योगी ने कहा- यूपी में अगर हिंदू सुरक्षित हैं, तो मुसलमान भी सुरक्षित रहेंगे

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 12:00 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक साक्षात्कार में राज्य की कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में सभी धर्मों के लोग सुरक्षित हैं और यदि हिंदू सुरक्षित हैं, तो मुसलमान भी सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक योगी और एक साधारण नागरिक के रूप में वह सभी की खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हैं।

हिंदू-मुसलमान सुरक्षा पर बयान

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सौ हिंदू परिवारों के बीच एक मुस्लिम परिवार पूरी तरह सुरक्षित महसूस करेगा, लेकिन क्या 100 मुस्लिम परिवारों के बीच 50 हिंदू सुरक्षित रह सकते हैं? उन्होंने इस संदर्भ में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान का उदाहरण दिया और कहा कि इन देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों को सुरक्षा की चुनौती का सामना करना पड़ा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर प्रदेश में सभी समुदायों को समान अधिकार और सुरक्षा दी जाती है, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी के साथ भेदभाव न हो।

2017 के बाद सांप्रदायिक दंगे बंद

योगी आदित्यनाथ ने 2017 से पहले के उत्तर प्रदेश की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उस समय राज्य में सांप्रदायिक दंगे आम बात थे। उन्होंने कहा कि जब हिंदुओं की दुकानें और घर जलते थे, तब मुसलमानों की संपत्तियां भी प्रभावित होती थीं। लेकिन 2017 में भाजपा सरकार के आने के बाद दंगे पूरी तरह से बंद हो गए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सभी धर्मों के लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है और उत्तर प्रदेश को एक शांतिपूर्ण और समृद्ध राज्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति पर विचार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म को विश्व का सबसे पुराना धर्म बताते हुए कहा कि यह पूरी दुनिया को एक परिवार मानने की विचारधारा पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अनुयायियों ने कभी किसी अन्य समुदाय पर अपनी शक्ति का प्रयोग करके प्रभुत्व स्थापित नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की संस्कृति हमेशा से समावेशी रही है और यह सबको जोड़ने की शक्ति रखती है।

रामनवमी, ईद और कानून-व्यवस्था

योगी आदित्यनाथ ने राज्य में त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने प्रशासन के साथ मिलकर एक स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार किया है, जिससे किसी भी त्योहार के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो। उन्होंने पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा का जिक्र करते हुए सवाल किया कि यदि उत्तर प्रदेश में शांति बनाए रखी जा सकती है, तो बंगाल में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? UP News

होली और मस्जिदों पर रंग को लेकर बयान

मुख्यमंत्री ने होली के दौरान मस्जिदों को ढकने के लिए तिरपाल के उपयोग पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी धार्मिक स्थल पर रंग नहीं डाला जाए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि रंग खेलते समय यदि किसी मस्जिद पर हल्का रंग गिर भी जाए, तो इसे किसी के अस्तित्व के लिए खतरे के रूप में नहीं देखना चाहिए। उन्होंने मुहर्रम का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि मुहर्रम की रैलियों के झंडों की छाया किसी मंदिर या हिंदू घर पर पड़ती है, तो इससे मंदिर या हिंदू घर अपवित्र नहीं हो जाता। UP News

समावेशी विकास और सरकार की नीति

योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि उनकी सरकार विकास में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करती। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं सबके साथ हूं और सबके विकास में विश्वास करता हूं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों और समुदायों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है और आगे भी ऐसा करती रहेगी। योगी आदित्यनाथ के ये बयान उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर उनकी सरकार की नीतियों और दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। उनका यह संदेश स्पष्ट है कि राज्य में हर नागरिक को समान सुरक्षा और अवसर मिलेंगे, चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय का हो। UP News

उत्तर प्रदेश सरकार के इस एक्शन से हिली सुप्रीम कोर्ट की अंतरात्मा, कहा भविष्य में…

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उत्तर प्रदेश सरकार के इस एक्शन से हिली सुप्रीम कोर्ट की अंतरात्मा, कहा भविष्य में...

Supreme Court of India
Supreme Court
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:35 AM
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Supreme Court : भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बुलडोजर कार्रवाई को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, इस तरह की कार्रवाई से पहले लोगों को उचित समय देना चाहिए था ताकि वे अपील कर सकें। यह मामला तब सामने आया जब उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में एक वकील, एक प्रोफेसर और तीन अन्य लोगों के घर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए तोड़ दिए थे। कोर्ट ने यह फैसला इस आधार पर दिया कि घरों को नोटिस दिए जाने के 24 घंटे के भीतर ही तोड़ दिया गया था और मालिकों को अपनी अपील दायर करने का कोई अवसर नहीं दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने लागू की कुछ शर्ते

सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों को अपने खर्च पर घर पुनर्निर्माण की अनुमति दी लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी लागू की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, इन लोगों को हलफनामा देना होगा जिसमें यह कहा जाएगा कि वे समय पर अपील करेंगे, भूमि पर कोई दावा नहीं करेंगे और किसी तीसरे पक्ष को इसमें शामिल नहीं करेंगे। अगर उनकी अपील खारिज हो जाती है तो उन्हें अपने खर्च पर घरों को फिर से तोड़ना होगा।

यहां जानें पूरा मामला?

बता दें कि, यह मामला वकील ज़ुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद, दो विधवाओं और एक अन्य व्यक्ति से जुड़ा हुआ है, जिनके घरों को शनिवार रात को नोटिस जारी कर अगली सुबह तोड़ दिया गया था। इन लोगों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि उन्हें कार्रवाई को चुनौती देने का कोई मौका नहीं मिला, क्योंकि नोटिस के 24 घंटे के भीतर ही उनके घर तोड़ दिए गए थे। इन याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना था कि राज्य सरकार ने उनकी जमीन को गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद से गलत तरीके से जोड़ा था, जिसकी 2023 में हत्या कर दी गई थी।

राज्य को देना चाहिए था उचित समय

भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने राज्य सरकार का बचाव करते हुए कहा कि पहले नोटिस दिसंबर 2020 में जारी किया गया था और उसके बाद भी जनवरी और मार्च 2021 में नोटिस जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि इसलिए राज्य सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य को उचित समय देना चाहिए था, ताकि लोग अपनी अपील दायर कर सकें। जस्टिस ओका ने कहा, "नोटिस देने के 24 घंटे के भीतर जिस तरह से ध्वस्तीकरण किया गया, वह अदालत की अंतरात्मा को हिला देता है।" कोर्ट ने यह भी कहा कि नोटिस चिपकाने का तरीका कानून द्वारा स्वीकृत नहीं है और केवल रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए नोटिस दिया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा आदेश

जस्टिस ओका ने यह भी कहा कि राज्य यह नहीं कह सकता कि इन लोगों के पास पहले से ही एक अन्य घर है, इसलिए उन्हें ध्वस्तीकरण के खिलाफ अपील करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस तरह के आदेशों को बर्दाश्त किया गया, तो यह भविष्य में भी जारी रह सकता है। इस फैसले से यह साफ हो गया कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अवैध कार्रवाई को पूरी तरह से नकारा और इसके खिलाफ कड़ा संदेश दिया।

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शव यात्रा के दौरान भाजपा नेताओं में जूतम पैज़ार

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UP News :
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calendar25 Mar 2025 10:47 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के छावनी विधानसभा क्षेत्र में दो भाजपा नेताओं के बिच हाथापाई की घटना सामने आई है, जहां शव यात्रा के दौरान बीजेपी विधायक जीएस धर्मेश और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रामबाबू हरित के बीच तीखी नोकझोंक के बाद हाथापाई हो गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

क्या है पूरा मामला

यह घटना अर्जुन नगर इलाके की बताई जा रही है, जहां दोनों नेताओं के बीच किसी मुद्दे को लेकर बहस शुरू हुई। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के समर्थक भी आमने-सामने आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले दोनों के बीच तीखी बहस हुई, फिर बात धक्का-मुक्की व हाथापाई  तक पहुंच गई। UP News  https://mail.google.com/mail/u/0/?tab=rm&ogbl#inbox?projector=1

स्थानीय राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज

वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस घटना पर अभी तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। यह घटना आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाने का संकेत दे रही है। UP News

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