MP Election 2023 : कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू का ‘हाथ’ थामा

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MP Election 2023
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calendar01 Dec 2025 01:32 AM
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MP Election 2023 : भोपाल। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान को आकार प्रदान करने के लिए प्रशांत किशोर के पूर्व सहयोगी एवं चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू का 'हाथ' थामा है। पार्टी एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन साल पहले राज्य में कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

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आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस के पदाधिकारी ने कहा कि कनुगोलू वर्तमान में कर्नाटक में कांग्रेस के चुनाव अभियान की अगुआई कर रहे हैं जहां 10 मई को विधानसभा चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि वहां चुनाव समाप्त होने के बाद वह मध्य प्रदेश पर ध्यान केंद्रित करेंगे और प्रदेश में अपना कार्यालय स्थापित करेंगे।

उन्होंने कहा कि कनुगोलू ने पहले भाजपा के अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ काम किया था और बाद में उन्होंने कांग्रेस के लिए अभियान की रणनीति बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कनुगोलू ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भी योगदान दिया था।

वरिष्ठ पत्रकार एवं ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ (ओआरएफ) में ‘विजिटिंग फेलो’ रशीद किदवई ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘विधानसभा चुनावों की तैयारी में एक पेशेवर रणनीतिकार की मदद काम आती है। जातिगत समीकरणों सहित मध्य प्रदेश की आंतरिक राजनीतिक स्थिति काम को और अधिक जटिल बनाती है। शायद कांग्रेस को अपना चुनाव प्रबंधन तंत्र बनाना चाहिए।’’

अहम भूमिका निभाएंगे कनुगोलू

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि कनुगोलू पार्टी के अभियान को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगे। पार्टी नेताओं ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए काम किया था और कहा जाता है कि उन्होंने 2017 में योगी आदित्यनाथ की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 सदस्यीय सदन में 114 सीट जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि भाजपा ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के कारण कांग्रेस के कई विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए जिससे शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ।

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Rajasthan News : कांग्रेस का खजाना भरने में गहलोत का अधिक योगदान : अमित शाह

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Rajasthan News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:18 AM
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Rajasthan News / भरतपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच कलह को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा क‍ि जमीन पर पायलट का योगदान अधिक हो सकता है लेकिन कांग्रेस पार्टी का खजाना भरने में गहलोत का योगदान अधिक है। इसके साथ ही शाह ने कहा कि पायलट जी कोई भी बहाना करके यहां धरने पर बैठ जाएं मगर समझ लें, आपका नंबर कभी नहीं लगेगा।

Rajasthan News

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को यहां बूथ अध्यक्ष ‘संकल्प महासम्मेलन’ को संबोधित कर रहे थे। गहलोत व पायलट के बीच जारी राजनीतिक खींचतान पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि अभी ये दोनों लोग सत्ता के लिए लड़ रहे हैं, गहलोत जी लड़ रहे हैं (मुख्यमंत्री पद से) उतरना नहीं चाहते। पायलट जी कहते हैं मैं (मुख्यमंत्री)बनना चाहता हूं। भइया काहे लड़ रहे हो सरकार तो भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की बननी है। ये खामखा झगड़ा कर रहे हैं। जो चीज है ही नहीं उसके लिए लड़ रहे हें।

सचिन पायलट को लेकर किया कटाक्ष

शाह ने कहा कि पायलट जी आपका कितना भी करो आपका नंबर नहीं आएगा। आपका योगदान, शायद जमीन पर गहलोत जी से थोड़ा ज्यादा हो सकता है मगर कांग्रेस के खजाने में गहलोत जी का योगदान ज्यादा है, आपका नंबर नहीं लगेगा।

उल्‍लेखनीय है कि पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में, मौजूदा गहलोत सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं क‍िए जाने के विरोध में मंगलवार को जयपुर में एक दिवसीय ‘अनशन’ किया था।

इसकी ओर इशारा करते हुए शाह ने दोहराया कि सचिन पायलट जी कोई भी बहाना करके यहां धरने पर बैठ जाएं मगर समझ लें। कांग्रेस पार्टी में, मैं पायलट जी से भी कहने आया हूं, आपका नंबर कभी नहीं लगेगा। क्‍योंक‍ि कांग्रेस के खजाने में आपका योगदान कम है आप कर नहीं सकते।

भ्रष्टाचार का पैसा कांग्रेस के खजाने में गया

शाह ने कहा कि गहलोत जी ने राजस्थान की जनता को, राजस्‍थान की सरकार को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाकर लूटने का काम किया है और भ्रष्‍टाचार का पैसा कांग्रेस के खजाने में गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन लोगों ने राजस्‍थान को लूटने का काम किया है गहलोत सरकार राजस्‍थान में आजादी के बाद आई भ्रष्ट से भ्रष्ट सरकारों में से एक सरकार है।

जयपुर में सिलस‍िलेवार बम धमाकों के मामले में चार आरोपियों को उच्‍च न्‍यायालय द्वारा बरी किए जाने की ओर इशारा करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि राज्‍य सरकार ने ढंग से पैरवी नहीं की।

शाह ने कहा कि वोट प्राप्‍त करने के लिए गहलोत सरकार ने ढंग से पैरवी नहीं की और सारे आरोपी छूट गए। गहलोत जी ‘शर्म’ करो, जो मर चुके हैं, बम विस्‍फोट के मृतक, उनकी मृत्यु पर आप राजनीत‍ि कर रहे हो, वोट बैंक की राजनीति कर रहे हो।

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Women Of Sikhi - बेटों की कुर्बानी देने वाली 12 बहादुर सिख महिलाओं का नाम ब्रिटेन के स्पेशल कैलेंडर में शामिल

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 Apr 2023 11:01 PM
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Women Of Sikhi - सिख धर्म जो अपनी वीरता के लिए जाना जाता है, इस धर्म में ना सिर्फ वीर पुरुषों का जन्म हुआ, बल्कि इस धर्म में कई ऐसी वीरांगनाएं पैदा हुई जो अपनी धर्म की रक्षा के लिए कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटी। आज के इस पोस्ट में हम सिख धर्म की उन 12 महिलाओं के बारे में बात करने वाले हैं जिन्होंने अपने धर्म की रक्षा के लिए अपने बेटे की कुर्बानी दे दी। जिनके लिए ब्रिटेन के संगठन महाला-9 ने चैरिटी ग्रुप रियालाइज वन के साथ मिलकर एक कैलेंडर रिलीज किया, जिसको 'वुमन ऑफ सिखी (Women Of Sikhi)' नाम दिया और जिसमें इन 12 बहादुर महिलाओं का नाम शामिल किया। आइए जानते हैं सिख धर्म की वो महिलाएं कौन हैं जिन्होंने अपने धर्म की रक्षा के लिए अपने बेटों की कुर्बानी दे दी -

Women Of Sikhi -

बेबे नानकी (Bebe Nanaki) -

इन्हें पहली सिख महिला के रूप में जाना जाता है। यह सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की बड़ी बहन थी। बेबे नानकी ने ही सबसे पहले गुरु नानक के कौशल और गहन दृष्टिकोण को पहचाना था। यह सदैव गुरु नानक के जीवन का सहारा बनी रही ।

माता सुलखनी (Mata Sulkhani)-

सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु नानक देव की पत्नी थी माता सुलखनी। सिख समुदाय की नींव रखने के लिए यह नानक देव के साथ एक स्तंभ के रूप में खड़ी रही। बीबी नानकी का इन्होंने जीवन पर्यंत सम्मान किया। पंजाब में घर वापस आने वाले सभी सभाओं की देखभाल इन्होंने की।

माता खीवी (Mata Khivi) -

सिख धर्म के दूसरे गुरु अंगद देव की पत्नी माता खीवी को सिख समुदाय के शुरुआती दौर की एक प्रमुख महिला के रूप में जाना जाता है। लंगर सेवा करने के लिए यह दूर-दूर तक प्रसिद्ध थी। सिखों के पवित्र ग्रंथ 'श्री गुरु ग्रंथ साहिब' में उल्लेखित होने वाली ये एकमात्र सिख महिला है ।

बीबी अमरो (Bibi Amaro) -

सिख धर्म के दूसरे गुरु अंगद देव और खीवी की बेटी थी बीबी अमरो (Bibi Amaro)। इनके पति के चाचा अमरदास जो सिख धर्म के तीसरे गुरु बने थे, वो धर्म गुरु अंगद देव के शिष्य थे और उनसे मिलने कभी कबार उनके पास जाया करते थे। जहां पर एक बार उन्होंने बीबी अमरों की मधुर आवाज में गुरबाणी सुनी। बीबी अमरो की आवाज से अमर दास इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने बीवी अमरो को सिख धर्म का प्रचार करने के लिए गठित 22 मंजिलों में से एक का प्रमुख नियुक्त कर दिया।

बीबी भानी (Bibi Bhani)-

ये सिखों के तीसरे गुरु अमर दास की बेटी और सिखों के चौथे गुरू रामदास की पत्नी थी। मात्र 47 साल की अवस्था में इनके पति का देहांत हो गया। तब इन्होंने 6 सालों तक उपाधि ग्रहण कर आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति की। और अपने सबसे छोटे बेटे गुरु अर्जन देव को सिख गुरु की उपाधि प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

माता नानकी (Mata Nanaki) -

ये सिख धर्म के छठवें  गुरु, गुरु हरगोविंद सिंह की पत्नी थी। माता नानकी ने  5 सिख गुरुओं की देखभाल और सेवा की। गुरु हरगोविंद सिंह के समय में अमृतसर में सिख समुदाय के विस्तार को देखा और इस अवधि के दौरान ये एक नेत्री की भूमिका में भी थी। इनके बेटे गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के नौवें गुरु बने। सिख काल के मार्गदर्शन की ये निरंतर शक्ति बनी रहीं।

Wonen Of Sikhi -

माता कौलन (Mata Kaulan)-

माता कौलन मुस्लिम गुरु रुस्तम खान की गोद ली हुई बेटी थी, जो बाद में सूफी संत मियां मीर की शिष्य बन गई थी। इन्हें गुरुवाणी से काफी लगाव था यही वजह है कि जब इन्हें गुरु हरगोबिंद सिंह की पहली झलक मिली तभी से वह सच्चे दिल से उनकी शिष्या बन गई। बाद में गुरु हरगोविंद सिंह के सहयोग से वह लाहौर से आकर अमृतसर में रहने लगी।

माता भागो (Mata Bhago)-

यह एक प्रतिष्ठित सिख योद्धा के रूप में भी जानी जाती हैं। 1704 में इन्होंने मुगलों के खिलाफ गुरु गोविंद सिंह की सेना का नेतृत्व किया था और मुगलों की सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। हालांकि इस युद्ध में ये गंभीर रूप से घायल हुई थी। इस युद्ध के बाद उन्होंने अपना शेष जीवन निहंगिनी के रूप में गुरु की सेना में सेवा करते हुए बिताया।

बीबी मुमताज साहिब (Bibi Mumtaz Sahib) -

इनका जन्म मुस्लिम समुदाय में निहंग खान की बेटी के रूप में हुआ। इनके पिता गुरु गोविंद सिंह के भक्त थे। पंजाब के रोपड़ में बीबी मुमताज साहिब की याद में एक गुरुद्वारा बनवाया गया है।

साहिब कौर (Sahib Kaur) -

यह सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह की पत्नी थी जिन्हें खालसा पंथ की मां के रूप मे भी जाना जाता है। सन 1699 में आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की नींव रखी गई थी साहिब कौर खालसा समुदाय को अपने बच्चों के रूप में संबोधित करते थे और गुरु गोविंद सिंह के शस्त्रों की दैनिक पूजा करती थी उनके नाम पर एक आधुनिक रूप में एक 'कौर' शब्द जोड़ा गया जो बाद में खालसा पंथ में बपतिस्मा लेने के बाद महिलाओं को दिया जाने वाला नाम है।

दीप कौर (Deep Kaur)-

गुरु गोविंद सिंह को देखने के लिए दीपक और अपने गांव से आनंदपुर साहिब तक की यात्रा की जो काफी प्रसिद्ध हो गई। दर्शन इस यात्रा के दौरान उन्हें चार बदमाशों ने लूटने की कोशिश की जिन से बचने के लिए बहुत ही बहादुरी के साथ दीप कौर ने तलवार पकड़ी और 3 बदमाशों को मार गिराया जबकि एक चोर को नीचे गिरा दिया। उनकी बहादुरी की यह खबर गुरु गोविंद सिंह तक पहुंची। जब वह आनंदपुर साहिब पहुंची तो गुरु गोविंद सिंह ने उनकी बहादुरी की प्रशंसा की। वह मंडली में शामिल अन्य महिलाओं के लिए भी प्रोत्साहन बनी।

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