खास ख़बर : भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर बनेगा एक खास किस्म का एक्सप्रेस-वे

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उन्होंने बताया कि इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है। वृंदावन और मथुरा से जुड़ी हुई हमारी सांस्कृतिक, धरोहर को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि मथुरा में यमुना प्राधिकरण का एक अर्बन नोट स्वीकृत हुआ है। उसको राया अर्बन नोट कहते है। जिसके अनुसार वहां पर एक हेरिटेज कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसका ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा जो कि पीपीपी मोड पर होगा। एक्सप्रेस-वे का खर्चा प्राधिकरण वहन करेगा और जो पीपीपी डेवलपर होगा बाकी चीजें उसके द्वारा की जाएंगी। इसके लिए जमीन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी। यमुना एक्सप्रेस-वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोडऩे के लिए छह किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनेगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल के गांव जैसे - नंदगांव, बरसाना व गोकुल भी विकसित होंगे जो पूरी तरह से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे। वृंदावन को तालाबों का शहर भी कहा जाता है तो विभिन्न प्रकार के तालाब विकसित किए जाएंगे। यह सब सड़क के किनारे होगा। लोग इसे पैदल भी जाकर देख सकेंगे और अपने वाहनों से भी। इसका मकसद भारतीय संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना होगा। सीईओ डा.अरुणवीर सिंह ने बताया कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट को आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही साथ कथा वाचनालय केंद्र भी बनेंगे जहां पर कोई भी जाकर भागवत कथा सुन सकेगा। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बांके बिहारी मंदिर को जोड़ेगा और इसी एक्सप्रेस से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा। इसको जोडऩे से लोगों को सुगमता हो जाएगी और वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी। मथुरा वृंदावन में वाहनों की पार्किंग की भारी समस्या है उसको दूर करने के लिए पार्किंग का एक विशाल स्थान बनाया जा रहा है। जिससे श्रद्घालु जाम का सामना किए बगैर सीधे मंदिर जाकर दर्शन कर सकेंगे। डा. अरुणवीर सिंह ने कहा कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का अधिसूचित क्षेत्र 6 किलोमीटर का है उसी 6 किलोमीटर की रेडियस में इसे पूरा बनाया जाएगा। यह कुल 1200 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा।Greater Noida News: चेरी काउंटी व निराला एस्पायर में भी थैला बैंक खुले
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उन्होंने बताया कि इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है। वृंदावन और मथुरा से जुड़ी हुई हमारी सांस्कृतिक, धरोहर को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि मथुरा में यमुना प्राधिकरण का एक अर्बन नोट स्वीकृत हुआ है। उसको राया अर्बन नोट कहते है। जिसके अनुसार वहां पर एक हेरिटेज कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसका ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा जो कि पीपीपी मोड पर होगा। एक्सप्रेस-वे का खर्चा प्राधिकरण वहन करेगा और जो पीपीपी डेवलपर होगा बाकी चीजें उसके द्वारा की जाएंगी। इसके लिए जमीन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी। यमुना एक्सप्रेस-वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोडऩे के लिए छह किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनेगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल के गांव जैसे - नंदगांव, बरसाना व गोकुल भी विकसित होंगे जो पूरी तरह से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे। वृंदावन को तालाबों का शहर भी कहा जाता है तो विभिन्न प्रकार के तालाब विकसित किए जाएंगे। यह सब सड़क के किनारे होगा। लोग इसे पैदल भी जाकर देख सकेंगे और अपने वाहनों से भी। इसका मकसद भारतीय संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना होगा। सीईओ डा.अरुणवीर सिंह ने बताया कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट को आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही साथ कथा वाचनालय केंद्र भी बनेंगे जहां पर कोई भी जाकर भागवत कथा सुन सकेगा। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बांके बिहारी मंदिर को जोड़ेगा और इसी एक्सप्रेस से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा। इसको जोडऩे से लोगों को सुगमता हो जाएगी और वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी। मथुरा वृंदावन में वाहनों की पार्किंग की भारी समस्या है उसको दूर करने के लिए पार्किंग का एक विशाल स्थान बनाया जा रहा है। जिससे श्रद्घालु जाम का सामना किए बगैर सीधे मंदिर जाकर दर्शन कर सकेंगे। डा. अरुणवीर सिंह ने कहा कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का अधिसूचित क्षेत्र 6 किलोमीटर का है उसी 6 किलोमीटर की रेडियस में इसे पूरा बनाया जाएगा। यह कुल 1200 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा।Greater Noida News: चेरी काउंटी व निराला एस्पायर में भी थैला बैंक खुले
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Kashi Vishwanath:[/caption]
वहीं श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ से अधिक की बहुमूल्य धातु (60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा) भी है। आस्थावानों द्वारा दिये गये सोना व तांबे का प्रयोग करके गर्भगृह की बाहरी एवं आंतरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है। वर्मा के अनुसार, 13 दिसंबर 2021 से लेकर अब तक श्रद्धालुओं द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक का अर्पण किया गया है, जो मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है। साथ ही गत वर्ष की तुलना में ये राशि लगभग 500 प्रतिशत से अधिक हैं।
सुनील ने बताया कि लोकार्पण के बाद से लेकर अब तक मंदिर में 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया हैै। बता दें, धाम परिसर के चारों द्वार पर लगे हेड स्कैनिंग मशीन के जरिए नियमित अंतराल पर श्रद्धालुओं की गिनती की जाती है।