Religion and Science : मंदिर के बाहर क्यों उतारे जाते हैं जूते चप्पल, जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

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Religion and Science
locationभारत
userचेतना मंच
calendar22 Dec 2021 05:10 PM
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Religion and Science : सनातन धर्म में मंदिर (Temple) जाने की परंपरा है। मंदिर जाकर श्रद्धालु (Devotees) मंदिर (Temple) के बाहर ही अपने जूते चप्पल उतार देते हैं। इसके बाद मंदिर में प्रवेश करते वक्त घंटा बजाते हैं। यदि आरती का वक्त हो रहा है तो सभी श्रद्धालु (Devotees)  दीपक के ऊपर हाथ घुमाकर आरती लेते हैं। इन सबके पीछे जहां धार्मिक मान्यता होती है, वहीं वैज्ञानिक कारण भी है। आइए जानते हैं इस बाबत रोचक जानकारी... जूते चप्पल मंदिर के बाहर क्यों उतारते हैं मंदिर में प्रवेश नंगे पैर ही करना पड़ता है, यह नियम दुनिया के हर हिंदू मंदिर में है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि मंदिर की फर्शों का निर्माण पुराने समय से अब तक इस प्रकार किया जाता है कि ये इलेक्ट्रिक और मैग्नैटिक तरंगों का सबसे बड़ा स्त्रोत होती हैं। जब इन पर नंगे पैर चला जाता है तो अधिकतम ऊर्जा पैरों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाती है।

दीपक के ऊपर हाथ घुमा कर आरती लेने का कारण आरती के बाद सभी लोग दिए पर या कपूर के ऊपर हाथ रखते हैं और उसके बाद सिर से लगाते हैं और आंखों पर स्पर्श करते हैं। ऐसा करने से हल्के गर्म हाथों से दृष्टि इंद्री सक्रिय हो जाती है और बेहतर महसूस होता है।

मंदिर में घंटा लगाने का कारण जब भी मंदिर में प्रवेश किया जाता है तो दरवाजे पर घंटा टंगा होता है जिसे बजाना होता है। मुख्य मंदिर (जहां भगवान की मूर्ति होती है) में भी प्रवेश करते समय घंटा या घंटी बजानी होती है, इसके पीछे कारण यह है कि इसे बजाने से निकलने वाली आवाज से सात सैकेंड तक गूंज बनी रहती है जो शरीर के सात हीलिंग सेंटर्स को सक्रिय कर देती है।

गर्भ गृह के बीचों-बीच मूर्ति की स्थापना मंदिर में भगवान की मूर्ति को गर्भ गृह के बिल्कुल बीच में रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस जगह पर सबसे अधिक ऊर्जा होती है जहां सकारात्मक सोच से खड़े होने पर शरीर में सकारात्मक ऊर्जा पहुंचती है और नकारात्मकता दूर भाग जाती है।

परिक्रमा का वैज्ञानिक कारण हर मुख्य मंदिर में दर्शन करने और पूजा करने के बाद परिक्रमा करनी होती है। परिक्रमा 8 से 9 बार करनी होती है। जब मंदिर में परिक्रमा की जाती है तो सारी सकारात्मक ऊर्जा, शरीर में प्रवेश कर जाती है और मन को शांति मिलती है।

पंडित रामपाल भट्ट, भीलवाड़ा

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Omicron Covid 19- क्या एक बार फिर बंद होगे स्कूल, सामूहिक कार्यक्रम पर लगेगी रोक? केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए निर्देश

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कोरोना को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के लिए जारी किया नया निर्देश (PC- Hindustan Times)
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar26 Nov 2025 09:06 AM
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Omicron Covid 19-कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) का मामला अब भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। देश के 14 बड़े राज्यों में अब तक 220 ओमिक्रॉन वैरीअंट (Omicron Variant) से जुड़े मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर (Delta Variant) की तरह ही भयावह स्थिति देखने को ना मिले इसलिए केंद्र सरकार एक्टिव हो गई है। राज्यों एवं केंद्र शासित राज्यों को केंद्र सरकार की तरफ से एक नोटिस भेजा गया है, जिसमें उन्हें निर्देश दिया गया है कि इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाए जाए। जैसा कि विशेषज्ञों ने बताया है कि ओमिक्रॉन वैरीअंट, डेल्टा वैरीअंट के मुकाबले तेजी से फैलता है ऐसे में यह निर्देश जारी किया गया है कि जिला एवं स्थानीय स्तर पर तेजी से इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं।

केंद्र द्वारा राज्य सरकार को दिए गए नोटिस में लिखे गए ये संदेश-

1. केंद्र स्वास्थ्य सचिव द्वारा राज्य सरकार (State Government) को दिए गए निर्देश में कोविड टेस्टिंग को बढ़ाने की बात की गई है। इसके साथ ही सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने की बात की गई है। शादी विवाह जैसे कार्यक्रमों में अधिक भीड़ इकट्ठा न करने का निर्देश दिया गया है। राज्य सरकारों को नाइट कर्फ्यू लगाने का भी निर्देश जारी किया गया है। 2. केंद्र सचिव द्वारा राज्य सरकारों को यह सलाह दी गई है कि जिला स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाया जाए। कोविड केसों की लगातार समीक्षा की जाए एवं अस्पतालों में जरूरी सुविधाओं को बढ़ाया जाए। इससे जिला स्तर पर ही संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है। 3. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि आरटीपीसीआर की संख्या में बढ़ोतरी की जाए। इसके साथ ही डोर टू डोर केस सर्च किए जाएं। और जो भी पॉजिटिव मरीज मिले, उससे संपर्क में आए व्यक्तियों को भी ट्रेस किया जाए। इससे काफी हद तक संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकेगा। 4. हर राज्य में अस्पतालों में बेड, एंबुलेंस, ऑक्सीजन सिलेंडर की संख्या बढ़ाई जाए। इसके साथ ही दवाओं का भी भरपूर स्टॉक रखा जाए। 5. सरकार ने गाइडलाइन जारी की है कि जिन संक्रमितो को होम आइसोलेशन में रखा जाता है, वह कड़ाई से इसका पालन कर रहे हैं या नहीं इसके लिए समय-समय पर होम विजिट करते रहें। 6. सरकार द्वारा जारी की गई गाइड लाइन में 100% वैक्सीनेशन की भी बात की गई है।

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Vastu Tips : सभी वास्तु दोषों का एक समाधान है यह शुभ चीज, इस तरह करें प्रयोग

Ganpati
सभी वास्तु दोषों का एक समाधान है यह शुभ चीज, इस तरह करें प्रयोग
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Dec 2021 08:06 PM
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Vastu Tips : किसी भी घर या आफिस, दुकान में यदि वास्‍तु दोष (Vastu Dosh) होता है तो इसका दुष्प्रभाव पूरे परिवार, आफिस या दुकान पर कार्य करने वालों के लिए अहितकारी होता है। इसलिए कहा जाता है कि वास्‍तु दोष (Vastu Dosh) को दूर करने का उपाय जल्‍द से जल्‍द कर लेना चाहिए। लेकिन कई बार यह पता ही नहीं होता है कि घर में कहां और कौन-सा वास्‍तु दोष है। इस परिस्थितियों के लिए वास्‍तु शास्‍त्र (Vastu shastra) में कुछ अचूक उपाय बताए हैं जो इन दोषों का निवारण करके घर को धन-धान्‍य (Money) और खुशियों से भर देते हैं।

वास्‍तु दोषों के निवारण के लिए कुछ चीजों को बेहद शुभ और कारगर माना गया है। इनमें भगवान गणेश की मूर्ति शामिल है। गणेश जी की मूर्ति का घर में होना कई मुसीबतों से निजात दिलाता है। साथ ही घर के हर सदस्‍य को सुखी और संपन्‍न बनाता है। इसके लिए गणेश जी की कुछ खास तरह की मूर्ति को घर में रखना होगा।

- वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में सफेद रंग या सिंदूरी रंग की प्रतिमा रखना बहुत शुभ होता है। सिंदूरी रंग के गणेश जी की पूजा करना बहुत लाभ देता है।

- यदि घर में वास्‍तु दोषों के कारण कई तरह की परेशानियां पैदा हो गईं हों तो मुख्य द्वार पर घर के अंदर और बाहर की गणेश जी की दो मूर्तियां लगाएं। ध्‍यान रखें कि इनका आकार एक जैसा हो और दोनों की पीठ मिलती हुई हो। यह उपाय घर के हर वास्‍तु दोष को दूर करने वाला है।

- घर या ऑफिस के वास्‍तु दोषों को दूर करने के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा रखते समय ध्‍यान रखें कि उनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में ना हो।

- गणेश जी की ऐसी मूर्ति रखें जिसमें उनके हाथ में मोदक या लड्डू हो। साथ में उनकी सवारी चूहा भी हो।

- घर के लिए बैठे हुए गणेश जी और ऑफिस के लिए खड़े गणेश जी की मूर्ति या तस्‍वीर शुभ होती है, साथ ही उनकी सूंड बाईं ओर हो।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी