'सितारे ज़मीन पर' पर विवाद के बीच सुनील शेट्टी ने लिया आमिर का पक्ष, कही दिल छू लेने वाली बात

सुनील शेट्टी ने मीडिया से बातचीत में कहा:
"आमिर खान एक बेहद संजीदा और संवेदनशील अभिनेता हैं। उन्होंने हमेशा सामाजिक विषयों पर फिल्में बनाई हैं – चाहे वो 'तारे ज़मीन पर' हो, 'पीके' हो या 'दंगल'। हमें उनके काम को उनके पुराने बयानों से अलग करके देखना चाहिए।" "एक कलाकार का उद्देश्य समाज को आइना दिखाना होता है। अगर हम हर बार उनकी निजी ज़िंदगी या पुराने बयान को लेकर विरोध करते रहेंगे, तो अच्छे सिनेमा की गुंजाइश कम होती जाएगी।"‘सितारे ज़मीन पर’ फिल्म की थीम:
आमिर खान की यह फिल्म 2007 की 'तारे ज़मीन पर' की भावना को आगे बढ़ाती प्रतीत होती है, लेकिन इस बार एक अलग दृष्टिकोण के साथ। फिल्म reportedly विशेष बच्चों के साथ-साथ समाज में उनके आत्मविश्वास को लेकर एक सकारात्मक संदेश देने वाली है। आमिर न सिर्फ इस फिल्म के निर्माता और अभिनेता हैं, बल्कि उन्होंने इसके संवेदनशील विषय को भी खुद तैयार किया है।बॉलीवुड में बढ़ती ध्रुवीकरण की चिंता:
हाल के वर्षों में कई फिल्मों को बॉयकॉट ट्रेंड का सामना करना पड़ा है। इससे न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि दर्शकों के बीच भी विभाजन की भावना पनप रही है। सुनील शेट्टी जैसे वरिष्ठ कलाकारों का सामने आकर संतुलित दृष्टिकोण रखना, फिल्म जगत के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है। सुनील शेट्टी की इस टिप्पणी ने यह साफ कर दिया है कि बॉलीवुड में आज भी ऐसे कलाकार हैं जो ना सिर्फ अपने साथियों के लिए खड़े होते हैं, बल्कि सिनेमा को एक समाजिक ज़िम्मेदारी के रूप में भी देखते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस बात को किस नज़र से देखती है, और ‘सितारे ज़मीन पर’ को कितनी सराहना मिलती है। Cannes में बोले भारत के फैशन का ढोल, खूब छाई ‘PM नेकलेस गर्ल’अगली खबर पढ़ें
सुनील शेट्टी ने मीडिया से बातचीत में कहा:
"आमिर खान एक बेहद संजीदा और संवेदनशील अभिनेता हैं। उन्होंने हमेशा सामाजिक विषयों पर फिल्में बनाई हैं – चाहे वो 'तारे ज़मीन पर' हो, 'पीके' हो या 'दंगल'। हमें उनके काम को उनके पुराने बयानों से अलग करके देखना चाहिए।" "एक कलाकार का उद्देश्य समाज को आइना दिखाना होता है। अगर हम हर बार उनकी निजी ज़िंदगी या पुराने बयान को लेकर विरोध करते रहेंगे, तो अच्छे सिनेमा की गुंजाइश कम होती जाएगी।"‘सितारे ज़मीन पर’ फिल्म की थीम:
आमिर खान की यह फिल्म 2007 की 'तारे ज़मीन पर' की भावना को आगे बढ़ाती प्रतीत होती है, लेकिन इस बार एक अलग दृष्टिकोण के साथ। फिल्म reportedly विशेष बच्चों के साथ-साथ समाज में उनके आत्मविश्वास को लेकर एक सकारात्मक संदेश देने वाली है। आमिर न सिर्फ इस फिल्म के निर्माता और अभिनेता हैं, बल्कि उन्होंने इसके संवेदनशील विषय को भी खुद तैयार किया है।बॉलीवुड में बढ़ती ध्रुवीकरण की चिंता:
हाल के वर्षों में कई फिल्मों को बॉयकॉट ट्रेंड का सामना करना पड़ा है। इससे न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि दर्शकों के बीच भी विभाजन की भावना पनप रही है। सुनील शेट्टी जैसे वरिष्ठ कलाकारों का सामने आकर संतुलित दृष्टिकोण रखना, फिल्म जगत के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है। सुनील शेट्टी की इस टिप्पणी ने यह साफ कर दिया है कि बॉलीवुड में आज भी ऐसे कलाकार हैं जो ना सिर्फ अपने साथियों के लिए खड़े होते हैं, बल्कि सिनेमा को एक समाजिक ज़िम्मेदारी के रूप में भी देखते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस बात को किस नज़र से देखती है, और ‘सितारे ज़मीन पर’ को कितनी सराहना मिलती है। Cannes में बोले भारत के फैशन का ढोल, खूब छाई ‘PM नेकलेस गर्ल’संबंधित खबरें
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