Business News : 'देहात' को उम्मीद, राजस्व 80 फीसदी बढ़कर होगा 2,300 करोड़ रुपये

Dehatt
'Dehat' expects revenue to grow by 80 percent to Rs 2,300 crore
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 12:54 PM
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नई दिल्ली। कृषि-प्रौद्योगिकी कंपनी 'देहात' को चालू वित्त वर्ष में अपना राजस्व 80 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,300 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है।

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कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शशांक कुमार ने कहा है कि किसानों को कृषि उत्पादों की बिक्री में वृद्धि होने और घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इन उत्पादों की बेहतर बिक्री के दम पर राजस्व वृद्धि में उछाल आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ‘देहात’ इस साल सकारात्मक एबिटा आय (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले आय) को भी हासिल कर लेगी। उन्होंने इसके लिए दिसंबर, 2023 तक की समयसीमा रखी।

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‘देहात’ किसानों से व्यापार (बी2एफ) का एक प्रौद्योगिकी-आधारित मंच है, जो किसानों को हर प्रकार की कृषि सेवाएं उपलब्ध कराता है। इसमें उच्च गुणवत्ता की कृषि सूचनाएं, कृषि परामर्श, वित्तीय सेवाओं तक पहुंच और उत्पाद की बिक्री के लिए बाजार से संबंध भी शामिल हैं।

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‘देहात’ सोफीना, लाइटरॉक, प्रॉसस वेंचर्स, सिकोया कैपिटल इंडिया, ओम्नीवोर पार्टनर्स और एफएमओ जैसे निवेशकों से 22.1 करोड़ डॉलर का वित्त जुटा चुकी है। शशांक कुमार ने कहा ​कि पिछले वित्त वर्ष में हमारा व्यापार लगभग 1,250 करोड़ रुपये रहा था। हम इस वित्त वर्ष अपने राजस्व में भारी वृद्धि देख रहे हैं और लगभग 2,300 करोड़ का आंकड़ा छू लेंगे। उन्होंने कहा कि कुल राजस्व में से 70 प्रतिशत किसानों द्वारा खेतों में उगाए जा रहे उत्पादों से जबकि शेष 30 प्रतिशत बीज और कृषि-रसायन जैसे उत्पादों को किसानों को बेचकर आता है।

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देशभर में फैले अपने केंद्रों के जरिये ‘देहात’ 18 लाख से अधिक किसानों को सेवाएं मुहैया कराती है। किसानों को खेती संबंधी परामर्श सेवाएं देने के लिए कंपनी कोई भुगतान नहीं लेती है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

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Maharashtra News : पूर्व केंद्रीय मंत्री चाकूरकर के रिश्तेदार ने आत्महत्या की

Patil
Former Union Minister Chakurkar's relative committed suicide
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 10:28 AM
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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चंद्रशेखर पाटिल ने सुबह करीब नौ बजे अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। चंद्रशेखर को हनमंतराव पाटिल के नाम से जाना जाता है। अधिकारी ने कहा कि वह पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकूरकर के रिश्ते के भाई थे। लातूर (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के लातूर में पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल चाकूरकर के आवास पर उनके 81 वर्षीय रिश्तेदार ने रविवार को आत्महत्या कर ली।

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चंद्रशेखर पाटिल ने सुबह करीब नौ बजे अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। चंद्रशेखर को हनमंतराव पाटिल के नाम से जाना जाता है। अधिकारी ने कहा कि वह पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकूरकर के रिश्ते के भाई थे। हनमंतराव पूर्व मंत्री के ‘देवघर’ आवास के समीप रहते थे और अक्सर वहां आते-जाते रहते थे। वह पिछले कई वर्षों से किसी बीमारी से जूझ रहे थे।

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उन्होंने बताया कि घटना के वक्त पूर्व मंत्री का बेटा मौजूद था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिबेश फीवर, पुलिस उपाधीक्षक जितेंद्र जगदले और अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल का मुआयना किया। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

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Supreme Court : हस्तक्षेप को दरकिनार कर न्यायपालिका ने सुनिश्चित की स्वतंत्रता : पूर्व सीजेआई

Lalit
Judiciary has ensured independence by avoiding interference: Former CJI
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 01:14 AM
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कोलकाता। भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा है कि न्यायपालिका ने चुनौती और हस्तक्षेप के प्रयासों का सामना किया है, लेकिन इनसे उचित रूप से निपटते हुए अपनी स्वतंत्रता सुनिश्चित है।

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न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि एक फलते-फूलते लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र न्यायपालिका होनी चाहिए, क्योंकि विवादों के समाधान के माध्यम से ही समाज को कानून के शासन के अनुसार चलने का आश्वासन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका आज विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। इसलिए, हमें एक न्यायिक बिरादरी के रूप में मजबूत होना होगा।

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भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 'स्वतंत्र न्यायपालिका : जीवंत लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण' विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जिनमें अदालत के फैसलों में कार्यपालिका का हस्तेक्षप देखा गया है, लेकिन इनसे उचित तरीके से निपटते हुए न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई है।

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न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि विवाद के समाधान के लिए निष्पक्षता, तर्कशीलता और पूर्ण सत्यनिष्ठा न्यायपालिका की स्वतंत्रता के गुण हैं। किला कभी अंदर से नहीं गिराया जाता। अभिव्यक्ति के जरिये जिला न्यायपालिका की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला न्यायपालिका राज्य में उच्च न्यायालय को छोड़कर किसी के नियंत्रण में नहीं होती। उनकी सभी तैनाती, पदोन्नति, नियुक्तियां और यहां तक ​​कि तबादले भी उच्च न्यायालयों की सिफारिश पर ही होने चाहिए।

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उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश हिमा कोहली ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता केवल एक सिद्धांत नहीं, बल्कि एक नैतिक अनिवार्यता है। उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र न्यायपालिका की प्रासंगिकता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जा सकता, खासकर भारत जैसे देश में, जो सिर्फ एक लोकतांत्रिक गणराज्य नहीं, बल्कि संविधान में इसे एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में वर्णित किया गया है। न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए न्यायपालिका को स्वतंत्र व निष्पक्ष होना चाहिए। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

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