Dehradun : गाड़ियों में पानी कम होने से आग बुझाने में देरी, दो बच्चियों की मौत, दो की तलाश

Dehradun : गाड़ियों में पानी कम होने से आग बुझाने में देरी, दो बच्चियों की मौत, दो की तलाश
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:48 AM
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देहरादून। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून जिले की चकराता तहसील के त्यूणी क्षेत्र में स्थित लकड़ी के एक घर में आग लग गई। इसमें ढाई से 12 साल की चार लड़कियां फंस गईं। इनमें से दो के जले हुए शव बरामद किए गए हैं। जबकि दो की तलाश जारी है। आरोप है कि दमकल की गाड़ियों में पानी कम होने की वजह से आग पर काबू पाने में देरी हुई। राज्य के डीजीपी ने इस मामले की जांच पुलिस उपमहानिरीक्षक (अग्निशमन) को सौंपी है।

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लकड़ी के मकान में लगी आग

चकराता की उपजिलाधिकारी युक्ता मिश्रा ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम को त्यूणी पुल के पास स्थित लकड़ी के मकान में आग लग गई। आग में फंसी चार बालिकाओं में से दो के शव बरामद हो गए हैं, जबकि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की मदद से अन्य दो की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि बरामद शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। मिश्रा ने बताया कि प्रथमदृष्टया रसोई गैस सिलेंडर के फटने से आग लगने का अंदेशा है। आग पर करीब पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया जा सका। भीषण आग में लकड़ी का मकान पूरी तरह से जल गया। उनका कहना है कि घटना की जांच के बाद ही उसका सही कारण सामने आ पाएगा।

ढाई से 12 साल की चार लड़कियां फंसी

अधिकारी ने बताया कि त्यूणी पुल के पास स्थित इस मकान में दो परिवार रहते हैं। शाम को हुई घटना के समय ढाई से 12 साल की उम्र की इन बालिकाओं की मांए बाहर कपड़े धोने गयी हुई थीं। जबकि मकान में मौजूद एक पुरुष और एक लड़का आग से बाहर निकलने में सफल रहे।

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दकमल की गाड़ियों में कम था पानी

दमकल की गाड़ियों में पानी कम होने के कारण आग बुझने में हुई देरी की खबरों के बीच पुलिस महानिदेशक ने पुलिस उपमहानिरीक्षक (अग्निशमन) निवेदिता कुकरेती को घटना की जांच करने के आदेश दिए हैं। कुमार ने कहा कि घटना में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए कुमार ने कुकरेती को घटना की जांच प्राथमिकता के आधार पर करने तथा तीन दिनों में रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की कमी पाए जाने पर उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Uttrakhand सरकार ने वन विभाग प्रमुख पर नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगाई

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Uttrakhand News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:45 AM
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Uttrakhand News /देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने बृहस्पतिवार को हाल में वन विभाग के प्रमुख (हॉफ) के पद पर बहाल किए गए राजीव भरतरी के कोई नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगा दी है।

प्रदेश के वन सचिव विजय कुमार यादव द्वारा यहां जारी एक आदेश में कहा गया है कि भरतरी राज्य सरकार की मंजूरी के बिना कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते और न ही वह वन विभाग के किसी कर्मचारी का तबादला या वन मुख्यालय में तैनात किसी अधिकारी या कर्मचारी को नई जिम्मेदारी दे सकते हैं।

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आदेश के अनुसार, हॉफ के रूप में दोबारा प्रभार संभालने के बाद भरतरी द्वारा पारित कोई भी आदेश निरस्त समझा जाएगा।

इस बीच, भरतरी द्वारा वन विभाग के प्रमुख का पद संभालने के एक दिन बाद किए गए वन रेंजरों के तबादले का आदेश भी वन विभाग ने निरस्त कर दिया।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर भरतरी को मंगलवार को वन विभाग के प्रमुख के पद पर फिर से बहाल किया गया था।

2021 में पद से हटाया गया था

कॉर्बेट पार्क के बफर क्षेत्र में पाखरो और मोरघटटी वन प्रभागों में अवैध निर्माण तथा पेड़ों के अवैध कटान के आरोपों के बाद वन विभाग में बडे स्तर पर हुई फेरबदल के दौरान भरतरी को नवंबर 2021 में वन विभाग के प्रमुख के पद से हटाकर उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड का प्रमुख बना दिया गया था।

राज्य सरकार के इस आदेश को भरतरी ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें हटाए जाने के पीछे राजनीतिक कारण थे।

भरतरी को नीतिगत निर्णय लेने से रोकने का आदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के अनुपालन में दिया गया है जिसमें उन्हें हाफॅ के पद पर बहाल किए जाने के बावजूद उनके खिलाफ जारी आरोपपत्र को देखते हुए उन पर कोई निर्णय लेने पर रोक लगाई गई है।

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Nainital : हल्द्वानी में मजहबी तनाव के बाद 700 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर

Utt
FIR against more than 700 people after religious tension in Haldwani
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Apr 2023 03:19 PM
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नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हल्द्वानी स्थित एक सार्वजनिक स्थान पर नमाजियों के 'वुजू' करने को लेकर दो गुटों में हुए संघर्ष हो गया था। इस मामले में 700 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

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हल्द्वानी के भोटिया पड़ाव क्षेत्र में दो समुदायों के बीच तनाव तब भड़का, जब हिंदू संगठनों के कुछ लोगों ने आवास विकास कालोनी में चल रही मुस्लिम धार्मिक गतिविधियों पर आपत्ति जताई। यद्यपि नमाज अधिवक्ता जफर सिद्दीकी के घर पर पढ़ी जा रही थी, लेकिन नमाज पढ़ने से पहले 'वुजू' के लिए नमाजियों द्वारा समीप ही स्थित एक सार्वजनिक भूखंड का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसी को लेकर कुछ लोगों ने ऐतराज जताया। नमाज पढ़ने से पहले हाथ-पैर तथा मुंह धोया जाता है, जिसे वुजू कहा जाता है।

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प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि एक हिंदू संगठन के कुछ सदस्यों के क्षेत्र में एकत्रित होने तथा उनके द्वारा इमाम शाहिद हुसैन को थप्पड़ मारे जाने से तनाव और बढ़ गया। हुसैन ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद, सिद्दीकी ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। भोटियापड़ाव पुलिस थाने के थानाध्यक्ष हरेंद्र चौधरी मौके पर पहुंचे और पाया कि सिद्दीकी का मकान अवैध निर्माण है, जिसके बाद उन्होंने उसे सील कर दिया। उन्होंने बताया कि संघर्षरत दोनों गुटों को पुलिस थाने लाया गया।

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पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने 700-800 लोगों के खिलाफ बलवा तथा हिंसा में शामिल होने के लिए समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इससे पहले, एक महिला ने पुलिस में शिकायत दी थी कि उक्त खाली भूखंड का उपयोग अनधिकृत धार्मिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, जिससे सार्वजनिक जगह पर अशांति उत्पन्न हो रही है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।