Ghaziabad : ग्राम विकास के लिए मिले राजस्व पर कुंडली मारे बैठा है GDA

Ghaziabad News :सामाजिक संगठन जन आंदोलन ने ग्राम दुजाना में हाईटेक सिटी (वेब सिटी) का लाइसेंस निरस्त करने तथा इस क्षेत्र को क्रांसिंग सिटी की तर्ज पर फ्रीहोल्ड किए जाने की मांग की है।
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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के वीसी (VC) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन में सामाजिक संगठन ने यह मांग की है। जनआंदोलन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमवीर सिंह आर्य एडवोकेट ने बताया कि जीडीए वीसी को सौंपे गए ज्ञापन में वेब सिटी का लाइसेंस निरस्त करने तथा गांव दुजाना, कचैड़ा-वारसाबाद, तालबपुर ऊर्फ हाथीपुर, गिरधरपुर एवं दुरियाई में कोई भी जमीन खरीदते-बेचते वक्त सर्किल रेट से दो प्रतिशत अधिक राजस्व शुल्क गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के नाम से उक्त गांवों में विकास कार्य कराने के लिए वसूला जाता है।
किसानों से यह शुल्क पिछले लगभग 23 वर्षों से वसूला जा रहा है लेकिन किसी भी गांव में जीडीए द्वारा एक भी विकास कार्य नहीं कराया गया है। किसानों से वसूले गये अरबों रूपये के राजस्व पर जीडीए सांप की तरह कुंडली मारकर बैठा है। संगठन ने मांग की है कि अब तक किसानों से जो भी धन राजस्व शुल्क के रूप में वसूला गया है उस धन से तुरंत उक्त गांवों के विकास कार्य कराये जाएं।
उन्होंने बताया कि हाईटेक सिटी (वेव-सिटी) लगभग 20 वर्षों से ग्राम दुजाना की उपजाऊ कृषि भूमि को कौडिय़ों के भाव से मनमाफिक क्रय कर रही है। उक्त कम्पनी की बायलाज पोलिसियों की अनदेखी कर जनहित, बिल्डर्स निर्माण एवं विकास कार्य नहीं कराया गया। ग्राम दुजाना की खेती की जमीन को कम्पनी हाईटेक सिटी (वेव-सिटी) के अधिकार क्षेत्र से मुक्त कर क्रॉसिग सिटी गाजियाबाद की तर्ज पर फ्री होल्ड किया जाये। ज्ञापन सौंपने वालों में मास्टर ब्रह्मसिंह नागर, महाराज सिंह नागर बाबा, देशराज नागर, सुखबीर नागर एडवोकेट आदि मौजूद रहे।
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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के वीसी (VC) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन में सामाजिक संगठन ने यह मांग की है। जनआंदोलन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमवीर सिंह आर्य एडवोकेट ने बताया कि जीडीए वीसी को सौंपे गए ज्ञापन में वेब सिटी का लाइसेंस निरस्त करने तथा गांव दुजाना, कचैड़ा-वारसाबाद, तालबपुर ऊर्फ हाथीपुर, गिरधरपुर एवं दुरियाई में कोई भी जमीन खरीदते-बेचते वक्त सर्किल रेट से दो प्रतिशत अधिक राजस्व शुल्क गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के नाम से उक्त गांवों में विकास कार्य कराने के लिए वसूला जाता है।
किसानों से यह शुल्क पिछले लगभग 23 वर्षों से वसूला जा रहा है लेकिन किसी भी गांव में जीडीए द्वारा एक भी विकास कार्य नहीं कराया गया है। किसानों से वसूले गये अरबों रूपये के राजस्व पर जीडीए सांप की तरह कुंडली मारकर बैठा है। संगठन ने मांग की है कि अब तक किसानों से जो भी धन राजस्व शुल्क के रूप में वसूला गया है उस धन से तुरंत उक्त गांवों के विकास कार्य कराये जाएं।
उन्होंने बताया कि हाईटेक सिटी (वेव-सिटी) लगभग 20 वर्षों से ग्राम दुजाना की उपजाऊ कृषि भूमि को कौडिय़ों के भाव से मनमाफिक क्रय कर रही है। उक्त कम्पनी की बायलाज पोलिसियों की अनदेखी कर जनहित, बिल्डर्स निर्माण एवं विकास कार्य नहीं कराया गया। ग्राम दुजाना की खेती की जमीन को कम्पनी हाईटेक सिटी (वेव-सिटी) के अधिकार क्षेत्र से मुक्त कर क्रॉसिग सिटी गाजियाबाद की तर्ज पर फ्री होल्ड किया जाये। ज्ञापन सौंपने वालों में मास्टर ब्रह्मसिंह नागर, महाराज सिंह नागर बाबा, देशराज नागर, सुखबीर नागर एडवोकेट आदि मौजूद रहे।







