Health Hazards : ज़हर से भी ख़तरनाक है कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन , भूलकर भी ना पिएँ बोतल बन्द शीतल पेय

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calendar01 Dec 2025 02:18 AM
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  Health Hazards : गर्मी का मौसम आते ही बोतल बंद शीतल पेय पदार्थों की मांग बढ़ जाती है । तपते मौसम मे यह लोगों को सुकून और राहत प्रदान करता है । लेकिन क्या आप जानते है कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन ज़हर की तरह  ख़तरनाक हो सकता है ।

किडनी पर बुरा असर

कोल्ड ड्रिंक में मौजूद शुगर न सिर्फ डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है, बल्कि इसकी वजह से हमारी किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है। दरअसल, शरीर में शुगर की ज्यादा मात्रा होने पर मसल्स इस शुगर का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाती है, जिसकी वजह से किडनी शुगर को पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकलने की कोशिश करती है। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किडनी को सामान्य से कई गुना ज्यादा कार्य करना पड़ता है, जिससे लीवर डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है। Health Hazards :  ये पेय पदार्थ आपकी दिन भर की चीनी उपयोग की सीमा को भी पार कर देतें  है ।  इन डिब्बाबंद पेय पदार्थों का बार-बार सेवन हमारे शरीर के लियें हानिकारक हो सकता है । एक सर्वे मे यह जानकारी सामने  आयी है । इस सर्वे को सात श्रेणियों मे 27 उत्पादों पर किया गया। [caption id="attachment_91803" align="aligncenter" width="615"]Health Hazards : Health Hazards :[/caption]

टेट्रा पैक या बोतल बंद पेय सेहत के लियें खतरनाक

चिकित्सकों का कहना है की बाजार मे उपलब्ध पेय पदार्थों की अपेक्षा घर मे तैयार पदार्थों का सेवन करना ज्यादा बेहतर है । लेकिन इन बोतल बन्द पदार्थों का करोबार शहर से लेकर गांव के नुक्कड़ तक फैल चुका है । हमारे पास फलों के पेय और कोल्ड कॉफी मीठे पेय से लेकर छाछ और जल जीरा जैसे नमकीन पेय तक मौजूद है ।लेकिन इनके टेट्रा पैक या बोतल बंद पेय सेहत के लियें खतरनाक हो सकतें है । केवल संतरा जूस के 200 मिलीलीटर के टेट्रा पैक के सेवन से 25 ग्राम चीनी की मात्रा शरीर मे पहुंच सकती है जो दैनिक स्वास्थ्य चीनी सीमा को पूरा  करता है । कोल्ड ड्रिंक गर्मी मे लोगो का पसंदीदा पेय है । तेज शुगर का स्तर वा लंबे समय से रखा प्रिजर्वेटिव केमिकल लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते है । आमलोगो को इस तरह के पदार्थों से दूर रहना चाहिए ।

Health Hazards :  दिल की बीमारी का बढ़ता है खतरा 

शुगर से भरपूर ये कोल्ड ड्रिंक्स दिल की सेहत के लिए बुरी साबित होती हैं. कई स्टडीज में भी यह बात सामने आई है कि शुगर का अत्यधिक सेवन दिल की बीमारियों से जुड़ा है. सॉफ़्ट ड्रिंक्स जो फलों का रस होने का दावा करतें है और अधिकांश ड्रिंक बच्चों मे बहुत लोकप्रिय है । ये फलों के राजा आम से लेकर हर तरह के स्वाद मे उपलब्ध रहतें है ,इन ड्रिंक्स मे फलों की मात्रा नाममात्र की होतीं है ।इन ड्रिंक्स को सुरक्षित रखनें के लियें इनमें मिलायें गयें केमिकल का लंबे समय तक सेवन सेहत के लियें हानिकारक हो सकता है । इन ड्रिंक्स मे केवल कैलोरी होती है जो तत्काल उर्जा का अहसास कराती है लेकिन शरीर मे पानी की कमी बढ़ ही जाती है । इन बोतल बन्द पदार्थों को सुरक्षित रखनें के लियें केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है । इसके लगातार सेवन से स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां हो सकती है । प्राकृतिक होने का दावा करने वाले विज्ञापनों से प्रभावित ना हो। डिब्बा बंद पेय के अधिक सेवन से बिमारियों का खतरा बढ़ सकता है । घर का बना पेय और फलों का सेवन इससे बेहतर होता हैं ।

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Health Update : चक्कर को न करें अनदेखा

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Health Update: Do not ignore dizziness
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calendar30 Nov 2025 05:11 AM
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Health Update :   सैय्यद अबू साद Health Update : कई बार जब आप अचानक खड़े होते हैं या सोकर उठते हैं या झुककर कोई वस्तु उठाकर सीधे खड़े होते हैं, तो आपको अचानक महसूस होता है कि आसपास सबकुछ हिल रहा है। आप किसी भी चीज को ठीक तरीके से देख नहीं पा रहे। इसके साथ-साथ तेज सिरदर्द, उल्टी और चक्कर आना जैसी परेशानियां भी महसूस होती हैं। हो सकता है आपने भी कभी ऐसा महसूस किया हो, लेकिन इग्नोर कर दिया हो। दरअसल, ये वर्टिगो का लक्षण भी हो सकता है। भारत में 9.9 मिलियन से ज्यादा लोग वर्टिगो का अनुभव करते हैं। दरअसल, इस बीमारी को वर्टिगो कहा जाता है।

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  क्या है वर्टिगो की बीमारी? आपके आसपास की चीजें घूमती हुई नजर आती हैं? बार-बार जी मिचलाना और उल्टी सा महसूस होता है, तो हो सकता है आप वर्टिगो से पीड़ित हों। आम भाषा में वर्टिगो को चक्कर आना कहते हैं। इस बीमारी में दिमाग, कान के अंदरूनी हिस्से या संवेदी तंत्रिका मार्ग से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत मिल सकता है। वर्टिगो को मोशन सिकनेस या बैलेंस डिसआर्डर भी कहते हैं। हर 10 में से 1 इंसान पीड़ित चक्कर आने को अनदेखा करना वर्टिगो से पीड़ित लोगों के लिए बहुत मुश्किल भरा हो सकता है। वर्टिगो दुनिया भर में 10 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करता है। इसका इलाज भी लंबा है। इसके उच्च प्रसार के बावजूद, रोगियों के बीच जागरूकता की कमी है, लेकिन एक बार जब किसी का सही निदान हो जाता है, तो इसका इलाज किया जा सकता है। किन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है वर्टिगो अक्सर वर्टिगो वाले लोग सही इलाज नहीं करा पाते हैं। वर्टिगो किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर बुजुर्गों में ज्यादा देखा जाता है। न्यूरोसर्जन के मुताबिक 40 से ज्यादा उम्र के लगभग 30 प्रतिशत लोग और 80 साल से ज्यादा की उम्र के 50 प्रतिशत लोग वर्टिगो और चक्कर का अनुभव करते हैं। भारत की बुजुर्ग आबादी (60 वर्ष और उससे अधिक) में यह 2031 तक 194 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। वर्टिगो अटैक ज्यादातर महिलाओं को हालांकि वर्टिगो खतरनाक नहीं है लेकिन चक्कर आने पर अचानक गिरने से फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है, कभी कभी ये जानलेवा भी साबित हो सकता है। गिरने का डर चिंता और अवसाद को भी ट्रिगर कर सकता हैं। महिलाओं में वर्टिगो ज्यादा आम है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं के वर्टिगो से पीड़ित होने की संभावना दो से तीन गुना ज्यादा होती है। हालांकि इसका कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन डॉक्टर्स का मानना है कि इसके पीछे हार्माेनल एक्टिविटी जिम्मेदार हो सकती हैं। वर्टिगो एक महिला के जीवन के विभिन्न चरणों में बढ़े हुए हार्माेनल उतार-चढ़ाव का परिणाम हो सकता है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स से पहले वर्टिगो का अनुभव होता है जोकि माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा शरीर में ब्लड की सप्लाई कम होने से ब्लड प्रेशर गिरने लगता है जिस वजह से वर्टिगो का अटैक आ सकता है। वर्टिगो का प्रभाव थोड़ी देर के लिए भी रह सकता है और बहुत ज्यादा देर तक भी। वर्टिगो का कारण शरीर में ब्लड की सप्लाई कम होने से ब्लड प्रेशर गिरने लगता है जिस वजह से वर्टिगो का अटैक आ सकता है। इसमें चक्कर आने लगता है। लगातार काम करते रहने के चलते खानपान को अवॉयड करने की गलती भी इसकी एक बड़ी वजह है क्योंकि इससे काम करने के लिए बॉडी को एनर्जी ही नहीं मिलती जिसकी उसे जरूरत होती है। इसके अलावा बहुत ज्यादा टेंशन लेने से भी ऐसा हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वर्टिगो का प्रभाव थोड़ी देर के लिए भी रह सकता है और बहुत ज्यादा देर तक भी। इसके कुछ अन्य कारण भी हैं जैसे:-  1. कान की ब्लड वेसेल्स में कैल्शियम कार्बाेनेट का कचरा जमा होना 2. कान के अंदर किसी तरह का संक्रमण होना 3. मेनियार्स रोग की वजह से 4. वेस्टीब्यूलर माइग्रेन के कारण 5. लेब्रिथीनाइटिस क्या है वर्टिगो के लक्षण 1. अचानक चक्कर आना 2. दुनिया घूम रही है ऐसा महसूस होना 3. केंद्रित करने में समस्या 4. एक कान से कम सुनाई देना 5. कान में घंटी सुनाई देना 6. पसीना आना 7. उल्टी और मितली यदि आपको भी इनमें से कोई लक्षण अपनी सेहत में नजर आते हैं, तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि वर्टिगो समय के साथ खतरनाक साबित हो सकता है। चक्कर आने से घर के अंदर या राह चलते अचानक कोई दुर्घटना भी घटित हो सकती है। इसलिए हल्के चक्करों को बिल्कुल भी हल्के में न लें।

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Home remedies for heart : केवल 21 दिन पिए लौकी का जूस कभी नहीं होगा हार्ट अटैक

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Home remedies for heart
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 May 2023 01:43 AM
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Home remedies for heart : देश और दुनिया में हार्ट अटैक के रोगियों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। हाल यह है कि डाक्टरों के यहां दिल के रोगियों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। देश का ऐसा कोई ही घर होगा, जिसमें हार्ट पैशेंट न हो। आज हम आपकों एक ऐसा देसी नुस्खे बताएंगे, जिसे अपनाने से हार्ट अटैक संबंधी समस्या का समाधान होगा। यह नुस्खा प्राचीन ​महा​​ऋषि वागवट ने बताया था।

Home remedies for heart

तीन हजार साल पहले महाऋषि वागवट ने अष्टांग हृदयम Astang hrudayam नामक पुस्तक लिखी थी। इस पुस्तक में उन्होंने अनेक बीमारियों को ठीक करने के लिए सात हजार से अधिक सूत्र लिखे थे। उनमें से ही एक सूत्र है। वागवट जी लिखते हैं कि यदि हृदय को घात हो रहा है यानि दिल की नलियों में blockage होना शुरू हो रहा है तो इसका अर्थ है कि रक्त blood में अम्लता बढ़ी हुई है। अम्लता को अँग्रेजी में acidity कहते हैं। अम्लता दो तरह की होती है। एक होती है पेट की अम्लता और दूसरी रक्त की अम्लता।

पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही है। खट्टी डकार आ रही है। मुंह से पानी निकल रहा है। अगर ये अम्लता और बढ़ जाये तो hyperacidity होगी और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता blood acidity होती है। जब blood में acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त blood दिल की नलियों से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है। तभी heart attack होता है। इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है।

इलाज क्या है ?

महा​ऋषि वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity) बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो या सेवन करो जो क्षारीय है। अमूमन सभी रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं। जिनका सेवन किया जाए तो कभी heart attack नहीं आएगा।

सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या है

लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं English में इसे कहते हैं bottle gourd कहते है। इसका सेवन सब्जी के रुप में किया जाता है। इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है। आप रोज लौकी का रस निकाल कर सेवन करें या कच्ची लौकी सेवन करें। ​ऋषि वागवट कहते हैं कि रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है।

कितना और कब सेवन करें ?

लौकी का जूस रोजाना 200 से 300 मिलीग्राम सेवन करना फायदेमंद रहता है। इसका सेवन रोजाना सुबह खाली पेट किया जाना चाहिए। आप चाहें तो नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं। लौकी के रस के रस में 7 से 10 तुलसी के पत्ते डाल कर और अधिक क्षारीय बनाया जा सकता है। इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले। ये भी बहुत क्षारीय है, लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले, दूसरा अन्य कोई नमक प्रयोग न करें।

यह जूस 2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी heart की blockage को ठीक कर देगा। 21वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा। कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा। Home remedies for heart

नोट : यह आर्टिकल प्राचीन ग्रंथ में दी गई जानकारी पर आधारित है। कोई भी पहल करने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य सलाह लें।

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