निकाह की दावत में भिड़े बराती-घराती, फोड़ डाला महिला का सिर

Agra Viral Video 1
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 07:36 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के आगरा में निकाह के दिन बराती-घराती में भारी बवाल हो गया। चंद ही पलों में बराती-घराती के बीच का विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों में जमकर मारपीट शुरू हो गई। हालात इतनी बिगड़ गई कि जिसके हाथ में जो सामान आता वो उससे दूसरे पक्ष पर वार कर देता। इस दौरान बीच-बचाव करने पहुंची दूल्हे की बहन के सिर पर भी किसी ने डंडे से वार कर दिया जिससे वो घायल होकर जमीन पर गिर पड़ी।

ठंडी रोटी को लेकर हुआ मारपीट

जानकारी के मुताबिक, ये पूरा मामला थाना एत्मादौला क्षेत्र के अब्बास नगर का बताया जा रहा है। जहां दावत में पहुंचे बारातियों को खाना परोसा गया। इस दौरान कुछ लोग ठंडी रोटी को लेकर कहासुनी करने लगे। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि बारातियों ने गाली-गलौज करते हुए खाना रखे टेबल पर लात मार दिया। बारातियों की इस हरकत पर घरातियों ने विरोध किया तो वो मारपीट पर उतारू हो गए और जमकर एक-दूसरे को पीटने लगे। इस दौरान बीच-बचाव के लिए पहुंची दूल्हे की बहन को भी डंडे से पीट दिया गया जिसके बाद वो गम्भीर रूप से घायल हो गई। जिसके बाद उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

क्या है वायरल वीडियो में?

आगरा के वायरल हो रहे वीडियो में झगड़े के दौरान एक व्यक्ति के हाथ में लोहे की कढ़ाई नजर आ रही है। वीडियो में घायल महिला जमीन पर पड़ी हुई और अन्य महिलाएं आपस में बहस करती हुई नजर रही हैं। इस दौरान कुछ लोग घायल महिला को उठाने की कोशिश की जा रही है। इस मामले पर थाना प्रभारी ने बताया कि, खाने में ठंडी रोटी परोसने को लेकर निकाह की दवात में मारपीट हुई। इस घटना में एक महिला के सिर में चोट आई। उसे उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उसका स्वास्थ्य अब ठीक है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने युवकों के खिलाफ शांति भंग में चालान किया गया। UP News

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इतिहास रचेगा महाकुंभ का मेला

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300 रुपये को लेकर हुई मारपीट, ब्यूटी पार्लर में पहुंची गुंडों की फौज

Meerut News
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:08 AM
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UP News :  उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल मेरठ के ब्यूटी पार्लर में सिर्फ 300 रुपए को लेकर दो गुटों में बहसबाजी शुरू हो गई। देखते ही देखते हालात ऐसे बन गए कि दोनों गुट एक-दूसरे की कुटाई करने लगे। ये पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई जो अब काफी वायरल भी हो रही है। जानकारी के मुताबिक ये पूरी घटना मेरठ के नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर इलाके में स्थित एक ब्यूटी पार्लर की है। जहां शुक्रवार को ब्यूटी पार्लर में हेयर वॉश कराने गई एक महिला ग्राहक और पार्लर के स्टाफ के बीच 300 रुपए को लेकर कहासुनी हो गई। जिसके बाद दोनों गुटों के बीच मारपीट शुरू हो गई। महिला ग्राहक का आरोप है कि, उसकी मर्जी के मुताबिक स्टाफ ने काम नहीं किया और उससे अभद्रता की।

महिला ने परिजनों को फोन कर बुलाया

जानकारी के मुताबिक महिला ग्राहक पार्लर के स्टाफ से इतनी नाराज हो गई कि उसने रिश्तेदारों को फोन करके बुला लिया। थोड़ी देर बाद आधा दर्जन से ज्यादा लोग गाड़ियों में सवार होकर पार्लर जा धमके और पार्लर संचालक पर हमला बोल दिया। ये पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि संचालक को बचाने आईं पार्लर की अन्य महिलाएं भी हमले का शिकार हो हुईं। इस दौरान हमलावरों ने महिलाओं को भी मारा-पीटा और फिर वहां से फरार हो गए।

पुलिस कर रही आवश्यक कार्रवाई

इस पूरी घटना की सूचना मिलने पर मौके से पहुंची पुलिस सीसीटीवी फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया। इस मामले पर एसपी सिटी ने बताया कि, एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें दो पक्ष आपस में मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह घटना थाना नौचंदी के शास्त्री नगर की है। एक मेकअप स्टूडियो में दो पक्षों में मारपीट हुई। पुलिस को दोनों ही पक्षों से तहरीर प्राप्त हुई है सीसीटीवी फुटेज और तहरीर के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। UP News

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इतिहास रचेगा महाकुंभ का मेला

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इतिहास रचेगा महाकुंभ का मेला

Maha kumbh 2025 1 1
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:08 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ का मेला इतिहास रचने वाला है। उत्तर प्रदेश के वर्ष 2025 के महाकुंभ के मेले में ऐसा बहुत कुछ होने वाला है जो पहले किसी भी कुंभ मेले, अर्ध कुंभ मेले अथवा महाकुंभ के मेले में नहीं हुआ था। उत्तर प्रदेश के महाकुंभ मेले को भव्य तथा दिव्य बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार कोई कोर+ कसर नहीं छोड़ रही है। हम आपको उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेले की विशेषताओं की विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से लगेगा महाकुंभ का मेला

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अभी से मेले जैसा वातावरण बन गया है। महाकुंभ मेले की रात दिन तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ मेले को दिव्य तथा भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पौष महीने की पूर्णिमा को 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ मेला विधिवत रूप से शुरू होगा। महाकुंभ का यह मेला 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। मेले के विधिवत शुरू होने से डेढ़ महीने पहले ही प्रयागराज में त्रिवेणी के संगम पर मेले जैसा ही नजारा नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश में लगने वाला महाकुंभ का मेला कई मामलों में नया इतिहास रचेगा।

उत्तर प्रदेश के महाकुंभ मेले में आएंगे 50 करोड़ श्रद्धालु

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लग रहे महाकुंभ के मेले में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे। अब तक आयोजित हुए किसी भी कुंभ के मेले में 50 करोड़ श्रद्धालु नहीं आए हैं। कुंभ के मेले का पहले भी बड़ा रिकॉर्ड उत्तर प्रदेश में ही कायम किया गया था। वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पिछला महाकुंभ का मेला लगा था। 2013 के महाकुंभ के मेले में 40 करोड़ श्रद्धालु आए थे। किसी मेले में 40 करोड़ श्रद्धालुओं का एकजुट होना सबसे बड़ा रिकॉर्ड था। वर्ष 2025 के महाकुंभ के मेले में 50 करोड़ नागरिक स्नान करके नया इतिहास कायम करेंगे। बताया गया है कि दुनिया के 150 देशों से उत्तर प्रदेश के महाकुंभ के मेले में श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान करने के लिए आएंगे।

महाकुंभ के मेले में बसाया जा रहा है संस्कृति ग्राम

उत्तर प्रदेश के महाकुंभ के मेले में तमाम तैयारियां के बीच एक अनोखा स्थल भी स्थापित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अनोखे स्थल का नाम संस्कृति ग्राम रखा गया है। प्रयागराज के महाकुंभ मेला अधिकारी की जिम्मेदारी IAS अधिकारी विजय किरण आनंद को सौंपी गई है। महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि, अगले वर्ष 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ मेले को दिव्य तथा भव्य बनाने के लिए तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा महाकुंभ मेला क्षेत्र में पांच एकड़ के क्षेत्रफल में संस्कृति ग्राम का निर्माण किया जा रहा है। संस्कृति ग्राम में 45 दिन स्थानीय हस्तकला व शिल्प की प्रदर्शनी के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन होंगे। संस्कृति ग्राम में आगमेंटेड रियलिटी (एआर) व वर्चुअल रियलिटी (वीआर) के जरिये महाकुंभ के विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं को दर्शाया जाएगा। संस्कृति ग्राम में विभिन्न कालखंडों में महाकुंभ की यात्रा को एआर व वीआर के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। संस्कृति ग्राम विभिन्न जोन में बंटा होगा जिसमें प्राचीन तथा पौराणिक विरासत, इतिहास में वर्णित विदेशी यात्रियों के संस्मरण, अंतरिक्ष विज्ञान, विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन मुख्य होंगे। संस्कृति ग्राम में महाराजा हर्षवर्धन द्वारा कुंभ के लिए दिए दान की जानकारी, एआर माध्यम से समस्त स्थलों की विशेषता, उनके ऐतिहासिक व सांस्कृतिक तथ्य, 360 डिग्री आभासी वातावरण, मल्टीमीडिया डिस्प्ले, लाइव स्ट्रीमिंग वर्चुअल टूर जैसी सुविधाएं होंगी। प्रदर्शनी स्थलों पर वेद, पुराण, चरक संहिता व प्राचीन ज्योतिषीय शास्त्रों को उल्लेखित किया जाएगा। प्राचीन विश्वविद्यालयों का जिक्र किया जाएगा। मुख्य मंच पर शास्त्रीय व लोक नृत्य-संगीत की प्रतिदिन विशिष्ट प्रस्तुतियां होंगी।

महाकुंभ में एकजुट होंगे दुनिया भर के दलित संत

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में वाल्मीकि साधु अखाड़े को भी पूरे सम्मान के साथ स्थान दिया गया है। वाल्मीकि साधु अखाड़े ने महाकुंभ में राजसी स्नान के अधिकार की मांग भी की है। इस बीच वाल्मीकि साधु अखाड़े ने भारत के प्रत्येक प्रदेश के साथ ही साथ दुनिया भर के दलित संतो को महाकुंभ मेले में आमंत्रित किया है। वाल्मीकि साधु अखाड़े के साथ ही साथ महर्षि वाल्मीकि संत समाज भी महाकुंभ में दुनिया भर के दलित संतो को बुलाने की पहल को आगे बढ़ा रहा है। इसी प्रकार महाकुंभ के मेले में किन्नर समाज के अखाड़े को भी स्थान दिया गया है। इसी प्रकार के अनेक ऐतिहासिक कार्य इस बार उत्तर प्रदेश की प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के मेले में होने वाले हैं।

महाकुंभ का मेला क्यों लगता है जानिए महाकुंभ का इतिहास

महाकुंभ का मेला क्यों लगता है? असल में महाकुंभ का पूरा इतिहास क्या है? इन दोनों प्रश्नों का उत्तर यहां आसान भाषा में दिया जा रहा है। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धर्म का एक अभूतपूर्व आयोजन है, जिसकी जड़ें समुद्र मंथन की प्राचीन कथा में हैं। इस पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया ताकि अमृत यानी अमरता प्रदान करने वाला अमृत प्राप्त किया जा सके। मंथन में मंदराचल पर्वत को मथनी और नागराज वासुकी को रस्सी के रूप में इस्तेमाल किया गया। भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण कर पर्वत को स्थिर रखा ताकि वह समुद्र में डूब न जाए। यह कथा केवल एक धार्मिक घटना नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर की गहराई में छिपी शक्तियों को खोजने और मुक्ति प्राप्त करने का प्रतीक भी है। समुद्र मंथन के दौरान सबसे पहले विष निकला, जिसे भगवान शिव ने ग्रहण किया। इस विष को पीने के बाद उनका गला नीला हो गया, और वे नीलकंठ कहलाए। इसके बाद मंथन से कई अद्भुत चीजें निकलीं, जिनमें से अमृत सबसे मूल्यवान था। जब भगवान धन्वंतरि अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए, तो देवताओं और असुरों के बीच इस अमृत को पाने के लिए संघर्ष शुरू हो गया। जयंत ने अमृत कलश को असुरों से बचाने के लिए बारह दिनों तक चार स्थानों पर छिपाया: हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक-त्र्यंबकेश्वर, और उज्जैन। इन स्थानों पर अमृत की बूँदें गिरीं, जिससे ये स्थान पवित्र माने गए और इन्हीं जगहों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है।

तीन प्रकार का होता है कुंभ?

कुंभ मेले का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि इसका ज्योतिषीय आधार भी है। जब सूर्य, चंद्रमा, और बृहस्पति एक विशेष ज्योतिषीय स्थिति में होते हैं, तब इन स्थानों पर मेले का आयोजन होता है। सामान्य कुंभ मेला हर तीन साल में होता है, अर्धकुंभ छह साल में, और पूर्ण कुंभ बारह साल में आयोजित किया जाता है। महाकुंभ मेला धार्मिकता, आस्था, और संस्कृति का एक अनूठा संगम है। यह आयोजन न केवल भारत के विभिन्न कोनों से लाखों लोगों को जोड़ता है, बल्कि विश्वभर के पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। यह मेला आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करते हैं, जिससे उनके पापों का नाश और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। इतिहास में भी कुंभ मेले की महत्ता को कई बार रेखांकित किया गया है। सन् 1942 में प्रयागराज कुंभ के दौरान, पंडित मदन मोहन मालवीय ने वायसराय लिनलिथगो को बताया था कि इतने बड़े आयोजन के लिए केवल दो पैसे के पंचांग की आवश्यकता होती है। यह श्रद्धा और आस्था की वह ताकत है, जो किसी प्रचार या निमंत्रण के बिना लाखों लोगों को इस आयोजन में खींच लाती है। UP News

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