ग्लोबल हाइलाइट्स 2025: आज की अहम घटनाओं का पूरा सार

आज का युग सूचना का युग है, जहाँ हर पल दुनिया बदल रही है और नई खबरें आपके सामने आती रहती हैं। पहले लोग खबरों के लिए महंगे अख़बार या देर से आने वाले टीवी समाचारों पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब समय कीमती है और हर जानकारी की सटीकता मायने रखती है। चेतना मंच आपको देता है ताज़ा और भरोसेमंद खबरें तुरंत, शुद्ध हिंदी में। राजनीति की हलचल हो, शेयर बाजार की तेजी-उतार, समाजिक मुद्दों की गहराई या अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की जानकारी—हर अपडेट आपको मिलती है स्पष्ट, संक्षिप्त और तथ्यपूर्ण अंदाज में। International News
1. हमास ने सौंपे दो और शव, रेडक्रॉस ने इजराइल को किया ट्रांसफर
गाजा संघर्ष के बीच हमास ने अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति को दो और शव सौंपे, जिन्हें बाद में इजराइली सेना को ट्रांसफर कर दिया गया। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने इसकी पुष्टि की। हमास का दावा है कि अब सभी मृत बंधकों को वापस कर दिया गया है, लेकिन इस दावे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। International News
शवों की पहचान के लिए भेजा गया फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट
द टाइम्स ऑफ़ इजराइल के अनुसार, सौंपे गए शवों को पहचान के लिए अबू कबीर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन भेजा गया है। आईडीएफ ने बताया कि चौथा शव, जिसे हमास ने सौंपा, वास्तव में एक फिलीस्तीनी नागरिक का था और वह बंधक नहीं था। International News
युद्धविराम की शर्तें और बंधकों की रिहाई
युद्धविराम समझौते के तहत हमास को सभी जीवित और मृत बंधकों को सोमवार तक सौंपना था। मंगलवार रात गाजा सिटी में चार शव रेडक्रॉस को सौंपे गए, जिन्हें बाद में इजरायली सेना को दिया गया। इससे पहले सोमवार को हमास ने अंतिम 20 जीवित बंधकों को रिहा किया था।
नेतन्याहू का कड़ा संदेश
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अगर हमास निशस्त्रीकरण से इनकार करता है तो भारी तबाही मच सकती है। उन्होंने सीबीएस न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि फिलहाल शांति को एक मौका दिया गया है, लेकिन गाजा में इजराइली सेना की तैनाती और हमास की गतिविधियों के चलते स्थिति नाजुक बनी हुई है।
मिस्र ने दी चेतावनी
इजराइल ने हमास के दावों को टालमटोल की रणनीति बताते हुए चेतावनी दी है कि अगर समूह शेष शवों को तुरंत वापस नहीं करता है, तो मदद सीमित कर दी जाएगी और मिस्र के साथ राफाह सीमा बंद कर दी जाएगी। इसके साथ ही, सैन्य कार्रवाई फिर से शुरू होने का खतरा भी जताया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि हमास ने मध्यस्थों को मृत बंधकों के बारे में गुमराह किया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि समझौता निभाया नहीं गया तो इजराइल को गाजा में फिर से कार्रवाई करनी पड़ सकती है।
2 अमेरिका सरकारी शटडाउन से जूझ रहा, सीनेट का वित्त पोषण बिल पारित नहीं हो सका
संयुक्त राज्य अमेरिका का सरकारी तंत्र इन दिनों शटडाउन के प्रभाव में है। शटडाउन के 15 दिन पूरे हो चुके हैं और इस दौरान सीनेट ने नौ बार सरकार को वित्त पोषित करने के प्रयास किए, लेकिन कोई भी प्रयास सफल नहीं हुआ। सीनेट ने बुधवार को प्रतिनिधि सभा से पारित रिपब्लिकन पार्टी के बिल को पास कराने की कोशिश की, लेकिन असफल रही। डेमोक्रेट्स ने स्वास्थ्य सेवा कर क्रेडिट के विस्तार की मांग की और उन्होंने कोई अतिरिक्त समर्थन नहीं दिया। रिपब्लिकन पार्टी को पांच और सीनेटरों को अपने पक्ष में लाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। International News
सीबीएस न्यूज के अनुसार, गुरुवार को सीनेट में दसवीं बार इस बिल पर मतदान होगा। बहुमत नेता जॉन थून ने कहा कि वे पेंटागन को वित्तपोषित करने के लिए साल भर के विनियोग विधेयक को पास कराने का प्रयास करेंगे। इस विधेयक को पास करने के लिए 60 मतों की आवश्यकता होगी। International News
सैनिकों को वेतन का भुगतान जारी
ट्रम्प प्रशासन ने शटडाउन के बावजूद सैन्य कर्मियों और संघीय कर्मचारियों को वेतन देने की तैयारी की है। प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने चेतावनी दी कि यह केवल अस्थायी उपाय है और शटडाउन जारी रहने पर सैनिकों को महीने के अंत में वेतन नहीं मिल पाएगा।
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने राष्ट्रपति ट्रम्प का आभार जताया और कहा कि "एफबीआई की ओर से हम आपके बहुत बड़े ऋणी हैं।" व्हाइट हाउस ने भी कहा कि शटडाउन के दौरान सेना को भुगतान के लिए अप्रयुक्त धन का इस्तेमाल किया जाएगा।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने जताई गंभीर चिंता
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि सैनिकों को वेतन न देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से बचने के लिए सेना के वेतन का भुगतान जारी रखना जरूरी है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि पेंटागन अप्रयुक्त अनुसंधान और विकास निधि का इस्तेमाल वेतन भुगतान के लिए कर रहा है।
संघीय न्यायाधीश ने किया दखल
सैन फ्रांसिस्को की अमेरिकी जिला न्यायाधीश सुसान इल्स्टन ने कहा कि नौकरी में कटौती राजनीति से प्रेरित प्रतीत होती है और इसका मानवता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने नौकरियों में कटौती पर रोक लगाने के लिए अस्थायी निरोधक आदेश जारी किया।
यह भी पढ़े: दीपिका पादुकोण बनीं मेटा AI की नई आवाज, अब 6 देशों में गूंजेगी उनकी टोन!
3. अहमदाबाद को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए प्रस्तावित, मांडविया बोले- भारतीय खेलों के लिए ऐतिहासिक पल
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अहमदाबाद को 2030 शताब्दी राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबान शहर के रूप में अनुशंसित किए जाने को भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने इसे भारतीय खेलों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार दिया। International News
मांडविया ने जताई खुशी और आभार
मांडविया ने कहा, "2030 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अहमदाबाद को प्रस्तावित मेज़बान शहर के रूप में अनुशंसित करने के लिए मैं कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की कार्यकारी बोर्ड का आभारी हूं। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की वैश्विक खेल प्रतिष्ठा को दर्शाता है। International News
2036 ओलंपिक की दिशा में मजबूती
मंत्रि ने कहा कि यह पहल भारत के 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के सपने को भी बल देगी। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार की दृष्टि के अनुरूप यह एक बड़ा कदम है। हाल ही में नई दिल्ली में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के सफल आयोजन ने भारत की संगठन क्षमता साबित की है। International News
भारत की खेल अवसंरचना और विकास
मांडविया ने कहा कि बीते एक दशक में भारत ने विश्व स्तरीय खेल अवसंरचना, नीतिगत सुधार, खेल विज्ञान और वित्तीय सहयोग के माध्यम से 'चैंपियनों का देश' बनने की दिशा में तेज़ी से प्रगति की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का शानदार प्रदर्शन देश की बढ़ती खेल प्रभाव का प्रमाण है। International News
कार्यकारी बोर्ड की सिफारिश और अनुमोदन
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की कार्यकारी बोर्ड ने अहमदाबाद को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबान शहर के रूप में प्रस्तावित किया है। यह सिफारिश अब 26 नवंबर 2025 को होने वाली जनरल असेंबली में अनुमोदन के लिए रखी जाएगी। 2030 के राष्ट्रमंडल खेल शताब्दी वर्ष में आयोजित होंगे और 74 सदस्य देशों के बीच सहयोग, समावेशिता और खेल उत्कृष्टता का प्रतीक बनेंगे। यह आयोजन भारत को वैश्विक खेल केंद्र के रूप में स्थापित करने के विजन को और मजबूत करेगा। International News
4. बांग्लादेश में जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह को लेकर राजनीतिक गतिरोध
बांग्लादेश में जुलाई चार्टर पर राष्ट्रीय जनमत संग्रह कराने के समय को लेकर राजनीतिक दलों में असहमति का मामला बढ़ता जा रहा है। अंतरिम सरकार इस मुद्दे पर धर्मसंकट में है और संकेत हैं कि मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस जल्द ही निर्णायक हस्तक्षेप कर सकते हैं। International News
बीएनपी और अन्य दलों के बीच मतभेद
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने प्रस्ताव रखा है कि जनमत संग्रह आगामी राष्ट्रीय चुनाव के दिन ही कराया जाए। वहीं, बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) चाहते हैं कि यह मतदान से पहले हो। उनका तर्क है कि चार्टर पर जनता की राय पहले से पता होना चाहिए। International News
अंतरिम सरकार और सलाहकार की भूमिका
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, अंतरिम सरकार शुक्रवार को जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर करने वाली है। राजनीतिक दलों के बीच समय और प्रक्रिया को लेकर मतभेद बने हुए हैं। इसे सुलझाने के प्रयास में सर्वसम्मति आयोग के अध्यक्ष डॉ. यूनुस ने बुधवार को प्रमुख राजनीतिक दलों और गठबंधनों के नेताओं से चर्चा की। चर्चा के बाद वामपंथी गठबंधन ने अनसुलझे मुद्दों का हवाला देते हुए चार्टर पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया।
एनसीपी और अन्य दलों की समीक्षा
एनसीपी नेता अख्तर हुसैन ने कहा कि पार्टी अभी हस्ताक्षर पर अपने फैसले की समीक्षा कर रही है। अंतरिम सरकार के विभाग भी जनमत संग्रह की समय-सीमा को लेकर विभाजित हैं। जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर समारोह कल राष्ट्रीय संसद के साउथ प्लाजा में होने वाला है, जिसमें कम से कम 30 राजनीतिक दलों के शामिल होने की उम्मीद है।
बीएनपी का रुख और चेतावनी
बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान की अध्यक्षता में स्थायी समिति ने बैठक कर रुख स्पष्ट किया कि जनमत संग्रह राष्ट्रीय चुनाव के साथ ही होना चाहिए। महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि शीघ्र जनमत संग्रह का प्रस्ताव चुनाव में देरी की चाल है और यदि सरकार सहमत शर्तों से पीछे हटती है तो बीएनपी जनमत संग्रह और चुनाव दोनों का बहिष्कार कर सकती है।
जमात और अन्य दलों का सुलह का आह्वान
जमात महासचिव प्रो. मिया गुलाम पोरवार ने बातचीत और आम सहमति के स्वर को अपनाया। उन्होंने आम सहमति में बाधा डालने वाले नेताओं के अहंकार की आलोचना की। गणसंघति आंदोलन और जातीय दलों ने भी इस मसले पर राजनीतिक समझौते की जरूरत पर जोर दिया। International News
डॉ. यूनुस का संभावित हस्तक्षेप
बीएनपी और गणतंत्र मंच के नेता मानते हैं कि डॉ. यूनुस इस मुद्दे पर अब तक चुप रहे हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र यात्रा से लौटने के बाद उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है। यदि डॉ. यूनुस जल्द ही जनमत संग्रह पर राजपत्र जारी करते हैं तो राजनीतिक दलों के पास पैंतरेबाजी करने की गुंजाइश बहुत कम हो जाएगी। International News
आज का युग सूचना का युग है, जहाँ हर पल दुनिया बदल रही है और नई खबरें आपके सामने आती रहती हैं। पहले लोग खबरों के लिए महंगे अख़बार या देर से आने वाले टीवी समाचारों पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब समय कीमती है और हर जानकारी की सटीकता मायने रखती है। चेतना मंच आपको देता है ताज़ा और भरोसेमंद खबरें तुरंत, शुद्ध हिंदी में। राजनीति की हलचल हो, शेयर बाजार की तेजी-उतार, समाजिक मुद्दों की गहराई या अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की जानकारी—हर अपडेट आपको मिलती है स्पष्ट, संक्षिप्त और तथ्यपूर्ण अंदाज में। International News
1. हमास ने सौंपे दो और शव, रेडक्रॉस ने इजराइल को किया ट्रांसफर
गाजा संघर्ष के बीच हमास ने अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति को दो और शव सौंपे, जिन्हें बाद में इजराइली सेना को ट्रांसफर कर दिया गया। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने इसकी पुष्टि की। हमास का दावा है कि अब सभी मृत बंधकों को वापस कर दिया गया है, लेकिन इस दावे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। International News
शवों की पहचान के लिए भेजा गया फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट
द टाइम्स ऑफ़ इजराइल के अनुसार, सौंपे गए शवों को पहचान के लिए अबू कबीर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन भेजा गया है। आईडीएफ ने बताया कि चौथा शव, जिसे हमास ने सौंपा, वास्तव में एक फिलीस्तीनी नागरिक का था और वह बंधक नहीं था। International News
युद्धविराम की शर्तें और बंधकों की रिहाई
युद्धविराम समझौते के तहत हमास को सभी जीवित और मृत बंधकों को सोमवार तक सौंपना था। मंगलवार रात गाजा सिटी में चार शव रेडक्रॉस को सौंपे गए, जिन्हें बाद में इजरायली सेना को दिया गया। इससे पहले सोमवार को हमास ने अंतिम 20 जीवित बंधकों को रिहा किया था।
नेतन्याहू का कड़ा संदेश
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अगर हमास निशस्त्रीकरण से इनकार करता है तो भारी तबाही मच सकती है। उन्होंने सीबीएस न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि फिलहाल शांति को एक मौका दिया गया है, लेकिन गाजा में इजराइली सेना की तैनाती और हमास की गतिविधियों के चलते स्थिति नाजुक बनी हुई है।
मिस्र ने दी चेतावनी
इजराइल ने हमास के दावों को टालमटोल की रणनीति बताते हुए चेतावनी दी है कि अगर समूह शेष शवों को तुरंत वापस नहीं करता है, तो मदद सीमित कर दी जाएगी और मिस्र के साथ राफाह सीमा बंद कर दी जाएगी। इसके साथ ही, सैन्य कार्रवाई फिर से शुरू होने का खतरा भी जताया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि हमास ने मध्यस्थों को मृत बंधकों के बारे में गुमराह किया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि समझौता निभाया नहीं गया तो इजराइल को गाजा में फिर से कार्रवाई करनी पड़ सकती है।
2 अमेरिका सरकारी शटडाउन से जूझ रहा, सीनेट का वित्त पोषण बिल पारित नहीं हो सका
संयुक्त राज्य अमेरिका का सरकारी तंत्र इन दिनों शटडाउन के प्रभाव में है। शटडाउन के 15 दिन पूरे हो चुके हैं और इस दौरान सीनेट ने नौ बार सरकार को वित्त पोषित करने के प्रयास किए, लेकिन कोई भी प्रयास सफल नहीं हुआ। सीनेट ने बुधवार को प्रतिनिधि सभा से पारित रिपब्लिकन पार्टी के बिल को पास कराने की कोशिश की, लेकिन असफल रही। डेमोक्रेट्स ने स्वास्थ्य सेवा कर क्रेडिट के विस्तार की मांग की और उन्होंने कोई अतिरिक्त समर्थन नहीं दिया। रिपब्लिकन पार्टी को पांच और सीनेटरों को अपने पक्ष में लाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। International News
सीबीएस न्यूज के अनुसार, गुरुवार को सीनेट में दसवीं बार इस बिल पर मतदान होगा। बहुमत नेता जॉन थून ने कहा कि वे पेंटागन को वित्तपोषित करने के लिए साल भर के विनियोग विधेयक को पास कराने का प्रयास करेंगे। इस विधेयक को पास करने के लिए 60 मतों की आवश्यकता होगी। International News
सैनिकों को वेतन का भुगतान जारी
ट्रम्प प्रशासन ने शटडाउन के बावजूद सैन्य कर्मियों और संघीय कर्मचारियों को वेतन देने की तैयारी की है। प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने चेतावनी दी कि यह केवल अस्थायी उपाय है और शटडाउन जारी रहने पर सैनिकों को महीने के अंत में वेतन नहीं मिल पाएगा।
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने राष्ट्रपति ट्रम्प का आभार जताया और कहा कि "एफबीआई की ओर से हम आपके बहुत बड़े ऋणी हैं।" व्हाइट हाउस ने भी कहा कि शटडाउन के दौरान सेना को भुगतान के लिए अप्रयुक्त धन का इस्तेमाल किया जाएगा।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने जताई गंभीर चिंता
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि सैनिकों को वेतन न देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से बचने के लिए सेना के वेतन का भुगतान जारी रखना जरूरी है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि पेंटागन अप्रयुक्त अनुसंधान और विकास निधि का इस्तेमाल वेतन भुगतान के लिए कर रहा है।
संघीय न्यायाधीश ने किया दखल
सैन फ्रांसिस्को की अमेरिकी जिला न्यायाधीश सुसान इल्स्टन ने कहा कि नौकरी में कटौती राजनीति से प्रेरित प्रतीत होती है और इसका मानवता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने नौकरियों में कटौती पर रोक लगाने के लिए अस्थायी निरोधक आदेश जारी किया।
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3. अहमदाबाद को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए प्रस्तावित, मांडविया बोले- भारतीय खेलों के लिए ऐतिहासिक पल
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अहमदाबाद को 2030 शताब्दी राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबान शहर के रूप में अनुशंसित किए जाने को भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने इसे भारतीय खेलों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार दिया। International News
मांडविया ने जताई खुशी और आभार
मांडविया ने कहा, "2030 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अहमदाबाद को प्रस्तावित मेज़बान शहर के रूप में अनुशंसित करने के लिए मैं कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की कार्यकारी बोर्ड का आभारी हूं। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की वैश्विक खेल प्रतिष्ठा को दर्शाता है। International News
2036 ओलंपिक की दिशा में मजबूती
मंत्रि ने कहा कि यह पहल भारत के 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के सपने को भी बल देगी। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार की दृष्टि के अनुरूप यह एक बड़ा कदम है। हाल ही में नई दिल्ली में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के सफल आयोजन ने भारत की संगठन क्षमता साबित की है। International News
भारत की खेल अवसंरचना और विकास
मांडविया ने कहा कि बीते एक दशक में भारत ने विश्व स्तरीय खेल अवसंरचना, नीतिगत सुधार, खेल विज्ञान और वित्तीय सहयोग के माध्यम से 'चैंपियनों का देश' बनने की दिशा में तेज़ी से प्रगति की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का शानदार प्रदर्शन देश की बढ़ती खेल प्रभाव का प्रमाण है। International News
कार्यकारी बोर्ड की सिफारिश और अनुमोदन
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की कार्यकारी बोर्ड ने अहमदाबाद को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबान शहर के रूप में प्रस्तावित किया है। यह सिफारिश अब 26 नवंबर 2025 को होने वाली जनरल असेंबली में अनुमोदन के लिए रखी जाएगी। 2030 के राष्ट्रमंडल खेल शताब्दी वर्ष में आयोजित होंगे और 74 सदस्य देशों के बीच सहयोग, समावेशिता और खेल उत्कृष्टता का प्रतीक बनेंगे। यह आयोजन भारत को वैश्विक खेल केंद्र के रूप में स्थापित करने के विजन को और मजबूत करेगा। International News
4. बांग्लादेश में जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह को लेकर राजनीतिक गतिरोध
बांग्लादेश में जुलाई चार्टर पर राष्ट्रीय जनमत संग्रह कराने के समय को लेकर राजनीतिक दलों में असहमति का मामला बढ़ता जा रहा है। अंतरिम सरकार इस मुद्दे पर धर्मसंकट में है और संकेत हैं कि मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस जल्द ही निर्णायक हस्तक्षेप कर सकते हैं। International News
बीएनपी और अन्य दलों के बीच मतभेद
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने प्रस्ताव रखा है कि जनमत संग्रह आगामी राष्ट्रीय चुनाव के दिन ही कराया जाए। वहीं, बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) चाहते हैं कि यह मतदान से पहले हो। उनका तर्क है कि चार्टर पर जनता की राय पहले से पता होना चाहिए। International News
अंतरिम सरकार और सलाहकार की भूमिका
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, अंतरिम सरकार शुक्रवार को जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर करने वाली है। राजनीतिक दलों के बीच समय और प्रक्रिया को लेकर मतभेद बने हुए हैं। इसे सुलझाने के प्रयास में सर्वसम्मति आयोग के अध्यक्ष डॉ. यूनुस ने बुधवार को प्रमुख राजनीतिक दलों और गठबंधनों के नेताओं से चर्चा की। चर्चा के बाद वामपंथी गठबंधन ने अनसुलझे मुद्दों का हवाला देते हुए चार्टर पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया।
एनसीपी और अन्य दलों की समीक्षा
एनसीपी नेता अख्तर हुसैन ने कहा कि पार्टी अभी हस्ताक्षर पर अपने फैसले की समीक्षा कर रही है। अंतरिम सरकार के विभाग भी जनमत संग्रह की समय-सीमा को लेकर विभाजित हैं। जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर समारोह कल राष्ट्रीय संसद के साउथ प्लाजा में होने वाला है, जिसमें कम से कम 30 राजनीतिक दलों के शामिल होने की उम्मीद है।
बीएनपी का रुख और चेतावनी
बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान की अध्यक्षता में स्थायी समिति ने बैठक कर रुख स्पष्ट किया कि जनमत संग्रह राष्ट्रीय चुनाव के साथ ही होना चाहिए। महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि शीघ्र जनमत संग्रह का प्रस्ताव चुनाव में देरी की चाल है और यदि सरकार सहमत शर्तों से पीछे हटती है तो बीएनपी जनमत संग्रह और चुनाव दोनों का बहिष्कार कर सकती है।
जमात और अन्य दलों का सुलह का आह्वान
जमात महासचिव प्रो. मिया गुलाम पोरवार ने बातचीत और आम सहमति के स्वर को अपनाया। उन्होंने आम सहमति में बाधा डालने वाले नेताओं के अहंकार की आलोचना की। गणसंघति आंदोलन और जातीय दलों ने भी इस मसले पर राजनीतिक समझौते की जरूरत पर जोर दिया। International News
डॉ. यूनुस का संभावित हस्तक्षेप
बीएनपी और गणतंत्र मंच के नेता मानते हैं कि डॉ. यूनुस इस मुद्दे पर अब तक चुप रहे हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र यात्रा से लौटने के बाद उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है। यदि डॉ. यूनुस जल्द ही जनमत संग्रह पर राजपत्र जारी करते हैं तो राजनीतिक दलों के पास पैंतरेबाजी करने की गुंजाइश बहुत कम हो जाएगी। International News







