Deoghar: देवघर के त्रिकुट पहाड़ पर हादसा, रोप-वे की ट्रॉली टूटने से कई लोग घायल

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Accident on Trikut mountain of Deoghar many people injured due to ropeway trolley breakdown
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userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:06 PM
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Deoghar News: बाबा नगरी देवघर में हादसा हुआ है. देवघर के त्रिकुट पहाड़ का रोप-वे की ट्राली टूटने (Ropeway trolley of Trikut mountain breaks) से कई लोग घायल हो गये हैं. कई लोग रोप-वे में फंसे (People Stuck in Ropeway) हुए हैं. लग भग 70 से 100 लोगों के फंसे होने की सूचना है. राहत और बचाव का काम शुरू करने के लिए प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है. लोगों ने रोप-वे के मैनेजर पर आरोप लगाया है कि, उनकी लापरवाही से ही ये दुर्घटना हुई है. इस बीच स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे ने इस हादसे में घायल लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. >> ये भी पढ़े:- Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में पुलिस भर्ती की तैयारी कर रही छात्रा बीच सड़क से हुई अगवा उन्होंने मुख्य सचिव और झारखंड सरकार और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अविलंब एनडीआरएफ की टीम (NDRF team) के साथ आवश्यक बचाव दल मौके पर भेजने का आग्रह किया है. जिसके  बाद एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है. दुबे ने तुरंत मामले पर संज्ञान में लेने के लिए गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है. देवघर डीसी ने बताया कि घटना में दो लोग घायल हुए हैं. जिन्हें अस्पताल भेज दिया गया है. कुछ लोग रेपवे के ट्रॉली में फंसे हुए हैं. (Deoghar) एनडीआरआफ की टीम की मदद से उन्हें बाहर निकाला जा रहा है. रेपवे का एक ट्रॉली जगह से खिसक जाने के कारण ये हादसा पेश आया है. >> ये भी पढ़े:- Pakistan Political Crisis: कौन बनेंगे पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री, जानिए विस्तार से

Deoghar: तीन शिखर का पर्वत होने के कारण नाम पड़ा त्रिकुट पहाड़

बता दें कि त्रिकूट पर्वत दुमका रोड पर देवघर से लगभग 13 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है. तीन शिखरों का पर्वत होने के कारण इस पहाड़ को त्रिकुट पहाड़ के नाम से जाना जाता है. इस पहाड़ की तीनों चोटियों में सबसे ऊंची चोटी 2470 फीट की है. त्रिकुट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा ऊर्ध्वाधर रोपवे है. जिसका अधिकतम लेंस कोण 44 डिग्री है. रोपवे की लंबाई 766 मीटर (2512 फीट) है. झारखंड में त्रिकुट पहाड़ एकमात्र पर्यटन स्थल है जहां रोपवे का इस्तेमाल किया जाता है. रोप-वे में पर्यटकों के लिए कुल 25 केबिन उपलब्ध हैं, जिसमें प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं. रोपवे से पहाड़ की चोटी तक पहुंचने के लिए केवल 8 मिनट समय लगता है. रोपवे की क्षमता 500 लोग प्रति घंटे का है. >> ये भी पढ़े:- Amarnath Yatra Registration: आज से अमरनाथ यात्रा का रजिस्‍ट्रेशन शुरू, यहां जानें जरुरी बातें
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Amarnath Yatra Registration: आज से अमरनाथ यात्रा का रजिस्‍ट्रेशन शुरू, यहां जानें जरुरी बातें

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Amarnath Yatra Registration starts today know all the things of work here
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:09 PM
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Amarnath Yatra Registration: शिवभक्‍तों के लिए अच्‍छी खबर है। आज से अमरनाथ यात्रा का रजिस्‍ट्रेशन (Amarnath Yatra Registration) शुरू हो गया है। कोरोना संकट की वजह से पिछले 2 सालों से यह यात्रा रद चल रही थी, लेकिन इस साल यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में 11 अप्रैल 2022 सोमवार से यात्रा का रजिस्‍ट्रेशन आरंभ हो गया है। इस साल की अमरनाथ यात्रा 30 जून 2022 से आरंभ होकर 11 अगस्‍त 2022 तक चलेगी। >> ये भी पढ़े:- Ram Mandir: अयोध्या में श्रीराम मंदिर लेने लगा आकार, जानिए गर्भगृह में कब विराजेंगे रामलला

Amarnath Yatra Registration: कैसे करे रजिस्‍ट्रेशन?

अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन करने के लिए श्रद्धालु ऑफिशल वेबसाइट www.jksasb.nic.in और मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही पीएनबी बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक, यस बैंक और एसबीआई बैंक की 446 शाखाओं में भी यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। एप्लीकेशन फॉर्म के साथ हेल्थ सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत रजिस्ट्रेशन में पड़ती है। आम तौर पर एक व्यक्ति को करीब 15,000 रुपया खर्च या सकता है। >> ये भी पढ़े:- Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में पुलिस भर्ती की तैयारी कर रही छात्रा बीच सड़क से हुई अगवा

पहलगाम से शुरू होती है यात्रा

अमरनाथ यात्रा हर साल जम्मू और कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam of Jammu and Kashmir) से आयोजित की जाती है। अमरनाथ यात्रा पहलगाम (Amarnath Yatra Pahalgam) से अमरनाथ की पवित्र गुफा पर खत्म होती है। इस यात्रा को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना जाता है। अमरनाथ की पवित्र गुफा चारों ओर बर्फ के पहाड़ों से ढकी रहती है। साल में केवल कुछ समय के लिए लिए गुफा से बर्फ हटती है, तब यह श्रद्धालुओं के लिए खोली जाती है। काफी चुनौतीपूर्ण पहाड़ी रास्तो से गुजरकर हर साल लाखो श्रद्धालु इस यात्रा को पूरा करते हैं। पिछले 2 साल से कोरोना के सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियमो का पालन करते हुए इस यात्रा को रद करना पड़ा था। इस यात्रा के लिए श्रद्धालुओं पहलगाम से अमनाथ गुफा तक करीब 43-48 किलोमीटर पैदल चलकर जाना होता है। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा का एक रूट बालटाल से होकर भी गुजरता है जो पहलगाम के मुकाबले छोटा है। >> ये भी पढ़े:-  यूपी से सुनील बंसल की विदाई लगभग तय, संघ की चिंतन बैठक में हुआ फैसला
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JNU Controversy- रामनवमी पर नॉनवेज को लेकर जेएनयू के हॉस्टल में हुआ हंगामा, कई लोग घायल

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जेएनयू छात्रावास में दो गुट मांसाहारी खाने को लेकर भिड़े (PC- ANI)
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userचेतना मंच
calendar11 Apr 2022 03:15 PM
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JNU Controversy- दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawahar Lal Nehru University) देश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है। लेकिन इस विश्वविद्यालय में आए दिन हो रहे विवाद कहीं ना कहीं इस संस्थान की छवि को धूमिल कर रहे हैं। देश का एक ऐसा संस्थान जहां पर एडमिशन पाने के लिए छात्रों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है ,वहां पर आए दिन इस तरह से विवादों का होना वाकई में अफसोस जनक है। एक बार फिर जेएनयू से विवादों (JNU Controversy) का मामला सामने आया है। रविवार रात विश्वविद्यालय के कावेरी छात्रावास के छात्रों के दो गुट मेस में मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर हंगामा करने लगे। हंगामा इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष आपस में मारपीट करने पर उतर आए। इस मामले में कई लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आई है। दोनों गुटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

लेफ्ट विंग के सदस्य आज करेंगे प्रदर्शन -

रविवार रात हुई झड़प के मामले को लेकर लेफ्ट विंग के सदस्यों ने एबीवीपी के छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है और साथ ही लेफ्ट विंग के छात्रों ने आज दोपहर 2:00 बजे पुलिस मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन का भी ऐलान किया है। इससे पहले लेफ्ट विंग के छात्रों ने हॉस्टल में मांसाहारी भोजन पर उसने को लेकर हुई झड़प के चलते विश्वविद्यालय के कैंपस के अंदर भी कई तरह के मार्च निकाले।

जानते हैं क्या है पूरा मामला -

झड़प से जुड़े मामले में दोनों पक्षों की अपनी अपनी कहानी है। पीएचडी की छात्रा और जेएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष सारिका का जेएनयू के कावेरी छात्रावास में यह नियम है कि रविवार की शाम भोजन में मांसाहारी छात्रों को नॉनवेज और शाकाहारी छात्रों को पनीर परोसा जाता है। परंतु रविवार की रात को जेएनयू में एबीवीपी ने मेस में बन रहे नॉनवेज खाने को लेकर हंगामा किया। जिसकी वजह से झड़प आगे बढ़ी और हंगामे पर 50 से 60 लोग घायल हुए।
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वहीं दूसरी तरफ एबीवीपी के जेएनयू विंग के अध्यक्ष रोहित कुमार के मुताबिक रामनवमी के अवसर पर यूनिवर्सिटी में पूजा के दौरान लेफ्ट और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने हंगामा (JNU Controversy) किया। इसी वजह से मामला हिंसक हुआ है। इस मामले में नॉनवेज का कोई भी एंगल नहीं है। दोनों पक्ष एक दूसरे पर पथराव का आरोप लगा रहे हैं और अपने पक्ष के लोगों के घायल होने की बात कह रहे हैं। फिलहाल अभी इस पूरे मामले की जांच चल रही है।