Covid-19 : दहशत में देश : कोरोना के एक दिन में 3,824 नए मामले, पांच की मौत

Covid-19 : दहशत में देश : कोरोना के एक दिन में 3,824 नए मामले, पांच की मौत
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:05 PM
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नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। उसने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। भारत में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 3,824 नए मामले सामने आए हैं। यह बीते छह महीने में एक दिन में दर्ज सर्वाधिक नए मामले हैं। इसके साथ ही देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 18,389 पर पहुंच गई।

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अब तक संक्रमितों की संख्या 4.47 करोड़ के पार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोविड-19 के 3,824 नए मरीज मिले हैं। इसके बाद देश में अब तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 47 लाख 22 हजार 605 हो गई। वहीं, संक्रमण से पांच और मरीजों ने दम तोड़ दिया। कोरोना से अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 5 लाख 30 हजार 881 हो गई है।

देश में कुल 18,389 मरीजों का चल रहा इलाज

आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान दिल्ली, हरियाणा, केरल और राजस्थान में एक-एक संक्रमित की मौत हुई। इसके अलावा, केरल ने कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों के आंकड़ों का पुनर्मिलान करने के बाद मृतकों की सूची में एक और मामला जोड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 18,389 है, जो कुल मामलों का 0.04 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों की राष्ट्रीय दर 98.77 प्रतिशत दर्ज की गई है।

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National : 10 साल से अधिक पुराने मामलों को प्राथमिकता से निपटाए कैट : संसदीय समिति

देश में दैनिक संक्रमण दर 2.87 फीसदी

आंकड़ों के अनुसार, भारत में संक्रमण की दैनिक दर 2.87 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 2.24 फीसदी दर्ज की गई है। वहीं, कोविड-19 से उबरने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 41 लाख 73 हजार 335 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.66 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं। देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।
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National : 10 साल से अधिक पुराने मामलों को प्राथमिकता से निपटाए कैट : संसदीय समिति

National : 10 साल से अधिक पुराने मामलों को प्राथमिकता से निपटाए कैट : संसदीय समिति
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 09:53 AM
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नई दिल्ली। एक संसदीय समिति ने 10 साल से अधिक समय से लंबित 1,350 मामलों का जिक्र करते हुए केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) से इन पर प्राथमिकता के आधार पर फैसला करने को कहा है।

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कैट में 80,545 मामले लंबित

केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवा से जुड़े मामलों पर कैट फैसला करता है। 31 दिसंबर 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार, अधिकरण की विभिन्न पीठ के सामने 80,545 मामले लंबित हैं। विभाग से संबद्ध कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्‍याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 16,661 मामले एक वर्ष या उससे कम समय से, 46,534 मामले एक से लेकर पांच वर्ष से, 16,000 मामले पांच से लेकर 10 वर्ष से और 1,350 मामले 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं।

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1,350 मामले 10 साल से अधिक पुराने

समिति ने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (प्रक्रिया) नियम, 1987 के मुताबिक जहां तक संभव हो, हर अर्जी पर उसे दायर किए जाने की तारीख से छह महीने के भीतर सुनवाई होनी चाहिए और फैसला किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने पाया है कि लगभग 1,350 मामले 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। समिति को यह भी पता चला है कि अधिकरण में पेंशन से संबंधित लगभग 3,716 मामले लंबित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति सिफारिश करती है कि कैट को पेंशन, वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित मामलों और 10 साल से अधिक समय से लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर विशेष मुहिम चलाई जानी चाहिए। देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।
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Delhi : अयोग्य MP-MLA को उप चुनाव लड़ने से रोकने के लिए केंद्र पक्षकार

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:20 PM
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Delhi News : नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया है कि दल-बदल निरोधक कानून के तहत अयोग्य ठहराये गये सांसदों/विधायकों (MP-MLA) को सदन के उसी कार्यकाल में उप चुनाव लड़ने से रोकने के लिए दायर याचिका में उसकी कोई भूमिका नहीं है और मामले पर निर्णय के लिए केंद्र सरकार उपयुक्त प्राधिकार है।

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आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा कि कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से दायर याचिका में किये गये अनुरोध पर निर्णय के लिए केंद्र उपयुक्त पक्ष है।

आयोग ने कहा है कि इस मामले में शामिल मुद्दा संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) की व्याख्या से संबंधित है। प्रतिवादी संख्या-एक (केंद्र) वर्तमान याचिका में किये गये अनुरोध के लिए उपयुक्त पार्टी है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि एक बार जब 10वीं अनुसूची लागू हो जाती है और किसी सांसद/विधायक को अयोग्य ठहराये जाने के कारण एक सीट खाली हो जाती है तो सदन के उस विशेष अयोग्य सदस्य को संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) के तहत अक्षमता का सामना करना पड़ता है और उसी अवधि के लिए फिर से चुने जाने से वंचित किया जाता है, जिसके लिए वह निर्वाचित हुए थे।

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