America : अमेरिका जाना है तो सोशल मीडिया पर न करें ऐसी गलती

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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:34 AM
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America : अमेरिका जाने की सोच रहे हैं? सोशल मीडिया पर एक पोस्ट आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर सकती है। अमेरिका ने वीजा और ग्रीन कार्ड आवेदनों को लेकर नई सख्त नीति लागू की है, जिसमें सोशल मीडिया गतिविधियों की बारीकी से जांच की जाएगी। अगर आपकी कोई पोस्ट या शेयर किया गया कंटेंट अमेरिका की नीति के खिलाफ पाया गया, तो आपको वीजा या स्थायी निवास नहीं मिलेगा।

यूएस वीजा के लिए सोशल मीडिया पर रहें सतर्क

अमेरिका के आव्रजन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब सोशल मीडिया पर फिलिस्तीन, हमास, हिज़बुल्लाह या हूती जैसे संगठनों के समर्थन में पोस्ट करना गंभीर परिणाम ला सकता है। इसके साथ ही इज़राइल, यहूदी समुदाय या उनके नागरिकों के खिलाफ किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक या आलोचनात्मक सामग्री को "यहूदी विरोधी" माना जाएगा, जो आपके वीजा आवेदन में नकारात्मक प्रभाव डालेगा।  America

नई नीति आज से ही लागू: USCIS ने दी जानकारी

यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) ने जानकारी दी है कि यह नई नीति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। यह सिर्फ टूरिस्ट वीजा या स्टूडेंट वीजा ही नहीं बल्कि ग्रीन कार्ड और स्थायी निवास के आवेदनों पर भी लागू होगी।

USCIS ने चेतावनी दी है कि आतंकी सोच या सांप्रदायिकता से जुड़ा सोशल मीडिया कंटेंट अब आपकी नागरिकता की राह में रुकावट बन सकता है।  America

'अमेरिका में आतंक समर्थकों के लिए कोई जगह नहीं'

डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) की असिस्टेंट सेक्रेटरी फॉर पब्लिक अफेयर्स, ट्रिसिया मैकलॉफलिन, ने दो टूक कहा,

"जो लोग यह सोचते हैं कि वे अमेरिका में आकर आतंकवाद और यहूदी विरोधी हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं, उन्हें यहां जगह नहीं मिलेगी।"

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका का मकसद साफ है—देश की सुरक्षा और सामाजिक समरसता को किसी भी कीमत पर खतरे में नहीं डाला जाएगा।

हाल ही में रद्द हुए 300 से अधिक वीजा

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने खुलासा किया कि पिछले कुछ महीनों में 300 से अधिक लोगों के वीजा रद्द किए जा चुके हैं, और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। सबसे चर्चित मामला महमूद खलील का है, जो फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन में शामिल थे। खलील, जो छात्र वीजा पर अमेरिका आए थे, ने स्थायी निवास के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों के चलते उनका केस खारिज कर दिया गया।

क्या करें और क्या न करें?

ये करें:

  • सोशल मीडिया पर न्यूट्रल और सकारात्मक कंटेंट शेयर करें

  • किसी भी धार्मिक या राजनीतिक समूह पर भड़काऊ टिप्पणी से बचें

  • अमेरिकी मूल्यों और नीति का सम्मान करें

ये न करें:

  • आतंकी संगठनों के समर्थन में कोई पोस्ट या कमेंट

  • किसी भी समुदाय, देश या धर्म के खिलाफ नफरत फैलाना

  • भ्रामक या उग्र सामग्री शेयर करना    America :

 

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Tariff : iPhone हो सकता है तीन गुना महंगा, कीमत छू सकती है ₹3 लाख

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Apr 2025 04:20 PM
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Tariff :  डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित टैरिफ नीति से न केवल अमेरिकी बाजार में बड़ा बदलाव आ सकता है, बल्कि इससे iPhone जैसे हाई-टेक गैजेट्स की कीमतों में भारी उछाल आ सकता है। आइए समझते हैं कि यह नीति क्यों iPhone की कीमत को ₹3 लाख तक पहुंचा सकती है।

1. क्या है ट्रंप का Tariff प्लान?

  • पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी आयात पर भारी शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है।

  • उनका मानना है कि इस नीति से अमेरिकी कंपनियां उत्पादन अमेरिका में करेंगी।

  • इससे देश में नौकरियों का सृजन होगा और घरेलू इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।  Tariff

 2. Apple को क्यों झेलनी पड़ सकती है भारी कीमत?

  • Apple को अमेरिका में निर्माण के लिए अरबों डॉलर की लागत से नई फैक्ट्रियां बनानी होंगी।

  • साथ ही, उन्हें एक जटिल सप्लाई चेन विकसित करनी पड़ेगी जो दशकों से एशिया में बनी हुई है।    Tariff

 3. iPhone की कीमत में जबरदस्त उछाल

  • CNN की रिपोर्ट के अनुसार, अगर iPhone का पूरा निर्माण अमेरिका में होता है, तो इसकी कीमत $3,500 (लगभग ₹3 लाख) तक जा सकती है।

  • अभी भारत में एक iPhone की औसत कीमत लगभग ₹1 लाख के आस-पास है।

  • निर्माण लागत, मजदूरी, और फैक्ट्री सेटअप जैसी वजहों से कीमत तीन गुना तक बढ़ सकती है।

 4. एशियाई सप्लाई चेन पर Apple की भारी निर्भरता

  • iPhone में लगने वाले पुर्जे दुनिया के कई देशों से आते हैं:

    • चिप्स: ताइवान

    • स्क्रीन: दक्षिण कोरिया

    • असेंबली: चीन

  • ये पुर्जे चीन की फैक्ट्रियों में assembled किए जाते हैं और फिर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात किए जाते हैं।

 5. सिर्फ 10% सप्लाई चेन को अमेरिका लाने की लागत

  • रिपोर्ट बताती है कि Apple अगर सिर्फ 10% सप्लाई चेन को भी अमेरिका लाना चाहे,

    • तो इसमें कम से कम 3 साल और $30 बिलियन (करीब ₹2.5 लाख करोड़) का खर्च आएगा।

 6. उपभोक्ताओं पर प्रभाव

  • स्मार्टफोन खरीदना आम लोगों के लिए और महंगा हो जाएगा।

  • मध्यम वर्ग के लिए iPhone जैसी डिवाइसेज़ एक लग्ज़री से भी ऊपर हो सकती हैं।

  • इससे Apple की बिक्री पर भी असर पड़ सकता है।    Tariff : 

 

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Tariff : टैरिफ वार: अमेरिका बनाम चीन – भारत कहां खड़ा है?

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userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:46 AM
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Tariff : अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापार युद्ध अब 104% आयात शुल्क तक पहुंच चुका है। इस कदम का भारत, अमेरिका और दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आइए बिंदुओं में विस्तार से जानते हैं।

क्या है पूरा मामला?

  • अमेरिका ने चीन से आने वाले उत्पादों पर 104% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

  • यह निर्णय डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में लिया गया है, जिन्होंने इससे पहले भी 20% और 34% का टैरिफ लगाया था।

  • चीन ने भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिका से आयात होने वाले सामानों पर टैरिफ बढ़ा दिया।  Tariff

भारत पर क्या असर पड़ेगा?

नुकसान की संभावनाएं:

  • अमेरिकी उत्पादों पर असर: भारत अमेरिका से जिन वस्तुओं का आयात करता है, उनमें से कई चीन-निर्भर हैं, जैसे:

    • इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

    • ऑटो पार्ट्स

    • विमान इंजन

    • आभूषण

  • इन उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे भारत को महंगे आयात का सामना करना पड़ सकता है।

  • वैश्विक सप्लाई चेन पर असर पड़ने से उत्पादन व आयात में देरी हो सकती है।  Tariff

फायदे की संभावनाएं:

  • भारत को अमेरिका के वैकल्पिक व्यापार भागीदार के रूप में देखा जा सकता है।

  • भारतीय उत्पाद चीन की तुलना में 75% तक सस्ते होंगे, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

  • चावल, वस्त्र, ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति मज़बूत होगी।

  • अन्य एशियाई देशों जैसे बांग्लादेश, इंडोनेशिया की तुलना में भी भारत बेहतर स्थिति में होगा।    Tariff

दुनिया पर क्या होगा असर?

चीन पर प्रभाव:

  • अमेरिका चीन का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। ऐसे में 104% टैरिफ से:

    • निर्यात घटेगा

    • नौकरियों में कटौती हो सकती है

    • उत्पादन इकाइयों का पलायन संभव

  • गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, चीन की GDP 2025 तक 2.4% तक गिर सकती है।

🇺🇸 अमेरिका पर प्रभाव:

  • अमेरिका की मुद्रास्फीति दर (महंगाई) बढ़कर 4.5% तक पहुंच सकती है।

  • ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं घटेंगी, जिससे आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ेगा।

  • रोज़गार सृजन में कमी आ सकती है क्योंकि कंपनियां टैरिफ में ही ज्यादा खर्च करेंगी।      Tariff :

 

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