोनों देशों के जल आयुक्तों की वार्षिक बैठकें अब बंद हो गई हैं। आपसी संवाद का रास्ता पूरी तरह बंद। जल आंकड़ों की आपूर्ति रुकी : भारत अब पाकिस्तान को बाढ़ चेतावनी, जल प्रवाह और ग्लेशियर पिघलने जैसी अहम जानकारियां नहीं देगा, जिससे पाकिस्तान प्राकृतिक आपदाओं से अनजान रहेगा। नदी परियोजनाओं पर रोकटोक खत्म : पाकिस्तान को अब भारत की पश्चिमी नदियों पर बनने वाली परियोजनाओं के डिजाइन या प्रगति पर आपत्ति करने का अधिकार नहीं रहेगा। निरीक्षण पर रोक : पाकिस्तान के जल आयुक्त अब भारत में कोई निरीक्षण नहीं कर सकेंगे, जिससे उन्हें भारत की जल नीतियों पर जानकारी नहीं मिलेगी। रिपोर्ट बंद : स्थायी सिंधु आयोग अब पाकिस्तान को कोई वार्षिक रिपोर्ट नहीं देगा, जिससे उनकी सिंचाई और कृषि योजनाएं गड़बड़ा सकती हैं।भारत का कड़ा संदेश
भारत ने यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों को अब हर मोर्चे पर जवाब मिलेगा। सिंधु जल संधि को स्थगित करना कोई साधारण कदम नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान को चेतावनी है कि अगर वह आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ेगा, तो आने वाले दिन उसके लिए और भी कठिन होंगे। याद रहे, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरान घाटी में हुए आतंकी हमले में निर्दोष 26 पर्यटक मारे गए। हमलावरों ने नाम पूछकर, धर्म पूछकर चुन-चुन कर लोगों की हत्या की थी। इस बर्बरता ने पूरे भारत को हिला दिया था। अब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ हर संभव मोर्चे पर आक्रामक रुख अपना लिया है। Pahalgam Terror Attackघाटी में सक्रिय आतंकियों में मची खलबली, 7 के घरों को किया ध्वस्त
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पाकिस्तान की मुसीबतें बढ़ीं
पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट, महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा था। अब जब भारत ने सिंधु जल समझौते पर रोक लगाई है, तो उसकी कृषि, बिजली और खाद्य आपूर्ति पर सीधा असर पड़ने वाला है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान की लगभग 90% सिंचाई सिंधु नदी पर निर्भर है। अब नदियों का पानी बाधित होने से वहां खेती-किसानी बर्बाद होने की कगार पर पहुंच सकती है। बिजली संकट भी बड़ा खतरा बन रहा है क्योंकि पाकिस्तान के कई हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर आधारित हैं। अगर पानी कम हुआ, तो अंधेरे में डूबे शहर और गांव पाकिस्तान का नया सच बन सकते हैं।सिंधु जल समझौते पर एक नजर
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई इस संधि के तहत सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान को मिला था, जबकि रावी, व्यास और सतलुज नदियां भारत के हिस्से आई थीं। इसके बावजूद भारत ने आज तक अपनी हिस्सेदारी से ज्यादा पानी पाकिस्तान को दिया है। लेकिन बार-बार के आतंकी हमलों ने भारत को अब यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि दुश्मन देश को मुफ्त में बहती नदियों का लाभ क्यों दिया जाए।भारत के एक्शन से पाकिस्तान को लगी 5 बड़ी चोटें
वार्ता बंद : दोनों देशों के जल आयुक्तों की वार्षिक बैठकें अब बंद हो गई हैं। आपसी संवाद का रास्ता पूरी तरह बंद। जल आंकड़ों की आपूर्ति रुकी : भारत अब पाकिस्तान को बाढ़ चेतावनी, जल प्रवाह और ग्लेशियर पिघलने जैसी अहम जानकारियां नहीं देगा, जिससे पाकिस्तान प्राकृतिक आपदाओं से अनजान रहेगा। नदी परियोजनाओं पर रोकटोक खत्म : पाकिस्तान को अब भारत की पश्चिमी नदियों पर बनने वाली परियोजनाओं के डिजाइन या प्रगति पर आपत्ति करने का अधिकार नहीं रहेगा। निरीक्षण पर रोक : पाकिस्तान के जल आयुक्त अब भारत में कोई निरीक्षण नहीं कर सकेंगे, जिससे उन्हें भारत की जल नीतियों पर जानकारी नहीं मिलेगी। रिपोर्ट बंद : स्थायी सिंधु आयोग अब पाकिस्तान को कोई वार्षिक रिपोर्ट नहीं देगा, जिससे उनकी सिंचाई और कृषि योजनाएं गड़बड़ा सकती हैं।भारत का कड़ा संदेश
भारत ने यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों को अब हर मोर्चे पर जवाब मिलेगा। सिंधु जल संधि को स्थगित करना कोई साधारण कदम नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान को चेतावनी है कि अगर वह आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ेगा, तो आने वाले दिन उसके लिए और भी कठिन होंगे। याद रहे, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरान घाटी में हुए आतंकी हमले में निर्दोष 26 पर्यटक मारे गए। हमलावरों ने नाम पूछकर, धर्म पूछकर चुन-चुन कर लोगों की हत्या की थी। इस बर्बरता ने पूरे भारत को हिला दिया था। अब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ हर संभव मोर्चे पर आक्रामक रुख अपना लिया है। Pahalgam Terror Attackघाटी में सक्रिय आतंकियों में मची खलबली, 7 के घरों को किया ध्वस्त
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