New Parliament Building : भारत का नया और अनोखा संसद भवन बनाने वाले बिमल पटेल को जान लिजिए, 862 करोड़ में किया कारनामा

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Get to know Bimal Patel, who built India's new and unique Parliament House, did the feat for 862 crores
locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 May 2023 08:26 PM
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नई दिल्ली। आजाद भारत का नया शानदार संसद भवन बनकर तैयार है। नए संसद भवन को रिकार्ड समय में बनाकर तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 में इसकी आधारशिला रखी थी। अब इसके 28 मई को उद्घाटन की तैयारी चल रही है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा को बनाने वाले आर्किटेक्ट बिमल पटेल के बारे में, जिन्होंने नए संसद भवन को शानदार आकार दिया है। नए संसद भवन का कंस्ट्रक्शन टाटा प्रोजेक्ट ने किया है, लेकिन इस बिल्डिंग को डिजाइन किया है आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने। बिमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद शहर से आते हैं। वो इससे पहले भी कई मशहूर इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं।

New Parliament Building

कौन हैं बिमल पटेल? बिमल पटेल का जन्म 31 अगस्त 1961 को गुजरात में हुआ था। वो करीब 35 साल से आर्किटेक्चर, अर्बन डिजाइन और अर्बन प्लानिंग से जुड़े काम में लगे हैं। इसके अलावा पटेल अहमदाबाद स्थित CEPT यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट भी हैं। साथ ही वो आर्किटेक्चर, प्लानिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट फर्म HCP डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को भी लीड करते हैं। 2019 में आर्किटेक्चर और प्लानिंग में असाधारण काम करने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। कहां से हुई पढ़ाई? बिमल पटेल ने अहमदाबाद सेंट जेवियर हाई स्कूल से पढ़ाई की है। उन्होंने सेंटर फॉर एन्वायर्मेंट प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से आर्किटेक्ट की पढ़ाई की। 1984 में CEPT से आर्किटेक्चर में अपनी पहली प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने के बाद पटेल बर्कले चले गए। वहां उन्होंने कॉलेज ऑफ एन्वायर्मेंटल डिजाइन से पढ़ाई की। 1995 में उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की।

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ऐसा रहा करियर 1990 में बिमल पटेल ने अपने पिता के साथ काम शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले अहमदाबाद में एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट को डिजाइन किया। इसके लिए 1992 में उन्होंने आगा खान अवॉर्ड फॉर आर्किटेक्चर से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने घर, इंस्टीट्यूशन, इंडस्ट्रियल बिल्डिंग्स और अर्बन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स पर काम किया। कंकारिया लेक डेवलपमेंट और साबरमती रिवरफ्रंट जैसे अर्बन डिजाइन प्रोजेक्ट देश में अपनी तरह की पहले प्रोजेक्ट हैं। अपने काम के लिए उन्हें अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 1992 में आगा खान अवॉर्ड फॉर आर्किटेक्चर, 1998 में संयुक्त राष्ट्र के अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस, 2001 में वर्ल्ड आर्किटेक्चर अवॉर्ड और 2006 में पीएम नेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन अर्बन प्लानिंग एंड डिजाइन से सम्मानित किया जा चुका है।

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कौन-कौन से प्रोजेक्ट को आर्किटेक्ट किया? - संसद भवन और सेंट्रल विस्टा, नई दिल्ली - विश्वनाथ धाम, काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी - मंत्रियों के ब्लॉक और सचिवालय, गुजरात - आगा खान अकादमी, हैदराबाद - पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, गुजरात - साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट - टाटा सीजीपीएल टाउनशिप, मुंद्रा, गुजरात - आईआईएम अहमदाबाद का नया कैम्पस, अहमदाबाद - सीजी रोड का रिडेवपलमेंट, अहमदाबाद - गुजरात हाईकोर्ट की बिल्डिंग, अहमदाबाद - एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद

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कैसा होगा नया संसद भवन? तिकोने आकार में बना नया संसद भवन चार मंजिला है। ये पूरा कैम्पस 64,500 वर्गमीटर के दायरे में फैला हुआ है। इसकी लागत 862 करोड़ रुपये है। नए भवन में एक संविधान हॉल भी होगा, जिसमें भारतीय लोकतंत्र की विरासत को दिखाया जाएगा। इसके अलावा, इस संसद में संसद सदस्यों के लिए लाउंज, कई सारे कमेटी रूम, डायनिंग एरिया और पार्किंग स्पेस होगा। संसद भवन के तीन मेन गेट- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्मा द्वार होंगे। वीआईपी, सांसदों और विजिटर्स की एंट्री अलग-अलग गेट से होगी। एक साथ बैठ सकेंगे 1,280 सांसद नए संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है। अगर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है तो एक समय में इसमें 1,280 सांसद बैठ सकेंगे। मौजूदा संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 240 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। मौजूदा संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Health News : अब लाइलाज नहीं रहेगा मस्तिष्क कैंसर, भारतीय वैज्ञानिकों ने की खोज

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Brain cancer will no longer be incurable, Indian scientists discovered
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 03:43 AM
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तिरुवनंतपुरम। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सैन फ्रांसिस्को मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि कैंसर कोशिकाएं मस्तिष्क की स्वस्थ कोशिकाओं के संपर्क में आकर अति सक्रिय हो जाती हैं। इससे मरीज को तेजी से संज्ञानात्मक नुकसान होता है। कभी कभी तो उसकी मौत भी हो जाती है। इस अध्ययन से कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर के इलाज में बड़ा बदलाव आ सकता है।

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विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रकाशित हुआ खोज का ब्योरा भारतीय वैज्ञानिक सरिता कृष्णा की अगुवाई वाले दल ने यह भी पता लगाया कि मस्तिष्क से जुड़े विकार के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा ट्यूमर कोशिकाओं की अति सक्रियता को कम करने और उनकी वृद्धि को रोकने में भी प्रभावी है। यह अध्ययन विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि मस्तिष्क की स्वस्थ कोशिकाओं और कैंसरयुक्त कोशिकाओं के बीच संपर्क को ट्यूमर की वृद्धि रोकने तथा उसे कम करने के लिए बदला जा सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि ये नतीजे ग्लियोब्लास्टोमा से पीड़ित मरीजों के लिए अधिक फायदेमंद है, जिसे वयस्कों में होने वाले ब्रेन कैंसर का सबसे घातक प्रकार माना जाता है।

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Political News : एमवीए में सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय नहीं, हमारे पास रहेंगी 19 सीटें : संजय राउत

इलाज की प्रभावी पद्धति खोजने में मददगार हो सकता है अध्ययन केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली कृष्णा ने बातचीत में कहा कि ये अप्रत्याशित नतीजे दिखाते हैं कि जानलेवा कैंसर कोशिकाएं मस्तिष्क के आसपास के ऊतकों की संरचना में ऐसा बदलाव कर सकती हैं, जिससे वे अति सक्रिय हो जाते हैं। इससे मरीज को संज्ञानात्मक नुकसान होता है और उसका जीवनकाल भी घट जाता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह खोज ग्लियोब्लास्टोमा जैसी बहुत ही घातक बीमारी के लिए इलाज की प्रभावी पद्धति खोजने में मददगार हो सकती है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Political News : एमवीए में सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय नहीं, हमारे पास रहेंगी 19 सीटें : संजय राउत

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The formula for the distribution of seats in the MVA is not fixed, we will have 19 seats: Sanjay Raut
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calendar01 Dec 2025 05:02 AM
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मुंबई। शिव सेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के फार्मूले को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। लेकिन, पिछले चुनाव में शिव सेना (अविभाजित) द्वारा जीती गई 19 सीटें उनकी पार्टी के पास ही रहेंगी।

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Noida News : डपिंग ग्राउंड में फिर भडक़ी आग, धुएं का गुबार छाया

2019 में शिव सेना ने जीती थी 19 सीटें नांदेड़ में शुक्रवार को पत्रकारों से संजय राउत ने कहा कि शिव सेना (अविभाजित) ने 2019 के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 18 और दमन और दीव में एक सीट जीती थी। हालांकि अविभाजित शिव सेना ने राज्य में पिछले आम चुनावों में 18 सीटें जीती थीं, लेकिन पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह के बाद 13 सांसद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि भले ही कुछ मौजूदा सांसद दलबदल कर गए हों, लेकिन सीटें शिव सेना ने जीती हैं और वे हमारे पास ही रहेंगी। उन्होंने कहा कि एमवीए के घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) द्वारा जीते गए चार निर्वाचन क्षेत्र और कांग्रेस द्वारा जीता गया एक निर्वाचन क्षेत्र भी उनके पास ही रहेगा।

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Supreme Court : न्यायमूर्ति मिश्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वनाथन बने शीर्ष अदालत के न्यायाधीश

अगले साल होंगे लोकसभा और विधानसभा चुनाव शिव सेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि एमवीए एकजुट है और तीनों सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है। हम लोकसभा और विधानसभा चुनावों में एकजुट होकर लड़ेंगे और मौजूदा सरकार को हराएंगे। राउत ने कहा कि सीट बंटवारे का कोई फॉर्मूला अभी तय नहीं किया गया है, क्योंकि बातचीत अभी शुरुआती चरण में है। लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 में होने की उम्मीद है, जबकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अगले साल अक्टूबर-नवंबर में होने हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।