Deoghar: देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर हादसा, रोप-वे की ट्रॉली टूटने से कई लोग घायल

Deoghar: तीन शिखर का पर्वत होने के कारण नाम पड़ा त्रिकुट पहाड़
बता दें कि त्रिकूट पर्वत दुमका रोड पर देवघर से लगभग 13 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है. तीन शिखरों का पर्वत होने के कारण इस पहाड़ को त्रिकुट पहाड़ के नाम से जाना जाता है. इस पहाड़ की तीनों चोटियों में सबसे ऊंची चोटी 2470 फीट की है. त्रिकुट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा ऊर्ध्वाधर रोपवे है. जिसका अधिकतम लेंस कोण 44 डिग्री है. रोपवे की लंबाई 766 मीटर (2512 फीट) है. झारखंड में त्रिकुट पहाड़ एकमात्र पर्यटन स्थल है जहां रोपवे का इस्तेमाल किया जाता है. रोप-वे में पर्यटकों के लिए कुल 25 केबिन उपलब्ध हैं, जिसमें प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं. रोपवे से पहाड़ की चोटी तक पहुंचने के लिए केवल 8 मिनट समय लगता है. रोपवे की क्षमता 500 लोग प्रति घंटे का है. >> ये भी पढ़े:- Amarnath Yatra Registration: आज से अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन शुरू, यहां जानें जरुरी बातेंअगली खबर पढ़ें
Deoghar: तीन शिखर का पर्वत होने के कारण नाम पड़ा त्रिकुट पहाड़
बता दें कि त्रिकूट पर्वत दुमका रोड पर देवघर से लगभग 13 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है. तीन शिखरों का पर्वत होने के कारण इस पहाड़ को त्रिकुट पहाड़ के नाम से जाना जाता है. इस पहाड़ की तीनों चोटियों में सबसे ऊंची चोटी 2470 फीट की है. त्रिकुट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा ऊर्ध्वाधर रोपवे है. जिसका अधिकतम लेंस कोण 44 डिग्री है. रोपवे की लंबाई 766 मीटर (2512 फीट) है. झारखंड में त्रिकुट पहाड़ एकमात्र पर्यटन स्थल है जहां रोपवे का इस्तेमाल किया जाता है. रोप-वे में पर्यटकों के लिए कुल 25 केबिन उपलब्ध हैं, जिसमें प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं. रोपवे से पहाड़ की चोटी तक पहुंचने के लिए केवल 8 मिनट समय लगता है. रोपवे की क्षमता 500 लोग प्रति घंटे का है. >> ये भी पढ़े:- Amarnath Yatra Registration: आज से अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन शुरू, यहां जानें जरुरी बातेंसंबंधित खबरें
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