Karnataka मतदाता सर्वे को लेकर विवाद, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा

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Karnataka
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 01:00 AM
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Karnataka: बेंगलुरु में मतदाताओं पर हुए एक सर्वे में एक निजी संस्था को शामिल किए जाने को लेकर कर्नाटक में बृहस्पतिवार को सियासी विवाद छिड़ गया। विपक्षी दल कांग्रेस ने जहां सर्वे को भ्रष्ट चुनावी अभ्यास करार देते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के इस्तीफे की मांग की वहीं, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने सर्वे में शामिल होने के लिए निजी संस्था को दी गई अनुमति को रद्द करने की घोषणा की।

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कांग्रेस ने बोम्मई के इस्तीफे की मांग करते हुए आरोप लगाया कि वह इस भ्रष्ट चुनावी अभ्यास के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी इकट्ठा करने के काम के लिए एक निजी संस्था को नियुक्त किया। मामले के तूल पकड़ने पर बीबीएमपी ने कहा कि चिलूम शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं ग्रामीण विकास ट्रस्ट ने शर्तों का उल्लंघन किया है।

उसने ‘वोटर हेल्पलाइन मोबाइल ऐप’ के जरिये मतदाता पहचान पत्र के संबंध में ऑनलाइन आवेदन दाखिल करने को लेकर जनता के बीच ‘जागरूकता फैलाने’ के लिए ट्रस्ट को दी गई घर-घर जाने की अनुमति रद्द करने की घोषणा भी की।

कांग्रेस महासचिव और पार्टी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि बीबीएमपी ने अगस्त में निजी संस्था को घर-घर जाकर मतदाताओं पर ‘मुफ्त’ सर्वेक्षण करने के लिए अधिकृत किया था। सुरजेवाला ने कहा कि संस्था ने मतदाताओं के लिंग, जाति, धर्म और मातृभाषा से जुड़ी जानकारी के अलावा उनका मतदाता पहचान पत्र और आधार से संबंधित विवरण एकत्रित किया।

उन्होंने दावा किया, “चिलूम शैक्षणिक एवं ग्रामीण विकास संस्थान ने चुनाव आयोग के मतदाता जागरूकता अभियान को चलाने की अनुमति के लिए एक आवेदन दायर किया था। सबसे पहले, महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के लिए अनुमति दी गई। इसके बाद 20 अगस्त 2022 को एक सरकारी आदेश जारी कर बेंगलुरु के सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों में अभियान चलाने की अनुमति दे दी गई।” सुरजेवाला ने कहा कि चिलूम संस्थान का मलिकाना हक दो अन्य कंपनियों के संयुक्त निदेशकों के पास है, जिनमें चिलूम इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।

उन्होंने कहा, “चिलून इंटरप्राइजेज एक ‘चुनाव प्रबंधन कंपनी’ होने का दावा करती है, जो राजनीतिक दलों के लिए ईवीएम से जुड़ी तैयारियां कराने सहित कई अन्य काम करती है। यह अनोखा है। मैंने ऐसा पहले कभी नहीं सुना।” ‘मुख्यमंत्री पर चुनावी धांधली का सूत्रधार होने का आरोप लगाते हुए सूरजेवाला ने कहा, “बोम्मई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।” कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि डेटा को सरकार के गरुड़ ऐप्लिकेशन में नहीं, बल्कि निजी संस्था के ‘डिजिटल समीक्षा’ ऐप्लिकेशन में फीड किया गया था।

उन्होंने कहा कि संस्था ने सैकड़ों बीएलओ (बूथ स्तर के अधिकारी) को भी नियुक्त किया, जो तकनीकी रूप से सरकार द्वारा नियुक्त व्यक्ति होने चाहिए। सुरजेवाला ने कहा कि इन बीएलओ को सरकारी कर्मचारियों के पास होने वाले पहचान पत्र भी प्रदान किए गए थे। उन्होंने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि बीबीएमपी की ओर से एक निजी संस्था को सर्वेक्षण करने की अनुमति किसने दी, किसने सरकार को एक निजी संस्था को ऐसा अनुबंध देने की सिफारिश की और ठेकेदार के पिछले रिकॉर्ड की जांच क्यों नहीं की गई।”

सुरजेवाला ने इस बात पर हैरानी जताई कि किसी निजी संस्था को सर्वे का काम देने से पहले बोम्मई या चुनाव अधिकारियों द्वारा विज्ञापन जारी करने का आदेश क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि एक निजी संस्था को मतदाताओं की जाति, धर्म, लिंग, मातृभाषा, वैवाहिक स्थित, आधार संख्या, फोन नंबर, पता, मतदाता पहचान पत्र संख्या और ईमेल आईडी जैसी निजी जानकारियां जुटाने की अनुमति किस आधार पर दी गई। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगी। उन्होंने सरकार से कर्नाटक उच्च न्यायालय की निगरानी में मामले की जांच का आदेश देने की मांग भी की। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने आरोप लगाया कि इस तरह के सर्वेक्षण पूरे कर्नाटक में हुए और ये केवल बेंगलुरु शहर तक सीमित नहीं थे।

New Delhi हत्यारे बाबा ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की तरह रिहाई की गुहार लगाई

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Cab Traveling कैब में यात्रा करते समय रखें इन बातों का ध्यान

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Cab Traveling
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calendar01 Dec 2025 08:21 PM
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Cab Traveling : आजकल शहरों में एक जगह से दूसरे जगहों पर जाना आसान हो गया है। समय के साथ साधन के कई संसधान हो गए हैं। अगर आपको कहीं जाना होता है तुरंत उबर, ओला या रैपिडो से कैब बुक कर लेते हैं। लेकिन यात्रा करते समय ये गलती भी जरुर करते होंगे। जैसे एक बेंगलुरु की रहने वाली महिला ने किया था। महिला ने जो गलती की शायद आप भी करते होंगे इसलिए कैब बुक करने के बाद किन बातों का ध्यान रखना है ये जानना बेहद जरुरी है।

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वीडियो से जाने सभी जानकारी https://www.youtube.com/watch?v=ReMz6CaojGE

New Delhi हत्यारे बाबा ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की तरह रिहाई की गुहार लगाई

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New Delhi हत्यारे बाबा ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की तरह रिहाई की गुहार लगाई

SC
Bihar News 
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calendar17 Nov 2022 08:21 PM
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New Delhi: अपनी पत्नी शकीरे नमाजी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे स्वयंभू स्वामी श्रद्धानंद ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई है कि उसे राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की तरह जेल से रिहा किया जाए। श्रद्धानंद ने कहा कि उसका मामला समानता के अधिकार के उल्लंघन का सटीक उदाहरण है। उसने कहा कि वह जेल में 29 साल से अधिक बिता चुका है और एक भी दिन की पैरोल नहीं मिली है।

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श्रद्धानंद उर्फ मुरली मनोहर मिश्रा ने अपनी पत्नी नमाजी को नशीला पदार्थ खिलाकर उसे 28 अप्रैल, 1991 को बेंगलोर स्थित अपने विशाल बंगले के परिसर में जिंदा दफन कर दिया था। मैसूर के पूर्व दीवान सर मिर्जा इस्माइल की पौत्री नमाजी ने पूर्व राजनयिक अकबर खलीली से तलाक लेने के बाद 1986 में श्रद्धानंद से शादी कर ली थी।

श्रद्धानंद ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की तरह समानता की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में दलील दी कि उसे एक हत्या के मामले के लिए उम्रकैद की सजा दी गयी और एक भी दिन की पैरोल नहीं मिली। वकील वरुण ठाकुर के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की उम्र 80 वर्ष से अधिक है और वह मार्च 1994 से जेल में है।

याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता से पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की थी और उसका न्यायिक इकबालिया बयान दर्ज किया गया। उस आधार पर निचली अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई जिसे उच्च न्यायालय ने कायम रखा। हालांकि इस अदालत ने मौत की सजा को बिना माफी के उम्रकैद में बदल दिया लेकिन संबंधित प्राधिकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की गलत व्याख्या की और याचिकाकर्ता को एक भी दिन की पैरोल नहीं दी।’’

याचिका में कहा गया कि शीर्ष अदालत ने हाल में राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा किया जिन्होंने उनकी याचिकाएं लंबित रहने के दौरान पैरोल तथा अन्य स्वतंत्रताओं का लाभ उठाया। नमाजी की बेटी की शिकायत पर पुलिस ने मामले में जांच की थी और उसके शव को बाहर निकाला था जिसके बाद स्वयंभू बाबा को गिरफ्तार किया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार श्रद्धानंद अपनी पत्नी की संपत्ति हड़पना चाहता था।

Gautam Navlakha जांच एजेंसी की याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा न्यायालय

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