इस बड़ी वजह से भारत में हर दूसरे दिन होती है मौत

इस बड़ी वजह से भारत में हर दूसरे दिन होती है मौत
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 08:40 PM
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सोशल मीडिया पर परफेक्ट फोटो और लाइक-कमेंट्स की दौड़ में सेल्फी लेने का जुनून अब लोगों की जान तक ले रहा है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा सेल्फी से जुड़ी मौतें भारत में हुई हैं। द बार्बर लॉ फर्म द्वारा किए गए अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि भारत इस लिस्ट में सबसे ऊपर है जहां 2014 से लेकर मई 2025 तक 271 हादसे सेल्फी की वजह से हुए जिनमें 214 लोगों की जान चली गई और 57 घायल हुए। Selfie Deaths in India

सेल्फी से मौत के मामले

अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में सेल्फी से जुड़ी 42.1% घटनाएं सिर्फ भारत में हुईं। अमेरिका, रूस और पाकिस्तान जैसे देश भी इस लिस्ट में शामिल हैं लेकिन भारत की संख्या सबसे अधिक और चिंताजनक है। देश -     मामले भारत  -  271 अमेरिका -  45 रूस -  19 पाकिस्तान - 16 ऑस्ट्रेलिया-  15 इंडोनेशिया - 14 केन्या -   13 इंग्लैंड -    13 स्पेन -      13 ब्राज़ील -  13

किन वजहों से जा रही है जान?

रिसर्च में सामने आया है कि, सबसे ज्यादा मौतें ऊंचाई से गिरने के कारण होती हैं (46% मामले)। छतों, पहाड़ों, ऊंची इमारतों या रेलवे ट्रैकों पर खतरनाक सेल्फी लेना आम बात बन चुकी है। घनी आबादी वाले इलाके, लोकेशन तक आसान पहुंच, और सोशल मीडिया पर वायरल होने की चाह ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है।

वायरल सेल्फी की चाह और सोशल मीडिया का दबाव

इंस्टाग्राम, टिकटॉक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर वायरल कंटेंट की दौड़ में लोग सुरक्षा के बुनियादी नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं। द बार्बर लॉ फर्म के संस्थापक क्रिस बार्बर ने कहा, “लोग सुर्खियों में आने और लाइक्स पाने के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा रहे हैं। एक अच्छी फोटो के लिए अपनी जिंदगी जोखिम में डालना किसी भी सूरत में सही नहीं कहा जा सकता।”

सेल्फी के लिए हाथी के आगे कूद पड़ा पर्यटक

हाल ही में भारत में एक पर्यटक ने हाथी के साथ फोटो लेने की कोशिश की। हाथी ने हमला कर दिया, कपड़े फाड़ दिए और वह व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना न सिर्फ लापरवाही बल्कि सोशल मीडिया के दबाव की खतरनाक हदें भी दिखाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि खूबसूरत लम्हों को सुरक्षित तरीके से भी कैमरे में कैद किया जा सकता है। क्रिस बार्बर के शब्दों में, "कोई भी पोस्ट, लाइक या शेयर आपकी जान से ज्यादा कीमती नहीं हो सकती।"

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सेल्फी लेना कोई गलत बात नहीं, लेकिन जिंदगी से बड़ा कोई क्लिक नहीं होता। ऐसे में जरूरी है कि लोग सजग रहें, खासकर युवाओं को सेल्फी के खतरों को लेकर जागरूक किया जाए। Selfie Deaths in India
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डोडा में बादल फटने से मचा कहर, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

डोडा में बादल फटने से मचा कहर, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
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userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 02:31 PM
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जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में शनिवार को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचा दी। थाथरी उपमंडल के कई इलाकों में तेज सैलाब ने तबाही का मंजर खड़ा कर दिया। पहाड़ों से अचानक आए पानी ने देखते ही देखते कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। प्रशासन के मुताबिक, अब तक 10 से ज्यादा मकान बह चुके हैं जबकि कई अन्य को गंभीर नुकसान पहुंचा है। हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इलाके में दहशत का माहौल है और राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। Jammu Kashmir Cloudburst

पहाड़ों से आया सैलाब

स्थानीय लोगों का कहना है कि ये तबाही किश्तवाड़ और उत्तराखंड के धराली में हुई आपदाओं की याद दिला रही है। अचानक आई बाढ़ ने लोगों को संभलने का मौका तक नहीं दिया। कई परिवारों की पूरी जिंदगी की कमाई इस सैलाब में बह गई है। लोग जैसे-तैसे अपना जरूरी सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागते नजर आए।

बाजारों और रिहायशी इलाकों में घुसा पानी

बादल फटने के बाद नदियां उफान पर हैं। डोडा के बाजारों और कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस चुका है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई सड़कें पानी में डूब गई हैं और प्रशासन ने एहतियात के तौर पर रास्तों को बंद कर दिया है। रामबन इलाके में भारी भूस्खलन की वजह से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे को बंद कर दिया गया है। इससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। वहीं, जम्मू क्षेत्र में तेज बारिश और हवाओं का दौर जारी है। तवी नदी का जलस्तर बढ़ने से उसका पानी भी रिहायशी इलाकों में घुसने लगा है। प्रशासन ने नदी किनारे बसे इलाकों को खाली करा लिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

प्रशासन अलर्ट पर बचाव कार्य जारी

प्रशासन ने इलाके में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में भी रुकावट आने की आशंका है। फिर भी NDRF और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचकर लगातार बचाव कार्य में जुटी हैं। इससे पहले उत्तराखंड के धराली और जम्मू के किश्तवाड़ में भी बादल फटने से भारी तबाही हुई थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी और कई अभी भी लापता हैं। Jammu Kashmir Cloudburst
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हर महिला को पता होने चाहिए उनके ये खास अधिकार

हर महिला को पता होने चाहिए उनके ये खास अधिकार
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userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 02:25 PM
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देश की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। गाँव की पंचायत से लेकर संसद तक, खेल के मैदान से लेकर कॉर्पोरेट दफ्तर तक आज भारतीय महिलाएँ हर जगह अपनी ताकत दिखा रही हैं। शिक्षा हो, राजनीति हो ,या नौकरी पुरुषों का एकाधिकार अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। भारत में महिलाओं को मिले कई विशेष अधिकार दूसरों देशों से भिन्न हैं, और यह फर्क सिर्फ कानूनों में ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक संदर्भ में भी दिखता है। Women’s Equality Day के मौके पर जानिए, भारत में महिलाओं के अधिकार किस तरह उन्हें गाँव से लेकर शहर तक सशक्त बना रहे हैं।  Women’s Equality Day 2025

स्थानीय शासन में महिला आरक्षण

भारत का संविधान महिलाओं को समान अवसर और अधिकार देता है। अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत लिंग के आधार पर भेदभाव पर रोक और नौकरी में समान अवसर सुनिश्चित किए गए हैं। खासतौर पर अनुच्छेद 15(3) सरकार को महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति देता है। 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों के बाद पंचायतों और नगरपालिकाओं में महिलाओं के लिए सीटों का अनिवार्य आरक्षण लागू हुआ। यह कदम न केवल भारत में, बल्कि विश्व के बड़े लोकतंत्रों में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ाने के सबसे बड़े प्रयासों में गिना जाता है। इससे ग्राम स्तर से लेकर शहरी स्थानीय शासन तक महिलाओं की सक्रिय उपस्थिति सुनिश्चित हुई है।

संपत्ति और उत्तराधिकार में सुधार

हिन्दू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 ने बेटियों को पारंपरिक संपत्ति अधिकार दिए गए है। इससे पारिवारिक संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित हुई और लंबे समय से चली आ रही सामाजिक परंपराओं को चुनौती मिली। वैश्विक स्तर पर समान उत्तराधिकार की नीतियां मौजूद हैं, लेकिन भारत में इसका सामाजिक और कानूनी प्रभाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

कामकाजी महिलाओं के अधिकार

  • Maternity Benefit (Amendment) Act, 2017: औपचारिक क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं को 26 सप्ताह तक मातृत्व अवकाश का अधिकार।

  • POSH Act, 2013: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए नियोक्ताओं को आंतरिक शिकायत समिति स्थापित करने का दायित्व।

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सुरक्षा और संरक्षण कानून

  • Protection of Women from Domestic Violence Act, 2005 : घरेलू हिंसा के मामलों में व्यापक राहत, रोकथाम और आश्रय की व्यवस्था।

  • Criminal Law (Amendment) Act, 2013 : निर्भया कांड के बाद यौन अपराधों की सजा और परिभाषा में कड़ाई।

  • PCPNDT Act, 1994 : भ्रूण लिंग चयन को रोकने के लिए सख्त नियम, विशेष रूप से भारत में बेटी की संख्या बनाए रखने के लिए।

भारत के अधिकारों की विशेषता

स्थानीय शासन में अनिवार्य महिला आरक्षण, हिंदू उत्तराधिकार में बदलाव और PCPNDT जैसे कानूनों की सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि भारत में इन्हें वैश्विक संदर्भ में विशिष्ट बनाती है। कानूनों के बावजूद घरेलू हिंसा, दहेज, रोजगार में असमानता और स्त्री हिंसा अभी भी बड़ी चुनौती हैं। संसद में 33% महिला आरक्षण अब तक लागू नहीं हो पाया है। शिक्षा, कार्यस्थल और सार्वजनिक जीवन में वास्तविक समानता अभी दूर की कौड़ी है।  Women’s Equality Day 2025