देवउठनी एकादशी से शादी विवाह से जुड़े मांगलिक कार्यों का हुआ आरंभ,इस दिन समाप्त होगा साया

हिंदू पंचांग अनुसार मांगलिक कार्यों को करने हेतु कुछ विशेष शुभ समय का निर्धारण किया जाता है

Vivah e1700719445808
Vivah Muhurat 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:00 AM
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Vivah Muhurat 2023 काफी समय से रुके हुए विवाह कार्य देवोत्थान एकादशी के साथ पुन: आरंभ होंगे. हिंदू पंचांग अनुसार मांगलिक कार्यों को करने हेतु कुछ विशेष शुभ समय का निर्धारण किया जाता है. चातुर्मास का समय जब आता है तह सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, गृह आरंभ इत्यादि कामों को रोक देने का विधान रहा है. शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास के चार माह में भगवान श्री विष्णु शयन काल में होते हैं और देवोत्थान एकादशी के दिन उनका शयन समाप्त होता है और वह जागते हैं जिस कारण से इस दिन को देवउठनी एकादशी, हरि प्रबोधनी एकादशी इत्यादि नामों से जाना जाता है. भगवान के योग निद्रा से जागने के साथ ही आरंभ हो जाते हैं सभी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्य. जिसमें से सबसे प्रमुख शादी विवाह का समय रहता है. क्योंकि एक लंबे समय तक इन कार्यों पर रोक होने के चलते सभी को बड़ी बेसब्री से इस दिन का इंतजार भी रहता है.

भगवान के जागने के साथ होता है तुलसी विवाह 

देव या कहें हरि प्रबोधिनी एकादशी के दिन पर विशेष रुप से तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है. तुलसी विवाह समय पर माता तुलसी का विवाह भगवान श्री विष्णु के शालिग्राम रूप के साथ किया जाता है. इस दिन को विवाह के उत्सव के रुप में मनाए जाने का विधान रहा है. तुलसी विवाह के दिन गाजे बाजे के साथ बारात निकाली जाती है और देवी तुलसी का गठबंधन शालिग्राम के साथ संपन्न होता है.

देवउठनी एकादशी है अबूझ मुहूर्त 

देव उठनी एकादशी का दिन ही विवाह कार्यों के आरंभ होने का समय होता है. चारों ओर इस दिन से शादी विवाह सगाई जैसे विशेष मांगलिक कार्यों का आगाज होता है. कार्तिक माह की इस एकदशी को एक अबूझ मुहूर्त के रुप में जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार कुछ ऎसे विशेष मुहूर्तों का उल्लेख मिलता है जिनके मिलने पर किसी अन्य मुहूर्त को निकालने की आवश्यकता नही होती है और उस दिन का सारा समय ही बेहद शुभ होता है. ऎसे में इस देव उठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त मानते हुए इस दिन पर विवाह, गृह प्रवेश, गृह नींव निर्माण, नामकरण इत्यादि कार्यों को बिना कोई अन्य शुभ समय देखे किया जा सकता है.

इस साल कुछ विशेष दिन शादी विवाह के लिए उपयुक्त होंगे 

नवंबर माह में आज के दिन देवोत्थान को मिलाकर पांच दिन ही विवाह के लिए शुभ होंगे.

दिसंबर माह में सात दिनों का समय होगा जब विवाह कार्य किए जा सकेंगे. इसके बाद 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि गोचर के कारण विवाह कार्य रुक जाएंगे जो आने वाले जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद से ही आरंभ होंगे.  आचार्या राजरानी

गाजियाबाद में अबूझ मुहूर्त पर,शहर में आज 600 शादियों का सुंदर समागम

ग़ाज़ियाबाद न्यूज़

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देवउठनी एकादशी से शादी विवाह से जुड़े मांगलिक कार्यों का हुआ आरंभ,इस दिन समाप्त होगा साया

हिंदू पंचांग अनुसार मांगलिक कार्यों को करने हेतु कुछ विशेष शुभ समय का निर्धारण किया जाता है

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Vivah Muhurat 2023 काफी समय से रुके हुए विवाह कार्य देवोत्थान एकादशी के साथ पुन: आरंभ होंगे. हिंदू पंचांग अनुसार मांगलिक कार्यों को करने हेतु कुछ विशेष शुभ समय का निर्धारण किया जाता है. चातुर्मास का समय जब आता है तह सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, गृह आरंभ इत्यादि कामों को रोक देने का विधान रहा है. शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास के चार माह में भगवान श्री विष्णु शयन काल में होते हैं और देवोत्थान एकादशी के दिन उनका शयन समाप्त होता है और वह जागते हैं जिस कारण से इस दिन को देवउठनी एकादशी, हरि प्रबोधनी एकादशी इत्यादि नामों से जाना जाता है. भगवान के योग निद्रा से जागने के साथ ही आरंभ हो जाते हैं सभी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्य. जिसमें से सबसे प्रमुख शादी विवाह का समय रहता है. क्योंकि एक लंबे समय तक इन कार्यों पर रोक होने के चलते सभी को बड़ी बेसब्री से इस दिन का इंतजार भी रहता है.

भगवान के जागने के साथ होता है तुलसी विवाह 

देव या कहें हरि प्रबोधिनी एकादशी के दिन पर विशेष रुप से तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है. तुलसी विवाह समय पर माता तुलसी का विवाह भगवान श्री विष्णु के शालिग्राम रूप के साथ किया जाता है. इस दिन को विवाह के उत्सव के रुप में मनाए जाने का विधान रहा है. तुलसी विवाह के दिन गाजे बाजे के साथ बारात निकाली जाती है और देवी तुलसी का गठबंधन शालिग्राम के साथ संपन्न होता है.

देवउठनी एकादशी है अबूझ मुहूर्त 

देव उठनी एकादशी का दिन ही विवाह कार्यों के आरंभ होने का समय होता है. चारों ओर इस दिन से शादी विवाह सगाई जैसे विशेष मांगलिक कार्यों का आगाज होता है. कार्तिक माह की इस एकदशी को एक अबूझ मुहूर्त के रुप में जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार कुछ ऎसे विशेष मुहूर्तों का उल्लेख मिलता है जिनके मिलने पर किसी अन्य मुहूर्त को निकालने की आवश्यकता नही होती है और उस दिन का सारा समय ही बेहद शुभ होता है. ऎसे में इस देव उठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त मानते हुए इस दिन पर विवाह, गृह प्रवेश, गृह नींव निर्माण, नामकरण इत्यादि कार्यों को बिना कोई अन्य शुभ समय देखे किया जा सकता है.

इस साल कुछ विशेष दिन शादी विवाह के लिए उपयुक्त होंगे 

नवंबर माह में आज के दिन देवोत्थान को मिलाकर पांच दिन ही विवाह के लिए शुभ होंगे.

दिसंबर माह में सात दिनों का समय होगा जब विवाह कार्य किए जा सकेंगे. इसके बाद 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि गोचर के कारण विवाह कार्य रुक जाएंगे जो आने वाले जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद से ही आरंभ होंगे.  आचार्या राजरानी

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Tulsi Vivah : आज और कल दो दिन होगा तुलसी विवाह,जान लें सभी शुभ मुहूर्त

इस दिन तुलसी जी का विवाह भगवान श्री विष्णु के स्वरुप शालिग्राम जी से किया जाता है.

Tulsi vivah 2021 e1700715704150
Tulsi Vivah
locationभारत
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calendar23 Nov 2023 04:06 PM
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Tulsi Vivah  कार्तिक माह में तुलसी पूजा के साथ ही तुलसी विवाह अनुष्ठान करना बहुत शुभदायी होता है. तुलसी विवाह का आयोजन कार्तिक माह के एकादशी पर होता है. इस दिन तुलसी जी का विवाह भगवान श्री विष्णु के स्वरुप शालिग्राम जी से किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार तुलसी विवाह को करना पुण्य फलों को देने वाला माना गया है. इस समय पर तुलसी माता को दुल्हन की भांति सजाया जाता है तथा सभी प्रकार की शृंगार को किया जाता है तथा विवाह की ही भांति शालिग्राम ही के साथ उनका गठबंधन किया जाता है. आईये जानते हैं तुलसी विवाह का महत्व और शुभ पूजा समय

इस वर्ष तुलसी विवाह का आयोजन होगा दो दिन

पंचांग के अनुसार तुलसी विवाह का समय कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन होता है तो कुछ स्थानों पर इसे द्वादशी तिथि पर भी किया जाता है. इस वर्ष तुलसी विवाह 24 नवंबर 2023 को किया जाएगा. आइये जानें एकादशी और द्वादशी के दिन किस प्रकार रहने वाला है विवाह समय.

तुलसी विवाह तिथि और शुभ मुहूर्त समय 23 नवंबर 2023 कार्तिक देव उठनी एकादशी

तुलसी विवाह का समय एकादशी के दिन इस प्रकार रहने वाला है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल तुलसी विवाह का समय द्वोत्थान एकादशी के दिन होगा. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का आरंभ 22 नवंबर 2023 को रात्रि 22.03 मिनिट पर होगा और एकादशी तिथि की समाप्ति 23 नवंबर 2023 को बृहस्पतिवार के समय रात्रि 21.01 मिनिट पर होगी. देवोत्थान एकादशी के दिन पूजा करने का शुभ समय संध्या के दौरान 17:25 मिनट से 20:46 मिनट तक व्याप्त रहने वाला है. इस देवउठनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त समय पर तुलसी विवाह का लाभ जीवन में सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने वाला होगा.

तुलसी विवाह तिथि और शुभ मुहूर्त समय 24 नवंबर 2023 कार्तिक द्वादशी के दिन

कुछ स्थानों पर कार्तिक माह की द्वादशी पर तुलसी विवाह किया जाएगा. इस वर्ष 24 नवंबर को द्वादशी तिथि की प्राप्ति होगी. कार्तिक माह की द्वादशी की शुरुआत 23 नवंबर 2023 की रात्रि के समय 21:01 मिनिट पर होगी. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 24 नवंबर 2023 को संध्या समय 19:06 पर समाप्त होगी. इस दिन तुलसी विवाह पूजा का समय प्रात:काल 06:50 से 10:48 तक रहने वाला है. इसके पश्चात 12:07 से 13:26 तक शुभ समय रहेगा एवं संध्या समय 19:07 तक रहने वाला है. इन दो दिनों में तुलसी विवाह का आयोजन भक्ति भाव के साथ संपन्न होता है. तुलसी विवाह के द्वारा दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है. कन्यादान का सुख प्राप्त होता है. आचार्या राजरानी

भीष्म पंचक के पांच दिनों में पाएं संपूर्ण कार्तिक माह का फल 

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