मौसम ने रोकी श्रद्धा की राह, भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा ठप

Kedarnath Yatra : हिमालय की गोद में स्थित केदारनाथ धाम की ओर जा रही श्रद्धा की यात्रा एक बार फिर मौसम की मार के कारण थम गई है। लगातार हो रही तेज बारिश और भूस्खलन के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। सोनप्रयाग और गौरीकुंड में बड़ी संख्या में यात्री फिलहाल रोक दिए गए हैं। मौसम विभाग ने रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों के लिए भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने एहतियातन यात्रा पर विराम लगाते हुए सभी श्रद्धालुओं से सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की अपील की है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों के लिए भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। इसके बाद से प्रशासन ने यात्रा को रोकने का निर्णय लिया है। अलकनंदा नदी के जलस्तर में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि फिलहाल यह खतरे के निशान से नीचे है। तेज बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। बद्रीनाथ मार्ग पर एक बड़े भूस्खलन के बाद आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। गौरीकुंड में मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है ताकि स्थिति सामान्य होते ही यात्रा को फिर से शुरू किया जा सके।
प्रशासन के अनुसार, केदारनाथ से लौट रहे लगभग 40 श्रद्धालु बीते दिनों सोनप्रयाग के पास भूस्खलन में फंस गए थे, जिन्हें एसडीआरएफ की टीम ने समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। वहीं बरकोट क्षेत्र में बादल फटने की घटना ने संकट को और गहरा किया है।
केदारनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व
केदारनाथ यात्रा भारत की सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ यात्राओं में से एक मानी जाती है। यह यात्रा भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर तक जाती है, जो हिमालय की गोद में स्थित है। यह मंदिर चार धाम यात्रा (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ) का अहम हिस्सा है और 12 ज्योतिर्लिंगों में भी शामिल है। वहीं प्रशासन की ओर से सभी यात्रियों से अपील की गई है कि वे मौसम की स्थितियों को देखते हुए यात्रा से पहले अपडेट लेते रहें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें। Kedarnath Yatra
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मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों के लिए भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। इसके बाद से प्रशासन ने यात्रा को रोकने का निर्णय लिया है। अलकनंदा नदी के जलस्तर में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि फिलहाल यह खतरे के निशान से नीचे है। तेज बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। बद्रीनाथ मार्ग पर एक बड़े भूस्खलन के बाद आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। गौरीकुंड में मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है ताकि स्थिति सामान्य होते ही यात्रा को फिर से शुरू किया जा सके।
प्रशासन के अनुसार, केदारनाथ से लौट रहे लगभग 40 श्रद्धालु बीते दिनों सोनप्रयाग के पास भूस्खलन में फंस गए थे, जिन्हें एसडीआरएफ की टीम ने समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। वहीं बरकोट क्षेत्र में बादल फटने की घटना ने संकट को और गहरा किया है।
केदारनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व
केदारनाथ यात्रा भारत की सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ यात्राओं में से एक मानी जाती है। यह यात्रा भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर तक जाती है, जो हिमालय की गोद में स्थित है। यह मंदिर चार धाम यात्रा (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ) का अहम हिस्सा है और 12 ज्योतिर्लिंगों में भी शामिल है। वहीं प्रशासन की ओर से सभी यात्रियों से अपील की गई है कि वे मौसम की स्थितियों को देखते हुए यात्रा से पहले अपडेट लेते रहें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें। Kedarnath Yatra







