Parama Ekadashi 2023: अधिक मास की अंतिम परमा एकादशी पर हरि पूजन एवं कथा श्रवण से मिलेगा अधिकमास का संपूर्ण फल  

Parma
Parama Ekadashi 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 09:03 AM
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Parama Ekadashi 2023:  अधिक मास में आने वाली दूसरी एकादशी को परमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी के दिन श्री विष्णु पूजन के साथ ही देवी लक्ष्मी जी का पूजन होता है. shravana parama ekadashi 2023 parama ekadashi 2023 kab hai परम/परमा एकादशी 12 अगस्त 2023 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन भक्त ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए एकादशी का पालन करते हैं. परमा एकादशी सभी प्रकार के अर्थ ज्ञान एवं भक्ति को प्रदान करने वाली होती है. यह परम ज्ञान एवं सत्य को प्रदान करने में सहायक बनती है. इस एकादशी के द्वारा व्यक्ति अपने जीवन में सिद्धि एवं मुक्ति के रहस्य को जान पाने में सक्षम होता है. Adhika Masa Ekadashi इस एकादशी का स्वरुप सभी एकादशियों से विशेष माना गया है. जिसके पीछे इसका तीन वर्ष के पश्चात आगमन एक बेहद खास कारण होता है. परम एकादशी पूजा मुहूर्त  Parama Ekadashi Date, Parana Time, Puja Rituals and Significance परम एकादशी व्रत 12 अगस्त 2023 को शनिवार के दिन रखा जाएगा. श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष मे एकादशी तिथि का आरंभ 10 अगस्त 2023 को 29:06 पर होगी तथा एकादशी तिथि समाप्ति का समय 12 अगस्त 2023 को 06:31 बजे पर होगा. पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय 08:19 रहेगा तथा 13 अगस्त को एकादशी पारण का समय 05:49 से 08:19 तक शुभस्थ होगा. परम एकादशी पूजन Parama Ekadashi 2023 significance   अधिक मास में आने वाली दोनों एकादशी का समय भक्तों के लिए उत्तम फलदायी माना गया है. अधिक मास के शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष की एकादशी का समय मोक्ष एवं सिद्धियों को प्रदान करने वाला माना गया है. दोनों एकादशी चाहे कृष्ण पक्ष में हो या फिर शुक्ल पक्ष में इनके यह नाम सर्वमान्य होता है इसके अलावा एक एकादशी पद्मिनी तथा अन्य एकादशी परम एकादशी के नाम से जानी जाती है जिसमें श्री विष्णु पूजन द्वारा भक्तों को शुभ फल प्राप्त होते हैं. परम एकादशी व्रत कथा parama ekadashi 2023 katha Parama Ekadashi 2023 अधिकमास में आने वाली यह एकादशी सभी प्रक्रार के कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक बनती है. इस एकादशी से संबंधित कथा का वर्णन कई रुपों में हमें प्राप्त होता है. शास्त्रों के अनुसार एक कथा सुमेधा नामक ब्राह्मण से संबंधित है. इस कथा अनुसार एक नगर में सुमेधा नामक एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ निवास करता था. दोनों ही बेहद धर्म परायण लोग थे. किंतु आर्थिक रुप से वह परिवर बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहा था. एक बार ब्राह्मण ने अपनी पत्नी से कहा की इतना परिश्रम करने के उपरांत भी हमें कुछ प्राप्त नहीं होता है. धर्म कर्म से जीवन यापन करते हुए भी हमारे भाग्य में केवल संघर्ष ही है अत: अब मैं यहां न रह कर किसी अन्यत्र स्थान पर जाकर काम करुंगा. तब उसकी पत्नी ने कहा की हे नाथ यह कष्ट केवल पूर्व जन्मों के किए गए गलत कार्यों का ही प्रभाव है क्योंकि कर्म से कोई नहीं बच पाया है. स्वामी आप मुझे छोड़ कर नहीं जाएं मै आपके वियोग को सहन नहीं कर पाउंगी. जो हमारे भाग्य में वह हर स्थान पर हमारे साथ ही होगा. तब उस समय वहां से कौंडिन्य ऋषि गुजर रहे होते हैं. ऋषि को देख दोनों पति पत्नी उन्हें प्रणाम करते हैं तथा उनका मान सम्मान करते हैं. आतिथ्य के पश्चात ब्राह्मण की पत्नी ऋषि से अपनी गरीबे से मुक्ति का मार्ग पूछती है तो ऋषि उन्हें अधिकमास की एकादशी के विषय में बताते हैं तथा उस समय पर व्रत एवं एकादशी का पालन करने की सलाह देते हैं. दोनों पति पत्नी ऋषि के कथन अनुसार आने वाली अधिकमास की एकादशी के दिन अपवास करते हैं तथा भक्ति के साथ एकादशी का व्रत संपूर्ण करते हैं. एकादशी के व्रत के फल स्वरुप उनका जीवन आर्थिक कष्टों से मुक्त हो जाता है तथा उन्हें सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस प्रकार अधिकमास की एकादशी सभी प्रकार के पापों के नाश करने हेतु तथा जीवन को सुखमय बनाने हेतु उत्तम फलदायी होती है. shravana parama ekadashi 2023 एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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Parama Ekadashi 2023:  अधिक मास में आने वाली दूसरी एकादशी को परमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी के दिन श्री विष्णु पूजन के साथ ही देवी लक्ष्मी जी का पूजन होता है. shravana parama ekadashi 2023 parama ekadashi 2023 kab hai परम/परमा एकादशी 12 अगस्त 2023 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन भक्त ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए एकादशी का पालन करते हैं. परमा एकादशी सभी प्रकार के अर्थ ज्ञान एवं भक्ति को प्रदान करने वाली होती है. यह परम ज्ञान एवं सत्य को प्रदान करने में सहायक बनती है. इस एकादशी के द्वारा व्यक्ति अपने जीवन में सिद्धि एवं मुक्ति के रहस्य को जान पाने में सक्षम होता है. Adhika Masa Ekadashi इस एकादशी का स्वरुप सभी एकादशियों से विशेष माना गया है. जिसके पीछे इसका तीन वर्ष के पश्चात आगमन एक बेहद खास कारण होता है. परम एकादशी पूजा मुहूर्त  Parama Ekadashi Date, Parana Time, Puja Rituals and Significance परम एकादशी व्रत 12 अगस्त 2023 को शनिवार के दिन रखा जाएगा. श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष मे एकादशी तिथि का आरंभ 10 अगस्त 2023 को 29:06 पर होगी तथा एकादशी तिथि समाप्ति का समय 12 अगस्त 2023 को 06:31 बजे पर होगा. पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय 08:19 रहेगा तथा 13 अगस्त को एकादशी पारण का समय 05:49 से 08:19 तक शुभस्थ होगा. परम एकादशी पूजन Parama Ekadashi 2023 significance   अधिक मास में आने वाली दोनों एकादशी का समय भक्तों के लिए उत्तम फलदायी माना गया है. अधिक मास के शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष की एकादशी का समय मोक्ष एवं सिद्धियों को प्रदान करने वाला माना गया है. दोनों एकादशी चाहे कृष्ण पक्ष में हो या फिर शुक्ल पक्ष में इनके यह नाम सर्वमान्य होता है इसके अलावा एक एकादशी पद्मिनी तथा अन्य एकादशी परम एकादशी के नाम से जानी जाती है जिसमें श्री विष्णु पूजन द्वारा भक्तों को शुभ फल प्राप्त होते हैं. परम एकादशी व्रत कथा parama ekadashi 2023 katha Parama Ekadashi 2023 अधिकमास में आने वाली यह एकादशी सभी प्रक्रार के कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक बनती है. इस एकादशी से संबंधित कथा का वर्णन कई रुपों में हमें प्राप्त होता है. शास्त्रों के अनुसार एक कथा सुमेधा नामक ब्राह्मण से संबंधित है. इस कथा अनुसार एक नगर में सुमेधा नामक एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ निवास करता था. दोनों ही बेहद धर्म परायण लोग थे. किंतु आर्थिक रुप से वह परिवर बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहा था. एक बार ब्राह्मण ने अपनी पत्नी से कहा की इतना परिश्रम करने के उपरांत भी हमें कुछ प्राप्त नहीं होता है. धर्म कर्म से जीवन यापन करते हुए भी हमारे भाग्य में केवल संघर्ष ही है अत: अब मैं यहां न रह कर किसी अन्यत्र स्थान पर जाकर काम करुंगा. तब उसकी पत्नी ने कहा की हे नाथ यह कष्ट केवल पूर्व जन्मों के किए गए गलत कार्यों का ही प्रभाव है क्योंकि कर्म से कोई नहीं बच पाया है. स्वामी आप मुझे छोड़ कर नहीं जाएं मै आपके वियोग को सहन नहीं कर पाउंगी. जो हमारे भाग्य में वह हर स्थान पर हमारे साथ ही होगा. तब उस समय वहां से कौंडिन्य ऋषि गुजर रहे होते हैं. ऋषि को देख दोनों पति पत्नी उन्हें प्रणाम करते हैं तथा उनका मान सम्मान करते हैं. आतिथ्य के पश्चात ब्राह्मण की पत्नी ऋषि से अपनी गरीबे से मुक्ति का मार्ग पूछती है तो ऋषि उन्हें अधिकमास की एकादशी के विषय में बताते हैं तथा उस समय पर व्रत एवं एकादशी का पालन करने की सलाह देते हैं. दोनों पति पत्नी ऋषि के कथन अनुसार आने वाली अधिकमास की एकादशी के दिन अपवास करते हैं तथा भक्ति के साथ एकादशी का व्रत संपूर्ण करते हैं. एकादशी के व्रत के फल स्वरुप उनका जीवन आर्थिक कष्टों से मुक्त हो जाता है तथा उन्हें सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस प्रकार अधिकमास की एकादशी सभी प्रकार के पापों के नाश करने हेतु तथा जीवन को सुखमय बनाने हेतु उत्तम फलदायी होती है. shravana parama ekadashi 2023 एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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Singh Sankranti 2023: सिंह संक्रांति कब है? इस दिन इस एक चीज का दान करने से मिलता है प्रसिद्धि का योग  

Sankaranti
Singh Sankranti 2023
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 02:36 AM
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Singh Sankranti 2023: सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना संक्रांति कहलाता है. हर वर्ष सूर्य 12 राशियों में भ्रमण करता है जिसे एक सौर वर्ष के रुप से भी जाना जाता है. एक के बाद एक राशि में विचरण करते हुए सूर्य की स्थिति एवं उसके प्रभावों में कुछ न कुछ अंतर भी अवश्य दिखाई देता है. इसी में सिंह राशि में सूर्य का जाना सिंह संक्रांति का खास समय होता है. सिंह संक्रांति के समय पर किया गया स्नान दान अमोघ फल प्रदान करने वाला कार्य माना गया है snan daan samay importance and impact of singh sankranti what is the date of sankranti इस वर्ष सिंह संक्रांति 17 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी. सिंह संक्रांति के दिन पर कई प्रकार के धार्मिक कर्म किए जाते हैं इसमें दान, स्नान जप तप की महिमा बहुत अधिक मानी गई है. सिंह संक्रांति के दिन एक वस्तु का दान करना बेहद ही शुभ और विशेष माना गया है. सिंह संक्रांति के दिन घी के दान की महत्ता इस प्रकार रही है की इस संक्रांति को कुछ स्थानों में घी संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पर अपनी सामर्थ्य अनुसार किए गए दान का प्रभाव कई गुना प्राप्त होता है.

2023 सिंह संक्रान्ति दान पुण्यकाल समय singh sankranti time shubh muhurat puja vidhi:

सिंह संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त 17 अगस्त 2023 को बृहस्पतिवार, के दिन से होगा. सिंह संक्रान्ति पुण्य काल 06:44 से 13:44 तक रहने वाला है. सिंह संक्रान्ति महा पुण्य काल 11:33 से 13:44 तक रहेगा. सूर्य का सिंह संक्रान्ति में प्रवेश समय 13:44 के करीब होगा.

आइये जानते हैं सिंह संक्रांति में घी दान का महत्व Singh Sankranti 2023 Significance Of Ghee

17 अगस्त 2023 को मनाई जाने वाली संक्रांति के दिन कुछ चीजों का दान विशेष माना गया है. 17 अगस्त को सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर अपनी राशि सिंह में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष अनुसार ये समय सूर्य के संक्रमण का काल समय होता है. कुछ विशेष समय काल के दौरान यदि कुछ कार्यों को कर लिया जाता है तो उसके द्वारा नकारात्मक चीजें शांत होती हैं तथा सकारात्मक ऊर्जाओं की शक्ति व्यक्ति को प्राप्त होती है. सिंह राशि सूर्य के स्वामित्व की राशि है. इस संक्रमण काल के समय सूर्य का जल तत्व युक्त कर्क राशि से निकल कर अग्नि तत्व युक्त सिंह राशि में जाना कई तरह के बदलावों का सूचक बनता है. इस समय पर वातावरण में होने वाले बदलाव का असर सीधे व्यक्ति पर पड़ता है अत: इस कारण से इस समय के दोरान स्नान कार्य को बेहद जरूरी माना गया है. उसी के साथ साथ कुछ वस्तुओं का दान भी धार्मिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अनुकूल होता है. घी एक ऎसा पदार्थ है जो शक्ति एवं ऊर्जा को प्रदान करता है. इस समय पर इस वस्तु का हव यज्ञ इत्यादि में उपयोग किया जाना वातावरण में मौजूद अशुद्धियों को समाप्त करने में सहायक बनता है तथा शुभता का संचार इसके द्वारा होता है.

सिंह संक्रांति महत्व importance of singh sankranti

इस दिन घी के सेवन करने की ओर अधिक बल दिया जाता है, इस दिन घी खाने से व्यक्ति पशु योनि से मुक्ति पाता है तथा उसके पुण्य कर्मों में वृद्धि होती है. इस संक्रांति से संबंधित धार्मिक साक्ष्यों में संक्रांति समय स्नान दान जप तप की महिमा का वर्णन विस्तार पूर्वक प्राप्त होता है. सूर्य देव के साथ इस दिन पितरों को भी नमस्कार किया जाता है. पित्तरों के निमित्त दान कार्य संपन्न होता है.  इस पावन पर्व के दिन भगवान विष्णु का पूजन होता है तथा श्री हरि के अन्य स्वरुप भगवान नरसिम्हा की पूजा का भी विशेष विधान बताया गया है. एस्ट्रोलॉजर राजरानी

Astro Tips : घर में सुख शांति और सफलता के लिए,घर के मंदिर में जरूरी है पंचांग देवों की स्थापना…