Rahu-Ketu : एक घंटी दिलाएगी राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति

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Rahu-Ketu एक घंटी दिलाएगी राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति
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calendar01 Dec 2025 02:34 AM
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Rahu-Ketu : ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को बहुत खतरनाक माना जाता है। अशुभ राहु-केतु इंसान की जिंदगी में कई मुश्किलें पैदा करता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जिंदगी में टेंशन की वजह राहु-केतु हो सकता है। राहु-केतु से होने वाले टेंशन को खत्म करने के लिए कई लोग घर में पूजा-पाठ करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग इनकी शांति करवाते हैं, लेकिन एक घंटी राहु-केतु नकारात्मक प्रभाव को खत्म कर सकता है। राहु-केतु का शांत करने के लिए घंटी का इस्तेमाल जानते हैं।

घर में रोजाना घंटी बजाने से राहु और केतु का प्रकोप शांत होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि घंटी का संबंध नागों के देवता से होता है। घर में रोजाना आरती में घंटी बजाने से धन की देव लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा पूजा के समय घंटी बजाने से कई प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही मान्यता यह भी है कि घंटी बजाने से भगवान की पूजा सफल होती है।

घंटी बजाने के वैज्ञानिक कारण भी हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक घंटी बजाने उत्पन्न कंपन वातावरण में मौजूद कीटाणु और विषाणुओं के खत्म कर देते हैं। जिससे आसपास का माहौल शुद्ध और पवित्र हो जाता है।

धार्मिक मान्यता के मुताबिक घंटी का संबंध भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ से है। ऐसे में घर में रोजाना घंटी बजाने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। साथ ही इससे राहु-केतु परेशान नहीं करते हैं, बल्कि शांत हो जाते हैं। इसलिए पूजा घर में रखी घंटी को देवता का वास माना जाता है।

वैसे तो बाजार में कई प्रकार की घंटियां मिलती हैं। लेकिन रोजाना की पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली घंटी के गरुड़ का चिह्न होना अच्छा होता है। इसलिए रोज की पूजा में गरुड़ चिह्न वाली घंटी बजानी चाहिए। माना जाता है जो व्यक्ति इस घंटी के साथ पूजा-आरती करता है। उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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Angarak Yoga : बना खतरनाक अंगारक योग, जानें क्या पड़ेगा आपकी राशि पर असर

Anga
Angarak Yoga
locationभारत
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calendar22 Dec 2021 05:28 PM
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Angarak Yoga : मंगल (Mars) का वृश्चिक राशि (Scorpio) में प्रवेश हो चुका है। मंगल (Mars) का वृश्चिक राशि में आने पर यहां केतु और मंगल का अंगारक योग (Angarak Yoga)  बना है। ज्योतिष में अंगारक योग को अशुभ माना गया है। केतु-मंगल के योग से बने इस खतरनाक अंगारक योग का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। जानते हैं हर राशि पर अंगारक योग का क्या असर होने होगा।

मेष इस दोष के कारण सेहत संबंधी परेशानी हो सकती है। गाड़ी चलाते वक्त खास ध्यान रखना होगा. परेशानियां महिलाओं को भी हो सकती है।

वृषभ जीवनसाथी के साथ मतभेद रहेगा। इसके अलावा बिजनेस में पर्टनर से मतभेद हो सकता है। सामाजिक जीवन में परेशानी बढ़ेगी।

मिथुन सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही नौकरीपैशा वाले लोगों को वर्क प्लेस पर मतभेद हो सकता है। इसके अलावा खर्च भी बढ़ेगा।

कर्क नौकरी या बिजनेस पर असर पड़ेगा। कार्यस्थल पर परफॉर्मेंस में कमी होने से दिक्कतें आएंगी। इसके अलावा लव लाइफ में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

सिंह इस राशि वालों को जमीन जायदाद से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इस परेशानी से जीवन में अंशांति रहने वाली है। कन्या कोई भी नया काम करने से बचना होगा। भाई-बहनों से जमीन को लेकर विवाद हो सकता है। व्यापार में कर्ज की समस्या परेशान करेगी।

तुला 16 जनवरी 2022 तक आर्थिक जीवन पर असर पड़ेगा। इस दौरान किसी भी नए इंवेस्मेंट से बचकर रहना होगा।

वृश्चिक वृश्चिक राशि में मंगल-केतु के मिलने से इस राशि में अंगारक योग बना है। जिसका असर पर्सनल लाइफ पर पड़ेगा। गुस्से के कारण कई कामों में नुकसान होगा। इसलिए गुस्से पर काबू रखना होगा।

धनु अंगारक दोष इस राशि के लिए आर्थिक परेशानी पैदा करेगा। इस दौरान खर्चे में बेतहासा बढ़ोतरी होगी। साथ ही अधिकांश खर्च सेहत को लेकर होगा।

मकर अंगारक योग के दोष से इस राशि वालों को भी काफी परेशानी होगी। मनचाहा काम नहीं मिलेगा। इसके अलावा बड़े भाई या बहन से मतभेद बना रहेगा। रियल स्टेट में काम करने वाले सावधान रहें।

कुंभ कुंभ राशि वालों को इस खतरनाक योग से 16 जनवरी 2022 तक बना रहेगा। किसी भी नए प्रोजेक्ट शुरू करने से बचना होगा। पिता के साथ अच्छा संबंध बनाकर रखना होगा।

मीन अंगारक योग यात्रा में परेशानी खड़ा करेगा। साथ ही धर्म के कार्यों से दूरी बनेगी। बड़े भाई से संबंध खराब हो सकता है।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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Religion and Science : मंदिर के बाहर क्यों उतारे जाते हैं जूते चप्पल, जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

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Religion and Science
locationभारत
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calendar22 Dec 2021 05:10 PM
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Religion and Science : सनातन धर्म में मंदिर (Temple) जाने की परंपरा है। मंदिर जाकर श्रद्धालु (Devotees) मंदिर (Temple) के बाहर ही अपने जूते चप्पल उतार देते हैं। इसके बाद मंदिर में प्रवेश करते वक्त घंटा बजाते हैं। यदि आरती का वक्त हो रहा है तो सभी श्रद्धालु (Devotees)  दीपक के ऊपर हाथ घुमाकर आरती लेते हैं। इन सबके पीछे जहां धार्मिक मान्यता होती है, वहीं वैज्ञानिक कारण भी है। आइए जानते हैं इस बाबत रोचक जानकारी... जूते चप्पल मंदिर के बाहर क्यों उतारते हैं मंदिर में प्रवेश नंगे पैर ही करना पड़ता है, यह नियम दुनिया के हर हिंदू मंदिर में है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि मंदिर की फर्शों का निर्माण पुराने समय से अब तक इस प्रकार किया जाता है कि ये इलेक्ट्रिक और मैग्नैटिक तरंगों का सबसे बड़ा स्त्रोत होती हैं। जब इन पर नंगे पैर चला जाता है तो अधिकतम ऊर्जा पैरों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाती है।

दीपक के ऊपर हाथ घुमा कर आरती लेने का कारण आरती के बाद सभी लोग दिए पर या कपूर के ऊपर हाथ रखते हैं और उसके बाद सिर से लगाते हैं और आंखों पर स्पर्श करते हैं। ऐसा करने से हल्के गर्म हाथों से दृष्टि इंद्री सक्रिय हो जाती है और बेहतर महसूस होता है।

मंदिर में घंटा लगाने का कारण जब भी मंदिर में प्रवेश किया जाता है तो दरवाजे पर घंटा टंगा होता है जिसे बजाना होता है। मुख्य मंदिर (जहां भगवान की मूर्ति होती है) में भी प्रवेश करते समय घंटा या घंटी बजानी होती है, इसके पीछे कारण यह है कि इसे बजाने से निकलने वाली आवाज से सात सैकेंड तक गूंज बनी रहती है जो शरीर के सात हीलिंग सेंटर्स को सक्रिय कर देती है।

गर्भ गृह के बीचों-बीच मूर्ति की स्थापना मंदिर में भगवान की मूर्ति को गर्भ गृह के बिल्कुल बीच में रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस जगह पर सबसे अधिक ऊर्जा होती है जहां सकारात्मक सोच से खड़े होने पर शरीर में सकारात्मक ऊर्जा पहुंचती है और नकारात्मकता दूर भाग जाती है।

परिक्रमा का वैज्ञानिक कारण हर मुख्य मंदिर में दर्शन करने और पूजा करने के बाद परिक्रमा करनी होती है। परिक्रमा 8 से 9 बार करनी होती है। जब मंदिर में परिक्रमा की जाती है तो सारी सकारात्मक ऊर्जा, शरीर में प्रवेश कर जाती है और मन को शांति मिलती है।

पंडित रामपाल भट्ट, भीलवाड़ा