Mathura News अब मथुरा के ईदगाह पर उठा प्रश्न, अदालत में दायर की गई याचिका

Mathura Eidgah
Mathura News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 May 2022 07:07 PM
bookmark

Mathura News : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। लेकिन इसी बीच अब एक नया मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा से उठा है। मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में एक याचिका दायर कर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने ईदगाह में लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करने की अनुमति दिए जाने की मांग की है। अदालत ने सुनवाई के लिए 1 जुलाई की तारिख तय की है।

Mathura News

मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद में धार्मिक चिह्नों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए उसमें आवागमन को रोकने की मांग कोर्ट से की गई है। महेंद्र प्रताप सिंह तथा अन्य लोगों की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है कि बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद की तरह ही मथुरा में प्रश्नगत मस्जिद की संपत्ति, श्रीकृष्ण जन्मभूमि की है। इसमें हिंदू धार्मिक अवशेष कमल, शेषनाग, ओम, स्वास्तिक आदि चिह्न और अवशेष हैं। इनमें से कुछ को मिटा दिया गया है और कुछ को प्रतिवादी गण मिटाने के प्रयास में है।

>> Rajiv Gandhi: राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी को मिलेगी रिहाई, सुप्रीम कोर्ट ने लिया अहम फैसला

अगर हिंदू अवशेषों को मिटा दिया गया, तो कैरेक्टर ऑफ प्रॉपर्टी चेंज हो जाएगा। इससे वाद का उद्देश्य और साक्ष्य समाप्त हो जाएंगे, लिहाजा इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। शाही ईदगाह में मुस्लिमों की आवाजाही पर रोक लगाने और वहां सुरक्षा की मांग अदालत में दाखिल किए प्रार्थना पत्र में की गई है। इस मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट ने 1 जुलाई की तारीख निर्धारित की है।

अगली खबर पढ़ें

Rajiv Gandhi: राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी को मिलेगी रिहाई, सुप्रीम कोर्ट ने लिया अहम फैसला

B4544f1e 32a0 11ec a581 90b85644
Source: Hindustan Times
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:07 PM
bookmark
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi) वाले मामले में सुनवाई के दौरान बुधवार को काफी अहम निर्णय लिया है। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले को ध्यान रखते हुए उम्रकैद की सजा झेल रहे दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को रिहा करने को लेकर आदेश मिल गया है। वह पिछले 31 सालों से जेल में बन्द था। रारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में जानकारी दिया है कि तमिलनाडु सरकार ने उसे रिहा करने का निर्णय लिया था, वहीं राज्यपाल ने फाइल को कुछ समय तक अपने पास रखने के साथ राष्ट्रपति को भेजा गया था। यह संविधान के खिलाफ बताया जा रहा है। 11 मई को होने वाली सुनवाई में केंद्र ने पेरारिवलन वाली याचिका राष्ट्रपति को भेजने वाले तमिलनाडु के राज्यपाल के निर्णय का बचाव कर दिया था। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ को कहा कि केंद्रीय कानून को ध्यान में रखते हुए दोषी ठहराए जाने वाले शख्स की सजा में छूट दें, माफी और दया याचिका को लेकर याचिका पर केवल राष्ट्रपति ही फैसला किया जा सकता है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल कर दिया था कि अगर इस दलील को (Rajiv Gandhi) स्वीकार किया जा रहा है तो राज्यपालों की ओर से दी गई अब तक की छूट अमान्य ही समझे जानी वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया था कि अगर राज्यपाल पेरारिवलन के मुद्दे पर राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश को मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं समझा जा रहा है। उन्हें फाइल को पुनर्विचार को लेकर वापस मंत्रिमंडल में भेजना अहम था। पेरारिवलन हत्याकांड के समय 19 साल की उम्र थी। वह 31 सालों से जेल में बंद चल रहा है।

सात आरोपी को ठहराया गया था दोषी

राजीव गांधी हत्याकांड की बात करें तो सात लोगों को दोषी ठहराया दिया गया था। सभी दोषियों को मौत की सजा सुनाया था, लेकिन साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट इसे आजीवन कारावास में बदलाव किया गया था। इसके बाद दोषियों ने रिहाई के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा था। तमिलनाडु सरकार राजीव हत्याकांड वाले आरोपियों की रिहाई काफी समय से चाहती है। मौजूदा डीएमके सरकार के अलावा पूर्ववर्ती जे जयललिता और एके पलानीसामी की सरकारों ने 2016 और 2018 में दोषियों की रिहाई की राज्यपाल से सिफारिश कर दिया था। 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्या की गई थी। इसके बाद 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया था।  
अगली खबर पढ़ें

Hardik Patel Resign: कांग्रेस के युवा नेता हार्दिक पटेल ने पार्टी को सौंपा इस्तीफा, इस फैसले से पार्टी को लगा झटका

E764e57ea1d5bdddd1902a0138be917c
(Hardik Patel) Source: Free Press Journal
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:34 AM
bookmark
नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लग गया है जिसकी वजह से कांग्रेस में मंथन चल रहा है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel Resign) ने पार्टी को इस्तीफा सौंप दिया है । हार्टिक पटेल ने इस्तीफे की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर साझा कर दिया है। https://twitter.com/HardikPatel_/status/1526790099316486144?s=20&t=WpjMrQ_zJCdCuMtzxmnuWw उन्होंने लिखा है कि, "आज मैं हिम्मत करने के बाद कांग्रेस पार्टी (Hardik Patel Resign) के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि मेरे इस फैसले का स्वागत मेरे सभी साथी और गुजरात की जनता करने वाली है। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम से भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा"। हार्दिक पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने पत्र में लिखा कि अनेक प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी में देशहित एवं समाज हित के बिल्कुल विपरीत कार्य करने की वजह से मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने आगे बताया है कि, देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व की योजना बना रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित हो चुुकी है। जबकि, देश की जनता को विरोध नहीं, ऐसा विकल्प चाहते हैं जो भविष्य के बारे में सोचता हो।

हार्दिक ने मोदी सरकार की प्रशंसा किया

अपने इस्तीफे में पाटीदार नेता ने जानकारी दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर हो, सीएए-एनआरसी का मुद्दा होने के अलावा, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हो या जीएसटी लागू करने को लेकर फैसला. देश काफी लम्बे समय से समस्याओं का समाधान ढूंढ रहा था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनकर काम कर रही थी। उन्होंने ये भी आरोप लगा दिया है कि " पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में गंभीरता की कमी दिखाई दे रही है। मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलना चाहता हूं तो ऐसा लगता है कि उनका ध्यान गुजरात के लोगों से अधिक अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहता है। जब देश में संकट का दौर था तो हमारे नेता विदेश में मौजूद थे "। उन्होंने आगे बताया है " कि हमारे कार्यकर्ता अपने खर्च को लेकर 500 से 600 किमी की यात्रा कर जनता के बीच में जाते हैं और गुजरात के बड़े नेताओं का ध्यान सिर्फ इस पर बना हुआ है कि दिल्ली से आने वाले नेता को चिकन सैंडविच समय पर दिया गया या नहीं "।