Shivpal Yadav : उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े़ राजनीतिक परिवार के मजबूत सदस्य शिवपाल सिंह यादव ने भी अब भगवान श्रीराम के नाम का सहारा लिया है। भाजपा में एंट्री के लिए उन्होंने अपना कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने आज राम दरबार की एक फोटो शेयर कर चौपाई के माध्यम अपनी बात कही है। जिसके कई तरह के अर्थ निकाले जा रहे है। राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर खासी चर्चा है कि क्या शिवपाल यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए मुश्किलें खड़भ् कर रहे हैं।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात और इसके बाद ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को फालो करने के बाद आज शिवपाल सिंह यादव ने अपने ट्विटर एकाउन्ट में राम दरबार का फोटो शेयर अपने परिवार पर अप्रत्यक्ष तौर पर बड़ा हमला भी किया है।
उन्होंने लिखा है कि भगवान राम का चरित्र परिवार, संस्कार और राष्ट्र निर्माण की सर्वाेत्तम पाठशाला है। चैत्र नवरात्रि आस्था के साथ ही प्रभु राम के आदर्श से जुड़ने व उसे गुनने का भी क्षण है। इसके अलावा एक चौपाई का भी जिक्र भी किया है। प्रातकाल उठि कै रघुनाथा। मातु पिता गुरु नावहिं माथा॥ आयसु मागि करहिं पुर काजा। देखि चरित हरषइ मन राजा॥
यहां यह भी बताना जरूरी है कि भाजपा पिछले कई दशकों से अयोध्या में राम के भव्य मंदिर निर्माण को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद बताती रही है। खास बात यह है कि इसे लेकर भाजपा और समाजवादी पार्टी में सीधा टकराव भी होता रहा है। परंतु पिछले कुछ सालों से राजनीतिक माहौल के चलते अब काफी कुछ बदलता दिख रहा है। 2017 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले समाजवादी पार्टी में विघटन के बाद जहां अखिलेश यादव को सत्ता से हाथ धोना पडा था। जबकि शिवपाल सिंह यादव को पार्टी से बाहर भी किया गया। कई प्रयासों के बाद भी जब अखिलेश और शिवपाल में मेल मिलाप नहीं हो पाया तो शिवपाल सिंह यादव ने अपनी अलग पार्टी बनाई। पर इस उनकी पार्टी को बडी सफलता नहीं मिल सकी।
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विगत विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव के साथ शिवपाल की पार्टी का गठजोड हुआ लेकिन अखिलेश ने जब अपने चाचा के दल को केवल एक सीट दी तब से लगातार दोनों के बीच खटास की बातें सामने आ रही है। यही कारण है कि अब शिवपाल सिंह यादव अपना और बेटे के लिए किसी बडी राजनीतिक मंजिल की तलाश में दिख रहे हैं। सवाल यह है कि शिवपाल यादव का यह कदम, अखिलेश यादव के लिए कितनी मुश्किल खड़ी करेगा।