आठ घंटे तक पड़ा रहा शव, आर्थिक तंगी की वजह से नहीं हो सका इंतजाम

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:01 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से एक बेहद दुखद और शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक युवक की मृत्यु के बाद उसके परिजनों के पास शव को गांव ले जाने के लिए पैसे नहीं थे। जिसके चलते शव करीब आठ घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा। यह घटना न केवल विनोद के परिवार की दयनीय स्थिति को बयां करती है, बल्कि समाज में गरीबी और उसकी संवेदनहीनता को भी दर्शाती है। यह घटना बलरामपुर के हरैया के देवनगर क्षेत्र में हुई। विनोद चौधरी की मौत शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे यतीमखाना मोहल्ले में हुई। उनके परिवार ने बताया कि विनोद की तबीयत पिछले कुछ समय से खराब चल रही थी। वह पहले गुजरात में काम करते थे, लेकिन स्वास्थ्य की वजह से चार महीने पहले वो अपने घर लौट आए थे।

मोहल्ले के लोग करते थे मदद

जानकारी के मुताबिक, विनोद का इलाज उनके ससुराल में शंकरपुर में उनकी बहन के घर पर चल रहा था। हालात बिगड़ने पर उन्हें जिला मेमोरियल अस्पताल में भर्ती करने का प्रयास किया गया। हालांकि, विनोद अस्पताल में रुकने को राजी नहीं थे। उन्होंने यतीमखाना मोहल्ले की मार्केट में एक चौकी पर रहकर दिन बिताने का फैसला लिया। जहां मोहल्ले के लोग उन्हें खाना और नाश्ता देकर मदद कर रहे थे।

परिवार की दयनीय स्थिति

जब विनोद की मृत्यु हुई तब पत्नी नासिया ने तुरंत अपने परिजनों को सूचना दी। हालांकि, विनोद का पैतृक गांव लगभग 40 किमी दूर था और आर्थिक तंगी की वजह से परिवार शव को गांव ले जाने के लिए इंतजार करने को मजबूर था। आठ घंटे तक शव सड़क पर पड़ा रहा, जबकि परिजन मदद के लिए आने की कोशिश कर रहे थे।

महाप्रबंधक कर्नल ने बढ़ाया मदद का हाथ

जब बलरामपुर स्टेट के महाप्रबंधक कर्नल को इस घटना की जानकारी मिली तब उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप किया। उन्होंने शव को गांव पहुंचाने की व्यवस्था कराई  ताकि विनोद के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया समय पर पूरी की जा सके।

ग्राम प्रधान की ओर से प्रतिक्रिया  UP News

ग्राम प्रधान राजा राम ने इस स्थिति पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मृतक के परिजनों की स्थिति बेहद दयनीय है। उन्होंने बताया कि शव लाने के लिए भी परिवार के पास पैसे नहीं थे। उन्होंने अपनी तरफ से वाहन का प्रबंध किया, लेकिन तब तक लोग वहां से शव लेकर जा चुके थे। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आर्थिक तंगी के चलते कितनी गंभीर समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। यह केवल विनोद के परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसी तरह की परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। हमें इंसानियत और सहानुभूति का महत्व समझना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जा सके। UP News

मेरठ में ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री का खुलासा, टेलर की मदद से खुला हत्या का राज

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मेरठ में ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री का खुलासा, टेलर की मदद से खुला हत्या का राज

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UP Police
locationभारत
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calendar26 Oct 2024 03:44 PM
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UP News : मेरठ पुलिस ने एक ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझा लिया है, जिसमें एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। पुलिस को शव की शिनाख्त करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसका चेहरा पहचानना मुश्किल था। लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी और उन्हें एक महत्वपूर्ण क्लू मिला, जिससे उन्हें शव की शिनाख्त करने में मदद मिली  और कातिलों तक भी पहुंच गई

पुलिस को मिला क्लू

मेरठ के सरूरपुर थाना इलाके में नहर के किनारे एक शव मिलने की सूचना मिली थी, जिसके बाद एसओ सरूरपुर अजय शुक्ला पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। शव के सिर में गोली लगने की वजह से उसका चेहरा पहचानना मुश्किल था। लेकिन जब पुलिस ने शव की जांच की, तो उन्हें शर्ट पर 'गोल्डन टेलर्स बुढ़ाना' लिखा हुआ मिला, जिससे शव की पहचान हो गई।

टेलर ने की शव की पहचान

पुलिस ने बुढ़ाना में गोल्डन टेलर्स के बारे में जानकारी प्राप्त की और पाया कि यह एक प्रसिद्ध टेलर है। इसके बाद, पुलिस ने एक अधिकारी को शव की तस्वीर, शर्ट की तस्वीर और लोगों के साथ बुढ़ाना भेजा। टेलर ने शव की पहचान मुरसलीन के रूप में की और बताया कि वह परमानेंट कस्टमर हैं। इसके बाद, टेलर ने अपना रजिस्टर खोला और पाया कि मुरसलीन ने ही अप्रैल में शर्ट सिलवाई थी। इससे पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी मिली और उन्हें आगे की जांच में मदद मिली।

तीनों आरोपियो को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पुलिस ने मुरसलीन की शिनाख्त करने के बाद अब कत्ल के कारण और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। मुरसलीन के बारे में जानकारी मिली कि वह इलाके का हिस्ट्रीशीटर था, जिससे यह संभावना है कि दुश्मनी में उसका कत्ल किया गया हो। पुलिस ने मुरसलीन के परिवार से मिलकर तीन संदिग्धों के नाम प्राप्त किए - मुजम्मिल, हारून और आस मौहम्मद। पुलिस मुरसलीन के परिवार के लोगों से मिली तो उन्होंने तीन लोगों के नाम बताए कि हो सकता है इन्हीं ने कत्ल किया हो। पुलिस ने तुरंत कई टीमें लगा दीं और मुजम्मिल, हारून और आस मौहम्मद को गिरफ्तार कर लिया ।

आरोपियों ने कबूल किया जुर्म

पुलिस ने हत्यारोपी मुजम्मिल, हारून और आस मौहम्मद को गिरफ्तार कर पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपियों ने बताया कि मुरसलीन के साथ प्रॉपर्टी और पैसे का विवाद चल रहा था। मुरसलीन पैसे वापस मांग रहा था, जिससे अनबन हो गई और मामला इस कदर बढ़ गया कि कत्ल की कहानी तक पहुंच गया। आरोपियों के बयान से यह स्पष्ट होता है कि पैसे और प्रॉपर्टी के विवाद ने हत्या की वजह बनी।

कैसे की थी हत्या?

तीनों आरोपी मुरसलीन को स्विफ्ट कार से लेकर आए और फिर मोटरसाइकिल के क्लिच के तार से उसका गला घोंट दिया। लेकिन तीनों को लगा कि मुरसलीन जिंदा है अभी और हमें फंसा सकता है, तो तमंचे से उसके सिर में गोली मार दी और भाग निकले। तीनों इस बात से अंजान थे कि एक शर्ट का कॉलर पकड़कर पुलिस तीनों तक पहुंच जाएगी।

पुलिस ने दी जानकारी

सरूरपुर एसओ अजय शुक्ला की टीम और एसओजी की टीम ने केस वर्कआउट कर दिया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मेरठ के एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासा कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तमंचा, कारसूस, खोखे और स्विफ्ट कार और बाइक के क्लिच का तार भी बरामद कर लिया, जिससे गला घोंटा गया था।

पुलिस टीम को मिलेगा इनाम

एसएसपी डा. विपिन ताडा ने मेरठ पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है, जिन्होंने मुरसलीन की हत्या के मामले में तीन आरोपियों आस मौहम्मद, मुजम्मिल और हारून को गिरफ्तार किया था। एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि आस मौहम्मद पर बुलंदशहर में कई मुकदमे दर्ज हैं, जबकि मुजम्मिल और हारून का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। UP News

उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम बनाने के अभियान में इन IAS अफसरों का खास योगदान

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उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम बनाने के अभियान में इन IAS अफसरों का खास योगदान

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:41 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश की आबादी 25 करोड़ से भी अधिक है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को देश का सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में जुटे हुए हैं। यूपी के CM योगी का मानना है कि उत्तर प्रदेश देश का उत्तम प्रदेश तो बन चुका है। अब उत्तर प्रदेश को देश का सर्वोत्तम प्रदेश बनाना है। उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के काम में CM योगी की टीम के दर्जनों आईएएस (IAS) अधिकारी रात-दिन जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के उन्हीं कुछ आईएएस (IAS) अफसरों का परिचय हम आपसे करा रहे हैं।

सबसे बड़ी कुर्सी पर तैनात हैं अद्भुत अधिकारी मनोज सिंह

उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे बड़ी कुर्सी है मुख्य सचिव (chief secretary) उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस (IAS) अधिकारी मनोज सिंह तैनात हैं। आईएएस (IAS) अधिकारी मनोज सिंह को देश का अदभुत अधिकारी माना जाता है। वर्ष-1988 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह को सर्वश्रेष्ठ आईएएस (IAS) अधिकारी माना जाता है। आईएएस (IAS) अधिकारी मनोज कुमार सिंह मूल रूप से झारखंड प्रदेश के मझुई गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता स्व0 राधिका रमण सिंह प्रसिद्ध डॉक्टर थे। आईएएस (IAS)अधिकारी मनोज कुमार सिंह की धर्मपत्नी का नाम डॉ. रश्मि सिंह है। डॉ. रश्मि सिंह भी आईएएस (IAS) अधिकारी हैं। वें इन दिनों कश्मीर में तैनात हैं। मनोज कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के अनेक महत्वपूर्ण पदों के साथ ही साथ भारत सरकार में भी तैनात रह चुके हैं। आईएएस (IAS) अधिकारी मनोज कुमार सिंह के कंधों पर उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है। वें अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने के काम में रात-दिन लगे हुए हैं। [caption id="attachment_174959" align="aligncenter" width="666"] मनोज सिंह[/caption]

उत्तर प्रदेश की छवि को चमकाने का काम कर रहेर हैं शिशिर सिंह

एक बहुत पुरानी कहावत है कि "जो दिखता है वही बिकता है"। इस कहावत को हू-ब-हू चरितार्थ करने का काम कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के बेहद प्रतिभावान आईएएस (IAS) अधिकारी शिशिर सिंह। उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी शिशिर सिंह प्रदेश के सूचना निदेशक हैं। सूचनना निदेशालय का काम होता है प्रदेश के कामकाज को जन-जन तक पहुंचाना। आईएएस अधिकारी शिशिर सिंह ना केवल उत्तर प्रदेश सरकार के काम को प्रदेश तथा देश भर में फैला रहे हैं बल्कि विदेशों तक में उत्तर प्रदेश की शानदार छवि को प्रचारित कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के PCS अधिकारी के रूप में अपना कैरियर शुरू करने वाले शिशिर सिंह जब उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक बनाए गए थे तो किसी ने नहीं सोचा था कि वे अखबारों, टीवी चैनलों तथा सोशल मीडिया के द्वारा उत्तर प्रदेश की शानदान छवि को दुनिया भर में स्थापित कर सकेंगे। अब हर किसी को पता है कि उत्तर प्रदेश की उपस्थिति दुनिया के हर कोने में है। इस बड़ी उपलबिध का श्रेय आईएएस अधिकारी शिशिर सिंह को जाता है। शिशिर सिंह उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के काम में 24 घंटे व्यस्त रहते हैं। उनके परिवार तथा मित्रों को शिशिर सिंह से शिकायत रहती है कि वें उनको समय ही नहीं देते हैं। [caption id="attachment_174960" align="aligncenter" width="420"] शिशिर सिंह[/caption]

विकास के इंजन को गति दे रहे हैं डॉ. लोकेश एम

उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध शहर है नोएडा। नोएडा को उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी भी कहा जाता है। नोएडा में होने वाले विकास कार्यों से ही पूरे उत्तर प्रदेश के विकास की छवि स्थापित होती है। उत्तर प्रदेश में विकास की गति तेज है इस बात का प्रमाण दे रहे हैं उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी डॉ. लोकेश एम। उत्तर प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) के पद पर तैनात डॉ.लोकेश एम नोएडा में विकास की गति को लगातार तेज कर रहे है। इतना ही नहीं नेाएडा के निकट ही एक और शानदार शहर न्यू नोएडा को बसाने का जिम्मा भी आईएएस अधिकारी डॉ. लोकेश एम को मिला है। मूल रूप से कर्नाटक प्रदेश के रहने वाले डॉ. लोकेश एम की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष-2005 के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी डॉ. लोकेश एम जनता की समस्याओं का तुरंत समाधान कराने के लिए प्रसिद्ध हैं। उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तत प्रदेश बनाने के लिए प्रदेश में भारी मात्रा में पूंजी निवेश लाने का काम भी आईएएस अधिकारी डॉ. लोकेश एम कर रहे हैं। [caption id="attachment_174961" align="aligncenter" width="503"] डॉ. लोकेश एम[/caption]

विकास पुरुष के नाम से प्रसिद्ध हो गए हैं डॉ. अरुणवीर सिंह

उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने वाले IAS अफसरों की कड़ी में डॉ. अरुण वीर सिंह का नाम बेहद महत्वपूर्ण नाम है। IAS के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी उत्तर प्रदेश की सरकार उन्हें लगातार यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) का मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) बनाए हुए है। दरअसल यीडा से उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी-बड़ी विकास की परियोजनाएं शुरू हो रही हैं। वह यीडा ही है जहां सबसे बड़ा एयरपोर्ट, सबसे बड़ी फिल्म सिटी तथा ओलंपिक पार्क जैसी दुनिया भर में प्रसिद्ध होने वाली परियोजनाएं साकार हो रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि जितने बेहतरीन ढंग से बड़ी-बड़ी परियोजनाओं को  IAS अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह स्थापित करा रहे हैं दूसरा कोई नहीं करा सकता। उत्तर प्रदेश के PCS अधिकारी के तौर पर अपना कैरियर शुरू करने वाले डॉ. अरुण वीर सिंह अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी ईमानदारी पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता। विकास की परियोजनाओं को शुरू कराने से लेकर पूरा करने तक वे परियोजनाओं के साथ रात-दिन जुटे रहते हैं। यही कारण है कि डा. अरूण वीर सिंह को विकास पुरूष की उपाधि दी गई है। उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के काम में डा0 अरूण वीर सिंह के योगदान की हर कोई सराहना कर रहा है। [caption id="attachment_174962" align="aligncenter" width="656"] डॉ. अरुणवीर सिंह[/caption]

उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के काम में इनका भी योगदान

उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के काम में उत्तर प्रदेश का प्रत्येक छोटा-बड़ा अधिकारी व कर्मचारी अपना योगदान दे रहा है। हमने ऊपर जिन अधिकारियों का जिक्र किया है वह जिक्र उदाहरण के तौर पर हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि उत्तर प्रदेश के अन्य  IAS अधिकारी तथा कर्मचारी उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में अपना योगदान नहीं दे रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के CEO रवि कुमार एनजी, गौतमबुद्धनगर के DM मनीष कुमार वर्मा, प्रसिद्ध खिलाड़ी तथा उत्तर प्रदेश के खेल सचिव सुहास एलवाई, उत्तर प्रदेश की महिला IAS अधिकारी बी. चन्द्रकला, उत्तर प्रदेश की तेज तर्रार महिला IAS अफसर दिव्या मित्तल, श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल, श्रीमती ऋतु माहेश्वरी, कृतिका ज्योत्सना, उत्तर प्रदेश में तैनात IAS अधिकारी अंजनेय कुमार सिंह तथा उत्तर प्रदेश के ईमानदार अफसरों में गिने जाने वाले आर.के. सिंह समेत ढ़ेेर सारे अफसर हैं जो उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। यहां सभी अफसरों का विवरण देना संभव नहीं है। उत्तर प्रदेश के अन्य बेहतरीन IAS अफसरों की चर्चा हम दूसरे आलेख में करेंगे।

मथुरा में बड़ा मंथन कर रहा है RSS भाजपा के लिए अमृत

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