National : हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल से लैस होगा भारत का सैन्य बल

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calendar11 Jan 2023 02:10 AM
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National News : नयी दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कुल 4,276 करोड़ रुपये की लागत से हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल समेत तीन खरीद प्रस्तावों को मंगलवार को मंजूरी दी।

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खरीद प्रस्तावों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने मंजूरी दी। इनमें दो प्रस्ताव थल सेना के लिए थे और तीसरा भारतीय नौसेना के लिए था। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि डीएसी ने 4,276 करोड़ रुपये की लागत से तीन खरीद प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को मंजूरी दे दी है।

मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने एओएन को हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, लॉन्चर और संबंधित सहायक उपकरण की खरीद के लिए मंजूरी दे दी है, जिसे उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) में लगाया जाएगा।

यह मिसाइल दुश्मन के खतरों का मुकाबला करने के लिए एएलएच को हथियार से लैस करने की प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके शामिल होने से भारतीय सेना की लड़ाकू क्षमता मजबूत होगी।

बयान में कहा गया है कि डीएसी ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकास के तहत वीएसहोराड मिसाइल प्रणाली की खरीद को लेकर एओएन को भी मंजूरी दी है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘उत्तरी सीमाओं पर हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर प्रभावी वायु रक्षा हथियार प्रणालियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिसे दुर्गम इलाकों और समुद्री क्षेत्र में तेजी से तैनात की जा सकती हैं।

मंत्रालय ने कहा कि वीएसहोराड की खरीद, एक मजबूत और शीघ्रता से तैनात करने योग्य प्रणाली के रूप में, वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगी। बयान में कहा गया कि इसके अलावा, डीएसी ने भारतीय नौसेना के लिए शिवालिक वर्ग के जहाजों और अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के संबंध में ब्रह्मोस लॉन्चर तथा फायर कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) की खरीद को मंजूरी दे दी है।

मंत्रालय ने कहा कि इन साजो सामान के शामिल होने से इन जहाजों में समुद्री हमले को अंजाम देने, दुश्मन के युद्धपोतों और व्यापारिक जहाजों को नष्ट करने की क्षमता बढ़ जाएगी।

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National Seminar : देश भर के पीठासीन अधिकारियों का अखिल भारतीय सम्मेलन बुधवार से जयपुर में

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National Seminar :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:17 PM
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National Seminar : जयपुर। लोकसभा और देश की विभिन्‍न राज्‍यों की विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों का दो दिवसीय सम्मेलन 11 जनवरी से यहां राजस्थान विधानसभा में होगा। सम्मेलन का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे।

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अधिकारियों ने बताया कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे। उद्घाटन समारोह को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत; राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी भी संबोधित करेंगे। सम्मेलन में देश भर के विभिन्न विधानसभाओं के अध्यक्ष भाग लेंगे। राजस्‍थान को इस सम्मेलन का मौका 11 वर्ष बाद मिला है। इससे पहले राजस्‍थान में पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन वर्ष 2011 में आयोजित हुआ था। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के उद्घाटन के बाद दो सत्रों में लोकतंत्र की जननी के रूप में जी-20 में भारत का नेतृत्व, संसद और विधानमंडलों को अधिक प्रभावी, जवाबदेह और उपयोगी बनाने की आवश्यकता, डिजिटल संसद के साथ राज्य विधानमंडलों को जोड़ना और संविधान के आदर्शों के अनुरूप विधायिका और न्यायपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की आवश्यकता विषयों पर चर्चा होगी। इससे पहले उपराष्ट्रपति धनखड़ मंगलवार को जयपुर पहुंचे। हवाई अड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनकी अगवानी की और पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, मुख्य सचिव उषा शर्मा एवं पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने भी पुष्पगुच्छ भेंट कर उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।

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National : 2047 तक दुनिया की अगुवाई करने वाला देश बने भारत : राष्ट्रपति

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userचेतना मंच
calendar11 Jan 2023 01:14 AM
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National : इंदौर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को प्रवासी भारतीय समुदाय से आह्वान किया कि वह आजादी की सौवीं वर्षगांठ वाले साल 2047 तक देश को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र के तौर पर दुनिया का अगुवा बनाने की यात्रा में सहयात्री बने।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र में कहा कि भारत अगले 25 साल के दौरान सामूहिक परिश्रम, समर्पण और चौतरफा विकास की महत्वाकांक्षी यात्रा में रहने वाला है ताकि हम 2047 तक एक आत्मनिर्भर देश के तौर पर दुनिया की अगुवाई कर सकें।

‘‘प्रवासी : अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार’’ की थीम पर आयोजित सम्मेलन की समाप्ति से पहले, राष्ट्रपति ने प्रवासी भारतीय समुदाय को देश की इस यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया।

उन्होंने कहा कि भारतवंशियों की सामूहिक शक्ति, क्षमता, ऊर्जा, अनुभवों, विचारों, ज्ञान, तकनीकी महारत, कारोबारी कौशल और निवेश से ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ की अवधारणा को साकार करने में खासी मदद मिलेगी।

मुर्मू ने यह भी कहा,‘‘आर्थिक और भू-राजनीतिक उथल-पुथल के चलते दुनिया इन दिनों चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही है। इन सब चुनौतियों के बीच भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लक्ष्य के लिए बड़े आत्मविश्वास के साथ दुनिया के सामने खड़ा है।’’

उन्होंने कहा कि इस बात की झलक तमाम बड़े देशों के साथ भारत के मजबूत रिश्तों और कई वैश्विक मंचों पर देश के सशक्त नेतृत्व में मिलती है।

मुर्मू ने कहा कि जी20 की मौजूदा भारतीय अध्यक्षता की थीम ‘‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’’ दरअसल भारत की ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ (पूरी दुनिया एक परिवार) की प्राचीन विचारधारा से प्रेरित है और यह थीम दुनिया के सभी लोगों के उचित व निष्पक्ष विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता दर्शाती है।

राष्ट्रपति ने अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले 27 भारतवंशियों को "प्रवासी भारतीय सम्मान" से नवाजा। इनमें गुयाना के राष्ट्रपति और 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के मुख्य अतिथि मोहम्मद इरफान अली शामिल हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान मंच पर सूरीनाम के राष्ट्रपति और सम्मेलन के विशेष सम्मानित अतिथि चंद्रिकाप्रसाद संतोखी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।

मुर्मू ने समारोह में यह भी कहा कि प्रवासी भारतीय वैश्विक तंत्र का अद्वितीय और अहम हिस्सा हैं तथा उन्होंने दुनिया के हर भाग में ऊर्जा और आत्मविश्वास से लैस समुदाय के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय कला, साहित्य, राजनीति, खेल, कारोबार, शिक्षा, विज्ञान, तकनीक और अन्य क्षेत्रों में अपने विशिष्ट योगदान से दुनिया की अगुवाई कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा,‘‘आपकी (प्रवासी भारतीय) उपलब्धियों से हम गौरवान्वित और प्रसन्न होते हैं।’’

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