Corruption in Bihar : बिहार के धनकुबेर इंजीनियर के घर विजिलेंस का छापा, सवा पांच करोड़ की नकदी मिली
भारत
चेतना मंच
27 Aug 2022 09:04 PM
Patna : पटना। ‘कोई खाते-खाते मरे, कोई खाय बिना मरे।’ यह कहावत (Proverb) तो आपने सुनी ही होगी। इस कहावत को बिहार के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (Executive Engineer) ने चरितार्थ किया है। विजिलेंस (Vigilance) ने छापेमारी (Raid) कर रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (Rural Development Department) के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के ठिकानों से सवा पांच करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया है। इंजीनियर संजय कुमार राय (Sanjay Kumar Rai) के पटना (Patna) के दो और किशनगंज (Kishanganj) के तीन ठिकानों पर छापेमारी की गई है। पटना के ठिकानों से सवा करोड़ की नकदी और किशनगंज से चार करोड़ रुपये मिले हैं। दोनों जगह कैश गिनने के लिए मशीन मंगाई गई थी।
इंजीनियर संजय कुमार राय का घर पटना के बसंत बिहार कॉलोनी में है, जबकि तैनाती किशनगंज जिले में है। विजिलेंस की दो टीमों ने शनिवार सुबह 7 बजे एक साथ पटना और किशनगंज में छापे मारे। किशनगंज में 13 मेंबर्स की टीम ने संजय कुमार राय के रूईधाशा, उसके पर्सनल असिस्टेंट ओम प्रकाश यादव के लाइनपाड़ा और कार्यालय के कैशियर खुर्रम सुल्तान के लाइनपाड़ा में बने घर पर छापेमारी की।
बरामद रकम में करीब चार करोड़ रुपये पर्सनल असिस्टेंट ओम प्रकाश यादव के घर से और कैशियर के घर से करीब एक करोड़ कैश मिले हैं। ओम प्रकाश यादव को संजय कुमार राय ने अपने खर्च पर रखा था। इसी के माध्यम से वसूली करता था। पटना में संजय कुमार राय के घर से सवा करोड़ रुपये, लाखों रुपये की ज्वेलरी, बड़े स्तर पर जमीन और फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट के कागजात मिले हैं। जिनका कैलकुलेशन अभी किया जा रहा है।
इंजीनियर के बैंक स्टेटमेंट को भी विजिलेंस टीम चेक कर रही है। पटना में छापेमारी कर रहे डीएसपी सुजीत कुमार सागर के अनुसार इंजीनियर की अवैध कमाई की शिकायत मिलने पर जांच की गई थी। इसमें भ्रष्टाचार के ठोस सबूत मिले थे। इसके बाद ही पटना स्थित निगरानी थाना में इनके खिलाफ से आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया था। फिर विजिलेंस टीम कोर्ट से इनके ठिकानों को सर्च करने के लिए परमिशन मांगा गया था। कोर्ट से आदेश मिलते ही कार्रवाई कर दी गई। शाम तक इस मामले में और भी नए खुलासे हो सकते हैं।
अगली खबर पढ़ें
भारत
चेतना मंच
27 Aug 2022 09:04 PM
Patna : पटना। ‘कोई खाते-खाते मरे, कोई खाय बिना मरे।’ यह कहावत (Proverb) तो आपने सुनी ही होगी। इस कहावत को बिहार के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (Executive Engineer) ने चरितार्थ किया है। विजिलेंस (Vigilance) ने छापेमारी (Raid) कर रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (Rural Development Department) के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के ठिकानों से सवा पांच करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया है। इंजीनियर संजय कुमार राय (Sanjay Kumar Rai) के पटना (Patna) के दो और किशनगंज (Kishanganj) के तीन ठिकानों पर छापेमारी की गई है। पटना के ठिकानों से सवा करोड़ की नकदी और किशनगंज से चार करोड़ रुपये मिले हैं। दोनों जगह कैश गिनने के लिए मशीन मंगाई गई थी।
इंजीनियर संजय कुमार राय का घर पटना के बसंत बिहार कॉलोनी में है, जबकि तैनाती किशनगंज जिले में है। विजिलेंस की दो टीमों ने शनिवार सुबह 7 बजे एक साथ पटना और किशनगंज में छापे मारे। किशनगंज में 13 मेंबर्स की टीम ने संजय कुमार राय के रूईधाशा, उसके पर्सनल असिस्टेंट ओम प्रकाश यादव के लाइनपाड़ा और कार्यालय के कैशियर खुर्रम सुल्तान के लाइनपाड़ा में बने घर पर छापेमारी की।
बरामद रकम में करीब चार करोड़ रुपये पर्सनल असिस्टेंट ओम प्रकाश यादव के घर से और कैशियर के घर से करीब एक करोड़ कैश मिले हैं। ओम प्रकाश यादव को संजय कुमार राय ने अपने खर्च पर रखा था। इसी के माध्यम से वसूली करता था। पटना में संजय कुमार राय के घर से सवा करोड़ रुपये, लाखों रुपये की ज्वेलरी, बड़े स्तर पर जमीन और फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट के कागजात मिले हैं। जिनका कैलकुलेशन अभी किया जा रहा है।
इंजीनियर के बैंक स्टेटमेंट को भी विजिलेंस टीम चेक कर रही है। पटना में छापेमारी कर रहे डीएसपी सुजीत कुमार सागर के अनुसार इंजीनियर की अवैध कमाई की शिकायत मिलने पर जांच की गई थी। इसमें भ्रष्टाचार के ठोस सबूत मिले थे। इसके बाद ही पटना स्थित निगरानी थाना में इनके खिलाफ से आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया था। फिर विजिलेंस टीम कोर्ट से इनके ठिकानों को सर्च करने के लिए परमिशन मांगा गया था। कोर्ट से आदेश मिलते ही कार्रवाई कर दी गई। शाम तक इस मामले में और भी नए खुलासे हो सकते हैं।
Jharkhand Political Crisis : अब झारखंड में ऑपरेशन लोटस : हर पल बदल रहे हैं सियासी समीकरण
भारत
चेतना मंच
27 Aug 2022 08:23 PM
Ranchi : रांची। झारखंड में चलाए जा रहे ऑपरेशन लोटस (Operation Lotus) के तहत राजनीतिक हालात (Political Situation) तेजी से बदल रहे हैं। सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) अपने सभी विधायकों (legislators) को दो बसों में भरकर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के लिए रवाना हो गए हैं। इनमें कांग्रेस (Congress) और झामुमो (JMM) के विधायक शामिल हैं। एक बस में खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बैठे हुए हैं। सुबह से ही यह अटकलें लगाई जा रही थी कि हेमंत सोरेन अपने विधायकों को लेकर कहीं बाहर जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस गतिविधियों से यह साफ होता जा रहा कि झारखंड में विधायकों की तोड़फोड़ भी होने की आशंका बनी हुई है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक रोज पहले दावा किया था कि हेमंत सोरेन के पास सिर्फ 36 विधायक ही हैं। कयामत तक वह शेष विधायकों का प्रबंध नहीं कर पाएंगे। यह दावा उन्होंने झामुमो के इस दावे पर किया था कि उसके पास 50 विधायकों का समर्थन पत्र है।
दरअसल, मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करते समय कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय की गाड़ी की डिक्गी खुल गई। उसमें अटैची और पानी के ढेर सारी बोतलें देखी गईं। मीडिया के पूछने पर विधायक दीपिका पांडेय नाराज हो गईं। इसके बाद यह सूचना आने लगी कि कांग्रेस और झामुमो के विधायकों को पूरी तैयारी के साथ मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया है। चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद इन विधायकों को जरूरत पड़ने पर छत्तीसगढ़ ले जाया जा सकता है। लेकिन, अब सूचना है कि फैसला आने से पहले ही हेमंत सोरेन विधायकों को लेकर छत्तीसगढ़ रवाना हो गए हैं।
मालूम हो कि शुक्रवार को भाजपा सांसद डा निशिकांत दुबे ने ट्विट कर कहा था कि झामुमो और कांग्रेस के विधायक छत्तीसगढ़ पहुंचाए जा रहे हैं। लेकिन, देर शाम तक ऐसी कोई कवायद हेमंत सोरेन की ओर से नहीं देखी गई। रात को मुख्यमंत्री आवास पर सभी विधायक भोजन के लिए पहुंचे। उनकी बैठक भी होती रही। आज सुबह कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने भी दावा किया कि कोई विधायक कहीं नहीं जा रहा है। सभी विधायकों को रांची में रहने के लिए कहा गया है। बाहर ले जाने संबंधित अफवाह के कारण सभी दोनों पार्टी के नेता परेशान हैं।
इस बीच यह खबर आई कि मुख्यमंत्री आवास में दो बसें मंगाई गई हैं। इन्हीं बसों से इन विधायकों को लेकर छत्तीसगढ़ जाने की तैयारी की गई है। हालांकि इस बारे में मुख्यमंत्री आवास का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति कुछ नहीं बोल रहा था। विधायकों ने भी खामोशी की चादर ओढ़ ली थी। मुख्यमंत्री आवास में एक साथ दो बसें देखकर यह अंदाजा लगाया जाने लगा कि अब कुछ खेला होने वाला है।
उधर, आज शनिवार रात कांग्रेस ने बैठक बुलाई गई है। इसमें झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस प्रभारी शाम 7.50 बजे दिल्ली से रांची पहुंच रहे हैं। कांग्रेस अपने विधायकों को सहेजने की कवायद में लगी है। तीन विधायकों की कहानी सामने आने के बाद कांग्रेस ज्यादा अलर्ट मोड में है।
अगली खबर पढ़ें
भारत
चेतना मंच
27 Aug 2022 08:23 PM
Ranchi : रांची। झारखंड में चलाए जा रहे ऑपरेशन लोटस (Operation Lotus) के तहत राजनीतिक हालात (Political Situation) तेजी से बदल रहे हैं। सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) अपने सभी विधायकों (legislators) को दो बसों में भरकर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के लिए रवाना हो गए हैं। इनमें कांग्रेस (Congress) और झामुमो (JMM) के विधायक शामिल हैं। एक बस में खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बैठे हुए हैं। सुबह से ही यह अटकलें लगाई जा रही थी कि हेमंत सोरेन अपने विधायकों को लेकर कहीं बाहर जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस गतिविधियों से यह साफ होता जा रहा कि झारखंड में विधायकों की तोड़फोड़ भी होने की आशंका बनी हुई है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक रोज पहले दावा किया था कि हेमंत सोरेन के पास सिर्फ 36 विधायक ही हैं। कयामत तक वह शेष विधायकों का प्रबंध नहीं कर पाएंगे। यह दावा उन्होंने झामुमो के इस दावे पर किया था कि उसके पास 50 विधायकों का समर्थन पत्र है।
दरअसल, मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करते समय कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय की गाड़ी की डिक्गी खुल गई। उसमें अटैची और पानी के ढेर सारी बोतलें देखी गईं। मीडिया के पूछने पर विधायक दीपिका पांडेय नाराज हो गईं। इसके बाद यह सूचना आने लगी कि कांग्रेस और झामुमो के विधायकों को पूरी तैयारी के साथ मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया है। चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद इन विधायकों को जरूरत पड़ने पर छत्तीसगढ़ ले जाया जा सकता है। लेकिन, अब सूचना है कि फैसला आने से पहले ही हेमंत सोरेन विधायकों को लेकर छत्तीसगढ़ रवाना हो गए हैं।
मालूम हो कि शुक्रवार को भाजपा सांसद डा निशिकांत दुबे ने ट्विट कर कहा था कि झामुमो और कांग्रेस के विधायक छत्तीसगढ़ पहुंचाए जा रहे हैं। लेकिन, देर शाम तक ऐसी कोई कवायद हेमंत सोरेन की ओर से नहीं देखी गई। रात को मुख्यमंत्री आवास पर सभी विधायक भोजन के लिए पहुंचे। उनकी बैठक भी होती रही। आज सुबह कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने भी दावा किया कि कोई विधायक कहीं नहीं जा रहा है। सभी विधायकों को रांची में रहने के लिए कहा गया है। बाहर ले जाने संबंधित अफवाह के कारण सभी दोनों पार्टी के नेता परेशान हैं।
इस बीच यह खबर आई कि मुख्यमंत्री आवास में दो बसें मंगाई गई हैं। इन्हीं बसों से इन विधायकों को लेकर छत्तीसगढ़ जाने की तैयारी की गई है। हालांकि इस बारे में मुख्यमंत्री आवास का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति कुछ नहीं बोल रहा था। विधायकों ने भी खामोशी की चादर ओढ़ ली थी। मुख्यमंत्री आवास में एक साथ दो बसें देखकर यह अंदाजा लगाया जाने लगा कि अब कुछ खेला होने वाला है।
उधर, आज शनिवार रात कांग्रेस ने बैठक बुलाई गई है। इसमें झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस प्रभारी शाम 7.50 बजे दिल्ली से रांची पहुंच रहे हैं। कांग्रेस अपने विधायकों को सहेजने की कवायद में लगी है। तीन विधायकों की कहानी सामने आने के बाद कांग्रेस ज्यादा अलर्ट मोड में है।
Supreme Court : देश के 49वें मुख्य न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित का 73 दिनों का होगा कार्यकाल
भारत
चेतना मंच
27 Aug 2022 07:57 PM
New Delhi : नई दिल्ली। देश के 48वें मुख्य न्यायमूर्ति एनवी रमना (Justice NV Ramana) के रिटायर होने के बाद उदय उमेश ललित (UU Lalit) ने 49वें मुख्य न्यायमूर्ति की शपथ ली। उनका कार्यकाल सिर्फ 73 दिनों का होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने राष्ट्रपति भवन (President's House) में उन्हें शपथ (oath) दिलाई। वकालत करते हुए सीधे उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी तक पहुंचे ललित आठ नवंबर 2022 को रिटायर हो जाएंगे।
न्यायमूर्ति यूयू ललित शीर्ष अदालत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं, जिन्हें इस पद पर पहुंचने का गौरव प्राप्त हुआ। इससे पहले न्यायमूर्ति एसएम सीकरी को 13वां मुख्य न्यायाधीश बनने का सौभाग्य मिला था। उनका मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यकाल जनवरी 1971 से अप्रैल 1973 तक था। न्यायमूर्ति ललित का जन्म नौ नवंबर 1957 को हुआ था। जून 1983 में एक वकील के रूप में पंजीकरण हुआ और दिसंबर 1985 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में वकालत की। जनवरी 1986 में दिल्ली आकर वकालत जारी रखा। अप्रैल 2004 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। कई मामलों में एमिकस क्यूरी के रूप में भूमिका निभाई। उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत सभी 2जी मामलों में सुनवाई करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था।
दो कार्यकालों के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के सदस्य रहे और 13 अगस्त 2014 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए। भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति एनवी रमना करीब 16 महीनों तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहने के बाद 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए। न्यायमूर्ति ललित के बाद न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ के अगला मुख्य न्यायाधीश बनने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो वह करीब दो साल तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रह सकते हैं।
भारत
चेतना मंच
27 Aug 2022 07:57 PM
New Delhi : नई दिल्ली। देश के 48वें मुख्य न्यायमूर्ति एनवी रमना (Justice NV Ramana) के रिटायर होने के बाद उदय उमेश ललित (UU Lalit) ने 49वें मुख्य न्यायमूर्ति की शपथ ली। उनका कार्यकाल सिर्फ 73 दिनों का होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने राष्ट्रपति भवन (President's House) में उन्हें शपथ (oath) दिलाई। वकालत करते हुए सीधे उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी तक पहुंचे ललित आठ नवंबर 2022 को रिटायर हो जाएंगे।
न्यायमूर्ति यूयू ललित शीर्ष अदालत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं, जिन्हें इस पद पर पहुंचने का गौरव प्राप्त हुआ। इससे पहले न्यायमूर्ति एसएम सीकरी को 13वां मुख्य न्यायाधीश बनने का सौभाग्य मिला था। उनका मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यकाल जनवरी 1971 से अप्रैल 1973 तक था। न्यायमूर्ति ललित का जन्म नौ नवंबर 1957 को हुआ था। जून 1983 में एक वकील के रूप में पंजीकरण हुआ और दिसंबर 1985 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में वकालत की। जनवरी 1986 में दिल्ली आकर वकालत जारी रखा। अप्रैल 2004 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। कई मामलों में एमिकस क्यूरी के रूप में भूमिका निभाई। उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत सभी 2जी मामलों में सुनवाई करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था।
दो कार्यकालों के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के सदस्य रहे और 13 अगस्त 2014 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए। भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति एनवी रमना करीब 16 महीनों तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहने के बाद 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए। न्यायमूर्ति ललित के बाद न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ के अगला मुख्य न्यायाधीश बनने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो वह करीब दो साल तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रह सकते हैं।