Big Breaking: आप हवाई जहाज यात्री हैं तो आपके लिए खास खबर

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नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने हवाई अड्डों पर कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक पर आधारित स्कैनर लगाने की सिफारिश की है, जिससे यात्रियों को स्कैनर से गुजरने से पहले हाथ में पकड़े अपने थैलों (हैंड बैगेज) से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निकालने की जरूरत नहीं होगी। [caption id="attachment_51803" align="alignnone" width="300"]
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हवाई अड्डों पर इस समय उपयोग किए जाने वाले स्कैनर सामान के अंदर वस्तुओं का द्वि-आयामी दृश्य उपलब्ध कराते हैं। विमानन सुरक्षा निगरानी संस्था बीसीएएस के संयुक्त महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने बुधवार को कहा कि नियामक ने हवाई अड्डों पर कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक पर आधारित स्कैनर स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है जो हाथ के सामान में वस्तुओं का त्रि-आयामी दृश्य उपलब्ध करायेगा।
प्रसाद ने कहा, इस तरह के स्कैनर लगाए जाने के बाद यात्रियों को स्कैनर से गुजरने से पहले अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अपने थैले से बाहर निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस तरह के स्कैनर लगाने से हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच की प्रक्रिया में तेजी लाने में भी मदद मिलने की उम्मीद है।
हाल के सप्ताहों में विभिन्न हवाई अड्डों पर, विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी के हवाई अड्डों पर भीड़भाड़ होने और लंबे समय तक प्रतीक्षा करने की शिकायतें मिली हैं। प्राधिकारियों ने इससे निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं और भीड़भाड़ कम हुई है।
बीसीएएस नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इस महीने की शुरुआत में, मंत्रालय ने लोकसभा को बताया था कि हवाई अड्डों पर सुरक्षा को मजबूत करना एक सतत प्रक्रिया है और समय-समय पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और बीसीएएस केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) समेत संबंधित एजेंसियों और हितधारकों से परामर्श कर स्थिति की समीक्षा करते हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार संवेदनशील हवाई अड्डों पर तैनात और तैनाती के लिए प्रस्तावित कुछ तकनीकों में ‘कंप्यूटर टोमोग्राफी एक्सप्लोसिव डिटेक्शन सिस्टम’ (सीटी-ईडीएस)’ मशीन और ‘ड्यूल जेनरेटर एक्स-बीआईएस’ मशीन शामिल हैं।
हवाई अड्डों पर ‘रेडियोलॉजिकल जांच उपकरण (आरडीई) की चरणबद्ध तरीके से तैनाती की भी योजना बनाई गई है।
भारत विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक उड्डयन बाजारों में से एक है और देश का घरेलू हवाई यातायात हाल के दिनों में चार लाख से अधिक यात्रियों का रहा है और अब यह पूर्व-महामारी स्तर से अधिक है।
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नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने हवाई अड्डों पर कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक पर आधारित स्कैनर लगाने की सिफारिश की है, जिससे यात्रियों को स्कैनर से गुजरने से पहले हाथ में पकड़े अपने थैलों (हैंड बैगेज) से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निकालने की जरूरत नहीं होगी। [caption id="attachment_51803" align="alignnone" width="300"]
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हवाई अड्डों पर इस समय उपयोग किए जाने वाले स्कैनर सामान के अंदर वस्तुओं का द्वि-आयामी दृश्य उपलब्ध कराते हैं। विमानन सुरक्षा निगरानी संस्था बीसीएएस के संयुक्त महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने बुधवार को कहा कि नियामक ने हवाई अड्डों पर कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक पर आधारित स्कैनर स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है जो हाथ के सामान में वस्तुओं का त्रि-आयामी दृश्य उपलब्ध करायेगा।
प्रसाद ने कहा, इस तरह के स्कैनर लगाए जाने के बाद यात्रियों को स्कैनर से गुजरने से पहले अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अपने थैले से बाहर निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस तरह के स्कैनर लगाने से हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच की प्रक्रिया में तेजी लाने में भी मदद मिलने की उम्मीद है।
हाल के सप्ताहों में विभिन्न हवाई अड्डों पर, विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी के हवाई अड्डों पर भीड़भाड़ होने और लंबे समय तक प्रतीक्षा करने की शिकायतें मिली हैं। प्राधिकारियों ने इससे निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं और भीड़भाड़ कम हुई है।
बीसीएएस नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इस महीने की शुरुआत में, मंत्रालय ने लोकसभा को बताया था कि हवाई अड्डों पर सुरक्षा को मजबूत करना एक सतत प्रक्रिया है और समय-समय पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और बीसीएएस केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) समेत संबंधित एजेंसियों और हितधारकों से परामर्श कर स्थिति की समीक्षा करते हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार संवेदनशील हवाई अड्डों पर तैनात और तैनाती के लिए प्रस्तावित कुछ तकनीकों में ‘कंप्यूटर टोमोग्राफी एक्सप्लोसिव डिटेक्शन सिस्टम’ (सीटी-ईडीएस)’ मशीन और ‘ड्यूल जेनरेटर एक्स-बीआईएस’ मशीन शामिल हैं।
हवाई अड्डों पर ‘रेडियोलॉजिकल जांच उपकरण (आरडीई) की चरणबद्ध तरीके से तैनाती की भी योजना बनाई गई है।
भारत विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक उड्डयन बाजारों में से एक है और देश का घरेलू हवाई यातायात हाल के दिनों में चार लाख से अधिक यात्रियों का रहा है और अब यह पूर्व-महामारी स्तर से अधिक है।
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