Dehradun : गाड़ियों में पानी कम होने से आग बुझाने में देरी, दो बच्चियों की मौत, दो की तलाश




Uttrakhand News /देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने बृहस्पतिवार को हाल में वन विभाग के प्रमुख (हॉफ) के पद पर बहाल किए गए राजीव भरतरी के कोई नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगा दी है।
प्रदेश के वन सचिव विजय कुमार यादव द्वारा यहां जारी एक आदेश में कहा गया है कि भरतरी राज्य सरकार की मंजूरी के बिना कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते और न ही वह वन विभाग के किसी कर्मचारी का तबादला या वन मुख्यालय में तैनात किसी अधिकारी या कर्मचारी को नई जिम्मेदारी दे सकते हैं।
आदेश के अनुसार, हॉफ के रूप में दोबारा प्रभार संभालने के बाद भरतरी द्वारा पारित कोई भी आदेश निरस्त समझा जाएगा।
इस बीच, भरतरी द्वारा वन विभाग के प्रमुख का पद संभालने के एक दिन बाद किए गए वन रेंजरों के तबादले का आदेश भी वन विभाग ने निरस्त कर दिया।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर भरतरी को मंगलवार को वन विभाग के प्रमुख के पद पर फिर से बहाल किया गया था।
कॉर्बेट पार्क के बफर क्षेत्र में पाखरो और मोरघटटी वन प्रभागों में अवैध निर्माण तथा पेड़ों के अवैध कटान के आरोपों के बाद वन विभाग में बडे स्तर पर हुई फेरबदल के दौरान भरतरी को नवंबर 2021 में वन विभाग के प्रमुख के पद से हटाकर उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड का प्रमुख बना दिया गया था।
राज्य सरकार के इस आदेश को भरतरी ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें हटाए जाने के पीछे राजनीतिक कारण थे।
भरतरी को नीतिगत निर्णय लेने से रोकने का आदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के अनुपालन में दिया गया है जिसमें उन्हें हाफॅ के पद पर बहाल किए जाने के बावजूद उनके खिलाफ जारी आरोपपत्र को देखते हुए उन पर कोई निर्णय लेने पर रोक लगाई गई है।
Uttrakhand News /देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने बृहस्पतिवार को हाल में वन विभाग के प्रमुख (हॉफ) के पद पर बहाल किए गए राजीव भरतरी के कोई नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगा दी है।
प्रदेश के वन सचिव विजय कुमार यादव द्वारा यहां जारी एक आदेश में कहा गया है कि भरतरी राज्य सरकार की मंजूरी के बिना कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते और न ही वह वन विभाग के किसी कर्मचारी का तबादला या वन मुख्यालय में तैनात किसी अधिकारी या कर्मचारी को नई जिम्मेदारी दे सकते हैं।
आदेश के अनुसार, हॉफ के रूप में दोबारा प्रभार संभालने के बाद भरतरी द्वारा पारित कोई भी आदेश निरस्त समझा जाएगा।
इस बीच, भरतरी द्वारा वन विभाग के प्रमुख का पद संभालने के एक दिन बाद किए गए वन रेंजरों के तबादले का आदेश भी वन विभाग ने निरस्त कर दिया।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर भरतरी को मंगलवार को वन विभाग के प्रमुख के पद पर फिर से बहाल किया गया था।
कॉर्बेट पार्क के बफर क्षेत्र में पाखरो और मोरघटटी वन प्रभागों में अवैध निर्माण तथा पेड़ों के अवैध कटान के आरोपों के बाद वन विभाग में बडे स्तर पर हुई फेरबदल के दौरान भरतरी को नवंबर 2021 में वन विभाग के प्रमुख के पद से हटाकर उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड का प्रमुख बना दिया गया था।
राज्य सरकार के इस आदेश को भरतरी ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें हटाए जाने के पीछे राजनीतिक कारण थे।
भरतरी को नीतिगत निर्णय लेने से रोकने का आदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के अनुपालन में दिया गया है जिसमें उन्हें हाफॅ के पद पर बहाल किए जाने के बावजूद उनके खिलाफ जारी आरोपपत्र को देखते हुए उन पर कोई निर्णय लेने पर रोक लगाई गई है।
