खास ख़बर : भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर बनेगा एक खास किस्म का एक्सप्रेस-वे

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Dec 2022 12:45 AM
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खास ख़बर: मथुरा/ ग्रेटर नोएडा। मथुरा वृंदावन भारतीय संस्कृति का एक बहुत बड़ा केंद्र है। यहां पर एक हेरीटेज कॉरीडोर बनाने की योजना स्वीकृत की गई है। 12 सौ हेक्टेयर में यह कारीडोर बनाया जा रहा है। साथ ही यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) यमुना एक्सप्रेस-वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोडऩे के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे भी बनाने जा रहा है, यह विशेष मार्ग 100 मीटर चौड़ा होगा। यह जानकारी देश के जाने-माने प्रशासनिक अधिकारी व यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह ने दी है।

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उन्होंने बताया कि इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है। वृंदावन और मथुरा से जुड़ी हुई हमारी सांस्कृतिक, धरोहर को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि मथुरा में यमुना प्राधिकरण का एक अर्बन नोट स्वीकृत हुआ है। उसको राया अर्बन नोट कहते है। जिसके अनुसार वहां पर एक हेरिटेज कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसका ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा जो कि पीपीपी मोड पर होगा। एक्सप्रेस-वे का खर्चा प्राधिकरण वहन करेगा और जो पीपीपी डेवलपर होगा बाकी चीजें उसके द्वारा की जाएंगी। इसके लिए जमीन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी। यमुना एक्सप्रेस-वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोडऩे के लिए छह किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनेगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल के गांव जैसे - नंदगांव, बरसाना व गोकुल भी विकसित होंगे जो पूरी तरह से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे। वृंदावन को तालाबों का शहर भी कहा जाता है तो विभिन्न प्रकार के तालाब विकसित किए जाएंगे। यह सब सड़क के किनारे होगा। लोग इसे पैदल भी जाकर देख सकेंगे और अपने वाहनों से भी। इसका मकसद भारतीय संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना होगा। सीईओ डा.अरुणवीर सिंह ने बताया कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट को आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही साथ कथा वाचनालय केंद्र भी बनेंगे जहां पर कोई भी जाकर भागवत कथा सुन सकेगा। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बांके बिहारी मंदिर को जोड़ेगा और इसी एक्सप्रेस से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा। इसको जोडऩे से लोगों को सुगमता हो जाएगी और वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी। मथुरा वृंदावन में वाहनों की पार्किंग की भारी समस्या है उसको दूर करने के लिए पार्किंग का एक विशाल स्थान बनाया जा रहा है। जिससे श्रद्घालु जाम का सामना किए बगैर सीधे मंदिर जाकर दर्शन कर सकेंगे। डा. अरुणवीर सिंह ने कहा कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का अधिसूचित क्षेत्र 6 किलोमीटर का है उसी 6 किलोमीटर की रेडियस में इसे पूरा बनाया जाएगा। यह कुल 1200 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा।

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खास ख़बर: मथुरा/ ग्रेटर नोएडा। मथुरा वृंदावन भारतीय संस्कृति का एक बहुत बड़ा केंद्र है। यहां पर एक हेरीटेज कॉरीडोर बनाने की योजना स्वीकृत की गई है। 12 सौ हेक्टेयर में यह कारीडोर बनाया जा रहा है। साथ ही यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) यमुना एक्सप्रेस-वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोडऩे के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे भी बनाने जा रहा है, यह विशेष मार्ग 100 मीटर चौड़ा होगा। यह जानकारी देश के जाने-माने प्रशासनिक अधिकारी व यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह ने दी है।

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उन्होंने बताया कि इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है। वृंदावन और मथुरा से जुड़ी हुई हमारी सांस्कृतिक, धरोहर को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि मथुरा में यमुना प्राधिकरण का एक अर्बन नोट स्वीकृत हुआ है। उसको राया अर्बन नोट कहते है। जिसके अनुसार वहां पर एक हेरिटेज कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसका ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा जो कि पीपीपी मोड पर होगा। एक्सप्रेस-वे का खर्चा प्राधिकरण वहन करेगा और जो पीपीपी डेवलपर होगा बाकी चीजें उसके द्वारा की जाएंगी। इसके लिए जमीन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी। यमुना एक्सप्रेस-वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोडऩे के लिए छह किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनेगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल के गांव जैसे - नंदगांव, बरसाना व गोकुल भी विकसित होंगे जो पूरी तरह से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे। वृंदावन को तालाबों का शहर भी कहा जाता है तो विभिन्न प्रकार के तालाब विकसित किए जाएंगे। यह सब सड़क के किनारे होगा। लोग इसे पैदल भी जाकर देख सकेंगे और अपने वाहनों से भी। इसका मकसद भारतीय संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना होगा। सीईओ डा.अरुणवीर सिंह ने बताया कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट को आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही साथ कथा वाचनालय केंद्र भी बनेंगे जहां पर कोई भी जाकर भागवत कथा सुन सकेगा। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बांके बिहारी मंदिर को जोड़ेगा और इसी एक्सप्रेस से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा। इसको जोडऩे से लोगों को सुगमता हो जाएगी और वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी। मथुरा वृंदावन में वाहनों की पार्किंग की भारी समस्या है उसको दूर करने के लिए पार्किंग का एक विशाल स्थान बनाया जा रहा है। जिससे श्रद्घालु जाम का सामना किए बगैर सीधे मंदिर जाकर दर्शन कर सकेंगे। डा. अरुणवीर सिंह ने कहा कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का अधिसूचित क्षेत्र 6 किलोमीटर का है उसी 6 किलोमीटर की रेडियस में इसे पूरा बनाया जाएगा। यह कुल 1200 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा।

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Kashi Vishwanath: नया कॉरिडोर बनने पर चमत्कार, श्रद्धालु बढ़े, चढ़ावा 100 करोड़ पार

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calendar30 Nov 2025 07:43 AM
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Kashi Vishwanath: वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर का नया कॉरिडोर बनने के बाद चमत्कार हुआ है। यहां पर सब कुछ बदल गया है। हर चीजों में बढ़ोत्तरी हुई है। न सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है बल्कि, चढ़ावा भी 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। आने वाले समय में दोनों में और भी इजाफा होगा।  

Kashi Vishwanath:

बकौल मंदिर प्रशासन, बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आए शिवभक्तों ने दिल खोलकर भोले के दरबार में नकदी, सोना, चांदी और अन्य धातुओं का चढ़ावा चढ़ाया है। बात करें, कुल चढ़ावे की तो उसकी 100 करोड़ रुपये से भी अधिक कीमत है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि धाम के लोकार्पण से अब तक श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ से अधिक की नकदी दान की गई है। इसमें से 40 प्रतिशत धनराशि आनलाइन सुविधाओं के उपयोग से प्राप्त हुई है। [caption id="attachment_49161" align="alignnone" width="300"]Kashi Vishwanath: Kashi Vishwanath:[/caption] वहीं श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ से अधिक की बहुमूल्य धातु (60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा) भी है। आस्थावानों द्वारा दिये गये सोना व तांबे का प्रयोग करके गर्भगृह की बाहरी एवं आंतरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है। वर्मा के अनुसार, 13 दिसंबर 2021 से लेकर अब तक श्रद्धालुओं द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक का अर्पण किया गया है, जो मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है। साथ ही गत वर्ष की तुलना में ये राशि लगभग 500 प्रतिशत से अधिक हैं। सुनील ने बताया कि लोकार्पण के बाद से लेकर अब तक मंदिर में 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया हैै। बता दें, धाम परिसर के चारों द्वार पर लगे हेड स्कैनिंग मशीन के जरिए नियमित अंतराल पर श्रद्धालुओं की गिनती की जाती है।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें, लोकार्पण के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम आने श्रद्धालुओं की संख्या माहवार दिये गए हैं। माह श्रद्धालुओं की संख्या दिसंबर – 2021 4842716 जनवरी -2022 7459471 फरवरी – 2022 6856142 मार्च – 2022 7171163 अप्रैल – 2022 6587264 मई – 2022 6290511 जून – 2022 6916981 जुलाई – 2022 7681561 अगस्त – 2022 6711499 सितंबर – 2022 4013688 अक्टूबर – 2022 3830643 नवंबर – 2022 3870403 दिसंबर (1 से 12) 1350000 कुल : 73582042 पांच सालों में निकल आएगी कॉरिडोर की लागत: मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया, श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मुआवजा में तकरीबन 900 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। आने वाले समय में धाम में सुविधाओं के विस्तार से भक्तों की संख्या बढ़ना निश्चित है, जिससे शिवभक्तों की ओर से चढ़वा भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि चढ़ावे के अलावा कॉरिडोर में बने भवनों से भी अतिरिक्त आय होगी। माना जा रहा है कि कॉरिडोर की लागत अगले 4 से 5 साल में भक्तों के चढ़ावे और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से पूरी कर ली जाएगी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं में लगातार बेहतरी का प्रयास किया गया है। पेयजल व्यवस्था, छाया की व्यवस्था, मैट व अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ, साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। सुगम दर्शन व्यवस्था में 50 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि साफ सफाई व्यवस्था में 200 कर्मियों एवं दर्शनार्थियों को बेहतर सुरक्षा एवं सुविधा देने के लिए 100 कर्मियों को लगाया गया है। इसके अलावा लॉकर, हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले वृद्ध व दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गई है।