नई दिल्ली। एक संसदीय समिति ने 10 साल से अधिक समय से लंबित 1,350 मामलों का जिक्र करते हुए केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) से इन पर प्राथमिकता के आधार पर फैसला करने को कहा है।
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कैट में 80,545 मामले लंबित
केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवा से जुड़े मामलों पर कैट फैसला करता है। 31 दिसंबर 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार, अधिकरण की विभिन्न पीठ के सामने 80,545 मामले लंबित हैं। विभाग से संबद्ध कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 16,661 मामले एक वर्ष या उससे कम समय से, 46,534 मामले एक से लेकर पांच वर्ष से, 16,000 मामले पांच से लेकर 10 वर्ष से और 1,350 मामले 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं।
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1,350 मामले 10 साल से अधिक पुराने
समिति ने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (प्रक्रिया) नियम, 1987 के मुताबिक जहां तक संभव हो, हर अर्जी पर उसे दायर किए जाने की तारीख से छह महीने के भीतर सुनवाई होनी चाहिए और फैसला किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने पाया है कि लगभग 1,350 मामले 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। समिति को यह भी पता चला है कि अधिकरण में पेंशन से संबंधित लगभग 3,716 मामले लंबित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति सिफारिश करती है कि कैट को पेंशन, वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित मामलों और 10 साल से अधिक समय से लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर विशेष मुहिम चलाई जानी चाहिए।
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