नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लग गया है जिसकी वजह से कांग्रेस में मंथन चल रहा है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel Resign) ने पार्टी को इस्तीफा सौंप दिया है । हार्टिक पटेल ने इस्तीफे की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर साझा कर दिया है।
आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा। pic.twitter.com/MG32gjrMiY
— Hardik Patel (@HardikPatel_) May 18, 2022
उन्होंने लिखा है कि, “आज मैं हिम्मत करने के बाद कांग्रेस पार्टी (Hardik Patel Resign) के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि मेरे इस फैसले का स्वागत मेरे सभी साथी और गुजरात की जनता करने वाली है। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम से भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा”।
हार्दिक पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने पत्र में लिखा कि अनेक प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी में देशहित एवं समाज हित के बिल्कुल विपरीत कार्य करने की वजह से मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।
उन्होंने आगे बताया है कि, देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व की योजना बना रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित हो चुुकी है। जबकि, देश की जनता को विरोध नहीं, ऐसा विकल्प चाहते हैं जो भविष्य के बारे में सोचता हो।
हार्दिक ने मोदी सरकार की प्रशंसा किया
अपने इस्तीफे में पाटीदार नेता ने जानकारी दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर हो, सीएए-एनआरसी का मुद्दा होने के अलावा, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हो या जीएसटी लागू करने को लेकर फैसला. देश काफी लम्बे समय से समस्याओं का समाधान ढूंढ रहा था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनकर काम कर रही थी।
उन्होंने ये भी आरोप लगा दिया है कि ” पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में गंभीरता की कमी दिखाई दे रही है। मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलना चाहता हूं तो ऐसा लगता है कि उनका ध्यान गुजरात के लोगों से अधिक अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहता है। जब देश में संकट का दौर था तो हमारे नेता विदेश में मौजूद थे “।
उन्होंने आगे बताया है ” कि हमारे कार्यकर्ता अपने खर्च को लेकर 500 से 600 किमी की यात्रा कर जनता के बीच में जाते हैं और गुजरात के बड़े नेताओं का ध्यान सिर्फ इस पर बना हुआ है कि दिल्ली से आने वाले नेता को चिकन सैंडविच समय पर दिया गया या नहीं “।