उत्तर प्रदेश में सफलता की नई मिसाल पेश कर रही हैं महिलाएं

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calendar26 May 2025 11:03 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की महिलाएं सफलता की नई इबारत लिख रही हैं। उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने वह कार्य करके दिखा दिया है जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल था। पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की अवधारणा को उत्तर प्रदेश की महिलाएं पूरी तरह से सार्थक बना रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के रजिस्टर्ड उद्योगों में इन दिनों प्रदेश की लगभग दो लाख महिलाएं काम कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तीकरण अब केवल नारा नहीं रहा

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश आबादी के मामले में भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। स्वभाविक है कि उत्तर प्रदेश की आधी आबादी यानि प्रदेश की महिलाएं भी इसमें शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तीकरण अब केवल नारा नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने जिस दूरदर्शिता और नीतिगत दृढ़ता के साथ महिलाओं को कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, उसका असर अब साफ दिखाई देने लगा है। निर्माण, औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी न केवल उनके आत्मविश्वास का प्रतीक है, बल्कि प्रदेश की आर्थिक मजबूती की नई पहचान भी बन रही है। निर्माण क्षेत्र में महिला श्रमिकों की सहभागिता 34.65 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो इस क्षेत्र में उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, असंगठित क्षेत्र में ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत कर्मकारों में 53 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो सामाजिक और आर्थिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पंजीकृत कारखानों में कार्यरत कुल श्रमिकों में 1,83,276 महिलाएं शामिल हैं, जो औद्योगिक क्षेत्र में उनकी मजबूत उपस्थिति को बयां कर रहा है। UP News

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कई नीतियां हुईं लागू

उत्तर प्रदेश में  योगी सरकार ने महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों को और विस्तार देने के लिए कई प्रगतिशील नीतियां लागू की हैं। कारखाना अधिनियम के तहत अब महिलाओं को रात्रिपाली में कार्य करने की अनुमति दी गई है, जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ी है। साथ ही, प्रतिबंधित प्रक्रियाओं में सशर्त कार्य की अनुमति देने का प्रस्ताव भी लाया गया है, जो महिलाओं को पहले से बंद दरवाजों को खोलने का अवसर दे रहा है। दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में 24&7 कार्य करने की अनुमति ने भी महिलाओं को कार्य समय के साथ अधिक रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण कदम है समान कार्य के लिए समान वेतन की नीति, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है। यह नीति सुनिश्चित करती है कि महिलाएं अपने पुरुष समकक्षों के समान वेतन प्राप्त करें, जिससे कार्यस्थल पर भेदभाव को समाप्त करने में मदद मिल रही है। सीएम योगी द्वारा इन सुधारों ने न केवल महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया है। UP News

उत्तर प्रदेश के विकास का ग्रोथ इंजन है महिलाएं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देने का वकालत करते हुए कई बार कहा है कि "महिलाएं समाज की रीढ़ हैं। उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ाना न केवल सामाजिक न्याय का प्रश्न है, बल्कि यह प्रदेश और राष्ट्र के समग्र विकास के लिए भी आवश्यक है।" इन नीतियों के परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश में महिलाओं को रोजगार के नए क्षेत्रों में प्रवेश करने का अवसर मिला है, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। योगी सरकार के ये प्रयास न केवल महिलाओं को कार्यक्षेत्र में सशक्त बना रहे हैं, बल्कि समाज में लैंगिक समानता और समावेशिता के मूल्यों को भी मजबूत कर रहे हैं। यह उत्तर प्रदेश में एक नए युग की शुरुआत है, जहां आधी आबादी अपने सपनों को साकार करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि महिलाएं उत्तर प्रदेश का ग्रोथ इंजन हैं। UP News

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बार-बार हारकर भी हार नहीं मानी, आईएफएस बन किया सपना पूरा

Amrees
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:02 PM
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UP News : यह कहानी अमरीश यादव की है, जिसने बार-बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और आखिर सफलता पा ही लिया। यूपी के एक छोटे जिले कासगंज से निकलकर उन्होंने वो कर दिखाया, जो लाखों युवा सिर्फ सपना देखते हैं। इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (आईएफएस) में चयन। वो भी तब, जब जीवन ने हर मोड़ पर ठोकर दी, समाज ने सवाल उठाए, रिश्तेदारों ने ताने दिए, और किस्मत ने छह बार मुंह मोड़ा। लेकिन कहते हैं न जिसे ठुकरा दे दुनिया, वो अक्सर इतिहास बनाते हैं।

शुरुआत एक सरकारी माहौल से

अमरीश का बचपन सरकारी वर्दियों के बीच बीता। दादा रेलवे में चीफ टीटीआई थे, पिता यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल, और परिवार के अन्य सदस्य भी सरकारी सेवाओं में कार्यरत। परिवार में एक आदर्श की तरह यह बात बैठा दी गई थी कि सरकारी नौकरी ही असली सफलता है। लेकिन अमरीश के लिए सरकारी नौकरी सिर्फ रोटी-रोजगार नहीं थी, यह सेवा और पहचान का जरिया थी।

आईआईटी से आईएफएस तक का सफर

आईआईटी गुवाहाटी से बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक करने वाले अमरीश के लिए कॉरपोरेट जॉब का रास्ता खुला था। लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि नेचर और समाज के करीब रहकर सेवा करना उनके लिए ज्यादा सार्थक है। यहीं से उनकी सिविल सेवा की यात्रा शुरू हुई।

छह बार असफलता, फिर भी अडिग विश्वास

2016 से 2023 तक उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी की। तीन बार यूपीएससी मेन तक पहुँचे, एक बार इंटरव्यू भी दिया, पर सफलता नहीं मिली। किसी और के लिए यह अंत होता, पर अमरीश ने इसे नया आरंभ बनाया।

आईएफएस का सपना और विज्ञान का सहारा

बायोटेक्नोलॉजी बैकग्राउंड की वजह से उन्होंने इंडियन फॉरेस्ट सर्विस को अपनी दिशा बनाई। विज्ञान, पर्यावरण और प्रकृति में गहरी रुचि ने उन्हें इस सेवा के लिए उपयुक्त बनाया। लेकिन पहली कोशिश में यहां भी सफलता नहीं मिली।

स्टेशन मास्टर की नौकरी, आर्थिक और आत्मिक संबल

2023 में रेलवे में स्टेशन मास्टर के रूप में चयन हुआ और एटा के मारेरा स्टेशन पर पोस्टिंग मिली। यह नौकरी अमरीश के लिए सिर्फ एक जॉब नहीं थी, बल्कि सम्मान और आत्मबल की वापसी थी। यह जिम्मेदारी उन्हें समय प्रबंधन और अनुशासन सिखाने लगी, जो आईएफएस की तैयारी के लिए वरदान साबित हुआ।

संघर्ष केवल परीक्षा का नहीं था, समाज से भी था

परिवार का साथ था, लेकिन समाज की आलोचना तीव्र थी। ताने मिलते थे—इतना पढ़कर क्या मिला?, प्राइवेट नौकरी कर लेता, शादी कर लेता। लेकिन अमरीश ने अपने भीतर की आवाज नहीं दबाई। वो जानते थे कि मंजिÞल पाने के लिए सब कुछ कुर्बान करना पड़ेगा। कभी क्रिकेट खेलने वाले, दोस्तों के साथ फिल्में देखने वाले अमरीश ने तैयारी के दौर में सभी शौक छोड़ दिए। लेकिन मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए बांसुरी बजाना शुरू किया। यह संगीत उनकी आत्मा की शांति और नकारात्मकता से लड़ने का हथियार बना। UP News

दूसरे प्रयास में मिली मंजिल, और वो भी चमकदार

2024 में जब उन्होंने आईएफएस परीक्षा दी, यह उनका दूसरा इंटरव्यू था। और इस बार किस्मत भी उनकी मेहनत के सामने झुक गई। पूरे भारत में 72वीं रैंक लाकर उन्होंने अपने परिवार, जिले और हर संघर्षशील युवा का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया। UP News

अमरीश यादव का युवाओं को संदेश

कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। अगर आप ईमानदारी, धैर्य और निरंतर प्रयास के साथ जुटे रहें, तो सफलता आपको जरूर मिलेगी। कोचिंग मार्ग दिखाती है, लेकिन असली लड़ाई स्व-अध्ययन की होती है। हार मानना सबसे बड़ी हार है। UP News

टाइगर वाला सपना, एक अधूरा इरादा जो अब साकार होगा

अमरीश का सपना है एक दिन खुले जंगल में बाघ को अपनी आंखों से देखना। उनके लिए आईएफएस की सेवा सिर्फ एक नौकरी नहीं, प्रकृति से जुड़ने, पर्यावरण को बचाने और वनों के संरक्षण की जिम्मेदारी है। उन्हें भारत में फिर से चीता लाने की परियोजना ने बहुत प्रेरित किया है। अब वह खुद उस बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं। अमरीश यादव की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, हर उस युवा की कहानी है जो छोटी जगह से है, सीमित संसाधनों के साथ बड़ा सपना देखता है। उन्होंने दिखा दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो स्टेशन मास्टर से लेकर आईएफएस तक की यात्रा महज एक कहानी नहीं, एक क्रांति बन सकती है। UP News

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यूपी में फिर चली तबादला एक्सप्रेस, आगरा पुलिस कमिश्नरेट में बड़ा उलटफेर

Tabadala
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:14 AM
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UP News : आगरा पुलिस कमिश्नरेट में प्रशासनिक सुधार और बेहतर सेवा के उद्देश्य से सात निरीक्षकों का तबादला किया गया है। यह आदेश कमिश्नरेट पुलिस स्थानांतरण बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के तहत जारी किया गया है। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने देर रात इस ट्रांसफर सूची को जारी करते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल अपने नए पदों पर कार्यभार संभालने का निर्देश दिया है।

कौन-कौन से निरीक्षक हुए ट्रांसफर?

हरेंद्र कुमार : सिकंदरा इंडस्ट्रियल एरिया चौकी के प्रभारी हरेंद्र कुमार को थाना पिढौरा का अध्यक्ष बनाया गया है। हरेंद्र कुमार खासतौर पर उस मुठभेड़ टीम के सदस्य रहे थे, जिन्होंने कारगिल के दौरान सराफा कारोबारी की हत्या करने वाले अमन को मुठभेड़ में ढेर किया था। यह उनका एक महत्वपूर्ण कार्य रहा है। देवेंद्र कुमार त्रिवेदी : अपराध शाखा से ट्रांसफर होकर उन्हें थाना अछनेरा का प्रभारी निरीक्षक नियुक्त किया गया है। प्रदीप कुमार : अपराध शाखा से ट्रांसफर होकर थाना बासौनी के प्रभारी निरीक्षक बने हैं। मदन सिंह : थाना जगनेर से हटाकर अब उन्हें थाना खेरागढ़ का प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है। सौरभ सिंह : बमरौली कटारा से ट्रांसफर होकर अब थाना जगनेर का प्रभारी निरीक्षक होंगे। हरीश कुमार : थाना पिढौरा से हटकर अब उन्हें बमरौली कटारा थाना का प्रभारी बनाया गया है। अजीत सिंह : साइबर क्राइम थाना से ट्रांसफर होकर अब थाना मनसुखपुरा का प्रभारी निरीक्षक बने हैं।

क्यों किया गया यह तबादला?

पुलिस प्रशासन के अनुसार, इन तबादलों का उद्देश्य कार्य संचालन में सुधार लाना और पुलिस की कार्यकुशलता को बढ़ाना है। नए पदों पर इन निरीक्षकों को नए क्षेत्र की जिम्मेदारी देते हुए, उम्मीद जताई जा रही है कि वे अपने अनुभव और कौशल से पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाएंगे।

कार्यभार संभालने के निर्देश

पुलिस कमिश्नरेट ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे तत्काल अपने नए पदों पर पहुंचकर जिम्मेदारी संभालें और इलाके की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करें। यह कदम आगरा पुलिस की कार्यक्षमता और क्षेत्रीय सुरक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है। UP News

आगरा में पुलिसिंग का नया अध्याय

आगरा में बढ़ते अपराधों और सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए पुलिस विभाग ने अपनी टीम में जरूरी फेरबदल किया है। नए निरीक्षक अपने-अपने इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराधियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने और जनता के प्रति बेहतर सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। UP News

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