UP Elections 2022 पूर्वांचल के बाहुबलियों की कड़ी परीक्षा ?

UP Elections 2022
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:22 AM
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UP Elections 2022 :  उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) में इस बार कई बाहुबली मैदान में हैं तो कुछ बाहुबली पर्दे के पीछे से अपनी पसंद के प्रत्याशियों की मदद कर रहे हैं। इस सियासी जंग में बड़ी पार्टियों ने बाहुबली उम्मीदवारों से किनारा कर लिया है। इसे देखते हुए इन दबंग विधायकों ने छोटे दलों से टिकट लेकर या बड़े दलों से अपनों को टिकट दिलाकर अब उन्हें चुनावी नैया पार कराने में पूरी मदद कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इन बाहुबलियों का दम चुनाव में दिखेगा या जनता उन्हें नकार देगी, लेकिन फिलहाल ये पूरे तन-मन और धन से चुनावी गणित बनाने में जुटे हुए हैं।

UP Elections 2022

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर के सियासी रण में हाता हमेशा से ही गोरक्षपीठ को चुनौती देता आया है। यूपी में जब जब बाहुबलियों की बात आती है तब तब गोरखपुर के बहुचर्चित हाते का जिक्र जरूर होता है। इस बार हाते की तरफ से बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजम रहे हैं। हरिशंकर तिवारी 22 साल तक विधायक रहे। यूपी की सियासत में कई बार मंत्री रहे और अब उनके बेटे विनय शंकर तिवारी हाते की हनक बनाए हुए हैं। वह सपा के टिकट पर चिल्लूपार से मैदान में हैं। इस सीट पर 37 सालों से ब्राह्मणों का कब्जा रहा है। इस बार भी विनय शंकर तिवारी इस इतिहास को कायम रखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद के रहने वाले मुख्तार अंसारी को पूर्वांचल के दबंग बाहुबलियों में शुमार किया जाता है। वह मऊ की सदर सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं लेकिन इस समय उनके सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। वह पिछले लगभग एक दशक से जेल में ही हैं। लेकिन उनका रसूख उतना ही बरकरार है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछली बार मऊ जिले में मोदी की रैली और बीजेपी की लहर के बावजूद मऊ सदर सीट से वह जीतने में कामयाब हो गए थे। योगी सरकार बनने के बाद से ही यूपी में उनके दुर्दिन शुरू हो गए थे। उनकी कई सारी सम्पत्तियों की कुर्की कर दी गई। लेकिन मुख्तार अंसारी ने इस बार विपरित परिस्थितियों को देखते हुए खुद की बजाए बेटे अब्बास अंसारी को अपनी सीट से उतारने का फैसला किया था। अब देखना है कि क्या अब्बास अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा पाते हैं या नहीं।

यूपी में बाहुबलियों की जब जब बात आती है तो भदोही के विजय मिश्रा की बात जरूर होती है। भदोही के ज्ञानपुर सीट से विधायक विजय मिश्रा को इस बार निषाद पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वो प्रगतिशील मानव समाज पार्टी की तरफ से चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। हालांकि विजय मिश्रा फिलहाल जेल में हैं और वहीं से अपनी चुनावी कमान संभाल रहे हैं। हालांकि विजय मिश्रा ने योगी सरकार पर ब्राह़मणों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के धुर विरोधी और माफिया से माननीय बने ब्रजेश सिंह भी अब राजनीति में आ गए हैं। ब्रजेश सिंह फिलहाल एमएलसी हैं और उनका भतीजा सुशील सिंह चंदौली की सैयदराजा सीट से विधायक है। सुशील पहली बार चंदौली के धानापुर से विधायक बने थे। इसके बाद वह सैयदराजा से बीजेपी के विधायक हैं। अबकी बार चौथी बार मैदान में हैं और पांचवी बार माननीय बनने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। भतीजे को जिताने के लिए ब्रजेश ने पूरी ताकत लगा रखी है।

पूर्वांचल में बाहुबलियों का जिक्र हो और राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह का नाम न लिया जाए, ऐसा कैसे हो सकता है। राजा भैया पहली बार 1993 में पहली बार विधायक बनकर सदन में पहुंचे थे। तब से वो लगातार तीन दशकों तक इस सीट पर जीत दर्ज करते आ रहे हैं। यूपी में चाहे मोदी की आंधी चली हो या फिर मायावती की हनक प्रतापगढ़ के भदरी राजघराने की हनक हमेशा बरकरार रही। राजा भैया के रसूख का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि वो बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार और मुलायम सरकार में मंत्री रहे।

इसके बाद अखिलेश यादव के कार्यकाल में भी वो कैबिनेट मंत्री रहे। लेकिन अब वो जनता दल लोकतांत्रिक पार्टी के नाम से एक अलग पार्टी का गठन कर चुके हैं। हालांकि इस बार अखिलेश यादव राजा भैया को घेरने में जुटे हैं और उनको हराने के लिए वह रैली भी कर चुके हैं लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी राजा भैया अपने ही अंदाज में उनका जवाब भी दे रहे हैं।

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UP Election 2022: पांचवें चरण के चुनाव का आज थमेगा प्रचार

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Feb 2022 08:00 PM
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Lucknow : लखनऊ (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के पांचवें चरण के मतदान में प्रचार के अंतिम दिन भाजपा के दिग्गज मोर्चे पर रहेंगे। भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह के साथ केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ताबड़-तोड़ चुनावी सभाएं करेंगे। पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को होना है। पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान होगा। भाजपा ने 2017 में इस चरण में 47 सीटें जीती थी। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) को आज सबसे पहले अम्बेडकर नगर के आलापुर में चुनावी सभा को संबोधित करना था, लेकिन गृह मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद उनकी इस सभा को रद कर दिया गया है। इसके बाद इनका दौरा प्रयागराज का है। प्रयागराज में अमित शाह की सोरावं में जनसभा होगी। इसके बाद कौशांबी के सिराथू में अमित शाह भाजपा के प्रत्याशी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में सभा करेंगे। कौशांबी के सिराथू विधानसभा क्षेत्र के सौरई बाजार में अमित शाह के साथ सभा में केन्द्रीय राज्यमंत्री कौशाल किशोर तथा सांसद राजवीर ङ्क्षसह भी होंगे।
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UP Elections 2022 : पांचवां चरण, जानिए क्यों महत्वपूर्ण है यह चरण

BJP
Gujrat Chunav
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:39 AM
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UP Elections 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चार चरण पूरे हो चुके हैं, अब 27 फरवरी को पांचवें चरण का मतदान होगा। पांचवें चरण में अवध और पूर्वांचल में 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान होना है। इस चरण में सबसे अधिक 61 सीटें हैं, जिसमें 692 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। खास बात यह है कि मतदान अयोध्या से लेकर प्रयागराज तक होना है। धार्मिक नगरी अयोध्या और तीर्थराज प्रयागराज हमेशा ही भाजपा के धार्मिक एजेंडे में शामिल रहा है। इसलिए इस चरण को काफी अहम माना जा रहा है। इस चरण में भाजपा के लिए बेहद ज्यादा चुनौतियां हैं।

UP Elections 2022 : पांचवां चरण

पांचवें चरण में राम की जन्मस्थली अयोध्या से लेकर प्रयागराज, चित्रकूट तक सियासी जंग होनी है। यहां बीजेपी के सामने अपना गढ़ बनाए रखने की चुनौती है। वहीं समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सत्ता में लौटने की उम्मीद है। पांचवें चरण में अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी जिलों की सीटों पर राजनीतिक दलों के बीच भीषण मुकाबला है. ये सभी अवध के जिले हैं। पूर्वांचल के अंतर्गत आने वाले बहराइच, गोंडा और श्रावस्ती जैसे महत्वपूर्ण जिलों में सीटें हैं. इसके अलावा प्रतापगढ़ प्रयागराज, कौशांबी जिलों की सीटों के साथ-साथ बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले की दो सीटें भी शामिल हैं, जहां मुकाबला कड़ा है।

पांचवें चरण में अयोध्या, प्रयागराज, चित्रकूट, अमेठी रायबरेली जैसी सीटों पर चुनाव होना है। यहां बीजेपी की सत्ता में वापसी की राह आसान नहीं दिख रही है। भाजपा के सामने यहां अपना किला बचाने की बड़ी चुनौती है। वहीं इस चरण में भी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है। दरअसल 2019 के चुनाव में अमेठी में कांग्रेस के राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था। जाहिर है कांग्रेस यहां वापसी करना चाहेगी। वहीं बहुजन समाज पार्टी भी अपनी जोरदार दस्तक से सभी को हैरान करना चाहती है।

[caption id="attachment_16966" align="alignnone" width="439"]UP Election 2022 UP Election 2022[/caption]

पांचवें चरण में जिन 61 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें 90 फीसदी सीटों पर भाजपा और अपना दल गठबंधन का कब्जा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों में से भाजपा ने 51 सीटें जीती थीं जबकि उसकी सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिली थीं। वहीं, सपा के खाते में सिर्फ 5 सीटें ही मिलीं। इसके अलावा कांग्रेस को एक सीट और निर्दलीय ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी। बसपा इस समय खाता भी नहीं खोल पाई।

पांचवें चरण के चुनाव में 61 सीटों में से 90 फीसदी सीटों पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है। वहीं योगी सरकार के कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। पांचवें चरण के चुनाव में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ ​​मोती सिंह पट्टी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह इलाहाबाद पश्चिम से चुनाव लड़ रहे हैं, नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी इलाहाबाद दक्षिण से चुनाव लड़ रहे हैं, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री मनकापुर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सदर से चुनाव लड़ रहे हैं। योगी सरकार में मंत्री रहे मुकुट बिहारी की जगह उनके बेटे चुनावी मैदान में हैं।

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प्रतापगढ़ के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ​​राजा भैया इस बार अपनी जनसत्ता पार्टी से चुनावी मैदान में हैं। बाबागंज आरक्षित सीट से राजा भैया और विनोद सरोज भी जनसत्ता दल से चुनाव लड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने राजा भैया के खिलाफ डेढ़ दशक बाद पहली बार अपने उम्मीदवार गुलशन यादव को मैदान में उतारा है। पांचवें चरण में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ सदर और बहन पल्लवी पटेल सिराथू सीट से चुनाव लड़ रही हैं। मां और बहन दोनों सपा गठबंधन से चुनाव लड़ रही हैं जबकि अनुप्रिया पटेल भाजपा के साथ चुनावी मैदान में हैं। अयोध्या सीट पर सपा के दिग्गज नेता तेजनारायण पांडे उर्फ ​​पवन पांडे की किस्मत दांव पर है, जबकि रामपुर खास सीट पर कांग्रेस की आराधना मिश्रा चुनावी मैदान में हैं।