Earthquake हिमालय क्षेत्र में भूकंप झेलने की इमारतों की क्षमता का आकलन के लिए एक नया तरीका विकसित

01 9
Earthquake
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2022 09:33 PM
bookmark

एसएन वर्मा

Earthquake: बड़े पैमाने पर इमारतों या फिर अन्य संरचनाओं की मजबूती का आकलन करने के लिए अक्सर रैपिड विज़ुअल स्क्रीनिंग (आरवीएस) की जाती है। आरवीएस दृश्य सूचना का उपयोग यह तय करने के लिए करता है कि कोई इमारत कितनी सुरक्षित है और भूकंप सुरक्षा को बढ़ाने के लिए तत्काल इंजीनियरिंग सुधार एवं मरम्मत की कितनी आवश्यकता है।

Earthquake

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्ताओं ने हिमालय क्षेत्र में भूकंप झेलने की इमारतों की क्षमता का आकलन करने के लिए एक नया तरीका विकसित किया है। भूकंप के प्रति इमारतों की संवेदनशीलता का पता लगाने की यह पद्धति सरल है, जो भूकंप के प्रति भवनों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक सुदृढ़ीकरण और मरम्मत कार्यों की प्राथमिकता तय करने में उपयोगी हो सकती है।

व्यापक क्षेत्र सर्वेक्षणों के माध्यम से, शोधकर्ताओं ने मंडी के हिमालय क्षेत्र में इमारतों के प्रकार और उनकी विशिष्टताओं पर आधारित डेटा एकत्र किया है, जो भूकंप के प्रति इमारतों की संवेदनशीलता से संबंधित है। पहाड़ी क्षेत्रों में इमारतों के तल की गणना के लिए दिशा-निर्देश स्थापित करने और उन इमारतों की रैपिड विज़ुअल स्क्रीनिंग (आरवीएस) के लिए शोधकर्ताओं ने एक संख्यात्मक अध्ययन किया है।

इमारतों की स्क्रीनिंग पद्धति एक पन्ने के आरवीएस प्रपत्र पर आधारित है, जिसे भरने के लिए अधिक विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं होती। विभिन्न संवेदनशीलता विशेषताओं को ध्यान में रखकर यह प्रपत्र केस स्टडी क्षेत्र की इमारतों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इससे प्राप्त अवलोकनों के उपयोग से की गई गणना इमारतों के लिए एक भूकंपीय भेद्यता स्कोर उत्पन्न करती है, जो कमजोर इमारतों को मजबूत संरचनाओं से अलग करती है, और रखरखाव तथा मरम्मत के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद करती है। गणना प्रक्रिया को इस तरह डिजाइन किया गया है कि किसी इमारत का भूकंपीय भेद्यता स्कोर प्राप्त करने में मानव पूर्वाग्रह या निर्धारक की व्यक्तिपरकता की संभावना बेहद कम होती है।

मौजूदा आरवीएस विधियां विभिन्न देशों के डेटा पर आधारित हैं और विशेष रूप से भारतीय हिमालयी क्षेत्र पर लागू नहीं होती हैं। उदाहरण के लिए, भारत के अधिकांश भागों की तरह हिमालयी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में गैर-इंजीनियरिंग आधारित संरचनाएं हैं। स्थानीय निर्माण श्रमिकों में जागरूकता की कमी एवं हितधारकों के खराब नियोजन के कारण इमारतों एवं बुनियादी संरचनाओं का बेतरतीब वितरण देखने को मिलता है। इसलिए, क्षेत्र-विशिष्ट आरवीएस दिशानिर्देश का उपयोग आवश्यक है, जिसमें स्थानीय निर्माण प्रथाएं और टाइपोलॉजी जैसे कारक शामिल होते हैं।

डॉ संदीप कुमार साहा, सहायक प्रोफेसर, स्कूल ऑफ सिविल एंड एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग, आईआईटी मंडी के नेतृत्व में यह अध्ययन उनके पीएच.डी. छात्र यति अग्रवाल ने किया है। यह अध्ययन, शोध पत्रिका बुलेटिन ऑफ अर्थक्वेक इंजीनियरिंग में प्रकाशित किया गया है।

डॉ संदीप कुमार साहा बताते हैं - "हमने भारतीय हिमालयी क्षेत्र में प्रबलित कंक्रीट (आरसी) इमारतों की स्क्रीनिंग के लिए एक प्रभावी तरीका तैयार किया है, ताकि इमारतों की स्थिति के अनुसार मरम्मत कार्य को प्राथमिकता दी जा सके और आसन्न भूकंप के जोखिम को कम किया जा सके।”

शोधकर्ता यती अग्रवाल कहती हैं - “हमने दिखाया है कि प्रस्तावित विधि पहाड़ी क्षेत्रों में भूकंप की स्थिति में प्रबलित कंक्रीट इमारतों को होने वाले संभावित नुकसान के अनुसार अलग करने में उपयोगी है।”

भारतीय और यूरेशियन प्लेटों में टकराव के कारण हिमालय को दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-संभावित क्षेत्रों में शामिल किया जाता है। यहाँ ऐसे भूकंप आते रहे हैं, जो जीवन और संपत्ति दोनों के नुकसान पहुँचाने के मामले में विनाशकारी रहे हैं।

हिमालयी की भूकंप भेद्यता के कारण वहाँ इमारतों का मूल्यांकन एक तत्काल आवश्यकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि पिछली दो शताब्दियों के "भूकंपीय अंतर" के कारण इस क्षेत्र में किसी भी समय बड़े भूकंप की आशंका है। यह माना जाता है कि भूकंपीय अंतराल (बड़े भूकंप की अनुपस्थिति) तनाव को संचित करने में लगने वाले समय का प्रतिनिधित्व करता है, जो बाद में एक बड़े भूकंप के रूप में जारी होता है। शोधकर्ताओं का कहना कि इन क्षेत्रों में मानव आवास संरचना को मजबूत करना समय की माँग है ताकि वे भविष्य में भूकंप का सामना कर सकें।

Noida News पुलिसिंग को और अधिक प्रभावशाली व भावनात्मक बनाया जाएगा : लक्ष्मी सिंह

देश दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Bharat Jodo Yatra : राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर शाह ने कहा, निरंतर प्रयासों से ही राजनीति में मिलती है सफलता

WhatsApp Image 2022 11 30 at 3.59.26 PM
Bharat Jodo Yatra: On Rahul's 'Bharat Jodo Yatra', Shah said, success in politics is achieved only through continuous efforts
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:53 AM
bookmark
 

Bharat Jodo Yatra :  अहमदाबाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में हो रही कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ का क्या परिणाम होगा, यह जानने के लिए तो इंतजार करना होगा लेकिन राजनीति में ‘‘निरंतर प्रयासों’’ से ही सफलता मिलती है।

Bharat Jodo Yatra :

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को दिए एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि उनका हमेशा से यह मानना रहा है कि नेताओं को परिश्रमी होना चाहिए और जब कोई कठिन परिश्रम करता है तो उन्हें अच्छा लगता है। शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश के प्रमुख विपक्षी नेताओं में शुमार राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कर रहे हैं और भाजपा नेता इसके लिए लगातार उनपर निशाना साध रहे हैं। ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने भाजपा की कथित विभाजनकारी राजनीति, देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों पर तमिलनाडु के कन्याकुमारी से सात सितंबर को इस यात्रा की शुरुआत की थी। करीब 3,570 किलोमीटर दूरी की यह यात्रा 12 राज्यों से गुजरते हुए जम्मू एवं कश्मीर में समाप्त होगी। कांग्रेस ने इस यात्रा को भारतीय राजनीति में एक ‘टर्निंग प्वाइंट’ (निर्णायक मोड़) करार दिया है वहीं भाजपा ने इसे ‘छलावा’ तथा ‘गांधी परिवार’ को बचाने का कांग्रेस का अभियान बताया है। भाजपा के नेता राहुल गांधी के दाढ़ी वाले लुक और उनके कपड़ों को लेकर भी उन्हें निशाना बना रहे हैं। शाह से जब यह पूछा गया कि वह राहुल गांधी की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ और उसके परिणाम को कैसे देखते हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि नेताओं को परिश्रमी होना चाहिए और जब कोई कठिन परिश्रम करता है तो यह अच्छा है। लेकिन राजनीति में सिर्फ निरंतर प्रयासों से ही परिणाम मिलते हैं। इसलिए इंतजार करते हैं और देखते हैं।’’ गुजरात में आम तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आम आदमी पार्टी’ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शाह के गृह राज्य में आक्रामक प्रचार अभियान के जरिए कई इलाकों में मुकाबलों को त्रिकोणीय बना दिया है। मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से मिल रही चुनौती पर शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस अब भी मुख्य विपक्षी पार्टी है, लेकिन वह राष्ट्रीय स्तर पर संकट के दौर से गुजर रही है और इसका असर गुजरात में भी दिख रहा है।’’ यह पूछे जाने पर कि भाजपा लगातार चुनाव जीत रही है लेकिन इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी पर उसकी निर्भरता भी बढ़ती जा रही है, केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब उसके पास मोदी जैसा लोकप्रिय नेता है तो उसे क्यों नहीं उनके नाम पर चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वह देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। कोई कारण नहीं है कि हम अपने शीर्ष नेता के नाम पर चुनाव ना लड़ें। और वह सामने से नेतृत्व भी करते हैं।’’ गुजरात में भाजपा के बार-बार सत्ता में वापसी करने से जुड़े एक सवाल पर शाह ने कहा कि यदि पार्टी और सरकार बदलते समय के साथ तथा जनता की उम्मीदों के अनुरूप खुद को विकसित करते रहे और ढालते रहे तो यह होता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने यहां यही किया है।’’ शाह ने कहा, ‘‘आम तौर पर आप देखेंगे कि एक सरकार में एक या दो महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, लेकिन यहां नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने समावेशी और व्यापक विकास का एक मॉडल स्थापित किया है। लोगों ने इस विकास को महसूस भी किया है।’’ उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की चुनौती को तवज्जो न देते हुए दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी शायद अपना खाता भी न खोल सके।

अगली खबर पढ़ें

Mainpuri by election: सपा कार्यकर्ताओं को धमका रहे अफसर : प्रो. रामगोपाल

Ramgopal
Mainpuri by election
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2022 09:07 PM
bookmark

Mainpuri by election: मैनपुरी उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने स्थानीय अधिकारियों पर राज्य सरकार के इशारे पर काम करने तथा सपा कार्यकर्ताओं को धमकाने का आरोप लगाया है।

Mainpuri by election

समाजवादी पार्टी ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अब इस मामले में सपा के महासचिव प्रो रामगोपाल यादव निर्वाचन आयोग पहुंचे, और चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव की मांग की है। इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा।

दरअसल 27 नवंबर को सपा प्रतिनिधि मंडल ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि बीजेपी के समर्थन में वोट डालने के लिए अफसर लोगों पर दबाव बना रहे हैं। पार्टी नेताओं का कहना था कि मैनपुरी में डीएम-एसएसपी जिला पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों और बीडीसी सदस्यों पर अनुचित दबाव बना रहे हैं।

वहीं इस सिलसिले में आज सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव दिल्ली स्थित निर्वाचन आयोग के दफ्तर शिकायत करने पहुंचे। और ज्ञापन के जरिए शिकायत दर्ज कराई।

Noida News: भाजपा व आप के कुशासन से ऊब चुकी है दिल्ली की जनता: आराधना मिश्र

देश दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।