Hijab Controversy- हिजाब मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद, कई छात्र ने हिजाब आंदोलन का हिस्सा बनते हुए अपनी प्रैक्टिकल परीक्षाएं छोड़ दी थी। अब उन छात्रों को अपने परीक्षा परिणाम में कुल 30 अंकों का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि प्रैक्टिकल परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों को दूसरा मौका ना देने का फैसला लिया गया है। ऐसे में जिन छात्राओं ने हिजाब विवाद का समर्थन करते हुए परीक्षा छोड़ने का फैसला लिया था, उनके भविष्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ने वाला है।
शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने बताई दुबारा मौका ना देने की वजह –
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश के मुताबिक, वो छात्रों को परीक्षा का दोबारा मौका देने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। इसकी वजह यह है कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद भी छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार किया है। ऐसे में यदि वह छात्रों को दोबारा परीक्षा देने की अनुमति देते हैं, तो आगे आने वाले समय में दूसरे छात्र भी अन्य कारणों का हवाला देते हुए परीक्षा का दूसरा मौका मांगेंगे। ऐसे में हर छात्र की मांग पूरी करना असंभव है।
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प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल न होने वाले छात्र भी लिखित परीक्षा में हो सकते हैं शामिल –
हिजाब आंदोलन (Hijab Controversy) का समर्थन करते हुए प्रैक्टिकल परीक्षा का बहिष्कार करने वाले छात्रों को प्रेक्टिकल परीक्षा का दोबारा मौका नही मिलेगा। इसकी वजह से उन्हें 30 अंकों का नुकसान उठाना होगा। हालांकि जो छात्र प्रेक्टिकल परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए हैं, 70 अंकों की लिखित परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में छात्रों के पास अभी भी मौका है कि वह लिखित परीक्षा में सम्मिलित होकर अपने शैक्षणिक सत्र को बचा सकते हैं।