Hijab Controversy- हिजाब आंदोलन में प्रैक्टिकल परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों को नहीं मिलेगा दूसरा मौका

Picsart 22 03 21 16 10 21 450
हिजाब विवाद में परीक्षा छोड़ने को नही मिलेगा दूसरा मौका (PC - सोशल मीडिया)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:07 AM
bookmark
Hijab Controversy- हिजाब मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद, कई छात्र ने हिजाब आंदोलन का हिस्सा बनते हुए अपनी प्रैक्टिकल परीक्षाएं छोड़ दी थी। अब उन छात्रों को अपने परीक्षा परिणाम में कुल 30 अंकों का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि प्रैक्टिकल परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों को दूसरा मौका ना देने का फैसला लिया गया है। ऐसे में जिन छात्राओं ने हिजाब विवाद का समर्थन करते हुए परीक्षा छोड़ने का फैसला लिया था, उनके भविष्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ने वाला है।

शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने बताई दुबारा मौका ना देने की वजह -

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश के मुताबिक, वो छात्रों को परीक्षा का दोबारा मौका देने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। इसकी वजह यह है कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद भी छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार किया है। ऐसे में यदि वह छात्रों को दोबारा परीक्षा देने की अनुमति देते हैं, तो आगे आने वाले समय में दूसरे छात्र भी अन्य कारणों का हवाला देते हुए परीक्षा का दूसरा मौका मांगेंगे। ऐसे में हर छात्र की मांग पूरी करना असंभव है। Sonam Kapoor- मां बनने वाली हैं सोनम कपूर, इस अंदाज में साझा की गुड न्यूज

प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल न होने वाले छात्र भी लिखित परीक्षा में हो सकते हैं शामिल -

हिजाब आंदोलन (Hijab Controversy) का समर्थन करते हुए प्रैक्टिकल परीक्षा का बहिष्कार करने वाले छात्रों को प्रेक्टिकल परीक्षा का दोबारा मौका नही मिलेगा। इसकी वजह से उन्हें 30 अंकों का नुकसान उठाना होगा। हालांकि जो छात्र प्रेक्टिकल परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए हैं, 70 अंकों की लिखित परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में छात्रों के पास अभी भी मौका है कि वह लिखित परीक्षा में सम्मिलित होकर अपने शैक्षणिक सत्र को बचा सकते हैं।    
अगली खबर पढ़ें

Farm Laws: तीनों कृषि कानूनों को निरस्‍त करने के खिलाफ थी सुप्रीम कोर्ट की समिति

Kisan andolan
farm laws kisan andolan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Mar 2022 09:31 PM
bookmark
नई दिल्ली. तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) का अध्ययन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नियुक्त समिति ने इन्हें किसानों के लिए फायदेमंद बताते हुए इसे निरस्त नहीं करने की सिफारिश की थी। पिछले साल नवंबर में संसद ने तीनों कानूनों को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट को 19 मार्च 2021 को सौंपी गई रिपोर्ट को सोमवार को सार्वजनिक किया गया। तीन सदस्यीय समिति ने राज्यों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को कानूनी रूप देने की स्वतंत्रता समेत कानूनों में कई बदलावों का भी सुझाव दिया था। समिति के सदस्यों में से एक अनिल घनवट ने राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाता सम्मेलन में रिपोर्ट के निष्कर्ष जारी किए। स्वतंत्र भारत पार्टी के अध्यक्ष घनवट ने कहा, ‘19 मार्च 2021 को हमने उच्चतम न्यायालय को रिपोर्ट सौंपी। हमने शीर्ष अदालत को तीन बार पत्र लिखकर रिपोर्ट जारी करने का अनुरोध किया। लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला।’ Noida Crime : मंदिर में हुई तोड़-फोड़, ग्रामीणों में आक्रोश उन्होंने कहा, ‘मैं आज यह रिपोर्ट जारी कर रहा हूं। तीनों कानूनों (Farm Laws) को निरस्त कर दिया गया है। इसलिए अब इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है।’ घनवट के अनुसार, रिपोर्ट से भविष्य में कृषि क्षेत्र के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। घनवट ने कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘इन कानूनों को निरस्त करना या लंबे समय तक निलंबन उन खामोश बहुमत के खिलाफ अनुचित होगा जो कृषि कानूनों का समर्थन करते हैं।’ उन्होंने कहा कि समिति के समक्ष 73 किसान संगठनों ने अपनी बात रखी जिनमें से 3.3 करोड़ किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले 61 संगठनों ने कृषि कानूनों (Farm Laws) का समर्थन किया। घनवट ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले आंदोलन करने वाले 40 संगठनों ने बार-बार अनुरोध करने के बावजूद अपनी राय प्रस्तुत नहीं की।
अगली खबर पढ़ें

Punjab News :आप ने राघव चड्ढा को दिया ईनाम

S5
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Mar 2022 06:51 PM
bookmark
Chandigarh: चंडीगढ़ (एजेंसी)। आम आदमी पार्टी ने पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, 'आप' के पंजाब सह प्रभारी एवं दिल्ली के विधायक राघव चड्ढा तथा आइआइटी दिल्ली से जुड़े संदीप पाठक को पंजाब से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। राज्यसभा के लिए नामांकन की आज अंतिम तिथि है। इसके अलावा दो और सीटों के लिए नरेश पटेल व खिलय शर्मा के नामों की भी चर्चा है। इससे पहले, कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी हरभजन सिंह के अलावा पंजाब आप के सहप्रभारी एवं दिल्ली के विधायक राघव चड्ढा, आइआइटी दिल्ली से जुड़े संदीप पाठक, गुजरात के पाटीदर नेता नरेश पटेल, रेडफोर्ट फिल्म के प्रोड्यूसर खिलय शर्मा को राज्यसभा भेजने की तैयारी में है। सुखपाल खैहरा ने कहा कि यह सच है कि पंजाब के लिए यह सबसे दुखद खबर है और यह हमारे राज्य के लिए पहला भेदभाव होगा। हम किसी भी गैर-पंजाबी को नामांकित किए जाने का डटकर विरोध करेंगे। यह आप कार्यकर्ताओं के साथ भी एक मजाक है, जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया है। कहा कि संभावित सूची में चार नाम बाहरी प्रदेशों के हैं।